Mata Rani Bhatiyani Temple: राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर जिले में स्थित जसोल गांव में एक अद्भुत मंदिर है जो अपनी लोकप्रियता और आस्था के लिए जाना जाता है। यह मंदिर माँ रानी भटियानी के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर की कहानी कई शताब्दियों पुरानी है और इसके पीछे एक दिलचस्प किंवदंती है जो इसे और भी रोचक बनाती है।
रानी भटियानी (Maa Rani Bhatiyani) एक राजपूत राजकुमारी थीं जिनका विवाह राजपूत राजकुमार कल्याणसिंह से हुआ था। हालांकि, कल्याणसिंह एक अन्य महिला से विवाह करना चाहते थे और उन्होंने अपनी पहली पत्नी रानी भटियानी से छुटकारा पाने का फैसला किया। उन्होंने यह अफवाह फैलाई कि वह युद्ध में मारे गए हैं। सती प्रथा का पालन करते हुए, रानी भटियानी ने खुद को जलाने का फैसला किया, लेकिन उन्हें अपने पति की चिता में कूदने के बाद ही उनकी योजना का पता चला। रानी भटियानी की याद में, कल्याणसिंह के परिवार ने जसोल में रानी भटियानी मंदिर का निर्माण किया। आज यह मंदिर मंगनियार समुदाय द्वारा पूजा जाता है, जो मानते हैं कि एक मंगनियार महिला को इस मंदिर में दिव्य दर्शन प्राप्त हुए थे। यह मंदिर दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन गया है जो देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं। मंदिर में एक अद्भुत वास्तुकला और कलाकृतियां हैं जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। इसके अलावा, मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है जो आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
इस लेख में, हम रानी भटियानी मंदिर की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें इसका इतिहास, वास्तुकला, महत्व और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जानकारी शामिल होगी। हम इस बात पर भी प्रकाश डालेंगे कि यह मंदिर क्यों इतना लोकप्रिय है और लोग इसे क्यों पवित्र मानते हैं। तो, आइए इस रोमांचक यात्रा पर चलते हैं और रानी भटियानी मंदिर के रहस्यों को उजागर करते हैं।
रानी भटियानी मंदिर के बारे में (About Jasol Majisa Temple)
मंदिर का फोन नंबर | +91 2988240133 |
मंदिर का पता | श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल, राजस्थान – 344024 |
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | https://jasoldham.org/ |
मंदिर का इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल | https://www.instagram.com/jasoldham |
जसोल बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 5.5 किलोमीटर |
जसोल रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5 किलोमीटर |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 42.9 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/KnJ9zmysnW5uKLiD9 |
Also Read: जोधपुर के प्रसिद्ध मंदिर
रानी भटियानी मंदिर का इतिहास (History of Rani Bhatiyani Temple)
जसोल माजीसा का इतिहास : राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिले की पचपदरा तहसील के जसोल गाँव में स्थित माँ राणी भटियानी का प्राचीन मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। माता राणी भटियानी का असली नाम स्वरूप कँवर था। उनका विवाह मालाणी की राजधानी जसोल के राव कल्याणसिंह के साथ हुआ था। राणी स्वरूप ने एक पुत्र लालसिंह को जन्म दिया।
किवदंती है कि राव कल्याणसिंह की पहली पत्नी राणी देवड़ी ईर्ष्या के कारण लालसिंह को जहर देकर मार डालना चाहती थी। एक दिन जब राणी स्वरूप झूला झूलने गई, तब राणी देवड़ी ने अपनी दासी से लालसिंह को विष देने को कहा। लालसिंह की मृत्यु हो गई और लौटकर आई राणी स्वरूप ने भी शोक से प्राण त्याग दिए। राणी स्वरूप के मायके से आए दो मंगनियार भक्तों ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर राणी स्वरूप को पुनः प्रकट होने का आग्रह किया। राणी ने उन्हें दर्शन देकर वरदान दिया और अदृश्य हो गईं। इस चमत्कार को देखकर राव कल्याणसिंह ने वहाँ एक मंदिर का निर्माण करवाया, जो आज राणी भटियानी मंदिर के नाम से विख्यात है।
यह मंदिर माता राणी भटियानी (Maa Rani Bhatiyani) के अलौकिक चमत्कारों का प्रतीक है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहाँ माता के दर्शन करने आते हैं। भाद्रपद और माघ महीने में यहाँ विशाल मेले लगते हैं। राणी भटियानी की जन्मस्थली जोगीदास गाँव में भी उनका एक भव्य मंदिर है। माता राणी भटियानी की महिमा राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र तक फैली हुई है।
Also Read: भारत के 10 सबसे अमीर मंदिर
रानी भटियानी मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Rani Bhatiyani Temple)
श्री राणी भटियाणी मंदिर जसोल राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिले के जसोल गाँव में स्थित माता रानी भटियाणी मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर नदी के किनारे एक भव्य परिसर में बना हुआ है। मंदिर की इमारत पत्थर की बनी है और इसमें सुंदर नक्काशी का काम किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में माता रानी भटियाणी की मूर्ति विराजमान है।
मंदिर के बाहरी हिस्से में एक विशाल प्रवेश द्वार है जिस पर पारंपरिक राजस्थानी शैली में सजावट की गई है। मंदिर के अंदर जाने पर एक विशाल प्रांगण है जहां भक्तगण एकत्रित होते हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में धर्मशाला और लंगर हॉल भी हैं। कुल मिलाकर माता रानी भटियाणी मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक राजस्थानी शैली से प्रेरित है और यह अपनी भव्यता और कलात्मकता के लिए जाना जाता है। मंदिर का निर्माण बेहद करीने से किया गया है और इसकी हर मूर्ति और उत्कीर्णन धार्मिक महत्व से ओतप्रोत है।
रानी भटियानी मंदिर कैसे पहुंचे? (How to Reach Rani Bhatiyani Temple?)
जसोल में स्थित माँ रानी भटियानी मंदिर निम्नलिखित मार्गों से पहुंचा जा सकता है:
सड़क मार्ग (By Road):
- जसोल राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है, जोधपुर और बाड़मेर से जसोल के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। आप टैक्सी या निजी वाहन भी किराए पर ले सकते हैं।
रेल मार्ग (By Railway):
- जसोल का निकटतम रेलवे स्टेशन बाड़मेर रेलवे स्टेशन है, जो जोधपुर, जयपुर और उदयपुर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। बाड़मेर तक ट्रेन से आ सकते हैं और फिर वहां से टैक्सी या स्थानीय परिवहन लेकर मंदिर पहुंच सकते हैं।
वायु मार्ग (By Air):
- जसोल का निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है, जो लगभग 42 किलोमीटर दूर है। दिल्ली, मुंबई, जयपुर और उदयपुर से जोधपुर के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। हवाई अड्डे से टैक्सी किराए पर लेकर या बस द्वारा मंदिर पहुंचा जा सकता है।
रानी भटियानी मंदिर में प्रवेश शुल्क (Rani Bhatiyani Temple Entry Fee)
मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है। हर साल लाखों श्रद्धालु भाद्रपद त्रयोदशी और माघ चतुर्दशी के त्योहार के दौरान माता के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए यहाँ आते हैं। मंदिर परिसर में कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है और सभी भक्तों के लिए खुला है।
रानी भटियानी मंदिर की फोटो (Photo of Rani Bhatiyani Temple)
राजस्थान (Rajasthan) के जसोल गांव में स्थित रानी भटियाणी मंदिर (Maa Rani Bhatiyani Temple) की कुछ खास तस्वीरें हम आपसे साझा कर रहे हैं, अगर आप चाहे तो आप इन तस्वीरों को सरलता पूर्वक डाउनलोड भी कर सकते हैं।
माता रानी भटियानी जी की फोटो (Photo of Mata Rani Bhatiyani ji)
इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे माता रानी भटियानी जी (Maa Rani Bhatiyani) की कुछ दुर्लभ और विशेष तस्वीरें साझा कर रहे हैं, इन तस्वीरों के माध्यम से आप माता रानी के दर्शन भी कर सकते हैं और इन तस्वीरों को डाउनलोड (Download) भी कर सकते हैं।
विशेष आयोजन
राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर जिले में जसोल गांव स्थित रानी भटियाणी माता मंदिर (Maa Rani Bhatiyani Temple) में भाद्रपद तृतीया और माघ चतुर्दशी के अवसर पर विशेष मेले का आयोजन किया जाता है। इन त्योहारों पर लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए यहाँ पहुंचते हैं। मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान भी होते हैं। माता के भक्त भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं। यह मंदिर मांगीयार समुदाय के लोगों के आस्था का केंद्र है, जो दूर-दूर से माता के आशीर्वाद लेने आते हैं।
Also Read: कुंज बिहारी मंदिर
Conclusion:
माँ रानी भटियानी मंदिर (Maa Rani Bhatiyani Temple), केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह वीरता, साहस और बलिदान की प्रेरणा का स्रोत भी है। यहाँ आकर, श्रद्धालुओं को शक्ति और आत्मविश्वास की अनुभूति होती है। रानी भटियाणी मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने सभी प्रियजनों के साथ भी जरूर साझा करें, साथ ही हमारे अन्य सभी लेख को भी जरूर पढ़ें। ऐसे ही और भी प्रसिद्ध मंदिरों से संबंधित लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s :
Q. माँ रानी भटियानी मंदिर कहाँ स्थित है?
Ans. माँ रानी भटियानी मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले की पचपदरा तहसील के बालोतरा शहर के पास जसोल गाँव में स्थित है। यह मंदिर बालोतरा रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर है।
Q. माँ रानी भटियानी का असली नाम क्या था?
Ans. माता रानी भटियानी का असली नाम स्वरूप कँवर था। उनका जन्म जैसलमेर जिले के जोगीदास गाँव में ठाकुर जोगीदास के घर में हुआ था।
Q. राणी भटियानी के जन्म स्थान पर क्या है?
Ans. राणी भटियानी के जन्म स्थान जोगीदास गाँव में भी उनका एक भव्य मंदिर बना हुआ है। यहाँ भी साल में दो बार भक्त दर्शन करने आते हैं। इसके अलावा राजस्थान के हर घर में माता राणी भटियानी के पर्चे पाए जाते हैं।
Q. राणी भटियानी मंदिर में कौन से त्योहारों पर मेला लगता है?
Ans. राणी भटियानी मंदिर में भाद्रपद मास की त्रयोदसी व माघ मास की चतुर्दसी को भव्य मेला लगता है। इन दोनों मेलों में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु भक्त माता के दर्शन करने आते हैं। मेले में राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और सिंध प्रदेश से भी भक्त आते हैं।
Q. बाड़मेर के अन्य प्रसिद्ध मंदिर कौन से हैं?
Ans. राजस्थान के बाड़मेर शहर के अन्य प्रसिद्ध मंदिर नाकोड़ा पार्श्वनाथ जैन मंदिर, महावीर मंदिर, किराडू मंदिर इत्यादि हैं
Q. जसोल गांव के किले की उल्लेखनीय विशेषताएं क्या हैं?
Ans. जसोल गांव का किला, जिसे जसोल गढ़ के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक किला है जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था।