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Amavasya ke Totke: अमावस्या पर करें यह बेहद खास टोटके, रातों-रात बदल जाएगी आपकी सोई हुई किस्मत

Amavasya ke Totke
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Amavasya ke Totke: हिंदू धर्म (Hindu religion) में अमावस्या (Amavasya) का विशेष महत्व है। यह वह दिन है जब चंद्रमा पूरी तरह से अंधकार में डूब जाता है। लेकिन इस अंधकार में भी आशा की किरण छिपी होती है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय और टोटके करने से जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है, नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

क्या आप भी जीवन में आ रही बाधाओं से परेशान हैं? क्या आप सुख, समृद्धि और सफलता पाना चाहते हैं? अगर हां, तो अमावस्या के दिन कुछ सरल से उपाय आजमाकर देखें। हमारे पूर्वजों द्वारा सदियों से अपनाए जा रहे ये अचूक उपाय आपके जीवन में खुशियां लेकर आएंगे। इस लेख में हम आपको अमावस्या के दिन किए जाने वाले कुछ चमत्कारी उपायों और टोटकों के बारे में बताएंगे। साथ ही, इन उपायों से होने वाले लाभों पर भी प्रकाश डालेंगे। 

तो चलिए, जानते हैं कि किस प्रकार अमावस्या (Amavasya) के अंधकार को अवसर में बदला जा सकता है और जीवन को एक नई दिशा दी जा सकती है। तो कृपया इस पूरे लेख को पढ़िए इस लेख में दिए गए चमत्कारी टोटके और उपाय भी अपनाइए और अपने जीवन में खुशियों का उजाला भर दीजिए…

अमावस्या के टोटके – Table Of Content 

S.NOप्रश्न 
1अमावस्या के टोटके
2अमावस्या के शत्रु नाशक टोटके
3अमावस्या के उपाय और टोटके
4अमावस्या के अचूक उपाय
5अमावस्या के दिन पीपल के उपाय
6अमावस्या के दिन पीपल की पूजा कैसे करें?

अमावस्या के टोटके

अमावस्या के दिन किए जाने वाले कुछ चमत्कारी टोटके इस प्रकार हैं:

  • अमावस्या (Amavasya) की रात को पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दीपक नदी या तालाब में प्रवाहित करने से धन लाभ और परिवार की उन्नति होती है। लेकिन ध्यान रहे कि ऐसा करते समय कोई देखे नहीं।
  • इस दिन काली चींटियों को शक्कर मिला आटा खिलाने से पाप कर्मों का क्षय और पुण्य कर्मों का उदय होता है, जो मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होते हैं।
  • अमावस्या (Amavasya) की रात अगर काले कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाई जाए और वह उसी समय खा ले, तो शत्रु आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे और करियर में तरक्की होगी। लेकिन शराब, तामसिक भोजन, झूठ बोलना, अनैतिक कार्य आदि नहीं करने चाहिए, वरना पितर नाराज हो जाते हैं।
  • रोजगार तलाशने वाले को अमावस्या (Amavasya) को एक साफ नींबू घर के मंदिर में रखकर रात को सात बार सिर से उतारना चाहिए। फिर उसे चार हिस्सों में काटकर चौराहे पर चारों दिशाओं में फेंकने से करियर में तरक्की के योग बनते हैं।
  • अमावस्या (Amavasya) की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। बत्ती के लिए लाल धागे का इस्तेमाल करें और दीपक में थोड़ी केसर व काले तिल डालें। ऐसा करने से कर्ज से राहत मिलती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • कालसर्प दोष से निवारण के लिए अमावस्या के दिन सुबह स्नान व ध्यान के बाद चांदी के नाग-नागिन की पूजा करके उन्हें सफेद फूल के साथ बहते जल में प्रवाहित करने से अशुभ प्रभाव कम होता है।

अमावस्या के शत्रु नाशक टोटके

  • मां काली की पूजा करें: अमावस्या की रात दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठें। मां काली (Goddess Kali) की तस्वीर के सामने पूजा करें। पूजा के बाद एक नींबू पर सिंदूर से शत्रु का नाम लिखकर रुद्राक्ष की माला से ‘क्रीं क्रीं शत्रु नाशिनी क्रीं क्रीं फट’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
  • मां बगलामुखी की पूजा करें: अमावस्या (Amavasya) की शाम मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है। मां बगलामुखी युद्ध में विजय दिलाने वाली और वाणी की शक्ति देने वाली देवी हैं।
  • पीपल के पेड़ की पूजा करें: शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शत्रुओं से मुक्ति के लिए मन ही मन प्रार्थना करें और पेड़ की 101 परिक्रमा करें। ऐसा करने से पीपल पर बैठे देवता प्रसन्न होते हैं।
  • काले कुत्ते को रोटी खिलाएं: अमावस्या की रात को रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खिला दें। इससे शत्रुओं से होने वाली परेशानी से मुक्ति मिलेगी और शत्रु बाधाएं दूर होंगी।
  • शत्रु का नाम भोजपत्र पर लिखें : भोजपत्र पर लाल चंदन से शत्रु का नाम लिखकर शहद की डिब्बी में भिगोकर रख दें। इससे शत्रु अपने आप शांत हो जाएगा।
  • काली उड़द और चावल का उपाय: 38 दाने काली उड़द और 40 दाने चावल मिलाकर गड्ढे में दबाएं। ऊपर नींबू निचोड़ते हुए शत्रु का नाम जपें। इससे शत्रु शांत होगा और नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।

ये टोटके अमावस्या (Amavasya) के दिन किए जाने पर विशेष रूप से प्रभावी माने जाते हैं। हालांकि ध्यान रखें कि इन्हें सही विधि से और विश्वास के साथ करना जरूरी है। इन उपायों से आपको अपने शत्रुओं से निजात पाने में मदद मिलेगी।

अमावस्या के उपाय और टोटके

अमावस्या (Amavasya) को हिंदू धर्म में एक विशेष तिथि माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए टोटके और उपाय विशेष रूप से शुभ फल प्रदान करते हैं। अमावस्या (Amavasya) के दिन नहा-धोकर पूजा-पाठ करने और दान-पुण्य करने से शारीरिक और मानसिक लाभ मिलता है।

इस दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराना बहुत पुण्य का काम माना जाता है। सुबह स्नान के बाद आटे की गोलियां बनाकर भगवान का नाम लेते हुए पास के तालाब या नदी में मछलियों को खिलाने से जीवन की अनेक परेशानियां दूर हो सकती हैं। इसी तरह काली चींटियों को शक्कर मिला आटा खिलाने से पाप कर्मों का क्षय और पुण्य कर्मों का उदय होता है जो मनोकामना पूर्ति में सहायक होते हैं। कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों को अमावस्या (Amavasya) के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करके सफेद फूल के साथ बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा घर में शिवपूजन और हवन करवाना भी लाभदायक होता है। बेरोजगार व्यक्ति के लिए एक विशेष टोटका है। एक नींबू को दिनभर मंदिर में रखकर रात में 7 बार सिर से उतारकर 4 टुकड़ों में काटकर चौराहे पर चारों दिशाओं में फेंकने से रोजगार मिलने की संभावना बनती है।

धन प्राप्ति के लिए घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लाल धागे की बत्ती और केसर डालकर जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा अमावस्या की रात 5 लाल फूल और 5 जलते दीये नदी में बहाने से भी धन लाभ के योग बनते हैं।

दुश्मनों से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या की रात काले कुत्ते को तेल लगी रोटी खिलाने का टोटका किया जा सकता है। साथ ही इस दिन शराब आदि नशीली चीजों से दूर रहना भी शुभ माना जाता है।

अमावस्या के अचूक उपाय

अमावस्या के दिन आप ये चमत्कारी और शक्तिशाली उपाय कर सकते हैं:

  • भूखे प्राणियों को भोजन कराएं – अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराने का विशेष महत्व है। इससे आपके जीवन की अनेक परेशानियां दूर हो सकती हैं।
  • मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं – अमावस्या की सुबह स्नान के बाद आटे की गोलियां बनाएं और भगवान का नाम लेते हुए नदी या तालाब में मछलियों को खिला दें। इससे जीवन की समस्याएं दूर होंगी।
  • काली चींटियों को शकर मिला आटा खिलाएं – ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का क्षय होगा और पुण्य कर्म उदय होंगे जो मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे।
  • पीपल के पेड़ में दूध चढ़ाएं – वैशाख अमावस्या के दिन तांबे के बर्तन से पीपल के पेड़ में दूध चढ़ाने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होगी।
  • पीपल के पेड़ में तिल चढ़ाएं – वैशाख अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में तिल अर्पित करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और पितृ दोष दूर होता है।
  • पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं – वैशाख अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और वास्तु दोष से मुक्ति मिलती है।
  • गरीबों को दान करें – फाल्गुन अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराना और पैसों का दान करने से पितरों की कृपा मिलती है। कपड़े, चीनी, अनाज आदि का दान भी कर सकते हैं।
  • पशु-पक्षियों को दाना डालें – फाल्गुन अमावस्या के दिन पशु-पक्षियों को दाना डालने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
  • पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप करें – “ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्” मंत्र का जाप करने से फाल्गुन अमावस्या के दिन पितृ दोष दूर होता है।

अमावस्या के दिन पीपल के उपाय

अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के लिए निम्नलिखित 10 उपाय किए जा सकते हैं-

  • जलार्पण: अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • दूध चढ़ाना: अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में दूध चढ़ाने से शास्त्रीय महत्व और शुभता बढ़ती है।
  • तिल चढ़ाना: पीपल के पेड़ में तिल चढ़ाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
  • प्रदक्षिणा देना: पीपल के पेड़ के चारों ओर प्रदक्षिणा देने से आशीर्वाद मिलता है।
  • संध्या काल में दीपक जलाना: संध्या काल में पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शांति मिलती है।
  • पीपल के पेड़ को तिलक लगाना: इससे शास्त्रीय महत्व और शुभता बढ़ती है।
  • पीपल के पेड़ के पास मन्त्र जपना: इससे आपकी स्पिरिचुअल शक्ति बढ़ती है।
  • पीपल के पेड़ के पास ध्यान करना: इससे आपकी मानसिक शांति बढ़ती है।
  • अमावस्या या पूर्णिमा के दिन व्रत रखना: इससे आपकी आस्था और धार्मिकता बढ़ती है।
  • पीपल का पेड़ लगाना और उसकी देखभाल करना: इससे आपके चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली बढ़ती है।

ये उपाय करके आप पीपल के पेड़ की दिव्यता और शक्ति का आनंद उठा सकते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ा सकते हैं।

अमावस्या के दिन पीपल की पूजा कैसे करें?

सोमवती अमावस्या (Amavasya) के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ बेहद पवित्र और पूजनीय माना जाता है। मान्यता है कि पीपल में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। भगवद्गीता (Bhagwat Geeta) में भी श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने कहा है कि वृक्षों में वे पीपल हैं। इस दिन प्रातः स्नान के बाद भक्तगण पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।

सबसे पहले पीपल के वृक्ष को जल से सींचा जाता है और उसकी जड़ में दूध चढ़ाया जाता है। इसके बाद पीपल के पत्तों पर गंगाजल छिड़का जाता है। फिर पीपल के वृक्ष को लाल और पीले रंग के धागे या कपड़े से सजाया जाता है। वृक्ष के चारों ओर रोली, अक्षत, फूल और दीप सजाए जाते हैं। भक्त लोग पीपल की 108 परिक्रमा करते हैं और मंत्रोच्चार करते हैं। पीपल के पत्ते को तोड़ना या नुकसान पहुंचाना वर्जित माना जाता है। पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग की भी स्थापना और पूजा की जाती है। शिवलिंग पर जल, दूध, भस्म, बेलपत्र आदि चढ़ाया जाता है। पीपल की पूजा के बाद ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी जाती है। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सोने से पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या (Amavasya) पर पीपल पूजन करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। पीपल के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के पाप कट जाते हैं। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृदोष भी दूर होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इससे संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Disclaimer:  हमारे द्वारा लिखा गया यह विशेष लेख ज्योतिष शास्त्र की जानकारी का लेखा-जोखा है। janbhakti.in इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।  इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों या ज्योतिषों से परामर्श अवश्य ले।

Conclusion:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अमावस्या (Amavasya) के दिन किए जाने वाले ये टोटके और उपाय  विश्वास और परंपराओं पर आधारित हैं। अमावस्या (Amavasya) के दिन से संबंधित यह बेहद विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने मित्रगणों एवं परिवारजनों के साथ जरूर साझा करें, साथ ही हमारे और भी रोचक और ज्ञानवर्धक लेख को भी जरूर पढ़ें। ऐसे ही तमाम रोचक और ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’S 

Q. अमावस्या क्या है और इसे हिंदू धर्म में क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?

Ans. अमावस्या वह दिन होता है जब पृथ्वी के दृष्टिकोण से चंद्रमा दिखाई नहीं देता, हिंदू धर्म में इसे पितृओं और मरहूम परिवारजनों को श्रद्धांजलि देने का शुभ दिन माना जाता है।

Q. अमावस्या पर कौन से अनुष्ठान और समारोह आयोजित किए जाते हैं?

Ans. अमावस्या पर अनेक प्रकार के अनुष्ठान और समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिसमें तर्पण और श्राद्ध सम्मिलित होते हैं, जिसके द्वारा पितृओं को सम्मानित किया जाता है।

Q. अमावस्या को पितृओं को श्रद्धांजलि देने के लिए शुभ दिन क्यों माना जाता है?

Ans. अमावस्या को पितृओं को श्रद्धांजलि देने का शुभ दिन माना जाता है क्योंकि मान्यता है कि इस दिन पितृओं की आत्माएं उपस्थित होती हैं, इस दिन अनुष्ठित अनुष्ठानों और समारोहों से उनके आशीर्वाद प्राप्त किए जा सकते हैं।

Q. अमावस्या पर चंद्रमा का क्या महत्व है?

Ans. अमावस्या के दिन चंद्रमा पृथ्वी से दिखाई नहीं देता, हिंदू धर्म में चंद्रमा को वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और इसकी अनुपस्थिति इस दिन प्राकृतिक क्रम में असंतुलन पैदा करती है।

Q. अमावस्या और पूर्णिमा में क्या अंतर है?

Ans. अमावस्या वह दिन होता है जब पृथ्वी से चंद्रमा दिखाई नहीं देता, जबकि पूर्णिमा वह दिन होता है जब चंद्रमा पूर्णतः दिखाई देता है, इन दोनों दिनों को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है।

Q. वैशाख अमावस्या पर कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?

Ans. इस दिन लोग पितृ तर्पण और पिंड दान करते हैं, जिससे उनके पूर्वजों को शांति मिलती है। तामसिक भोजन और पदार्थों का त्याग भी किया जाता है।