Morari Bapu : एक ऐसा नाम जो रामकथा के रस-सिंधु में डुबकी लगाने का आह्वान करता है। 1946 में गुजरात के तालगरजदा गाँव में जन्मे मोरारी बापू आज देश-विदेश में रामकथा के सबसे लोकप्रिय वक्ताओं में से एक हैं। उनकी मधुर वाणी, भावपूर्ण अभिव्यक्ति और गहन आध्यात्मिक ज्ञान श्रोताओं को कृष्ण-भक्ति की ओर आकर्षित करते हैं। मोरारी बापू का बचपन रामकथा से जुड़ी कहानियों और भजनों से घिरा हुआ था। उनके दादाजी, त्रिभोवंदास, उन्हें रामचरितमानस के चौपाई सिखाते थे। 14 वर्ष की आयु में उन्होंने पहली बार रामकथा का वाचन किया, और तब से आज तक वे 900 से अधिक रामकथाओं का आयोजन कर चुके हैं। मोरारी बापू केवल धार्मिक कथाकार नहीं, सामाजिक परिवर्तन के प्रबल समर्थक भी हैं। वे जाति-पांति, ऊँच-नीच, और लिंग-भेद जैसे सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं। उनकी रामकथा न केवल भक्ति का मार्ग दिखाती है, बल्कि सामाजिक न्याय और समरसता का संदेश भी देती है।
इस लेख में हम मोरारी बापू के जीवन, उनकी रामकथाओं की विशेषता, और सामाजिक परिवर्तन में उनके योगदान पर प्रकाश डालेंगे। हम उनके जीवन से प्रेरणा लेने का प्रयास करेंगे और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करेंगे। मोरारी बापू के जीवन और कृतित्व का दायरा बहुत विशाल है। इस लेख में हम उनके व्यक्तित्व और कार्य का केवल एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं। आइए, हम आगे बढ़ें और मोरारी बापू के जीवन से प्रेरणा और ज्ञान प्राप्त करें।
Morari Bapu – Overview
टॉपिक | मोरारी बापू |
लेख प्रकार | आर्टिकल |
भाषा | हिंदी |
वर्ष | 2024 |
नाम | मोरारी बापू |
दूसरा नाम | मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी |
प्रसिद्धि का कारण | देश के प्रमुख कथावाचक |
जन्मस्थान | तलगाजार्डा, भावनगर जिला, गुजरात |
आयु | 77 वर्ष की आयु |
राशि | कन्या |
मोरारी बापू कौन हैं? Who is Morari Bapu?
मोरारी बापू (Morari Bapu), जिनका जन्म नाम मोरारीदास हरियानी है, एक प्रसिद्ध भारतीय कथावाचक और प्रेरक वक्ता हैं। उनका जन्म 25 सितंबर 1946 को गुजरात के भावनगर जिले में हुआ था। उन्होंने 1966 में 19 साल की उम्र में कथावाचन शुरू किया और तब से वे दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित कर चुके हैं।
मोरारी बापू (Morari Bapu) रामकथा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। उनकी कथाएं सरल भाषा में होती हैं और वे शास्त्रों के गहन ज्ञान और आध्यात्मिक समझ से भरपूर होती हैं। वे अपनी कथाओं में सामाजिक मुद्दों को भी उठाते हैं और लोगों को सत्य, प्रेम और करुणा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
मुरारी बापू का असली नाम क्या है? (What is the Real Name of Morari Bapu)
- मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी
मुरारी बापू का जीवन परिचय | Morari Bapu ka Jivan Parichay
मोरारी बापू (Morari Bapu) का जन्म 25 सितंबर 1946 को शिवरात्रि (Shivratri) के शुभ दिन पर गुजरात के महुवा के पास तलगाजर्डा गांव में छह भाइयों और दो बहनों के परिवार में प्रभुदास बापू हरियाणी और सावित्री बेन हरियाणी के घर हुआ था। उनका जन्म वैष्णव बावा साधु निम्बार्क संप्रदाय (वंश) नामक धार्मिक परंपराओं का पालन करने वाले एक परिवार में हुआ है। उन्हें प्यार से “बापू” कहा जाने लगा।
उनके दादा, त्रिभोवनदासजी एक महान (श्री राम के भक्त) थे और युवा मोरारी को हर दिन रामचरितमानस के पांच छंद याद कराते थे। स्कूल जाते और वापस आते समय। इसके अलावा, उन्हें कम उम्र में उनके परदादा, महामंडलेश्वर विष्णु गिरिजी महाराज, जो कि ऋषिकेश में “कैलास आश्रम” के प्रमुख थे, उन्हीं के माध्यम से भगवद गीता और वेदों में पारंगत होने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।
मुरारी बापू की जीवनी | Morari Bapu Biography
मोरारी बापू (Morari Bapu), जिन्हें मोरारीदास हरियाणवी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक प्रसिद्ध रामकथा वाचक हैं। उनका जन्म 25 सितंबर, 1946 को गुजरात के महुआ के पास तलगजरदा गांव में हुआ था। उनके पिताजी का नाम रघुदास बापू हरियाणवी तथा माताजी का नाम सावित्री बेन हरियाणवी था।
धार्मिक पृष्ठभूमि:
- मोरारी बापू का परिवार धार्मिक रूप से बहुत उदार और प्रेरणादायक था। उनके परदादा ऋषिकेश कैलाश आश्रम के पीठधीश्वर थे, और दादा जी भगवत गीता तथा रामचरित्रमानस के मर्मज्ञ थे। इस धार्मिक वातावरण में पले-बढ़े मोरारी बापू में बचपन से ही भगवान राम के प्रति अगाध भक्ति थी।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:
- मोरारी बापू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तलगजरदा गांव में प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने महुआ में श्री रामकृष्ण विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की।
रामकथा वाचक बनने की प्रेरणा:
- 1966 में, जब मोरारी बापू 20 वर्ष के थे, तब उन्होंने श्री रामकथा वाचक नारायणदासजी की कथा सुनी। इस कथा से वे इतने प्रेरित हुए कि उन्होंने अपना जीवन रामकथा के प्रचार-प्रसार में समर्पित करने का निर्णय लिया।
मुरारी बापू का प्रारंभिक जीवन | Morari Bapu Early Life
मोरारी बापू )Morari Bapu) का जन्म 25 अगस्त 1946 को गुजरात के भावनगर जिले के महुवा तालुका के तलगाजर्दा गांव में हुआ था। उनका जन्म नाम ‘मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी’ था। उनके पिता एक किसान थे और उनकी माता, एक गृहिणी थीं।
मोरारी बापू (Morari Bapu) बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। वे रामचरितमानस, रामायण, और अन्य धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने में रुचि रखते थे। वे अक्सर अपने गांव के मंदिर में जाते थे और भजन सुनते थे। मोरारी बापू (Morari Bapu) अपनी सरल और प्रभावशाली भाषा के लिए प्रसिद्ध हैं। वे राम कथा को एक सरल और सहज तरीके से प्रस्तुत करते हैं। उनकी राम कथाएं लोगों को आकर्षित करती हैं और उन्हें प्रेरित करती हैं। मोरारी बापू कई सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। वे गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। मोरारी बापू आज दुनिया के सबसे प्रसिद्ध राम कथा वाचकों में से एक हैं। वे लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं और उन्हें राम के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं |
मुरारी बापू शिक्षा | Morari Bapu Education)
- स्कूल- जेपी पारिख हाई स्कूल, महुवा, भावनगर, गुजरात
- कॉलेज/विश्वविद्यालय- शाहपुर ट्रेनिंग स्कूल, जूनागढ़, गुजरात
- शैक्षिक योग्यता- शिक्षक वोकेशनल कोर्स
मोरारी बापू शादी | Morari Bapu Marriage
मोरारी बापू (Morari Bapu) जी विवाहित हैं, और उनकी पत्नी का नाम श्रीमती नर्मदाबेन हरियाणी है। साथ ही हम आपको बतादे की मोरारी बापू जी के चार बच्चे भी हैं जिम एक बेटा और तीन बेटियां शामिल हैं।
मुरारी बापू परिवार | Morari Bapu Family
पिता – | प्रभुदास बापू हरियाणी |
माता- | सावित्री बेन |
भाई- | 6 |
बहनें- | 2 |
मुरारी बापू विवाद | Morari Bapu Controversy
भाजपा के पूर्व विधायक पबुभा माणेक ने गुजरात के द्वारका में राम कथा उपदेशक मोरारी बापू पर कथित तौर पर आरोप लगाया था। पबुभा माणेक भगवान कृष्ण के बारे में मुरारी बापू ने विवादास्पद टिप्पणियों मुरारी बापू से नाराज थे, और यह घटना मीडिया के सामने हुई थी, और कैमरा में कैद हो गई थी, पबुभा माणेक ने बाद में यह दावा किया कि उनका आध्यात्मिक गुरु मुरारी बापू पर हमला करने का कोई इरादा नहीं था।
वायरल हुए एक वीडियो में गुस्से में मानेक को बापू की ओर भागते देखा गया, जो द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन के बाद सर्किट हाउस में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
मोरारी बापू कथा |Morari Bapu Katha
मोरारीदास बापू (Moraridas Bapu) , जिन्हें प्यार से मोरारी बापू कहा जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध कथावाचकों में से एक हैं। उनकी कथाएं भक्ति और ज्ञान का अद्भुत संगम हैं, जो लोगों को जीवन के सच्चे अर्थ से परिचित कराती हैं।
कथा का प्रारंभ:
- मोरारी बापू की कथाएं आमतौर पर रामचरितमानस, भागवत पुराण, या अन्य धार्मिक ग्रंथों पर आधारित होती हैं। वे इन ग्रंथों की व्याख्या करते हैं और उनके सार को सरल भाषा में समझाते हैं।
कथा का स्वरूप:
- मोरारी बापू अपनी कथाओं में गायन, नृत्य, और नाटक का भी प्रयोग करते हैं। वे विभिन्न प्रकार की रचनाओं का पाठ करते हैं, जैसे कि भजन, कविता, और कहानियां।
कथा का प्रभाव:
- मोरारी बापू की कथाओं का लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वे लोगों को प्रेरित करते हैं, उन्हें जीवन जीने का नया तरीका सिखाते हैं, और उन्हें भगवान के प्रति समर्पित करते हैं।
कथा के कुछ प्रमुख पहलू:
- सरल भाषा: मोरारी बापू सरल भाषा का प्रयोग करते हैं ताकि सभी लोग उनकी कथा को समझ सकें।
- हास्य: वे अपनी कथा में हास्य का भी प्रयोग करते हैं ताकि लोग ऊब न जाएं।
- संगीत: संगीत कथा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मोरारी बापू विभिन्न प्रकार के भजनों का गायन करते हैं।
- कहानियां: वे विभिन्न प्रकार की कहानियां सुनाते हैं जो लोगों को प्रेरित करती हैं।
- ज्ञान: वे लोगों को जीवन के सच्चे अर्थ से परिचित कराते हैं।
कथा का समापन:
कथा के समापन पर, मोरारी बापू (Morari Bapu) लोगों को आशीर्वाद देते हैं। वे लोगों को प्रेरित करते हैं कि वे जीवन में अच्छे कार्य करें और भगवान के प्रति समर्पित रहें।
मोरारी बापू कथा बुकिंग | Morari Bapu Katha Booking
रामकथा सुनाने के लिए बापू कोई शुल्क नहीं लेते। उनके उपदेश बिना किसी वित्तीय या अन्य प्रतिबंध के, उम्र, लिंग, जाति, पंथ या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी के लिए खुले हैं।
मोरारी बापू की कुल संपत्ति | Morari Bapu Net Worth
मोरारी बापू (Morari Bapu) सिर्फ राम कथा सुनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कथा वाचन से उन्हें कितनी आमदनी होती है? उनकी सालाना आय करीब 300 करोड़ रुपये है |
मुरारी बापू के रोचक तथ्य | Interesting Facts of Morari Bapu
- कथा वाचक: मोरीरी बापू को भारत के सबसे प्रसिद्ध कथा वाचकों में से एक माना जाता है। वह रामायण, विशेष रूप से रामचरितमानस के प्रख्यात वाचक हैं।
- कथा शैली: उनकी कथा शैली सरल, भावपूर्ण और प्रेरक होती है। वह कथा को प्रसंगों और भजनों के साथ जोड़कर कहते हैं, जिससे श्रोताओं को रामायण से जुड़ने में आसानी होती है।
- राम भक्ति: मोरीरी बापू राम भक्ति के लिए जाने जाते हैं। उनका मानना है कि राम के आदर्शों को अपनाकर जीवन में सफलता और शांति प्राप्त की जा सकती है।
- सामाजिक कार्य: वह समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। उन्होंने गरीबों और वंचितों की मदद के लिए कई चैरिटीज की स्थापना की है।
- अंतर्राष्ट्रीय ख्याति: मोरीरी बापू की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान है। वह विदेशों में भी राम कथा का वाचन कर चुके हैं।
मुरारी बापू फोटो | Morari Bapu Photo
इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे मुरारी बापू (Morari Bapu) की कुछ तस्वीरें साझा कर रहे हैं अगर आप चाहे तो आप इन सभी तस्वीरों को डाउनलोड भी कर सकते हैं।
मुरारी बापू संपर्क नंबर | Morari Bapu Contact Number
मोरारी बापू के निवास पता: | श्री चित्रकुटधाम ट्रस्ट, वि. तलगाजर्दा, महुवा – 364290, जिला भावनगर, गुजरात, भारत |
मीडिया संपर्क ईमेल पता: | info@moraribapu.org |
मोरारी बापू फोन नंबर: | 02844-246400 |
मुरारी बापू सोशल मीडिया लिंक | Morari Bapu Social Media Links
Conclusion:
मोरारी बापू एक महान कथाकार, आध्यात्मिक गुरु और सामाजिक सुधारक हैं। उन्होंने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है और उन्हें एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित किया है। मोरारी बापू से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्र गणों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।
FAQ’s:
Q. मोरारी बापू की राशि क्या है?
जन्मतिथि के अनुसार राशि कन्या है।
Q. मोरारी बापू की आयु कितनी है?
Ans. मोरारी बापू की 77 वर्ष आयु है।
Q. मोरारी बापू की प्रसिद्ध का कारण क्या है
Ans. मुरारी बापू भगवान राम की कथा करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
Q. मोरारी बापू का जन्मस्थान कहाँ है?
मोरारी बापू का जन्मस्थान तलगाजर्डा, भावनगर जिला, गुजरात है।
Q. मोरारी बापू की सालाना आय कितनी है?
Ans. मुरारी बापू की सालाना आय 300 करोड़ रुपए हैं ।