Famous Temples Of Kota: कोटा (Kota), राजस्थान (Rajasthan) के दक्षिणी भाग में स्थित एक शहर, न केवल अपने शैक्षणिक संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने खूबसूरत हिंदू मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। चंबल नदी के किनारे बसा यह शहर कई प्राचीन और भव्य मंदिरों का घर है, जो अपनी वास्तुकला, कलाकृतियों और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं।
इन मंदिरों में से एक है गढ़िया महादेव मंदिर, जो चंबल नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। 500 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना यह मंदिर हरे-भरे खेतों और नदी का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। यह मंदिर अपने प्राकृतिक शिवलिंग के लिए भी प्रसिद्ध है, जो पूरे वर्ष जल में डूबा रहता है। इसके अलावा, कोटा में कई अन्य प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं जो अपनी अद्वितीय वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों में से प्रत्येक अपनी अनूठी कहानी और विरासत के साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। पिछले 28 वर्षों से, कोटा के एक मंदिर में लगातार रामकथा का पाठ चल रहा है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता और धार्मिक सद्भाव का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है।
इस लेख में, हम कोटा के 9 प्रमुख हिंदू मंदिरों की खोज करेंगे, उनके इतिहास, वास्तुकला और धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालेंगे। हम इन मंदिरों के पीछे की कहानियों और उनसे जुड़ी लोककथाओं को भी उजागर करेंगे। साथ ही, हम इन मंदिरों द्वारा समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने में निभाई गई भूमिका पर भी चर्चा करेंगे। तो आइए, हम कोटा के इन अद्भुत मंदिरों की सैर करें और उनकी समृद्ध विरासत का अनुभव करें।
कोटा के 9 प्रमुख हिंदू मंदिर | 9 Famous Hindu Temples of Kota – Overview
S.NO | मंदिरों के नाम | स्थान (कोटा) |
1 | खड़े गणेश जी मंदिर | एमबीएस रोड, गणेश नगर, 1449, विनोबा भावे नगर, कोटा, राजस्थान 324010 |
2 | जग मंदिर | रामपुरा, कोटा, राजस्थान 324006 |
3 | राधा कृष्ण मंदिर | तलवंडी, सेक्टर-बी, तलवंडी, कोटा, राजस्थान 324005 |
4 | शिव पुरी धाम | ठीकरा, कोटा, राजस्थान 325201 |
5 | माँ त्रिकुटा मंदिर | राष्ट्रीय राजमार्ग 12, नया खेड़ा, राजस्थान 324008 |
6 | श्री मथुराधीश जी मंदिर | बैराज रोड, पाटनपोल रोड, रामपुरा, कोटा, राजस्थान 324006 |
7 | श्री दध देवी माता मंदिर | रूपारेल, राजस्थान 325001 |
8 | गरडिया महादेव मंदिर | गराडिया महादेव रोड, दौलतगंज, राजस्थान 323302 |
9 | विभीषण मंदिर | केथुन, राजस्थान 325001 |
1. खड़े गणेश जी मंदिर (Khade Ganesh ji Temple)
खड़े गणेश जी का मंदिर (Khade Ganesh ji Temple) राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर चंबल नदी के दक्षिणी तट पर एक सुंदर स्थान पर बना हुआ है। मंदिर का इतिहास लगभग 600 साल पुराना माना जाता है और यहां की गणेश जी की मूर्ति खड़ी अवस्था में है, जो पूरे भारत में अद्वितीय है।
मंदिर परिसर में एक सुंदर झील भी है जहां अनेक मोर देखे जा सकते हैं। मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक होती है, खासकर गणेश चतुर्थी के त्योहार के दौरान जब भव्य आयोजन किए जाते हैं। खड़े गणेश जी मंदिर (Khade Ganesh ji Temple) कोटा (Kota) का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। मंदिर का निर्माण कब और किसके द्वारा किया गया, इसकी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, मान्यता है कि यह मंदिर लगभग 600 वर्ष पहले बनवाया गया था।
खड़े गणेश जी के मंदिर के बारे में (About Khade Ganesh Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 01412822863 |
मंदिर का पता | वार्ड नंबर 5, एमबीएस रोड, गणेश नगर, 1449, विनोबा भावे नगर, कोटा, राजस्थान 324010 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 253.6 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 262.5 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 262.9 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/jEEaxSQAsimvfLYC7 |
2. जग मंदिर (Jag Mandir Kota)
राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) शहर में स्थित जग मंदिर (Jag Mandir) एक अद्वितीय स्थल है, जिसे 17वीं शताब्दी में कोटा (Kota) के महाराजा ने निर्माण कराया था। यह भव्य महल किशोर सागर नामक कृत्रिम झील के बीच स्थित है, जिसे 14वीं शताब्दी में बनाया गया था। झील के शांत जल के ऊपर तैरता यह महल, अपनी वास्तुकला और निराली सुंदरता के लिए जाना जाता है।
जग मंदिर (Jag Mandir) उन स्थलों में से एक है जो कोटा (Kota) के इतिहास और संस्कृति की झलक दिखाता है। झील के बीच में स्थित होने के कारण, यह महल अपने आसपास के परिवेश का अद्भुत दर्शन प्रदान करता है। यहाँ से शहर का नजारा देखना अपने आप में एक अनूठा अनुभव है।
जब आप जग मंदिर (Jag Mandir) के आकार और वास्तुकला को देखते हैं, तो आपको उस समय की कला और संस्कृति का एहसास होता है, जब यह निर्माण किया गया था। इसकी वास्तुकला में मुग़ल और राजपूत कला का संगम देखने को मिलता है, जो इसे और भी अद्वितीय बनाता है।
जग मंदिर के बारे में (About the Jag Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 01412822864 |
मंदिर का पता | रामपुरा, कोटा, राजस्थान 324006 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 241.4 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 250 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 250.8 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/Lr67KbVoFtwu1V5L8 |
3. राधा कृष्ण मंदिर (Radha Krishna Mandir)
राधा कृष्ण मंदिर (Radha Krishna Mandir) कोटा (Kota), राजस्थान (Rajasthan) का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह मंदिर राधा और कृष्ण की अद्भुत प्रेम कथा और उनके रहस्यमय संबंध का स्मरण कराता है। मंदिर में श्री गणेश, हनुमान जी, दुर्गा माता और राम दरबार जैसे अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
मंदिर परिसर साफ-सुथरा और शांत वातावरण से भरा है। यहां आने वाले भक्तगण मंदिर की दिव्य छवि और आध्यात्मिक ऊर्जा का आनंद लेते हैं। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। कोटा (Kota) के छात्रों के बीच यह मंदिर विशेष लोकप्रिय है। वे यहां अपनी मनोकामनाएं मंदिर की दीवार पर लिखकर प्रार्थना करते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं और वे डॉक्टर या इंजीनियर बनने में सफल होते हैं। इस कारण मंदिर की एक दीवार को “विश्वास की दीवार” के नाम से जाना जाता है।
हालांकि मंदिर का सटीक इतिहास ज्ञात नहीं है, फिर भी यह कोटा (Kota) के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। राधा-कृष्ण के प्रेम और समर्पण की भावना से ओतप्रोत यह मंदिर हर आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित करता है। यह एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां लोग मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
राधा कृष्ण मंदिर के बारे में (About Radha Krishna Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 0744 240 5478 |
मंदिर का पता | 5जे 8, तलवंडी, सेक्टर-बी, तलवंडी, कोटा, राजस्थान 324005 |
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | www.radhakrishnamandir.com |
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 244 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 11.4 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 6.7 किलोमीटर |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि: शुल्क है |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/zJMeyWjqWy3CQLv67 |
4. शिव पुरी धाम (Shiv Puri Dham)
राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) शहर में स्थित शिवपुरी धाम (Shiv Puri Dham), या जैसा कि इसे सहस्त्रशिवलिंग धाम भी कहते हैं, देश भर के शिव भक्तों के लिए एक विशेष महत्वपूर्ण स्थल है. इस मंदिर की खासीयत यह है कि यहां 525 शिवलिंग स्थापित हैं, जिन्हें एक स्थान पर देखने का अनुभव अद्वितीय होता है यह मंदिर कोटा (Kota) शहर के थेगड़ा इलाके में स्थित है और इसका निर्माण नागा साधु राणाराम पुरी महाराज ने 35 साल पहले कठिन साधना के बाद किया था।
मंदिर परिसर का मुख्य आकर्षण 525 छोटे शिवलिंगों का एक अनूठा स्वास्तिक आकार है। इस आकार के केंद्र में भगवान पशुपतिनाथ को समर्पित एक मंदिर है जिसमें पशुपतिनाथ की 4-मुखी सफेद मूर्ति है। मुख्य शिवलिंग काले पत्थर का बना है और लगभग 16 टन का है, जिसकी ऊंचाई लगभग 15 फीट और परिधि लगभग 6 फीट है। मंदिर परिसर में भगवान गणेश, देवी अन्नपूर्णा, भगवान शिव परिवार और एक ऋषि को समर्पित मंदिर भी हैं। परिसर पेड़ों, पक्षियों, मोरों और एक तालाब की प्राकृतिक सुंदरता से भी आशीर्वादित है जो इस स्थान को सुंदर और लोगों के लिए पिकनिक स्पॉट बनाता है।
हिंदी कैलेंडर के अनुसार मंदिर में मुख्य रूप से सावन या मानसून के महीने में भारी भीड़ होती है। महाशिवरात्रि के दिन राजस्थान (Rajasthan) के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोग यहां भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि यहां दर्शन और पूजा करने से उनके जीवन में खुशहाली आती है।
शिवपुरी धाम मंदिर के बारे में (About Shivpuri Dham Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 09928311999 |
मंदिर का पता | ठीकरा, कोटा, राजस्थान 325201 |
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल | https://www.facebook.com/share/LWFE7soP7iJz3oY5/?mibextid=qi2Omg |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 246 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 255 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 255.6 किलोमीटर |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/3asEqmXeEvedvGiq5 |
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5. माँ त्रिकुटा मंदिर (Maa Trikuta Temple)
मां त्रिकुटा मंदिर (Maa Trikuta Temple) राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मां वैष्णो देवी को समर्पित है, जिन्हें मां त्रिकुटा के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का निर्माण 2020-21 में किया गया था और यह नवंबर 2021 में आम जनता के लिए खोला गया।
मंदिर कुन्हाड़ी, कोटा (Kota) में बूंदी रोड पर स्थित है। मंदिर का मुख्य द्वार बेहद आकर्षक है, जिसके दोनों ओर विशाल सिंह और हाथी की मूर्तियां हैं। मंदिर का वास्तुकला मनमोहक है और पत्थर की नक्काशी, कृत्रिम झरने, गुफाएं और पेड़ों के साथ एक पहाड़ी का रूप दिया गया है। मंदिर में प्रवेश का शुल्क 60 रुपये प्रति व्यक्ति है। अंदर मां वैष्णो देवी के दर्शन के साथ-साथ भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा भी है। मां वैष्णो देवी के अलावा, मंदिर में भगवान हनुमान और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। मंदिर परिसर के नियमों के अनुसार, अंदर कैमरा, मोबाइल फोन, चमड़े की बेल्ट आदि ले जाना सख्त मना है। मंदिर का समय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक है। पूरे मंदिर के दौरे के लिए लगभग 1 से 2 घंटे का समय लगता है।
मां त्रिकुटा मंदिर (Maa Trikuta Temple) कोटा (Kota) के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह राजस्थान (Rajasthan) के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक बन गया है। अपनी अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के कारण, यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए एक आकर्षक स्थल है।
माँ त्रिकुटा मंदिर के बारे में (About Maa Trikuta Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 07690075000 |
मंदिर का पता | राष्ट्रीय राजमार्ग 12, नया खेड़ा, राजस्थान 324008 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 236.6 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 245.6 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 246 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/rpCN6mJMa1vcBQGZA |
6. श्री मथुराधीश जी मंदिर (Shree Mathuradhish Ji Temple)
श्री मथुराधीश जी मंदिर (Shree Mathuradhish Ji Temple) राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और वल्लभाचार्य को समर्पित है, और अपने अनूठे इतिहास और महत्व के लिए जाना जाता है। मंदिर का मुख्य देवता, मथुराधीश जी (Mathuradhish Ji), सात साल के एक पेड़ के तने के रूप में प्रकट हुआ था, और बाद में वल्लभाचार्य के अनुरोध पर अपने वर्तमान रूप में परिवर्तित हो गया।
मंदिर का इतिहास 16वीं शताब्दी तक जाता है, जब इसकी स्थापना भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत और दार्शनिक वल्लभाचार्य ने की थी। मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार बाद में कोटा के शासकों द्वारा किया गया, जो भगवान कृष्ण के भक्त थे। मंदिर के मुख्य देवता, मथुराधीश जी (Mathuradhish Ji) को उत्तर प्रदेश के मथुरा क्षेत्र के करनावल गांव से लाया गया था।
संवत 1795 (लगभग 1738 ईस्वी) में, कोटा (Kota) के शासक दुर्जन साल ने मूर्ति को कोटा (Kota) लाया, और तब से यह यहीं स्थापित है। वर्तमान में मंदिर कोटा (Kota) के पाटनपोल गेट के पास एक हवेली में स्थित है, जो कोटा (Kota) के दीवान द्वारकादास द्वारा दान की गई थी। मंदिर का प्रबंधन वल्लभ सम्प्रदाय द्वारा किया जाता है, और देवता की पूजा संप्रदाय की परंपराओं के अनुसार की जाती है।
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श्री मथुराधीश जी मंदिर के बारे में (About Shri Mathuradhish Ji Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 0744 238 6826 |
मंदिर का पता | बैराज रोड, पाटनपोल रोड, रामपुरा, कोटा, राजस्थान 324006 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 241 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 250.3 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की | 250.8 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/aU9Txj4J759sEqeK7 |
7. श्री दध देवी माता मंदिर (Sri Dadh Devi Mata Temple)
कोटा, राजस्थान का एक प्रमुख धार्मिक स्थल, Sri Dadh Devi Mata Temple, अपनी विलक्षणता और आराध्य देवता के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर लगभग 10वीं शताब्दी के आसपास बनाया गया था। मंदिर का वास्तुकला विलक्षण है, एक वर्गाकार प्लेटफार्म पर स्थित इसकी संरचना के ऊपर एक कमल के साथ एक गुंबदाकार छत है। इसके बारह स्तंभ शेरों और फूलों की जटिल नक्काशी से सजे हुए हैं।
श्री दध देवी माता मंदिर के बारे में (About Shri Dadh Devi Mata Temple)
मंदिर का फोन नंबर | कोई आधिकारिक फोन नंबर नहीं है |
मंदिर का पता | रूपारेल, राजस्थान 325001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 278.6 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 269.2 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 278 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/WRaT6aa43azCpHm16 |
8. गरडिया महादेव मंदिर (Garadia Mahadev Temple)
कोटा (Kota) शहर में स्थित गरडिया महादेव मंदिर (Garadia Mahadev Temple) भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह चंबल नदी के तट पर, नदी के जलस्तर से लगभग 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक महत्व के कारण, बल्कि आसपास के क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता के कारण भी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
मंदिर के आसपास हरियाली है और यहां से चंबल नदी का शानदार नज़ारा दिखता है, जो इसे फोटोग्राफी और पक्षी-दर्शन के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। यह क्षेत्र कई प्रजातियों के पक्षियों और जानवरों का घर है, जिनमें मोर, चील और मगरमच्छ शामिल हैं, जो पक्षी-प्रेमियों और वन्यजीव प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। मंदिर देखने का सबसे अच्छा समय मानसून का मौसम है जब चंबल नदी पानी से भरी होती है और मौसम सुहावना होता है।
गरडिया महादेव मंदिर (Garadia Mahadev Temple) चंबल नदी के घाट पर लगभग 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस जगह की खूबसूरती का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। कोटा से गरडिया महादेव मंदिर की दूरी लगभग 25 से 30 किलोमीटर है।
गरडिया महादेव मंदिर के बारे में (About Garadia Mahadev Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 01412822863 |
मंदिर का पता | गराडिया महादेव रोड, दौलतगंज, राजस्थान 323302 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 259 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 250.5 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 259.9 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/rXjZTNvMN8VcYkgP6 |
9. विभीषण मंदिर (Vibhishana Temple)
राजस्थान (Rajasthan) के कोटा जिले के कैथून कस्बे में देश का एकमात्र विभीषण मंदिर स्थित है। यह मंदिर रावण के छोटे भाई विभीषण को समर्पित है, जिन्होंने श्री राम का साथ देकर धर्म का मार्ग अपनाया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है।
मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्री राम के राज्याभिषेक के समय शिव जी ने मृत्युलोक की सैर करने की इच्छा प्रकट की। विभीषण ने शिव जी और हनुमान जी को कांवड़ पर बिठाकर सैर कराने का निर्णय लिया। शिव जी ने शर्त रखी कि जहां भी उनका कांवड़ जमीन को छुएगा, यात्रा वहीं समाप्त हो जाएगी। यात्रा के दौरान कैथून में विभीषण का पैर धरती पर पड़ गया और यात्रा वहीं खत्म हो गई। कांवड़ का अगला सिरा 12 किमी दूर चौरचौमा में और दूसरा हिस्सा कोटा के रंगबाड़ी में गिरा। रंगबाड़ी में हनुमान जी का, चौरचौमा में शिव जी का और जहां विभीषण का पैर पड़ा वहां उनका मंदिर बनाया गया।
विभीषण मंदिर (Vibhishana Temple) का मुख्य आकर्षण यहां स्थापित विभीषण की प्रतिमा है। इस प्रतिमा का केवल धड़ से ऊपर का हिस्सा ही दिखाई देता है। कहा जाता है कि यह प्रतिमा प्रतिवर्ष जौ के दाने के बराबर जमीन में धंसती जाती है। होली के अवसर पर कैथून में 7 दिवसीय विभीषण मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
विभीषण मंदिर के बारे में (About Vibhishana Temple)
मंदिर का फोन नंबर | मंदिर का आधिकारिक फोन नंबर नहीं है |
मंदिर का पता | केथुन, राजस्थान 325001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 278.4 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 269.4 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 278.8 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/n3G7JSvEPYWx6zpa7 |
Conclusion:
कोटा (Kota) के 9 प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों की यात्रा हमें राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक विरासत की झलक देती है। ये मंदिर न केवल आस्था और भक्ति के केंद्र हैं, बल्कि शांत वातावरण और आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करते हैं। कोटा के 9 प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो हमारे इस लेख को अपने प्रियजनों के साथ अवश्य साझा करें और इस लेख से उत्पन्न हुए अगर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो उन्हें भी आप कमेंट बॉक्स में जरूर पूछ सकते हैं हम आपके सभी प्रश्नों के उत्तर देने का हर संभव प्रयास करेंगे। ऐसे ही और लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. कोटा किस राज्य में स्थित है?
Ans.कोटा राजस्थान राज्य के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है। यह चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है।
Q. कोटा की जनसंख्या कितनी है?
Ans. 2011 की जनगणना के अनुसार, कोटा शहर की जनसंख्या लगभग 10 लाख है। यह राजस्थान का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है।
Q.कोटा किस चीज़ के लिए प्रसिद्ध है?
Ans. कोटा अपने कोचिंग संस्थानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ IIT-JEE और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देश भर से छात्र आते हैं।
Q. कोटा का इतिहास क्या है?
Ans.कोटा का इतिहास 12वीं शताब्दी से शुरू होता है। यह चंबल नदी के किनारे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। कोटा 1579 में हाड़ा राजपूत शासक राव मधुकर सिंह ने बसाया था।
Q. कोटा में कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं?
Ans.कोटा में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं जैसे कोटा किला, जगमंदिर पैलेस, किशोर सागर झील, गरदिया महादेव मंदिर, सात बाड़ी आदि।
Q.कोटा का मुख्य व्यवसाय क्या है?
Ans.कोटा का मुख्य व्यवसाय शिक्षा और कोचिंग उद्योग है। इसके अलावा कृषि, कपड़ा उद्योग और पर्यटन भी महत्वपूर्ण हैं।