Vastu Tips for Home: घर में शांति और सद्भाव का माहौल बनाए रखना हर किसी की चाहत होती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि छोटी-छोटी बातों को लेकर घर का माहौल बिगड़ जाता है। पति-पत्नी के बीच अनबन हो जाती है, सास-बहू के रिश्ते में कड़वाहट आ जाती है। ऐसी स्थिति में हम सब सोचते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्या हमारे घर में वास्तु दोष (Vastu Tips) तो नहीं है?
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, हमारे घर का निर्माण और सजावट का तरीका हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। अगर घर का वास्तु ठीक न हो तो उसका असर पारिवारिक जीवन पर भी पड़ता है। ग्रह कलेश, पति-पत्नी और सास-बहू के बीच अनबन जैसी समस्याओं का कारण भी गलत वास्तु हो सकता है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। वास्तु शास्त्र में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं जिनसे हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वास्तु के अनुसार घर में शांति और सद्भाव कैसे बनाए रखा जा सकता है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि ग्रह कलेश, पति-पत्नी और सास-बहू के झगड़ों को कैसे दूर किया जा सकता है।
तो चलिए, शुरू करते हैं यह रोचक सफर जिसमें हम वास्तु के चश्मे से अपने घर और रिश्तों को देखेंगे और समझेंगे। आपको यकीन हो जाएगा कि वास्तु में छिपा है घर की खुशियों का राज।
Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | घर में लड़ाई झगड़ा रोकने के उपाय |
2 | घर में कलेश मिटाने के उपाय |
3 | गृह क्लेश निवारण उपाय |
4 | घर में कलह के कारण |
5 | घर में अशांति के कारण |
6 | गृह क्लेश के कारण |
7 | गृह कलह निवारण के अनुभूत उपाय |
8 | घर में गृह क्लेश हो तो क्या करें |
9 | सास बहू गृह क्लेश शांति के उपाय |
10 | पति पत्नी में कलेश दूर करने के उपाय |
11 | घर में सुख शांति के उपाय |
12 | पति पत्नी में कलेश के उपाय |
13 | परिवार में शांति के उपाय |
14 | घर में शांति के लिए कौन सा व्रत करें |
15 | घर में शांति के लिए कौन सा व्रत करें |
घर में झगड़ा रोकने के उपाय (Ways to Stop Fighting at Home)
घर में होने वाले लड़ाई-झगड़े को रोकने के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ प्रभावी उपाय इस प्रकार हैं:
- कपूर का उपयोग- रात्रि में सोने से पहले कपूर को घी में डुबोकर किसी पीतल के बर्तन में दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में शांति बनी रहती है और कलह दूर होती है। सप्ताह में एक बार कपूर को जलाकर धुआं पूरे घर में फैलाने से भी गृह शांति बनी रहती है।
- सफेद चंदन की लकड़ी की मूर्ति- घर में सफेद चंदन की लकड़ी की मूर्ति रखने से परिजनों के बीच तनाव कम होगा और आपसी विश्वास बढ़ेगा।
- नमक का उपाय- कमरे के एक कोने में सेंधा नमक का एक टुकड़ा एक महीने तक रखें। फिर इसे हटाकर नया नमक का टुकड़ा रख दें। इससे परिवार में शांति आएगी और पारिवारिक विवाद कम होंगे।
- नमक का उपाय- कमरे के एक कोने में सेंधा नमक का एक टुकड़ा एक महीने तक रखें। फिर इसे हटाकर नया नमक का टुकड़ा रख दें। इससे परिवार में शांति आएगी और पारिवारिक विवाद कम होंगे।
- अष्टगंध का उपयोग- मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में पंचमुखी दीपक जलाएं। घर में हनुमान जी के सामने अष्टगंध जलाकर इसकी सुगंध पूरे घर में फैलाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और घर में सुख-शांति आएगी।
- घर का मुख्य द्वार- घर का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। दक्षिण या पश्चिम दिशा में द्वार होने से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, जिससे झगड़े बढ़ सकते हैं।
इन वास्तु उपायों को नियमित रूप से करने से घर में होने वाले लड़ाई-झगड़े कम होंगे और परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने से जीवन की अनेक समस्याएं भी हल हो जाएंगी।
घर में कलेश मिटाने के उपाय (Ways to End Conflicts at Home)
घर में कलेश मिटाने के लिए तीन प्रभावी उपाय इस प्रकार हैं:
कपूर का उपाय:
- रात्रि में सोने से पहले कपूर को देसी घी में डुबोकर पीतल के बर्तन में जलाएं। सप्ताह में एक बार घर में कपूर का धुआं करने से मन को शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
हनुमान चालीसा और धूप का उपाय:
- मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने पंचमुखी दीपक और अष्टगंध जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अष्टगंध की सुगंध घर में फैलाने से सुख-शांति बनी रहती है।
केसर का उपाय:
- एक चुटकी केसर को पानी में मिलाकर उससे स्नान करने से घर में हो रहे झगड़ों में कमी आती है। केसर मिले दूध का सेवन करने से भी मन प्रसन्न रहता है और कलह कम होती है। इन उपायों के अलावा, घर में नमक मिले पानी से पोछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। नियमित रूप से सत्यनारायण कथा का पाठ करने से भी पारिवारिक सुख-समृद्धि बनी रहती है।
गृह क्लेश निवारण उपाय (Remedies to get rid of home troubles)
- जन्म कुंडली का विश्लेषण: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में दूसरे, चौथे, और सातवें भाव परिवार, घर, और पत्नी के संबंध में होते हैं। यदि इन भावों के स्वामी ग्रह कमजोर हों या अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव में हों, तो परिवारिक कलह और समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण कराने के लिए एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करें।
- अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) को मजबूत करें: वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को अग्नि कोण माना जाता है, जिसका संबंध अग्नि तत्व से होता है। यदि रसोई इस दिशा में स्थित है, तो माना जाता है कि यह घर के माहौल को आनंदमय बनाती है। घर की महिलाओं को इस दिशा में अधिक समय बिताने की सलाह दी जाती है, ताकि सामंजस्य बनाए रखा जा सके।
- वास्तु यंत्र का उपयोग करें: वास्तु यंत्र वास्तु दोषों को सही करने में मदद कर सकते हैं और घर में खुशी ला सकते हैं। ये किसी भी परिवार के सदस्य द्वारा उनके संबंधों में उत्पन्न समस्याओं के लिए उपयोग किए जा सकते हैं, चाहे वो संबंध किसी भी प्रकार का हो।
- जोड़ी के बीच के विवाद को हल करें: पति-पत्नी के बीच के विवाद को हल करने के लिए, मंगलवार को दो घंटे की मौन व्रत रखने और भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा करने की सलाह दी गई है, जो भाईयों के बंधन का प्रतीक होते हैं।
- दैनिक अनुष्ठान करना: परिवार के सदस्यों को भगवान गणेश, भगवान विष्णु, और उनके माता-पिता के पैरों की पूजा करने और 21 दिनों तक ‘ओम शांति’ मंत्र का जाप करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
- परिवार की वेदी स्थापित करें: घर में एक स्थान को परिवार की वेदी के रूप में समर्पित करें, जहां देवताओं की तस्वीरें या मूर्तियाँ रखी जाती हैं। परिवार के सदस्यों को साथ में दैनिक पूजा करने के लिए प्रेरित करें, ताकि एकता और सामंजस्य को बढ़ावा मिल सके।
- रुद्राक्ष और गोमेद का उपयोग करें: मान्यता है कि रुद्राक्ष और गोमेद पत्थर पहनने से दाम्पत्य जीवन की खुशियां बढ़ती हैं और जोड़ों के बीच के विवाद समाधान होते हैं।
- मंत्र जपना: ‘ओम रामय नमः’ जैसे मंत्रों का जप करने और रामायण या रामचरितमानस का पाठ करने से माना जाता है कि घर में शांति और सामंजस्य को बढ़ावा मिलता है।
घर में कलह के कारण (Reason of Disputes at home)
घर में कलह के कई कारण हो सकते हैं जो परिवार के सदस्यों के बीच तनाव और असंतोष पैदा करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति, विशेषकर चतुर्थ भाव में सूर्य का खराब होना, कलह और चिंता का कारण बन सकता है।
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, घर में कमरों और वस्तुओं का गलत स्थान भी नकारात्मक ऊर्जा (Negative energy) को आकर्षित कर सकता है, जैसे कि उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय या उत्तर दिशा में अव्यवस्था। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों के बीच संचार की कमी, आर्थिक तनाव, अलग-अलग प्राथमिकताएं और मूल्य भी घर में कलह के कारण हो सकते हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए, प्रतिदिन प्रार्थना करना, घर को साफ-सुथरा रखना, और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपाय करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, प्रतिदिन सुबह गणेश जी की पूजा करना और गायत्री मंत्र का जाप करना, घर के मुख्य द्वार पर हर शाम तिल के तेल का दीपक जलाना, और हर अमावस्या को पूर्वजों को श्रद्धांजलि देना शांति और सद्भाव को बढ़ावा दे सकता है। साथ ही, परिवार के सदस्यों के बीच खुली और ईमानदार संवाद को प्रोत्साहित करना और एक-दूसरे की भावनाओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होना भी महत्वपूर्ण है।
घर में अशांति के कारण (Reasons of Disturbance at Home)
- वास्तु दोष: वास्तुशास्त्र के अनुसार, कुछ चीजों को घर में रखने से अशांति का माहौल बनता है जैसे गंदा पानी, कांटेदार पौधे, घर के भीतर पत्थर आदि।
- ग्रह दोष: शनि की कुदृष्टि और अन्य ग्रह दोष भी घर में कलह और क्लेश का कारण बन सकते हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा: घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने से अशांति, अकारण सीलन आना या प्लास्टर गिरना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- वैचारिक मतभेद: परिवार में वैचारिक मतभेद होने से झगड़े की स्थिति पैदा हो सकती है जो घर का माहौल बिगाड़ देती है।
- वास्तु के अनुसार दिशा का ध्यान न रखना: वास्तु के अनुसार घर के कमरे, हॉल, किचन, बाथरूम और बेडरूम की सही दिशा में न होने से वास्तु दोष हो सकता है।
- आग्नेय कोण का नीचा होना: घर का आग्नेय कोण नीचा होने से वहाँ रहने वाले अग्नि भय, शत्रु-भय एवं मानसिक परेशानियों से ग्रस्त रहते हैं।
इन कारणों से घर में लड़ाई-झगड़े और क्लेश बढ़ सकते हैं। वास्तु टिप्स अपनाकर, पूजा-पाठ करके और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाकर घर की अशांति दूर की जा सकती है।
गृह क्लेश के कारण (Reason of Domestic Dispute)
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, घर में क्लेश और अशांति के कई कारण हो सकते हैं। एक प्रमुख कारण घर में वास्तु दोषों की उपस्थिति है। यदि घर का निर्माण वास्तु के नियमों का पालन किए बिना किया गया हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को आकर्षित कर सकता है और परिवार के सदस्यों के बीच तनाव पैदा कर सकता है।
वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि घर के मुख्य द्वार का गलत दिशा में होना, रसोई का उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित होना, मास्टर बेडरूम का दक्षिण-पूर्व दिशा में होना, बाथरूम का उत्तर-पश्चिम दिशा में होना और पूजा कक्ष का दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना घर में क्लेश के कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, घर में कुछ प्रकार की तस्वीरें लगाना भी अशुभ माना जाता है। रामायण (Ramayan), महाभारत (Mahabharata), युद्ध या उल्लू जैसी तस्वीरें घर में विवाद को जन्म दे सकती हैं। इसी तरह, शेर या चीते जैसे हिंसक जानवरों की तस्वीरें भी घर में क्लेश का कारण बन सकती हैं। वास्तु के अनुसार, घर में अव्यवस्था भी नकारात्मकता को आमंत्रित करती है। बिखरे हुए जूते, चप्पल और कपड़े न केवल वित्तीय नुकसान का कारण बनते हैं, बल्कि करियर में भी उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।
इन वास्तु दोषों को दूर करने के लिए, विशेषज्ञ सफेद चंदन की मूर्ति या कदंब वृक्ष की शाखा को घर में रखने, सेंधा नमक का उपयोग करने, मंगलवार को हनुमान मंदिर में पंचमुखी दीपक जलाने, सोने से पहले गाय के घी में कपूर जलाने और केसर का टीका लगाने व दूध पीने जैसे उपाय सुझाते हैं। इन उपायों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार में प्रेम व सद्भाव बढ़ता है।
गृह कलह निवारण के उपाय (Measures to resolve domestic disputes)
व्यक्ति के जीवन में घर से बढ़कर कोई स्थान नहीं होता। यही वह स्थल होता है जहां हम अपने जीवन के बड़े हिस्से को बिताते हैं। फिर चाहे वह सुख हो या दु:ख, हमारे घर ही हमारी शरणस्थली होती है। लेकिन, कई बार हम देखते हैं कि घर में ही अनेक प्रकार के विवाद और कलह होते हैं। यह विवाद और कलह अनेक कारणों से हो सकते हैं, जैसे कि ग्रहों की स्थिति, वास्तु दोष, और अन्य अनुकूलता संबंधी मुद्दे।
घर में सुबह के समय विवाद होने पर, घर को साफ सुथरा रखने, गायत्री मंत्र का नित्य नियमित पाठ करने, और सूर्य को गुड़ वाला अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है। दिन में होने वाले विवाद के लिए, सूर्य, राहु, केतु, या शनि की चतुर्थ भाव में स्थिति को जिम्मेदार माना जाता है।
शाम को होने वाले कलह के लिए, हर अमावस्या पर पीपल के वृक्ष को तेल चढ़ाने, अनाथों को भोजन दान करने, और घर को साफ सुथरा रखने की सलाह दी जाती है। रात्रि के समय होने वाले कलह के लिए, मेष राशि में शनि की उपस्थिति और चतुर्थ भाव में कुदृष्ट ग्रह को जिम्मेदार माना जाता है। इन सभी कलहों के निवारण के लिए, विभिन्न उपायों का पालन करने की सलाह दी जाती है, जैसे कि तीज त्योहार के दौरान विशेष अनुष्ठान करना, शिव-पार्वती पूजा करना, शिव-पार्वती की तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाना, और शिव चालीसा का नित्य पाठ करना।
इन सभी उपायों का पालन करने से घर में शांति और सुख बने रहता है, और विवाद और कलह कम हो जाते हैं।
घर में क्लेश हो तो क्या करें (What to do if there is domestic trouble at home?)
यदि घर में लड़ाई-झगड़े और क्लेश होते रहते हैं, तो निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- शिव-पार्वती की पूजा करें: रोज़ाना शिव-पार्वती की तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। यह गृह क्लेश को दूर करने में मददगार होता है।
- मातंगी यंत्र स्थापित करें: वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए मातंगी यंत्र को घर में स्थापित करें और नियमित रूप से “ऊं ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा” मंत्र का जाप करें।
- केसर का उपाय: यदि पति-पत्नी के बीच अक्सर वाद-विवाद होते हैं, तो रोज़ाना स्नान के पानी में केसर का एक धागा डालें। यह गृह क्लेश को कम करने में प्रभावी है।
- कपूर का धुआं करें: सप्ताह में एक बार रात को सोने से पहले गाय के घी में कपूर का टुकड़ा भिगोकर पीतल के बर्तन में जलाएं। कपूर का धुआं घर में करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- हनुमान जी की पूजा करें: मंगलवार को हनुमान जी के सामने पंचमुखी दीपक और अष्टगंध जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मकता दूर होती है।
- पोछा लगाते समय नमक मिलाएं: घर से क्लेश दूर करने के लिए पोछा लगाते समय पानी में नमक मिलाएं। यह घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- सत्यनारायण कथा का पाठ करें: यदि घर में हमेशा तनाव और क्लेश का माहौल रहता है, तो महीने में एक बार सत्यनारायण भगवान की कथा ज़रूर कराएं।
- शनि महाराज को प्रसन्न करें: हर शनिवार पीपल के वृक्ष की जड़ में जल, चीनी और काला तिल अर्पित करके तीन परिक्रमा करने से शनि प्रसन्न होते हैं। इससे घर में शांति आती है।
इन उपायों को नियमित रूप से करने से धीरे-धीरे घर का वातावरण सकारात्मक होता जाएगा और गृह क्लेश कम होंगे। सभी सदस्यों का सहयोग और सकारात्मक सोच भी इसमें मददगार होती है।
सास बहू गृह क्लेश शांति के उपाय (Mother-in-law, daughter-in-law, home remedies for peace)
एक परिवार में सुख-शांति और स्नेह का संचार बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए सभी सदस्यों के बीच सम्मान और समझदारी की भावना बहुत आवश्यक होती है। लेकिन कभी-कभी, सास-बहू के बीच क्लेश होता है। ऐसे में, वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार कुछ उपाय अपनाये जा सकते हैं जो घर में शांति लाने में सहायता कर सकते हैं।
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, माता-पिता का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए, जबकि पुत्र और बहू का कमरा पश्चिम या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। यदि किचन केंद्रीय या उत्तर-पूर्व दिशा में हो, तो यह परिवार के संबंधों को प्रभावित कर सकता है। इसके बदले, रसोई को आग्नेय दिशा, अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। घर में शांति बनाए रखने के लिए भगवान गणेश (Lord Ganesh) की तस्वीर को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा में एक ताम्र पात्र में पानी भरने से नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को दूर किया जा सकता है।
पति-पत्नी में कलेश दूर करने के उपाय (Ways to resolve discord between husband and wife)
जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बहुत महत्वपूर्ण है, और वैवाहिक जीवन इसका कोई अपवाद नहीं है। पति-पत्नी के बीच क्लेश जीवन की सहज समस्या है, लेकिन यदि इसे सही तरीके से नहीं सुलझाया जाता है, तो यह संबंधों को तोड़ सकता है।
वैदिक ज्योतिष और वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, घर की सफाई और व्यवस्था एक शांत और सकारात्मक वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। नकारात्मक ऊर्जा (Negative energy) को हटाने के लिए रोजाना नमक के पानी से घर की सफाई करना और धनी घी का दीपक घर के उत्तर-पूर्व कोने में रोजाना जलाना चाहिए। पति-पत्नी के बीच बंधन को मजबूत करने के लिए, पति के तकिए के नीचे कपूर रखना और सुबह उसे जलाना सहायक हो सकता है। इन उपायों को अपनाने के लिए एक खुले मन की आवश्यकता होती है। तथापि, यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि इन उपायों का प्रभाव व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकता है और यह सभी परिस्थितियों में काम कर सकते हैं या नहीं। यदि क्लेश बने रहते हैं, तो व्यावसायिक सहायता लेना समझदारी होगी।
घर में सुख शांति के उपाय (Tips for Happiness and Peace at Home)
घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार निम्नलिखित 15 उपाय किए जा सकते हैं:
- मुख्य द्वार साफ-सुथरा और अव्यवस्था रहित रखें, क्योंकि इसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है।
- प्रवेश द्वार के पास तुलसी का पौधा या अन्य पौधे लगाएं जो सकारात्मक वाइब्रेशन को आकर्षित करते हैं।
- प्रवेश द्वार के पास जूते, झाड़ू या अन्य सफाई सामग्री न रखें, क्योंकि वे ऊर्जा के प्रवाह को रोक सकते हैं।
- उत्तर या पूर्व दीवार पर एक दर्पण रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा परावर्तित हो और धन आकर्षित हो।
- रसोई का स्टोव दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें, क्योंकि यह अग्नि और समृद्धि की दिशा है।
- स्टोव के विपरीत रेफ्रिजरेटर या सिंक न रखें, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा और विवाद पैदा हो सकते हैं।
- उत्तर-पूर्व दिशा में फव्वारा या एक्वेरियम जैसी जल संरचना रखें, क्योंकि यह जल और ज्ञान की दिशा है।
- घर के केंद्र में भारी फर्नीचर या वस्तुएं न रखें, क्योंकि वे ऊर्जा के प्रवाह को रोक सकती हैं।
- उत्तर-पूर्व दिशा में मंदिर या वेदी रखें, क्योंकि यह आध्यात्मिकता और ईश्वरीय आशीर्वाद की दिशा है।
- दीवारों और छतों के लिए हल्के रंग का उपयोग करें, क्योंकि वे शांत और शांतिपूर्ण प्रभाव पैदा कर सकते हैं।
- बेडरूम में टेलीविजन या कंप्यूटर न रखें, क्योंकि वे शांतिपूर्ण ऊर्जा और नींद में व्यवधान डाल सकते हैं।
- धन का पौधा या कोई अन्य शुभ पौधा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें, क्योंकि यह धन और प्रचुरता की दिशा है।
- फर्श और सजावट के लिए लकड़ी, पत्थर या मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें, क्योंकि वे सामंजस्यपूर्ण और ग्राउंडिंग ऊर्जा पैदा कर सकते हैं।
- लिविंग रूम में चाकू या तलवार जैसी नुकीली या नुकीली वस्तुएं न रखें, क्योंकि वे नकारात्मक ऊर्जा और संघर्ष पैदा कर सकती हैं।
- घर को अच्छी तरह से हवादार और अच्छी तरह से रोशन रखें, क्योंकि यह एक सकारात्मक और उत्साहजनक ऊर्जा पैदा कर सकता है।
इन वास्तु उपायों का पालन करके, कोई एक शांतिपूर्ण और समृद्ध घर बना सकता है जो सकारात्मक ऊर्जा, धन और खुशी को आमंत्रित करता है। हालांकि, ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वास्तु शास्त्र एक जटिल और विस्तृत प्रणाली है जिसमें उचित ज्ञान और समझ की आवश्यकता होती है। इसलिए व्यक्तिगत सलाह और मार्गदर्शन के लिए वास्तु विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।
पति पत्नी में कलेश के उपाय (Remedies for discord between husband and wife)
लाल किताब के अनुसार पति-पत्नी के बीच क्लेश दूर करने के 8 उपाय इस प्रकार हैं:
- शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार (Thursday) से तीन दिन तक एक विशेष अनुष्ठान करें। इसमें सिंदूर, चूड़ियाँ, मेहंदी, वस्त्र, सिंदूर डिब्बी और दक्षिणा सहित तीन प्रकार की सुहाग सामग्री एकत्र करें। पहले दिन पीले वस्त्र पहनकर, दूसरे दिन हरे वस्त्र पहनकर और तीसरे दिन नीले वस्त्र पहनकर सुहाग सामग्री विवाहित महिलाओं को अर्पित करें।
- तीनों दिन प्राप्त सिंदूर को मिलाकर नियमित रूप से इस्तेमाल करें। ऐसा करने से देव गुरु, शुक्रदेव और शनिदेव के आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
- अगर पति सार्वजनिक रूप से पत्नी का अपमान करता है तो गुरुवार और शनिवार को शिव मंदिर जाकर दूध से स्नान करें। फिर साबूदाना से बनी खीर शिवलिंग को अर्पित करें। ऐसा करने से पति का गुस्सा नियंत्रित होगा।
- वैवाहिक जीवन सुखमय बनाने के लिए मातंगी यंत्र घर लाएं, उसकी स्थापना करें और नियमित रूप से “ऊं ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा” मंत्र का जाप करें।
- हर हफ्ते एक दिन रात को सोने से पहले कपूर को गाय के घी में डुबोकर पीतल के बर्तन में जलाएं।
- रोज़ स्नान के पानी में केसर का एक धागा डालें।
- गुरुवार (Thursday) को छोड़कर हर दिन पोछा लगाने वाले पानी में थोड़ा नमक डालें।
- सप्ताह में एक दिन घर में कपूर जलाकर उसका धुआँ घर में दें। ऐसा करने से गृहक्लेश नहीं होता और शांति बनी रहती है।
इन उपायों को करने से पति-पत्नी के बीच प्यार और सद्भाव बना रहेगा तथा गृहक्लेश दूर होगा।
परिवार में शांति के उपाय (Tips for peace in the family)
लाल किताब (Lal Kitab) के अनुसार परिवार में शांति बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- घर में बड़ी उम्र की महिलाओं जैसे दादी, चाची, बुआ आदि का सम्मान करें और उनकी सेवा करें। उन्हें प्रसन्न रखने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- प्रतिदिन सुबह उठकर बुजुर्गों के चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद लें। यह परिवार में सद्भाव बढ़ाता है।
- घर में हरे पौधों के गमले और तुलसी का पौधा अवश्य रखें। पौधों की देखभाल करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- परिवार के सदस्य एक-दूसरे के प्रति कटु वचन न बोलें। मुंह से गाली न निकालें और गृहकलह से बचें। हमेशा सकारात्मक सोचें।
- घर में प्रतिदिन सुबह और शाम को कर्पूर जलाएं। कर्पूर की सुगंध घर का वातावरण शुद्ध करती है और नकारात्मकता दूर करती है।
- वृद्ध, अनाथ, कन्या जैसे जरूरतमंद लोगों की मदद करें। उन्हें अन्न-जल देने से पितृदोष, राहु-केतु दोष आदि दूर होते हैं और परिवार में सुख-शांति आती है।
- घर को वास्तु अनुसार बनाएं या उसमें सुधार करवाएं। वास्तु दोष दूर करने के लिए घर की सीढ़ियों, शौचालय आदि में कर्पूर की बत्ती जलाएं।
- परिवार के लिए सामूहिक रूप से धार्मिक कार्यक्रम या व्रत-पूजा का आयोजन करें। एकसाथ प्रार्थना और पूजा करने से परिवार में एकता और प्रेम बढ़ता है।
घर में सुख शांति के लिए कौन सा व्रत करें (Which Fast to Observe for Peace and Happiness at Home)
घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए सोमवार (Monday fast) का व्रत करना बहुत शुभ माना जाता है। सोमवार भगवान शिव (Lord Shiva) का दिन होता है और उनकी आराधना करने से घर में सकारात्मकता आती है।
इस दिन व्रत करके भगवान शंकर (Lord Shiva) से सुख-शांति की कामना करनी चाहिए। व्रत के साथ-साथ ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना और शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाना भी लाभकारी होता है। इसके अलावा, कलेश नाशक मंत्र “कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः॥” का प्रतिदिन सुबह-शाम 108 बार जाप करने से भी घर के कलह दूर होते हैं। वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार भी घर में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे – सीढ़ियों के नीचे निर्माण न करना, खंभों या भारी सामान के पास न सोना, मंदिर की सही दिशा में स्थापना आदि।इन उपायों से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
घर में सुख-शांति के लिए कौन सा व्रत करें (Which Fast to Observe For Happiness and Peace at Home)
घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए सोमवार (Monday fast) का व्रत करना चाहिए। यह दिन भगवान शिव (Lord Shiva) का माना जाता है और इस दिन व्रत रखकर भगवान शंकर से घर में खुशहाली और शांति की कामना करनी चाहिए। व्रत को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और अशांति के कारण समाप्त हो जाते हैं।
Conclusion:
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) का मानना है कि घर का वातावरण हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित करता है, और याद रखें, एक सुखी और समृद्ध जीवन एक सकारात्मक घर से ही शुरू होता है। अगर आपको हमारा यह विशेष लेख पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रयोजनों के साथ अवश्य साझा करें, इस लेख से उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो उन प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए हम आपके सभी प्रश्नों का हर संभव जवाब देने का प्रयास करेंगे, ऐसे ही और भी बेहद खास और रोचक हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. पति-पत्नी के बीच क्लेश के क्या कारण हो सकते हैं?
Ans. पति-पत्नी के बीच संवाद की कमी, विश्वास की कमी, अलग-अलग प्राथमिकताएं और आदतें, आर्थिक तनाव, ईर्ष्या और संदेह आदि कारणों से क्लेश हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए एक-दूसरे को समय दें, खुलकर बात करें, विश्वास और सम्मान बनाए रखें।
Q. सास-बहू के बीच अनबन के मुख्य कारण क्या हैं?
Ans. सास-बहू के बीच पीढ़ीगत अंतर, अलग-अलग सोच और जीवनशैली, घर के कामों को लेकर मतभेद, ज्यादा हस्तक्षेप या उपेक्षा आदि कारण हो सकते हैं। इन्हें दूर करने के लिए एक-दूसरे की भावनाओं और जरूरतों को समझें, सम्मान दें, और खुली बातचीत के माध्यम से समझौता करें।
Q. गृह क्लेश को कम करने के लिए ज्योतिषीय उपाय क्या हैं?
Ans. ग्रहों की अशुभ स्थिति या वास्तु दोष से उत्पन्न गृह क्लेश को दूर करने के लिए दोषपूर्ण ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान, मंत्र जाप, पूजा-पाठ, रत्न या रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक हो सकता है।
Q. घर में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए क्या किया जा सकता है?
Ans. घर में सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए सभी सदस्यों के बीच खुली बातचीत, सम्मान, विश्वास और प्रेम को बढ़ावा दें। एक-दूसरे की भावनाओं और आवश्यकताओं को समझें।
Q. वास्तु शास्त्र के अनुसार गृह क्लेश को कम करने के क्या उपाय हैं?
Ans. वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार के सामने कोई अवरोध न हो। घर में नकारात्मक चित्र या मूर्तियां न रखें। शयनकक्ष में शीशा इस तरह लगाएं कि सोते समय उसमें प्रतिबिंब न दिखे।
Q. परिवार में तनाव और क्लेश को दूर करने में धार्मिक अनुष्ठानों की क्या भूमिका हो सकती है?
Ans. विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान जैसे पूजा, प्रार्थना, मंत्र जाप, व्रत आदि परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और भावनात्मक एकता को बढ़ावा दे सकते हैं। ये आध्यात्मिक अभ्यास मन को शांत करते हैं, धैर्य और समझ को बढ़ाते हैं, जो परिवार के सदस्यों के बीच तनाव और क्लेश को कम करने में सहायक हो सकते हैं।