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Anant Chaturdashi Vrat Udyapan Vidhi: सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले अनंत चतुर्दशी व्रत की उद्यापन विधि क्या है? जानिए

Anant Chaturdashi Vrat Udyapan Vidhi
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अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन विधि (Anant Chaturdashi Vrat Udyapan Vidhi): अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) हिंदू धर्म के उन प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व असीमित है। यह पर्व भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप और उनकी असीम कृपा का प्रतीक है, जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए जाना जाता है। 

हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह पवित्र व्रत मनाया जाता है, जिसमें भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन, भक्तगण भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और उनसे अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करते हैं। यह मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु अपने भक्तों की सभी समस्याओं का समाधान करते हैं और उन्हें अपार कृपा का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस विशेष पर्व का पालन करने वाले श्रद्धालु अनंत सूत्र बांधते हैं, जो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा का प्रतीक माना जाता है। यह सूत्र धारण करने से व्यक्ति के जीवन में अनंत सुख और समृद्धि का आगमन होता है। अनंत चतुर्दशी न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागृति और आस्था का भी पर्व है। इस व्रत के दौरान, भगवान विष्णु के अनंत रूप का ध्यान किया जाता है, जिससे मनुष्य अपने जीवन की अनिश्चितताओं से परे जाकर शांति और संतोष प्राप्त करता है।

इस लेख में, हम आपको साल 2024 में आने वाली अनंत चतुर्दशी की तिथि, इस व्रत की उद्यापन विधि और इसके लिए आवश्यक सामग्री के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइए, अनंत चतुर्दशी के इस पवित्र पर्व का सम्पूर्ण विवरण जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें…

अनंत चतुर्दशी व्रत कब है? (Anant Chaturdashi Vrat kab hai?)

अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा से जुड़ा है। यह व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी और व्रत 16 सितंबर को शाम 3:10 बजे से शुरू होकर 17 सितंबर को रात 11:44 बजे तक रहेगा।

इस व्रत में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है और अनंत रक्षा सूत्र को कलाई पर बांधा जाता है जो अनंत बंधन और भगवान के संरक्षण का प्रतीक है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कल्याण के लिए यह व्रत करती हैं। व्रत के दौरान भगवान विष्णु को फूल, धूप, फल और मिठाई अर्पित की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। अनंत चतुर्दशी के व्रत का पालन करने से समृद्धि, दीर्घायु और खुशहाल जीवन की प्राप्ति होती है।

अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन विधि (Anant Chaturdashi Vrat Udyapan Vidhi)

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अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) की उद्यापन विधि को निम्नलिखित पॉइंट्स में विस्तार से इस प्रकार प्रस्तुत किया जा सकता है:

  • व्रत की तैयारी: अनंत चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और सभी आवश्यक पूजा सामग्री जैसे भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र, स्वस्तिक बनाने के लिए सामग्री, लाल कपड़ा, हल्दी, केसर, धूप, दीप, नैवेद्य, पंचामृत, और अनंत सूत्र के लिए 14 गांठों वाली नई डोरी को एकत्रित करें।
  • पूजा की शुरुआत: पूजा स्थल पर चौकी पर स्वस्तिक बनाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मूर्ति के सामने लाल कपड़ा बिछाएं। 14 गांठों वाली अनंत सूत्र तैयार करें और भगवान विष्णु की पूजा प्रारंभ करें। भगवान को तिलक, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और पंचामृत अर्पित करें।
  • अनंत चतुर्दशी व्रत कथा: पूजा के दौरान अनंत चतुर्दशी व्रत कथा का पाठ करें और उसे परिवार के अन्य सदस्यों को भी सुनाएं। यह कथा व्रत के महत्व और विधि का बोध कराती है।
  • अनंत सूत्र बांधना: पूजा संपन्न होने के बाद, पुरुष अपने दाहिने हाथ पर और स्त्री अपने बाएं हाथ पर अनंत सूत्र बांधें। अनंत सूत्र बांधते समय “ॐ अनंताय नमः” मंत्र का उच्चारण करें।
  • प्रसाद वितरण: पूजा के बाद सभी उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें। यह प्रसाद व्रत की पूजा को पूर्ण करता है और सभी में आशीर्वाद का वितरण होता है।
  • व्रत का पालन: अनंत चतुर्दशी के दिन उपवास रखें। आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं या सख्त उपवास भी कर सकते हैं। अगले दिन सूर्योदय के बाद उपवास तोड़ें और भगवान गोवर्धन की पूजा करें।
  • व्रत उद्यापन: अगले दिन सूर्योदय के बाद, ब्राह्मण को भोजन और दान देकर व्रत का उद्यापन करें। इसके बाद, विधिवत हवन करें और घर पर 14 व्रतधारी लोगों को भोजन कराएं। इससे अनंत चतुर्दशी व्रत का समापन होता है।

अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन सामग्री (Anant Chaturdashi Vrat Udyapan Samagri)

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अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन सामग्री (Anant Chaturdashi Vrat) सूची कुछ इस प्रकार है-

अनंत सूत्र (14 गाँठों वाला धागा)
लाल कपड़ा
चौकी या पूजा का आसन
भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर
स्वास्तिक
हल्दी और केसर
तिलक
चावल
फूल
अगरबत्ती
दीपक
नैवेद्य (फल और मिठाई)
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण)
गंगाजल

Conclusion:-Anant Chaturdashi Vrat Udyapan Vidhi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन विधि) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s

Q. अनंत चतुर्दशी व्रत कब मनाया जाता है?

Ans. अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह व्रत 17 सितंबर, सोमवार को मनाया जाएगा।

Q.अनंत चतुर्दशी व्रत क्या है?

Ans.अनंत चतुर्दशी व्रत भगवान विष्णु की पूजा का व्रत है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन व्रती भगवान विष्णु की अनंत रूप में पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। यह व्रत विशेष रूप से सुख-समृद्धि और शांति के लिए किया जाता है।

Q.अनंत चतुर्दशी व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए?

Ans.अनंत चतुर्दशी व्रत का उद्यापन व्रत की अवधि के समाप्त होने पर किया जाता है। आमतौर पर, यह व्रत 14 वर्षों तक किया जाता है और इसके बाद उद्यापन किया जाता है। अगर व्रती अपनी सुविधा के अनुसार व्रत की अवधि कम या अधिक करना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है।

Q.अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन की विधि क्या है?

Ans.उद्यापन के दिन, व्रती को प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर पूजा प्रारंभ करें। पूजा में अनंत सूत्र का प्रयोग किया जाता है, जिसे भगवान के चरणों में अर्पित करने के बाद अपने हाथ में बांधें। पूजा के बाद व्रती को ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान-दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए। इसके बाद व्रती स्वयं भी भोजन कर सकता है।

Q. अनंत सूत्र क्या है और इसे कैसे पहना जाता है?

Ans. अनंत सूत्र एक विशेष धागा होता है जिसमें 14 गांठें होती हैं। इसे पुरुष दाहिने हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में बांधती हैं, जो अनंत बंधन और भगवान के संरक्षण का प्रतीक है।

Q.क्या उद्यापन के दिन व्रत रखना आवश्यक है?

Ans.जी हां, उद्यापन के दिन भी व्रत रखना आवश्यक होता है। इस दिन व्रती को केवल सात्त्विक भोजन करना चाहिए और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए।