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जानिए अचल नाथ शिवालय के बारे में | Achal Nath Shivalaya History

Achal Nath Shivalaya Temple
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Achal Nath Shivalaya Temple: भारत के इतिहास में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी वास्तुकला, सांस्कृतिक महत्व और धार्मिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हीं में से एक है राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित अचलनाथ शिवालय, जो 1531 में बनाया गया था। 

यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और नक्काशी के लिए जाना जाता है जो उस समय के कारीगरों की कुशलता और कला-प्रेम को दर्शाता है।

अचलनाथ शिवालय न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह उस युग की सांस्कृतिक विरासत का भी एक अनमोल हिस्सा है। इस मंदिर की दीवारों पर उत्कीर्ण नक्काशी और मूर्तियां उस समय के लोगों के जीवन, उनकी आस्था और परंपराओं की एक झलक पेश करती हैं। यह मंदिर उस समय के शासकों और समाज के धार्मिक मूल्यों को भी प्रतिबिंबित करता है।

इस लेख में हम अचलनाथ शिवालय के इतिहास, वास्तुकला और सांस्कृतिक महत्व पर गहराई से चर्चा करेंगे। हम इस बात पर भी प्रकाश डालेंगे कि कैसे यह मंदिर आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है और हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक अटूट अंग है। तो आइए, इस यात्रा पर निकलते हैं और अचलनाथ शिवालय के रहस्यों को उजागर करते हैं।”

अचल नाथ शिवालय मंदिर कहां स्थित है? (Where is Achal Nath shivalaya Temple located?)

Achal Nath Shivalaya Temple: जोधपुर शहर के सोड़ागरान मोहल्ले में स्थित अचल नाथ शिवालय मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर 1531 ईस्वी में राव गंगा की पत्नी रानी नानक देवी द्वारा बनवाया गया था। मंदिर परिसर में शिवलिंग के पास एक विशाल जलाशय है जिसे ‘गंगा बावड़ी’ के नाम से जाना जाता है। 

मंदिर में गर्भ गृह, मंडप भवन और कीर्तन भवन जैसे अलग-अलग हॉल हैं जो छितर पत्थरों की खूबसूरत नक्काशी के लिए जाने जाते हैं। यह मंदिर राजस्थानी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और 16वीं शताब्दी की संस्कृति व धार्मिक परंपराओं का प्रतीक है। 

अचल नाथ शिवालय मंदिर के बारे में (About Achal Nath Shivalaya Temple)

अचल नाथ शिवालय मंदिर का फोन नंबर 09413960340
अचल नाथ शिवालय मंदिर का पता 72V9+JVG, Katla Bazar, Rajasthan 34200
Google Map 
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 5.2 किलोमीटर
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 8.5 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी 15 किलोमीटर 
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइलhttps://www.facebook.com/profile.php?id=100064424032792&sk=about

अचल नाथ शिवालय का इतिहास (History of Achal Nath Shivalaya)

Achal Nath Shivalaya Temple, Jodhpur: जोधपुर (Jodhpur), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित अचल नाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है जिसका निर्माण 1531 ईस्वी में राव गंगा की रानी नानक देवी द्वारा करवाया गया था। मंदिर के अंदर शिवलिंग के पास एक जल भंडार है जिसे ‘गंगा बावड़ी’ के नाम से जाना जाता है। यह एक पेयजल टैंक है। मंदिर में गर्भ गृह, मंडप भवन और कीर्तन भवन भी हैं जिनमें नक्काशीदार छितर पत्थरों का सुंदर काम किया गया है।

अचल नाथ शिवालय (Achal Nath Shivalaya) का निर्माण 21 मई 1531 को पूरा हुआ था। यह प्राचीन मंदिर जोधपुर के लोगों की भगवान शिव के प्रति धार्मिक आस्था का केंद्र है।

16वीं शताब्दी से ही यह मंदिर हिंदू धर्म की भव्यता और उत्तर पश्चिमी भारत की उस समय की वास्तुकला शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। आज भी यह मंदिर जोधपुर शहर (Jodhpur City) और इसके लोगों की संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र है बल्कि पर्यटकों और कला प्रेमियों को भी अपनी वास्तुकला की शानदार बनावट और शांत वातावरण के कारण आकर्षित करता है। अचल नाथ शिवालय मंदिर जोधपुर की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अचल नाथ शिवालय की पौराणिक कथा (Legend of Achal Nath Shivalaya)

अचल नाथ शिवालय (Achal Nath Shivalaya) जोधपुर (Jodhpur) में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1531 ई. में राव गंगा की रानी नानक देवी द्वारा किया गया था। मंदिर के अंदर शिवलिंग के पास ‘गंगा बावड़ी’ नामक एक पवित्र जलाशय है। मंदिर परिसर में गर्भ गृह, मंडप भवन, और कीर्तन भवन सहित कई भव्य इमारतें हैं, जिनमें पत्थरों पर सुंदर नक्काशी की गई है।

पौराणिक मान्यता है कि जोधपुर (Jodhpur) के मेहरानगढ़ किले (Mehrangarh fort) के निर्माण के समय, राव जोधा ने उस स्थान पर रहने वाले एक संत चिरियाजी नाथ को वहां से जाने के लिए कहा। इससे नाराज होकर संत ने इस क्षेत्र को हर चार साल में सूखे का श्राप दिया। हालांकि, राव गंगा की रानी नानक देवी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहां अचल नाथ शिवालय के रूप में निवास किया और इस क्षेत्र को सूखे के श्राप से मुक्त किया।

आज अचलनाथ शिवालय (Achal Nath Shivalaya) जोधपुर के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां भगवान शिव (Lord Shiva) की भक्ति और पूजा-अर्चना होती है। अचलनाथ शिवालय जोधपुर (Jodhpur) शहर के सोदगरन मोहल्ला में स्थित है, जहां आसानी से सड़क, रेल या हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर जोधपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अचल नाथ शिवालय मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Achal Nath Shivalaya Temple)

अचलनाथ शिवालय मंदिर जोधपुर की वास्तुकला के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • अचलनाथ मंदिर 1531 ई. में राव गंगा की रानी नानक देवी द्वारा निर्मित किया गया था। यह जोधपुर शहर के सोडगरन मोहल्ले में स्थित है।
  • मंदिर में गर्भ गृह, मंडप भवन और कीर्तन भवन जैसे कई भवन हैं। इन भवनों में छित्र पत्थर से नक्काशी की गई है जो मंदिर की सुंदरता को बढ़ाती है।
  • मंदिर के अंदर मुख्य शिवलिंग के पास ‘गंगा बावड़ी’ नामक एक जलाशय है। यह एक पेयजल टैंक के रूप में कार्य करता है।
  • मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया गया है और इसमें शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है। मंदिर की वास्तुकला प्राकृतिक और मानव निर्मित तत्वों का मिश्रण है।
  • मंदिर परिसर में कई छोटी गुफाएँ भी हैं जिनमें प्राकृतिक रूप से बने शिवलिंग हैं। ये गुफाएँ मंदिर की विशिष्टता को बढ़ाती हैं।
  • मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही आकर्षक है और इसमें पत्थर की नक्काशी देखने लायक है। मंदिर के शिखर पर कलश और ध्वज लगे हुए हैं।
  • मंदिर के आसपास हरियाली है और शांत वातावरण है। यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

कुल मिलाकर, अचलनाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) की वास्तुकला उत्कृष्ट शिल्प कला, प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व का संगम है। यह जोधपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अचलनाथ शिवालय मंदिर का महत्व (Importance of Achal Nath Shivalaya)

धार्मिक महत्व:

  • मनोकामना पूर्ति: भक्तों का मानना है कि अचलनाथ जी की सच्चे मन से पूजा करने पर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • पापों का नाश: यह भी मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने और भगवान शिव की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ऐतिहासिक महत्व:

  • 500 वर्ष पुराना: अचलनाथ शिवालय मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना है। इसका निर्माण सन 1531 में रानी नानकदेवी द्वारा करवाया गया था।
  • राजस्थानी स्थापत्य: मंदिर राजस्थानी स्थापत्य शैली का सुंदर नमूना है।
  • सांस्कृतिक महत्व: यह मंदिर जोधपुर की संस्कृति और धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सामाजिक महत्व:

  • सभी के लिए खुला: यह मंदिर सभी जाति, धर्म और लिंग के लोगों के लिए खुला है।
  • भक्ति और सम्मेलन: मंदिर में साल भर कई धार्मिक भक्ति और सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।
  • सामाजिक सेवा: मंदिर द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए भी कार्य किए जाते हैं।

अचलनाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है,  बल्कि यह जोधपुर की संस्कृति और सामाजिक जीवन का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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अचल नाथशिवालय मंदिर के रोचक तथ्य (Interesting facts about Achal Nath Shivalaya Temple)

  • अचल नाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) का निर्माण 1531 ईस्वी में राव गंगा की रानी नानक देवी द्वारा करवाया गया था।
  • मंदिर में शिवलिंग, गंगा बावड़ी नामक जल भंडार, गर्भ गृह, मंडप भवन और कीर्तन भवन हैं जिनमें नक्काशीदार पत्थरों का काम है।
  • यह प्राचीन मंदिर 16वीं शताब्दी से ही हिंदू धर्म की भव्यता और उत्तर पश्चिमी भारत की उस समय की वास्तुकला का उदाहरण है।
  • यह जोधपुर (Jodhpur) के लोगों की शिव भक्ति का केंद्र है और आज भी शहर की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अचल नाथ शिवालय मंदिर जोधपुर की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक है।
  • यह एक आध्यात्मिक केंद्र होने के साथ-साथ अपनी कलात्मक वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।

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अचल नाथ शिवालय मंदिर कैसे पहुंचे (How to reach Achal Nath Shivalaya Temple)

Achal Nath Temple Address:72V9+JVG, Katla Bazar, Rajasthan 342001
Map Location :https://maps.app.goo.gl/JsqcBWx3eWEuwjBk9

सड़क मार्ग से: (By Road)

  • जोधपुर (Jodhpur) से अचलनाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) की दूरी लगभग 3.5 किलोमीटर है। आप शहर के किसी भी हिस्से से ऑटो, टैक्सी या बस द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग से:

  • जोधपुर (Jodhpur) का निकटतम रेलवे स्टेशन जोधपुर जंक्शन है, जो मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है। आप स्टेशन से मंदिर तक ऑटो, टैक्सी या बस द्वारा पहुंच सकते हैं।

वायु मार्ग से:

  • जोधपुर (Jodhpur) का निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर विमानक्षेत्र है, जो मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है। आप हवाई अड्डे से मंदिर तक ऑटो, टैक्सी या बस द्वारा पहुंच सकते हैं।

अचल नाथ शिवालय मंदिर के दर्शन का समय (Darshan Timing of Achal Nath Shivalaya Temple)

अचलनाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) में दर्शन का समय सुबह 6:00 से शुरू होता है और दर्शन की यह प्रक्रिया रात 11:00 बजे तक चलती रहती है इस समय के बीच भक्तगण अचल नाथ शिवालय मंदिर में आकर अपने आराध्य के दर्शन कर सकते हैं।

अचलनाथ शिवालय मंदिर में आरती का समय (Aarti timings at Achal Nath Shivalaya Temple)

आरतीसमय 
मंगला आरतीसुबह 5 बजे
भोग या धूप आरतीदोपहर 12 बजे 
संध्या आरतीशाम 7 बजे

अचल नाथ शिवालय मंदिर में प्रवेश शुल्क (Achal Nath shivalaya Temple Entry Fee)

राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में स्थित प्रसिद्ध अचलनाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) में दर्शन के लिए प्रवेश निशुल्क है, अर्थात अगर आप इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं तो आपसे किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा और आप कभी भी मंदिर जाकर दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।

अचल नाथ शिवालय मंदिर की फोटो (Photo of Achal Nath  Shivalaya Temple)

अचल नाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple)  की कुछ विशेष और सुंदर तस्वीरें हम आपसे इस लेख के जरिए साझा कर रहे हैं, अगर आप चाहे तो इन तस्वीरों को डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

विशेष आयोजन (Special event)  

जोधपुर के अचलनाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) में श्रावण मास में ‘शिव ब्यावला’ नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता है, जिसमें संगीत की धुन पर शिव भक्ति गीतों को प्रस्तुत किया जाता है। मंदिर में हर साल महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है, महाशिवरात्रि प्रत्येक वर्ष फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा और विशेष श्रृंगार किया जाता है और सभी शिव भक्त भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी आराधना करते हैं। यहाँ दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ती है, जो अपनी आस्था और भक्ति का परिचय देती है।

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Conclusion:

अचलनाथ शिवालय मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह कला, संस्कृति और इतिहास का भी खजाना है। अचलनाथ शिवालय मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने परिवारजनों एवं मित्र जनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़ें  और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का हर संभव प्रयास करेंगे। ऐसे ही हमारे अन्य सभी लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’s:

Q.अचलनाथ मंदिर का निर्माण किसने और कब किया? 

Ans. अचलनाथ मंदिर का निर्माण 1531 ई. में राव गंगा की रानी नानक देवी द्वारा किया गया था।

Q. अचलनाथ मंदिर किस देवता को समर्पित है? 

Ans. अचलनाथ मंदिरभगवान शिव को समर्पित है और जोधपुर के लोगों के लिए भक्ति का एक महत्वपूर्ण स्थान है।

Q. मंदिर में कौन से महत्वपूर्ण भवन हैं?

Ans. मंदिर में गर्भ गृह, मंडप भवन और कीर्तन भवन जैसे कई भवन हैं, जिनमें छित्र पत्थर से नक्काशी की गई है।

Q. मंदिर के अंदर क्या विशेष आकर्षण है? 

Ans. अचलनाथ शिवालय मंदिर (Achal Nath Shivalaya Temple) के अंदर शिवलिंग के पास ‘गंगा बावड़ी’ नामक एक पेयजल टैंक है जो एक मंदिर का विशेष आकर्षण है।

Q. अचलनाथ मंदिर के दर्शन का समय क्या है? 

Ans. मंदिर के दर्शन का समय प्रातः 10 बजे से दोपहर तक और दोपहर 2 बजे से शाम 4:30 बजे तक है।

Q.अचल नाथ मंदिर के दर्शन का समय क्या है? 

Ans. मंदिर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।