कृष्ण जन्माष्टमी कब और क्यों मनाई जाती है और उसका क्या महत्व है (Krishna Janmashtami kab Aur kyo Manai Jati Hai): कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है जो प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
यह पर्व भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है जिन्होंने धरती पर अवतार लेकर अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना की थी। कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देशों में भी देखने को मिलता है जहां कृष्ण भक्त उनके जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami kab Aur kyo Manai Jati Hai) किस तिथि को मनाई जाती है और इस वर्ष 2024 में यह पर्व किस दिन आ रहा है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि आखिर क्यों मनाई जाती है कृष्ण जन्माष्टमी और इस पर्व का क्या महत्व है। तो चलिए शुरू करते हैं इस रोचक लेख…
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Table Of Content :-Krishna Janmashtami kab Aur kyo Manai Jati Hai
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S.NO | प्रश्न |
1 | कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है? |
2 | जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? |
3 | कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व |
कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है? (Krishna Janmashtami kab Manayi Jati Hai)
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कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, 26 अगस्त को रात 3:39 बजे अष्टमी तिथि शुरू होगी जो अगले दिन 27 अगस्त को रात 2:19 बजे समाप्त होगी। हालांकि, भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए उनकी पूजा 26 अगस्त की रात को की जाएगी।
जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? (Krishna Janmashtami Kyu Manayi Jata Hai)
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कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव है, जिसे उनके अनुयायी पूरे विश्व में धूमधाम से मनाते हैं। यह पर्व भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
श्रीकृष्ण को विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है, जो धरती पर धर्म की स्थापना और अधर्म के नाश के लिए अवतरित हुए थे। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है, और रात के समय श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्मरण किया जाता है। इस दिन दही-हांडी जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं, जो श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाओं की याद दिलाती हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक भक्ति का अवसर है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव को भी प्रकट करता है। कृष्ण जन्माष्टमी हमें श्रीकृष्ण की शिक्षाओं और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है।
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व (Krishna Janmashtami ka Mahatva)
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कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का महत्व निम्नलिखित तीन मुख्य बिंदुओं में वर्णित किया जा सकता है:
- भगवान श्रीकृष्ण का जन्म: कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का मुख्य महत्व भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के जन्म से जुड़ा है। इस दिन को उनके जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जो कि अधर्म और अन्याय के खिलाफ धर्म और सत्य की विजय का प्रतीक है। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में महाभारत युद्ध में गीता का उपदेश देकर धर्म, कर्म और भक्ति का मार्ग प्रशस्त किया।
- भक्ति और उपासना का अवसर: जन्माष्टमी का पर्व भक्तों के लिए भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और उपासना का विशेष अवसर होता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और रात को श्रीकृष्ण जन्म की लीलाओं का स्मरण करते हैं। यह पर्व भक्तों को श्रीकृष्ण की लीलाओं, उनके उपदेशों और उनके दिव्य चरित्र से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
- सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव: जन्माष्टमी का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन मटकी फोड़ने की प्रतियोगिता (दही-हांडी) जैसे आयोजन होते हैं, जिसमें समाज के लोग मिलकर भाग लेते हैं और आपसी सहयोग, भाईचारे और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देते हैं। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और झांकियों के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का प्रदर्शन किया जाता है, जो समाज को उनकी महानता और शिक्षाओं से अवगत कराता है।
Conclusion:- Krishna Janmashtami kab Aur kyu Manai Jati Hai
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कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह केवल भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव ही नहीं, बल्कि धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है। इस दिन भक्त पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ कृष्ण की पूजा करते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के अत्यंत पावन पर्व से संबंधित यह बेहद खास लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया ऐसे ही और भी व्रत एवं त्योहार से संबंधित लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करिए।
FAQ’s:-Krishna Janmashtami kab Aur kyo Manai Jati Hai
Q. कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है?
Ans. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami), भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इसे विभिन्न क्षेत्रों में ‘गोकुलाष्टमी’ या ‘श्रीकृष्ण जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है।
Q. 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी?
Ans. 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। विभिन्न मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।
Q. कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है?
Ans. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। मान्यता है कि श्रीकृष्ण का जन्म धरती से अधर्म का नाश करने और धर्म की स्थापना करने के लिए हुआ था। इस दिन भक्तजन उनके जीवन और शिक्षाओं को स्मरण करते हैं और उनकी लीला का गुणगान करते हैं।
Q. कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व क्या है?
Ans. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। यह पर्व भक्तों को श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को याद दिलाता है। श्रीकृष्ण के जन्मदिन को उत्सव के रूप में मनाकर लोग धर्म और भक्ति के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।
Q. कृष्ण जन्माष्टमी के मुख्य आयोजन क्या होते हैं?
Ans. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के दिन विशेष पूजा, झांकियां, भजन-कीर्तन, और रासलीला का आयोजन होता है। मंदिरों में भगवान कृष्ण की मूर्ति को सजाया जाता है और उन्हें झूला झुलाया जाता है। रात को 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है।
Q. कृष्ण जन्माष्टमी पर उपवास का महत्व क्या है?
Ans. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) पर उपवास का विशेष महत्व है। भक्तजन पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात को श्रीकृष्ण के जन्म के समय फलाहार करते हैं। यह उपवास आत्मशुद्धि और भक्ति की भावना को बढ़ाने के लिए किया जाता है।