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Shiv Puran Padhne ke Niyam Aur Fayde: क्या आप भी पढ़ना चाहते हैं शिव पुराण? तो जान लीजिए इसके सभी नियम व फायदे

Shiv Puran padhne ke Niyam aur fayde
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शिव पुराण पढ़ने के नियम व फायदे (Shiv Puran Padhne ke Niyam Aur Fayde): शिव पुराण (Shiv Puran)- हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ जो भगवान शिव (Lord Shiva) की महिमा से ओत प्रोत है। यह 18 महापुराणों में से एक है और हिंदू धर्म में सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला पुराण माना जाता है। शिव पुराण में भगवान शिव के विभिन्न रूपों, अवतारों, ज्योतिर्लिंगों और उनकी पत्नी पार्वती के साथ-साथ उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय का वर्णन किया गया है।

शिव पुराण को पढ़ना भगवान शिव (Lord Shiva) के भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे पढ़ने से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है, भगवान शिव के प्रति भक्ति बढ़ती है और मन की शुद्धि होती है। शिव पुराण को नियमित रूप से पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ने से आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव पुराण को पढ़ने के कुछ नियम और विधि हैं जिनका पालन करना चाहिए? क्या आप जानना चाहेंगे कि शिव पुराण पढ़ने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं?

इस लेख में हम शिव पुराण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे – कि शिव पुराण क्या है, इसे कैसे पढ़ा जाए और इसके पढ़ने से क्या फायदे होते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं यह बेहद खास लेख…

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Table Of Content:_

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S.NOप्रश्न
1शिव पुराण क्या है?
2शिव पुराण पढ़ने के नियम क्या हैं?
3शिव पुराण पढ़ने के फायदे क्या हैं?

शिव पुराण क्या है? (Shiv Puran Kya Hai)

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शिव पुराण (Shiv Puran) हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पुराण है, जो भगवान शिव की महिमा, उनके जीवन और उनके विभिन्न रूपों का वर्णन करता है। इसमें शिव की आराधना, पूजा-विधि, तंत्र-मंत्र, और धार्मिक अनुष्ठानों का विस्तार से वर्णन है। शिव पुराण में कुल 24,000 श्लोक हैं और यह सात संहिताओं में विभाजित है। इसका उद्देश्य भक्तों को शिव की भक्ति और उपासना के मार्ग पर प्रेरित करना है। इसमें शिव और पार्वती की कथा, उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय की कथाएं, और शिव के विभिन्न अवतारों की कहानियाँ सम्मिलित हैं। शिव पुराण का पाठ धार्मिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।

शिव पुराण पढ़ने के नियम क्या हैं? (Shiv Puran Padhne ke Niyam Kya Hai)

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शिव पुराण (Shiv Puran) का पवित्र पाठ करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। सबसे पहले, तन और मन को शुद्ध करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और एक स्वच्छ आसन पर बैठें। शिव पुराण पढ़ने से पहले अपने आसपास गंगाजल का छिड़काव करें। इसके पश्चात, भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए पूरे ध्यान और भक्ति के साथ शिव पुराण का पाठ करें। 

शिव पुराण (Shiv Puran) पढ़ने वाले जातक को व्रत रखना चाहिए, जिसमें केवल फलाहार किया जा सकता है। इस दौरान, आपको किसी अन्य व्यक्ति की चुगली या निंदा से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपको शिव पुराण पढ़ने का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।  साथ ही, शिव पुराण का पाठ करने वाले व्यक्ति को नशा, मांस, और मदिरा जैसे अपवित्र चीजों से दूर रहना चाहिए। गलत खानपान और आदतों से बचना आवश्यक है, ताकि पाठ की पवित्रता बनी रहे। ब्रह्मचर्य का पालन करना और जमीन पर सोना भी इस प्रक्रिया का एक हिस्सा है, जो पाठ की शुद्धता को बनाए रखने में मदद करता है।

शिव पुराण पढ़ने का यह नियम केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक आत्मशुद्धि की प्रक्रिया है। यह नियम आपकी आंतरिक और बाहरी शुद्धता को बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं, जिससे आप भगवान शिव के आशीर्वाद को पूरी तरह से प्राप्त कर सकें। इन नियमों का पालन कर, शिव पुराण का पाठ करने से आपको मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त होगी और आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। 

इसलिए, शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ करते समय इन नियमों का पालन करें और भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को बढ़ाएं। इन नियमों का पालन करने से ही शिव पुराण पढ़ने का सच्चा आनंद और फल प्राप्त होता है।

शिव पुराण पढ़ने के फ़ायदे क्या हैं? (Shiv Puran Padhne ke Fayde Kya Hain)

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शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसके जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान शिव, जिन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है, अपने भक्तों की इच्छाओं को शीघ्रता से पूर्ण करते हैं। यदि आप नियमित रूप से शिव पुराण का पाठ करते हैं, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

यह माना जाता है कि नि:संतान दंपतियों को शिव पुराण का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है और उनके जीवन में खुशियों का संचार होता है। शिव पुराण का पाठ वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करता है और दंपति के बीच के रिश्तों में सुधार लाता है। शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ करने से मनुष्य के पाप कट जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। यह भी माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से शिव पुराण का पाठ करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। इसके परिणामस्वरूप, उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और पारिवारिक मनमुटाव दूर हो जाते हैं।

शिव पुराण (Shiv Puran) का नियमित पाठ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। परिवार के सदस्यों को जीवन में सफलता मिलती है और वे खुशहाल जीवन व्यतीत करते हैं। शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि यह आपके जीवन को समृद्ध और आनंदमय बनाता है।

इसलिए, शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ करें और भगवान शिव (Lord Shiva) के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरपूर बनाएं। इसका प्रभाव आपके जीवन में अनंत खुशियों और सफलताओं का द्वार खोल देगा, जिससे आपके और आपके परिवार के जीवन में हमेशा आनंद का वातावरण बना रहेगा।

Conclusion:-Shiv Puran Padhne ke Niyam Aur Fayde

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शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट साधन भी है। इसके नियमों का पालन करते हुए, भक्त शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ कर सकते हैं और इसके अद्भुत लाभों का अनुभव कर सकते हैं। चाहे जीवन में सुख-संपन्नता की प्राप्ति हो या कष्टों का निवारण, शिव पुराण (Shiv Puran) का महत्व अनमोल है। इसे पढ़ने से जीवन में मोक्ष की प्राप्ति और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है, जो हमारे जीवन को सुख और समृद्धि से भर देता है। पवित्र शिव पुराण (Shiv Puran) के नियम व फायदों (Shiv Puran Padhne ke Niyam Aur Fayde) से संबंधित यह बेहद खास लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया ऐसे ही और भी व्रत एवं त्योहार से संबंधित लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करिए।

FAQ’s

Q. शिव पुराण क्या है?

Ans. शिव पुराण (Shiv Puran) हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पुराण है, जो भगवान शिव की महिमा, उनके जीवन और विभिन्न रूपों का विस्तृत वर्णन करता है। इसमें शिव की आराधना, पूजा-विधि, तंत्र-मंत्र, और धार्मिक अनुष्ठानों का विस्तार से वर्णन है।

Q. शिव पुराण में कुल कितने श्लोक हैं?

Ans. शिव पुराण (Shiv Puran) में कुल 24,000 श्लोक हैं। यह सात संहिताओं में विभाजित है, जो विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों को कवर करती हैं।

Q. शिव पुराण पढ़ने से पहले किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?

Ans. शिव पुराण (Shiv Puran) पढ़ने से पहले तन और मन को शुद्ध करना चाहिए, स्वच्छ वस्त्र धारण करें, और स्वच्छ आसन का इस्तेमाल करें। पाठ से पहले अपने आसपास गंगाजल का छिड़काव करें और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा रखते हुए पाठ करें।

Q. शिव पुराण का नियमित पाठ करने के क्या लाभ हैं?

Ans. शिव पुराण (Shiv Puran) का नियमित पाठ करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन के कष्ट दूर होते हैं, और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

Q. शिव पुराण का पाठ करने वाले व्यक्ति को किन चीजों से बचना चाहिए?

Ans. शिव पुराण (Shiv Puran) का पाठ करने वाले व्यक्ति को नशा, मांस, और मदिरा जैसी अपवित्र चीजों से दूर रहना चाहिए। साथ ही, गलत खानपान और आदतों से बचना चाहिए ताकि पाठ की पवित्रता बनी रहे।

Q. निःसंतान दंपतियों के लिए शिव पुराण का क्या महत्व है?

Ans. माना जाता है कि निःसंतान दंपतियों को शिव पुराण का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है और उनके जीवन में खुशियों का संचार होता है।