ओरिजिनल दस मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें (Original 10 Mukhi Rudraksha ki Pahchan kaise karen): भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है। ये भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ पवित्र रत्न है जिसे धारण करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। रुद्राक्ष अनेक प्रकार के होते हैं, जिनमें दस मुखी रुद्राक्ष सर्वाधिक दुर्लभ और शक्तिशाली माना जाता है। श्रीमद्देवी भागवत के अनुसार दस मुखी रुद्राक्ष स्वयं भगवान विष्णु का आशीर्वाद है। इसमें दस दिशाओं के देवताओं की शक्ति निहित होती है जो पहनने वाले को उनका आशीर्वाद प्रदान करती है। परंतु क्या आप जानते हैं कि असली दस मुखी रुद्राक्ष कैसा दिखता है? क्या आप अवगत हैं इसकी पहचान करने के तरीकों से? और क्या आपको पता है कि एक ओरिजिनल दस मुखी रुद्राक्ष की कीमत कितनी होती है? यदि नहीं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। इस लेख में हम आपको दस मुखी रुद्राक्ष के बारे में विस्तार से बताएंगे। हम चर्चा करेंगे कि यह क्या होता है, कैसे इसकी पहचान की जा सकती है, और इसकी वास्तविक कीमत क्या है। तो फिर देर किस बात की,
आइए शुरू करते हैं इस रहस्यमयी रत्न की दुनिया में प्रवेश करना और इसके रहस्यों को उजागर करना…
दस मुखी रुद्राक्ष क्या होता है? (10 Mukhi Rudraksha kya Hai)
10 मुखी रुद्राक्ष (10 Mukhi Rudraksha) पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है, जिससे यह अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना जाता है। निर्णयसिन्धु, मंत्रमहार्णव और श्रीमद् देवीभागवत पुराण में इसे विष्णु का रुद्राक्ष बताया गया है। साथ ही, रुद्राक्ष जाबालोपनिषद् के अनुसार, इस रुद्राक्ष को यमराज और दस दिशाओं के स्वामी, दस दिक्पालों का भी वरदान प्राप्त है। इस प्रकार, दस दिशाओं से आने वाली सभी नकारात्मक शक्तियों को नियंत्रित कर, यह रुद्राक्ष आपको सुरक्षा और शक्ति प्रदान करता है। Original 10 Mukhi Rudraksha ki Pahchan kaise karen इसके माध्यम से आप न केवल आत्मिक बल पा सकते हैं, बल्कि यह आपके जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है।
दस मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें? (10 Mukhi Rudraksha ki Pehchan kaise kare)
10 मुखी रुद्राक्ष (10 Mukhi Rudraksha) की पहचान करने के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- धारियाँ गिनें: असली 10 मुखी रुद्राक्ष (10 Mukhi Rudraksha) पर ऊपर से नीचे तक 10 धारियाँ होती हैं जो बराबर अंतराल पर स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। ये धारियाँ एक दूसरे से मिलती नहीं हैं।
- आकार और साइज़ देखें: 10 मुखी रुद्राक्ष का आकार गोल और थोड़ा चपटा होता है। साइज़ करीब 25-30mm होती है। सतह पर गहरी लाइनें और नुकीले सिरे होते हैं।
- सूई टेस्ट करें: असली रुद्राक्ष की धारियों पर एक सूई से हल्के से खरोंचने पर धारी नहीं उखड़ती। नकली में धारी उखड़ कर अलग हो जाती है।
- जल परीक्षण: असली 10 मुखी रुद्राक्ष को पानी में डालने पर वह डूब जाता है जबकि नकली तैरने लगता है।
- विशेषज्ञ से सलाह लें: गुणवत्तापूर्ण और असली रुद्राक्ष खरीदने के लिए प्रतिष्ठित विक्रेता और रुद्राक्ष विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होगा।
दस मुखी रुद्राक्ष की फोटो (10 Mukhi Rudraksha ki photo)
इस लेख के जरिए हम आपसे दस मुखी रुद्राक्ष (10 Mukhi Rudraksha) की फोटो साझा कर रहे हैं, फोटो देखने के बाद आप असली 10 मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने में और भी ज्यादा सक्षम हो सकेंगे।
दस मुखी रुद्राक्ष की कीमत (10 Mukhi Rudraksha ki keemat)
- Pandit.com एक प्रसिद्ध ब्रांड है जो 10 मुखी रुद्राक्ष – नेपाल प्रदान करता है। इसकी नियमित कीमत ₹5,100 है, लेकिन आप इसे ₹3,300 में खरीद सकते हैं। इसे आधिकारिक वेबसाइट पर ऑर्डर किया जा सकता है।
- Harekrishnamart.com पर 10 मुखी असली नेपाली रुद्राक्ष ₹3,000 में उपलब्ध है। आप इसे इस वेबसाइट से ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
यह भी पढ़े:- एक मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल एक मुखी रुद्राक्ष | दो मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल दो मुखी रुद्राक्ष | तीन मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल तीन मुखी रुद्राक्ष | चारमुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल चार मुखी रुद्राक्ष| पंचमुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल पंचमुखी रुद्राक्ष | छह मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल छह मुखी रुद्राक्ष | सात मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल सात मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल 8 मुखी रुद्राक्ष | आठ मुखी रुद्राक्ष | नौ मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल नौ मुखी रुद्राक्ष | ओरिजिनल 10 मुखी रुद्राक्ष | दस मुखी रुद्राक्ष | किस राशि वालों को कोनसा रुद्राक्ष पहनना चाहिए | Benefits Of Rudraksha | रुद्राक्ष पहनने के नियम
Conclusion:-Original 10 Mukhi Rudraksha ki Pahchan kaise karen
आशा करते हैं की (ओरिजिनल 10 मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
1. 10 मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें?
10 मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- इसमें 10 प्राकृतिक रेखाएं (मुख) होती हैं जो इसके पूरे सतह पर साफ दिखाई देती हैं।
- रुद्राक्ष का आकार गोल या अंडाकार हो सकता है।
- यह हल्के से गहरे भूरे या लाल रंग का हो सकता है।
- असली रुद्राक्ष को पानी में डालने पर यह डूब जाएगा, क्योंकि इसकी घनत्व अधिक होती है।
- असली रुद्राक्ष को नकली से पहचानने के लिए माइक्रोस्कोप का भी उपयोग किया जा सकता है, जिसमें इसके प्राकृतिक मुख और संरचना साफ दिखाई देती है।
2. 10 मुखी रुद्राक्ष का महत्व क्या है?
10 मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष मानसिक शांति, सुरक्षा, और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को कठिनाइयों से उभरने और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है।
3. क्या 10 मुखी रुद्राक्ष सभी के लिए लाभकारी है?
हां, 10 मुखी रुद्राक्ष सभी के लिए उपयुक्त होता है। यह मानसिक तनाव, चिंता, और नकारात्मकता को दूर करने में मदद करता है। इसे कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है, चाहे वह किसी भी राशि का हो। विशेष रूप से यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जिनका मानसिक संतुलन बिगड़ रहा हो या जीवन में अस्थिरता का अनुभव हो रहा हो।
4. 10 मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें?
10 मुखी रुद्राक्ष को गुरुवार या सोमवार को धारण करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसे धारण करने से पहले इसे गंगाजल से धोकर भगवान शिव या विष्णु की पूजा करें। रुद्राक्ष को चांदी, सोने या पंचधातु की माला में पिरोया जा सकता है, और इसे सीधे त्वचा से संपर्क में रखें ताकि इसके लाभकारी प्रभाव मिल सकें।
5. क्या 10 मुखी रुद्राक्ष का वैज्ञानिक आधार है?
हालांकि रुद्राक्ष का ज्यादातर महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक है, कुछ वैज्ञानिक शोध भी यह बताते हैं कि रुद्राक्ष के बीजों में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गुण होते हैं जो तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में मदद करते हैं। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है और शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है।
6. 10 मुखी रुद्राक्ष को कैसे साफ और संधारित करें?
रुद्राक्ष को समय-समय पर साफ करना और उसकी उचित देखभाल करना जरूरी है। इसे साफ करने के लिए गंगाजल या साधारण पानी का उपयोग करें और धूप में सुखाएं। इसे धारण करने के दौरान सावधानी बरतें कि यह किसी रसायन या साबुन के संपर्क में न आए।