इंदौर के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples Of Indore): इंदौर, मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी, एक ऐसा नगर है जो अपनी समृद्ध विरासत और आध्यात्मिक गौरव के लिए जाना जाता है। यहां के प्राचीन मंदिर न केवल शहर की आत्मा को प्रतिबिंबित करते हैं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए आस्था के केंद्र भी हैं। इन मंदिरों की कहानियां सदियों पुरानी हैं, जिनमें इतिहास, पौराणिक कथाएं और अटूट विश्वास का संगम है।
इंदौर के मंदिर अपनी वास्तुकला, मूर्तिकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। ये पवित्र स्थल न सिर्फ़ धार्मिक अनुष्ठानों के लिए, बल्कि शांति और आत्मचिंतन के लिए भी आदर्श हैं। चाहे वह प्राचीनतम इन्द्रेश्वर मंदिर हो या भव्य हरसिद्धि मंदिर, प्रत्येक मंदिर अपनी अनूठी कहानी सुनाता है। इन मंदिरों की यात्रा करना एक अविस्मरणीय अनुभव है। Famous Temples Of Indore यहां की सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य वातावरण आपको अंतर्मुखी होने और स्वयं से जुड़ने का अवसर देते हैं। इन पवित्र स्थलों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की आस्था इन मंदिरों की महत्ता को रेखांकित करती है। तो आइए, हम इंदौर के इन प्रमुख मंदिरों की सैर करते हैं और उनकी मनमोहक कहानियों में खो जाते हैं। इस लेख में हम इन मंदिरों के इतिहास, वास्तुकला और महत्व पर गहराई से चर्चा करेंगे। साथ ही, हम उन रोचक तथ्यों और प्रसंगों को भी उजागर करेंगे जो इन मंदिरों को इतना विशेष बनाते हैं।
तो तैयार हो जाइए इंदौर के इन अद्भुत मंदिरों के बारे में जानने के लिए….
Famous Temples Of Indore list
1. इंदौर खजराना गणेश मंदिर (Indore Khajrana Ganesh Mandir)
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर का महत्व हर भक्त के दिल में खास स्थान रखता है। रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा 1735 में स्थापित, यह मंदिर भारत के प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थलों में शुमार है। माना जाता है कि औरंगजेब से मूर्ति की रक्षा के लिए इसे एक कुएं में छिपाया गया था, और बाद में इसे पुनः बाहर निकालकर इस भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर के मुख्य त्योहार विनायक चतुर्थी के दौरान विशेष धूमधाम होती है, और बुधवार व रविवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर का दान सोने, हीरे और अन्य बहुमूल्य रत्नों से भरा रहता है। गर्भगृह की चांदी की दीवारें और हीरे की आंखें मंदिर की शोभा बढ़ाती हैं, और इसके विकास ने इसे इंदौर का सबसे प्रतिष्ठित मंदिर बना दिया है।
- खजराना गणेश मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:00 से लेकर रात 10:00 बजे तक है।
- इंदौर के खजराना गणेश मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर इंदौर के खजराना क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 8-10 किलोमीटर दूर है।
2. रणजीत हनुमान मंदिर इंदौर (Ranjeet Hanuman Mandir)
इंदौर के फूटी कोठी रोड पर स्थित श्री रणजीत हनुमान मंदिर एक अनोखा स्थल है, जो विश्वभर में अद्वितीय है। यह हनुमान मंदिर विशेष रूप से आकर्षक है क्योंकि यहां भगवान हनुमान को हाथ में ढाल और तलवार लिए हुए चित्रित किया गया है, और उनके चरणों के पास अहिरावण को दर्शाया गया है। मंदिर की स्थापना 125 वर्ष पहले हुई थी और यह ऐतिहासिक रूप से युद्ध में जाने वाले राजाओं के लिए विजय का प्रतीक बन चुका है। इन राजाओं ने यहाँ आकर जीत का आशीर्वाद लिया, और कहा जाता है कि आज तक किसी भी राजा की हार नहीं हुई है। हनुमान जयंती जैसे विशेष अवसरों पर यहाँ उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
- रणजीत हनुमान मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6:00 से लेकर दोपहर 2:00 तक है और फिर शाम 4:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक है।
- इंदौर के प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर इंदौर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर दूर है।
3. बिजासन माता मंदिर इंदौर (Bijasan Mata Mandir Indore)
बिजासन माता मंदिर का इतिहास एक हजार साल पुराना है और यहां देवी के नौ स्वरूप विराजमान हैं। इंदौर के महाराजा शिवाजीराव होलकर ने 1760 में इस मंदिर का निर्माण कराया, जबकि पहले माता एक साधारण चबूतरे पर स्थापित थीं। पुराने समय में इस क्षेत्र में काले हिरणों का जंगल था और मंदिर तंत्र-मंत्र और सिद्धि के लिए प्रसिद्ध था। बिजासन माता को सौभाग्य और पुत्रदायिनी मानते हुए, नवयुगल विवाह के बाद यहां दर्शन के लिए आते हैं। कहा जाता है कि आल्हा-उदल ने मांडू के राजा को हराने के लिए माता से मन्नत मांगी थी। मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्र के दौरान विशाल मेला लगता है, जिसमें देशभर से लगभग 3 लाख श्रद्धालु शामिल होते हैं।
- बिजासन मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 5:00 से लेकर शाम 7:45 तक है।
- बिजासन माता मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर इंदौर के छावनी क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
4. हरसिद्धि मंदिर इंदौर (Harsiddhi Mandir Indore)
इंदौर का हरसिद्धि मंदिर अपनी प्राचीनता और धार्मिक महत्ता के लिए विख्यात है, जहां श्रद्धालुओं का निरंतर तांता लगा रहता है। देवी अहिल्याबाई होलकर द्वारा 21 मार्च 1766 को निर्मित इस मंदिर में माँ की दिव्य मूर्ति महिषासुर मर्दिनी मुद्रा में विराजित है। नवरात्रि पर्व पर माँ का विशेष श्रृंगार होता है और भक्तजन सिंहवाहिनी माँ के दर्शन के लिए देश-विदेश से आते हैं। पं. जनार्दन भट्ट यहाँ के संस्थापक पुजारी थे, जिन्हें अहिल्याबाई ने पुरोहित नियुक्त किया था। मंदिर परिसर में शंकरजी और हनुमान जी के भी मंदिर हैं। माँ की मूर्ति के बावड़ी से मिलने और महाराजा मल्हारराव होलकर को युद्ध से लौटते समय दर्शन देने की किंवदंतियाँ भी इस मंदिर से जुड़ी हैं।
- हरसिद्धि मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:00 से लेकर शाम 7:00 बजे तक है।
- इंदौर के प्रसिद्ध हरसिद्धि मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर इंदौर के कर्नावती नगर क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 5-6 किलोमीटर दूर है।
5. देवगुराड़िया मंदिर इंदौर (Devguradia Mandir Indore)
इंदौर से करीब 15 किमी दूर, नेमावर रोड की देवगुराड़िया पहाड़ियों में स्थित शिव मंदिर की धार्मिक मान्यता गरुड़ से जुड़ी हुई है, जिन्होंने यहां भगवान शिव की तपस्या की थी। इस कारण इसे गरुड़ तीर्थ भी कहा जाता है। देवी अहिल्याबाई होलकर ने 18वीं सदी में इस मंदिर को वर्तमान स्वरूप में दर्शन योग्य बनाया। मंदिर में स्थित प्राकृतिक गोमुख से शिव का निरंतर अभिषेक होता है, खासतौर पर सावन में। मंदिर के बाहर बने अमृतकुंड में पानी कभी सूखता नहीं, और यहां नाग-नागिन का जोड़ा भी देखा जाता है, जिनके दर्शन से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- देवगुराड़िया मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6:00 से लेकर रात 10:00 बजे तक है।
- इंदौर के देवगुराड़िया मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर इंदौर के देवगुराड़िया क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 12-15 किलोमीटर दूर है।
6. गोपाल मंदिर इंदौर (Gopal Mandir Indore)
इंदौर का गोपाल मंदिर, जो 1832 में महाराजा यशवंतराव होलकर की पत्नी महारानी कृष्णाबाई होलकर द्वारा 80 हजार रुपए की लागत से निर्मित किया गया था, इस साल 190 साल पुराना हो गया है। राजबाड़ा के दाहिनी ओर स्थित यह मंदिर सवा एकड़ में फैला है और राधाकृष्ण की मूर्तियों के साथ भगवान वरुण, वराह अवतार, और पद्मावती देवी की प्रतिमाएं भी यहाँ स्थापित हैं। मंदिर की वास्तुकला संगमरमर की सर्पिल संरचना के साथ प्राचीन मराठा शैली में बनाई गई है, जिसमें एक विशाल केन्द्रीय हाल और खूबसूरत कांच के झूमर शामिल हैं। गर्भगृह में भगवान कृष्ण की चांदी के दरवाजों से सजी संगमरमर की वेदी पर भव्य प्रतिमा विराजित है, जो देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
- इंदौर के इस लोकप्रिय गोपाल मंदिर में दर्शन का समय सुबह 7:00 से लेकर रात 9:00 बजे तक है।
- इंदौर के गोपाल मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर इंदौर के कनाड़िया रोड क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर दूर है।
7. वैष्णो देवी मंदिर इंदौर (Vaishno Devi Mandir Indore)
इंदौर के लाल बाग स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर की अनुकृति है, जिसमें माता के तीनों स्वरूप—महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती—पिंडी रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर का निर्माण सुरेन्दर कोल ग्रोवर ने 2009 में स्वप्न से प्रेरित होकर कराया था। इंदौर के इस गुफा मंदिर की भव्यता और दिव्यता देखते ही बनती है, जहां जलप्रपात और गुफा मार्ग भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। हर रोज, मंदिर में जलती दो अखंड ज्योति और माता के दर्शन करने वाले भक्तों की बढ़ती संख्या, इस स्थान की अपार श्रद्धा और महत्व को दर्शाते हैं। यहाँ मां की कृपा से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक है और फिर मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं शाम को 6:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक मंदिर के कपाट दर्शन के लिए खुले रहते हैं।
- इंदौर के प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर इंदौर के एरोड्रम रोड क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
8. विद्या धाम मंदिर इंदौर (Vidhya Dham Mandir Indore)
भारत में स्थित भगवान गणेश के अनेक मंदिरों में इंदौर के विद्याधाम का गणेश मंदिर विशेष रूप से अद्वितीय है। यह मंदिर देश का एकमात्र स्थान है जहां गणपति बप्पा अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं। यहां भगवान गणेश पांच पत्नियों (ऋद्धि, सिद्धि, तुष्टि, पुष्टि, श्री), दो पुत्रों (लाभ, शुभ) और दो पोतों (आमोद, प्रमोद) के साथ विराजते हैं। इस मंदिर का निर्माण 1995 में विद्याधाम की स्थापना के समय 14 अन्य मंदिरों के साथ हुआ था। इस अद्वितीय स्थान की स्थापना स्व. महामंडलेश्वर गिरजानंद सरस्वती द्वारा करवाई गई थी, जो भक्तों के लिए विशेष धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
- विद्या धाम मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:30 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक है
- इंदौर के प्रसिद्ध विद्या धाम मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर इंदौर के महालक्ष्मी नगर क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर दूर है।
9. श्री महालक्ष्मी मंदिर (Shree Mahalaxmi Mandir)
अहिल्या की नगरी इंदौर का राजवाड़ा स्थित प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर देवी महालक्ष्मी की अनंत आस्था का केंद्र है। हर साल दीपावली के दिन, यहाँ 50 हजार से अधिक भक्त पीले चावल लेकर आते हैं, ताकि घर में सुख-समृद्धि का आगमन हो सके। यह अनूठी परंपरा 1833 से निरंतर चली आ रही है। दीपावली पर सुबह से लेकर देर शाम तक एक-एक किलोमीटर लंबी कतारें लगती हैं। भक्त माता के साथ घर लौटते हैं और पूजन स्थल पर कुम-कुम से पदचिन्ह बनाकर माता का स्वागत करते हैं। मंदिर में अर्पित चावल को कुछ भक्त अपनी तिजोरी और दुकान के गल्ले में रखते हैं, जबकि बचे हुए चावल जरूरतमंदों में बांट दिए जाते हैं।
- श्री महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन का समय सुबह 4:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक है और फिर शाम को 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक है
- इंदौर के श्री महालक्ष्मी मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर इंदौर के पटेल नगर क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 7 किलोमीटर दूर है।
10. खाटूश्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir)
बाबा खाटू श्याम, जिन्हें भक्त ‘हारे का सहारा’ के नाम से भी पुकारते हैं, उनके प्रति अनगिनत लोगों की गहरी आस्था है। मान्यता है कि बाबा श्याम हर निराश व्यक्ति की मनोकामना पूरी करते हैं। हालांकि बाबा का प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर में भी खाटू श्याम का एक भव्य मंदिर आस्था का केंद्र बन गया है। इस मंदिर का निर्माण खाटू श्याम के परम भक्त सुभाष सिंह हाड़ा ने करवाया, जो कोविड की दूसरी लहर में दिवंगत हो गए थे। उन्होंने इस मंदिर के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था, जिससे यह मंदिर आज हजारों श्रद्धालुओं का आश्रय बन चुका है।
- इंदौर के इस बेहद लोकप्रिय खाटू श्याम मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:00 से लेकर दोपहर 1:00 बजे तक है और फिर यह मंदिर शाम को 5:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।
- इंदौर के लोकप्रिय खाटूश्याम मंदिर में दर्शन के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 12 किलोमीटर दूर है।
11. पंचमुखी हनुमान मंदिर (Panchmukhi Hanuman Mandir)
इंदौर शहर में स्थित यह प्राचीन दक्षिणमुखी पंचमुखी हनुमानजी का मंदिर लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर की अनोखी बात यह है कि यहां पंचमुखी और दक्षिणमुखी हनुमानजी एक साथ विराजमान हैं, जो सनातन धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। माना जाता है कि किसी समय यह इलाका सूनसान और भयावह था, जहां तालाब के किनारे अंतिम संस्कार होते थे। लोगों के भय को दूर करने के लिए पंचमुखी दक्षिणमुखी हनुमानजी की स्थापना की गई। महाबली हनुमान के इस रूप में पाँच मुख हैं, जिनमें हर मुख एक विशिष्ट शक्ति का प्रतीक है। मंदिर में रोज़ाना बड़ी संख्या में भक्तगण हनुमानजी के दर्शन और पूजन के लिए आते हैं।
- इंदौर के इस प्रसिद्ध पंचमुखी हनुमान मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6:00 से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच है।
- इंदौर के पंचमुखी हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर इंदौर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
12. चौबीस अवतार मंदिर (Chaubis Avtar Mandir)
इंदौर के पास देपालपुर में स्थित इस मंदिर को विशिष्ट बनाता है भगवान विष्णु के 24 अवतारों का दुर्लभ दर्शन, जो इसे दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर बनाता है। 30 बीघा जमीन पर बने इस मंदिर के निर्माण में लगभग 100 गांवों का सहयोग रहा, और इसे 2015-2016 में पूरा किया गया। यहां भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार और नौ दुर्गाओं का भी मंदिर है। इस धार्मिक स्थल की स्थापना 1968 में महाराज परमहंस ने की थी। मुख्य मंदिर की ऊंचाई 125 फीट है, और इसे गिनीज़ बुक में भी दर्ज किया गया है।
- चौबीस अवतार मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से लेकर रात 09:00 बजे तक है
- इंदौर के प्रसिद्ध चौबीस अवतार मंदिर दर्शन के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर इंदौर के अन्नपूर्णा क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से करीब 6-7 किलोमीटर दूर है।
13. मां कनकेश्वरी मंदिर (Maa Kankeshwari Dham)
इंदौर के परदेशीपुरा में स्थित मां कनकेश्वरी देवी का मंदिर अपनी भव्यता और श्वेतवर्णी सुंदरता से हर दर्शक को मोहित कर देता है। महल की तरह दिखने वाले इस मंदिर का निर्माण 2002 में शुरू होकर 2018 में पूरा हुआ, जिसमें 16 साल का लंबा समय लगा। मंदिर के गर्भगृह में मकराना मार्बल का उपयोग किया गया है, और मां जगदंबा शेर पर सवार होकर यहां विराजमान हैं। यहां की प्रतिमा 2011 में जयपुर से लाई गई थी। अपनी 70 खिड़कियों और विशिष्ट आर्किटेक्चर के साथ, यह मंदिर श्रद्धालुओं और फोटोग्राफरों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
- मां कनकेश्वरी मंदिर में दर्शन का समय सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक है
- इंदौर के प्रसिद्ध मां कनकेश्वरी मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर इंदौर के महल क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 8-10 किलोमीटर दूर है।
14. पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar Hanuman Mandir)
पितरेश्वर हनुमान धाम, देवी अहिल्या बाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और इंदौर रेलवे स्टेशन से 11 किलोमीटर और गंगवाल बस स्टैंड से 8 किलोमीटर दूर है। इस भव्य स्थल का श्रेय भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और उनकी टीम को जाता है, जिन्होंने हनुमानजी की विशाल मूर्ति स्थापित की। पितरेश्वर हनुमान धाम का निर्माण देवधरम टेकरी पर हुआ, जो पहले यशवंत सागर से शहर की जलापूर्ति का केंद्र था। 2002 में, जब कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के महापौर थे, उन्होंने हनुमानजी की यह भव्य मूर्ति स्थापित करने का विचार किया और पितृ पर्वत पर नागरिकों से अपने स्वर्गीय परिजनों की स्मृति में पौधे लगाने का आग्रह किया, जिसकी देखभाल इंदौर नगर निगम के कर्मी करते हैं।
- पितरेश्वर हनुमान मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6:00 से लेकर रात 10:00 बजे तक है।
- इंदौर के पितरेश्वर हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए, आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर इंदौर शहर के भंवरकुआं क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से करीब 5-6 किलोमीटर दूर है।
15. पंढरीनाथ मंदिर (Pandharinath Mandir)
इंदौर के पंढरीनाथ मंदिर में भगवान विट्ठल की काले पत्थर की स्वयंभू मूर्ति भक्तों के बीच आस्था का प्रमुख केंद्र है। कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से सुख, समृद्धि, और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होता है। महाराजा मल्हारराव होलकर द्वितीय के शासनकाल (1811-1833) में बना यह मंदिर भगवान पांडुरंग के एक भक्त विसाजी लाभांते की अनन्य भक्ति की निशानी है। एक बार पंढरपुर की यात्रा न कर पाने से व्यथित लाभांते को स्वप्न में भगवान ने दर्शन देकर मूर्ति की जानकारी दी, जिसे मंदिर में स्थापित किया गया, और तब से यह स्थल श्रद्धालुओं का पवित्र तीर्थ बन गया।
- पंढरीनाथ मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 9:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक है।
- इंदौर के पंढरीनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर महालक्ष्मी नगर में स्थित है, जो मुख्य शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है।
16. कांच मंदिर (Kanch Mandir)
इंदौर में स्थित कांच मंदिर, जिसे सेठ हुकुमचंद जैन ने 1903 के आसपास बनवाया था, जैन धर्म का एक अद्वितीय और प्रसिद्ध स्थल है। इस मंदिर का बाहरी हिस्सा एक मध्ययुगीन हवेली की तरह दिखता है, जिसमें छत्र वाली बालकनी और शिखर शामिल हैं। परंतु इसकी असली खूबसूरती अंदर से देखने पर महसूस होती है, जहां हर दीवार, स्तंभ, छत, और फर्श कांच के पैनल और मोज़ाइक से सजी है। जयपुर और ईरान के कारीगरों ने इस मंदिर को बहुरंगी कांच और दर्पणों के अद्भुत संयोजन से सजाया है। मुख्य गर्भगृह में तीर्थंकरों की मूर्तियों के साथ लगे दर्पण अनंत छवियां उत्पन्न करते हैं, जो इसकी विशेषता है।
- इंदौर के इस प्रसिद्ध कांच मंदिर में दर्शन का समय सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक है।
- इंदौर के प्रसिद्ध कांच मंदिर में दर्शन के लिए आप इंदौर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो से सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं। मंदिर शहर के मध्य में स्थित है।
Conclusion:- Famous Temples Of Indore
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (इंदौर के प्रसिद्ध मंदिर) Famous Temples Of Indore यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Famous Temples Of Indore
Q. इंदौर के सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन से हैं?
Ans. खजराना गणेश मंदिर
खजराना गणेश मंदिर इंदौर के सबसे पूजनीय और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। Famous Temples Of Indore यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और इसका निर्माण अहिल्याबाई होलकर द्वारा करवाया गया था। यहाँ की मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। भगवान गणेश की सुंदर प्रतिमा एक ही पत्थर से बनी हुई है और इसे कीमती आभूषणों और फूलों की मालाओं से सजाया जाता है।
अन्नपूर्णा मंदिर
अन्नपूर्णा मंदिर, देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में भोजन और पोषण की देवी मानी जाती हैं। इस मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय मंदिरों से प्रेरित है, जिसमें चार भव्य हाथियों की मूर्तियाँ मुख्य द्वार पर स्थापित हैं। यहाँ आने वाले भक्तों का मानना है कि देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद लेने से उनके जीवन में कभी भी भोजन की कमी नहीं होती।
बिजासन माता मंदिर
बिजासन माता मंदिर, देवी दुर्गा के एक रूप को समर्पित है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जिससे शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। नवरात्रि के दौरान यहाँ पर विशेष पूजा और मेलों का आयोजन होता है, जो भक्तों को एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
गोपाल मंदिर
गोपाल मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जो अपनी भव्य वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर की दीवारों पर की गई नक्काशी और भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर प्रतिमा, यहाँ की विशेषता है। जन्माष्टमी के अवसर पर यहाँ विशेष आयोजन होता है और हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
Q. इन मंदिरों का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
Ans. इन मंदिरों का दर्शन करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का होता है, जब आरती का आयोजन होता है। इसके अलावा, विशेष त्यौहार जैसे गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, और जन्माष्टमी के दौरान भी इन मंदिरों का विशेष महत्व होता है।
Q. इंदौर के इन मंदिरों में कैसे पहुँच सकते हैं?
Ans.इंदौर शहर में परिवहन की अच्छी सुविधा है। आप टैक्सी, ऑटो रिक्शा या लोकल बस के माध्यम से इन मंदिरों तक पहुँच सकते हैं। खजराना गणेश मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, और बिजासन माता मंदिर शहर के प्रमुख स्थलों के निकट स्थित हैं।
Q.क्या इन मंदिरों में फोटोग्राफी की अनुमति है?
Ans.अधिकांश मंदिरों में बाहरी क्षेत्रों में फोटोग्राफी की अनुमति होती है, लेकिन मंदिर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होती है। यह सुझाव दिया जाता है कि आप मंदिर प्रशासन से फोटोग्राफी के संबंध में जानकारी प्राप्त करें।