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Ganesh Mantra: रोज सुबह पढ़िए ये शक्तिशाली गणेश मंत्र तथा जानिए अर्थ, महत्व और लाभ

Ganesh Mantra
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गणेश मंत्र, अर्थ, महत्व और लाभ (Ganesh Mantra): हिंदू धर्म में भगवान गणेश (Lord Ganesh) को सर्वप्रथम पूज्य देवता माना जाता है। वे बुद्धि, विवेक और विघ्नों को हरने वाले देव हैं। उनकी कृपा से जीवन में सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। प्राचीन काल से ही भक्तजन गणेश जी की आराधना करते आए हैं। गणेश जी की पूजा-अर्चना में मंत्रों का विशेष महत्व है। इन दिव्य मंत्रों के जाप से श्री गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए? किन नियमों का पालन करके हम गणपति जी के मंत्रों का उच्चारण करें ताकि उनकी कृपा हमारे जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दे? गणेश जी के कौन से मंत्र सर्वाधिक शक्तिशाली हैं जिनके जाप से हमें सर्वश्रेष्ठ फल की प्राप्ति होगी?

इस लेख में हम गणेश जी के प्रमुख मंत्रों के बारे में जानेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि इन मंत्रों का जाप किस प्रकार करना चाहिए ताकि गजानन हमारे ऊपर प्रसन्न हों। हम गणेश जी के ध्यान मंत्र, पूजा मंत्र और विशेष शक्तिशाली मंत्रों के बारे में भी चर्चा करेंगे…

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Table Of Content 

S.NO प्रश्न 
1गणेश मंत्र का जाप कैसे करें
2शक्तिशाली गणेश मंत्र
3गणेश जी की पूजा मंत्र
4गणेश जी का ध्यान मंत्र

गणेश मंत्र का जाप कैसे करें (Ganesh Mantra ka Jaap kaise kare)

गणेश जी (Lord Ganesh) के मंत्रों का जाप करने से जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। गणेश जी के मंत्रों का जाप करने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • स्नान कर के साफ कपड़े पहनें और शुद्ध स्थान पर बैठें। ईश्वर की प्रतिमा या फोटो के सामने दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती करें।
  • मंत्र जाप से पहले ॐ श्री गणेशाय नमः मंत्र का उच्चारण करें और गणेश जी का ध्यान करते हुए प्रार्थना करें।
  • माला का प्रयोग करते हुए मंत्र का 108 बार या निश्चित समय तक जाप करें। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट, धीमी गति से और ध्यान केंद्रित करते हुए करना चाहिए।
  • सबसे शक्तिशाली और प्रभावी मंत्र “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप सच्चे मन और श्रद्धा से करने से कार्य की बाधाएं दूर होती हैं।
  • मंत्र जाप के बाद गणेश जी को विनम्रता से प्रणाम करें और प्रसाद चढ़ाएं। फिर प्रसाद का वितरण करें।

शक्तिशाली गणेश मंत्र (Shaktishali Ganesh Mantra)

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ओम वक्रतुण्ड महा-काया सूर्य-कोटि समप्रभ, निर – विघ्नम कुरु मे देवा सर्व-कार्येषु सर्वदा। गजाननं भूत गणधि सेवितं कपित्थ जम्बू फलचरुरा भक्षणं उमा सुतम् शोक विनाश कारकम् नमामि विघ्नेश्वर पाद पंखजम।

ऊं एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।

ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रेय सर्व विघ्न प्रशमनाय सर्वार्जाय वश्यकर्णाय सर्वजन सर्वास्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रृंग ॐ स्वाहा।

ॐ गं गणपतये नमः..!!

ॐ विज्ञाननाशनाय नमः।

भगवान गणेश के शक्तिशाली मंत्रों के लाभ और महत्त्व (Bhagwan Ganesh ke Mantron ke Labh Aur Mahatva)

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लाभ:

  • विघ्न और बाधाओं का नाश: गणेश जी के मंत्रों का जप करने से जीवन में आने वाली बाधाएँ और विघ्न दूर होते हैं।
  • बुद्धि और संपदा की प्राप्ति: गणेश मंत्र जाप से बुद्धि, विवेक, धन-संपदा और प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
  • मानसिक शांति और आशीर्वाद: मंत्र जप से मानसिक शांति मिलती है और सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • भक्ति और विश्वास का फल: भक्ति और पूर्ण विश्वास के साथ गणेश मंत्र का जाप करने से जीवन के हर पहलू में गणेश जी का आशीर्वाद मिलता है।

महत्त्व

भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करने का महत्व निम्नलिखित तीन प्रमुख बिंदुओं में संक्षेपित किया जा सकता है:

बाधाओं और विघ्नों को दूर करना: भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, और उनके मंत्रों का जाप जीवन में आने वाली समस्याओं, विघ्नों और कठिनाइयों को दूर करने में सहायक होता है। यह मंत्र मानसिक और भौतिक बाधाओं को दूर कर नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करते हैं।

समृद्धि और धन की प्राप्ति: गणेश मंत्रों का जाप आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए किया जाता है। ये मंत्र व्यापार और आर्थिक मामलों में सफलता प्राप्त करने के लिए शक्तिशाली माने जाते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति: गणेश मंत्रों का नियमित जाप मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। यह व्यक्ति के मन को स्थिर करता है, तनाव को कम करता है, और ध्यान और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है।

गणेश जी की पूजा मंत्र (Ganesh ji ki Puja Mantra)

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  1. गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
    श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
  2. महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
    गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
  3. ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।’

गणेश जी की पूजा मंत्र के लाभ और महत्व (Ganesh ji ki Puja Mantra ke Labh Aur Mahatva)

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लाभ:

  • मानसिक शांति और संतुलन: भगवान गणेश के पूजा मंत्र का जाप मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति के विचार स्थिर होते हैं और तनाव कम होता है।
  • विघ्नहर्ता की कृपा: गणेश मंत्र का जाप विघ्नहर्ता गणेश की कृपा प्राप्त करने का मार्ग खोलता है, जिससे जीवन की बाधाएँ और समस्याएँ दूर होती हैं।
  • आर्थिक समृद्धि और वित्तीय स्थिरता: यह मंत्र आर्थिक समृद्धि और वित्तीय स्थिरता को आकर्षित करता है, जिससे व्यापार और आर्थिक मामलों में सफलता मिलती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति और आत्मविश्वास: गणेश मंत्र की पूजा व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति करती है, समर्पण की भावना को प्रगाढ़ करती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है, जिससे नए प्रयासों में सफलता प्राप्त होती है।

महत्त्व: 

भगवान गणेश की पूजा मंत्र का जाप करने का महत्व निम्नलिखित तीन बिंदुओं में व्यक्त किया जा सकता है:

विघ्नों और बाधाओं का नाश: गणेश पूजा मंत्र का जाप जीवन में आने वाली समस्याओं, विघ्नों और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। यह मंत्र भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का माध्यम बनता है, जो सफलता और शांति की राह खोलता है।

आर्थिक समृद्धि और सफलता: गणेश मंत्र जाप से आर्थिक समृद्धि और व्यापारिक सफलता की संभावना बढ़ती है। यह मंत्र विशेष रूप से वित्तीय संकटों को दूर करने और धनलाभ को आकर्षित करने में मदद करता है।

मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति: नियमित रूप से गणेश पूजा मंत्र का जाप मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है। यह मानसिक तनाव को कम करता है और आध्यात्मिक उन्नति को प्रोत्साहित करता है, जिससे व्यक्ति का जीवन अधिक सुखद और शांतिपूर्ण होता है।

गणेश जी का ध्यान मंत्र (Ganesh ji ka Dhyan Mantra)

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(1) गजाननं भूतगणादि सेवितं,
कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम ।

(2) सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं
लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं
सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।

(3) सम्पूजकनाम् परिपालकानाम्
जितेन्द्रियाणाम् च तपोधनानाम्
देशे च राष्ट्रे च कुले च राज्ञः
करोतु शान्तिं भगवान् गणेशः

(4) अविरल मदधारा धौतकुम्भ:शरण्य:
फणिवरवृतगात्र: सिद्ध साध्यादिवन्द्य:
त्रिभुवन जनविघ्नध्वान्तविध्वंसदक्षो
वितरतु गजवक्त्र:संततं मंगलं व:

(5) उद्यद्दिनेश्वर रुचिं निजहस्तपद्मै:
पाशांकुशाभयवरान् दधतं गजास्यं
पीताम्बरं सकल दुःख हरं गणेशं
ध्यायेत्प्रसन्न मणिवला भरणाभिरामम्

(6) त्वां विघ्नशत्रु दलनेति च सुन्दरेति
भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति
विद्याप्रदेत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति
तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव

(7) अति मंडल मंडित गंड् तलम्
तिलकीकृत कोमल चंद्र कलम
करघात विदारित वैरि तलम्
प्रणमामि गणाधिपतिम् जटिलम्

(8) शिव तनय वरिष्ठं सर्व कल्याण मूर्तिं
परशु कमल हस्तं शोभितं मोदकेन
अरुण कुसुममालाम् व्याल यज्ञोपवीतम्
मम हृदय निवासं श्री गणेशं नमामि

(9) शिवांके क्रीडन्तम् परशु वरहस्तं करि मुखम्
विनाशी विघ्नानाम् सकल दुःखहारी सुखकरम
प्रकाशी विद्यानां सकल सुखराशी सुख करम
चरण वन्दौ स्वामी मुनिवर नमामी शिव सुतम्

(10) दधानं भृंगाली मनिश ममले गंड़ युगले
ददानं सर्वार्थान निज चरण सेवा सुकृतिने
दयाधारं सारं निखिल निगमाना मनुदिनम्
गजास्यं स्मेरास्यं तमिह कलये चित्त निलये

(11) वन्दहूं शंभू भवानी के नंदन आनंदकंद निकंद पतीजै
दीनन दायक रिद्धि वा सिद्धि के हे गणनायक मोपै पसीजै
बुद्धि के दाता गजानन आनन मेरी कुबुद्धि सुबुद्धि करीजै मूषक वाहन छाडि विनायक पूजा में आए के आसन कीजै

भगवान गणेश के ध्यान मंत्र का लाभ और महत्व (Bhagwan Ganesh ke Dhyan Mantra ka Labh Aur Mahatva) 

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लाभ:

  • मानसिक शांति और स्थिरता: भगवान गणेश जी के ध्यान मंत्र का जाप मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जिससे ध्यान और साधना में सुधार होता है।
  • ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि: गणेश जी की आराधना से जीवन की कठिनाइयों का समाधान होता है और बुद्धि तथा ज्ञान में वृद्धि होती है।
  • एकाग्रता और सफलता: यह जाप मन को एकाग्र करने में मदद करता है, जिससे कार्यों में सफलता मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • स्वास्थ्य और समृद्धि: मानसिक तनाव और चिंता को कम करके, यह स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है और समृद्धि एवं संतुलन की ओर मार्गदर्शित करता है।

महत्त्व: 

मानसिक शांति और एकाग्रता: गणेश जी के ध्यान मंत्र का जाप मानसिक शांति और एकाग्रता प्रदान करता है। यह मानसिक तनाव को कम करता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति अपने कार्यों में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

संकट नाशक और बाधा निवारण: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनके ध्यान मंत्र का जाप संकट और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है, जिससे जीवन की परेशानियाँ और कठिनाइयाँ कम होती हैं।

बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति: यह मंत्र व्यक्ति की बुद्धि और समझ में वृद्धि करता है। नियमित जाप से ज्ञान और समृद्धि प्राप्त होती है, जो जीवन को बेहतर दिशा में ले जाती है।

Conclusion

गणेश मंत्रों (Ganesh Mantra) का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्राप्त होती है। सही विधि और शुद्धता के साथ मंत्रों का जाप करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गणेश मंत्र से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया ऐसे ही और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s

Q. गणेश जी का ध्यान मंत्र क्या है?

Ans. गणेश जी का ध्यान मंत्र है:

“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”

यह मंत्र भगवान गणेश का ध्यान करते हुए उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।

Q. गणेश जी की पूजा में कौन-कौन से मंत्र उपयोग किए जाते हैं?

Ans. गणेश जी की पूजा में प्रमुख मंत्र “ॐ गं गणपतये नमः,” “ॐ वक्रतुण्डाय हुं,” और “ॐ एकदन्ताय नमः” जैसे मंत्रों का उपयोग किया जाता है। ये मंत्र भगवान गणेश की आराधना और विघ्नों के नाश के लिए जपे जाते हैं।

Q. शक्तिशाली गणेश मंत्र कौन-कौन से हैं?

Ans. शक्तिशाली गणेश मंत्रों में “ॐ गं गणपतये नमः,” “ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्॥,” और “ॐ श्री गणेशाय नमः” शामिल हैं। ये मंत्र विशेष रूप से विघ्न नाश और सफलता के लिए प्रसिद्ध हैं।

Q. गणेश मंत्र का जाप करते समय माला का क्या महत्व है?

Ans. माला का उपयोग गणेश मंत्र के जाप में ध्यान केंद्रित करने और मंत्रों की गिनती रखने के लिए किया जाता है। रुद्राक्ष या तुलसी की माला का प्रयोग विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इससे जाप में शुद्धता बनी रहती है।

Q. गणेश मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

Ans. गणेश मंत्र का जाप प्रातः काल और संध्या के समय करना आदर्श होता है। विशेष रूप से किसी नए कार्य की शुरुआत, परीक्षा, या यात्रा से पहले भी इन मंत्रों का जाप किया जाता है।

Q. गणेश मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए?

Ans. गणेश मंत्र का जाप स्वच्छ स्थान पर, शुद्ध वस्त्र पहनकर, और शांत मन से करना चाहिए। जाप के समय भगवान गणेश का ध्यान करें और मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शुद्धता के साथ करें। रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग करना लाभकारी होता है।