बाबा रामदेव जी की आरती (Baba Ramdev ji ki Aarti): बाबा रामदेव जी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके दरबार में हिंदू, मुस्लिम सहित सभी धर्मों के लोग श्रद्धा से आते हैं। बाबा रामदेव जी के गुणगान में अनेक आरतियां और भजन रचे गए हैं, जो उनके भक्तों द्वारा बड़ी श्रद्धा और उत्साह से गाए जाते हैं। इन आरतियों में ‘जय अजमल लाला’ और ‘सुगना बाई’ विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। इन आरतियों के बोल बाबा रामदेव जी के दिव्य स्वरूप, चमत्कारों और भक्त-वत्सलता का वर्णन करते हैं। ये आरतियां न सिर्फ भक्ति और आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि लोगों को एकजुट करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने का माध्यम भी हैं। इस लेख में हम बाबा रामदेव जी की इन लोकप्रिय आरतियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही इन आरतियों के मूल हिंदी पाठ भी प्रस्तुत करेंगे। पाठकों की सुविधा के लिए इन आरतियों के PDF संस्करण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
आइए, हम सब मिलकर बाबा रामदेव जी की आरतियों के माध्यम से उनके प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति अर्पित करें…
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Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | रामदेव जी की आरती |
2 | रामदेव जी की आरती जय अजमल लाला |
3 | रामदेव जी की आरती लिखित में |
4 | बाबा रामदेव जी की आरती पीडीएफ |
रामदेव जी की आरती (Ramdev Ji ki Aarti)
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पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
घर अजमल अवतार लियो
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।गंगा जमुना बहे सरस्वती।
रामदेव बाबो स्नान करे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।घिरत मिठाई बाबा चढे थारे चूरमो
धूपारी महकार पङे
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।ढोल नगाङा बाबा नोबत बाजे
झालर री झणकार पङे
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।दूर-दूर सूं आवे थारे जातरो
दरगा आगे बाबा नीवण करे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।हरी सरणे भाटी हरजी बोले।
नवों रे खण्डों मे निसान घुरे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
जै बाबा रामदेव्
रामदेव जी की आरती जय अजमल लाला (Ramdev Ji ki Aarti Jai Ajmal Lala)
जय अजमल लाला,प्रभू जय अजमल लाला।
भक्त काज कलयुग में,लीन्हो अवतारा॥
ॐ जय अजमल लालाअश्वन की असवारी सोवे, केशरिया जामा।
शीश तुर्रो हद सोवे, हाथ में लिये भाला॥
ॐ जय अजमल लालाडूबत जहाज तैराई, भैरव देत्य मारा।
कृष्ण कला भय भंजन, राम रुणीचे वाला।
ॐ जय अजमल लालाअन्धन को प्रभु नेत्र देते हैं, कोढ़न को काया।
बांझन पुत्र खिलावे, निर्धन को माया॥
ॐ जय अजमल लालानाथ द्वारका धाम से चलकर, धोरा में आया।
चार कूंट चऊदीश में, नेजा फहराया॥
ॐ जय अजमल लालाजब जब भीड़ पड़ी भक्ता पर, दौड़ दौड़ आया।
जहर भरे जीवन में, अमृत बरसाया॥
ॐ जय अजमल लालाआरती रामदेव जी की, जो कोई नर गावे।
कटे पाप जन जन का, विपदा मिट जावे॥
ॐ जय अजमल लालाॐ जय अजमल लाला, प्रभु जय अजमल लाला।
बाबा राम रूणीचे वाला, बाबा लीले घोड़े वाला, बाबा मेंणादे का लाला, बाबा धोली ध्वजा वाला,
भक्त काज कलयुग में, लीन्हो अवतारा॥
ॐ जय अजमल लाला
रामदेव जी की आरती लिखित में (Ramdev Ji ki Aarti likhit Mein)
जय श्री रामदेव अवतारी,
कलयुग में धणी आप पधारे ।सतयुग में बाबा विष्णु बन आए,
मधु-कटैभ को मार गिराये
ब्रह्मा जी को आप ऊबारो,
देव श्री कहलाये ॥जय श्री रामदेव अवतारी,
कलयुग में धणी आप पधारे ।त्रेता में बाबा राम बन आए,
रावण को मार गिराये
महाबीर की आप उबारो,
पुरूषोत्तम कहलाये ॥जय श्री रामदेव अवतारी,
कलयुग में धणी आप पधारे ।द्वापर में बाबा कृष्ण बन आए,
कंस को मार गिराये
सुदामा को आप उबारो,
वासुदेव कहलाये ॥जय श्री रामदेव अवतारी,
कलयुग में धणी आप पधारे ।कलयुग में बाबा रामदेव बन आए,
भैरों-राकस को मार गिराये
बोहिता बनिए को आप उबारो,
रामपीर कहलाये ॥जय श्री रामदेव अवतारी,
कलयुग में धणी आप पधारे ।माता मैनादे पिता अजमाल जी,
बाबा संग में डाली आयेदेबो साबो पुत्र थारे,
नेतली कहलाये ॥जय श्री रामदेव अवतारी,
कलयुग में धणी आप पधारे ।श्री रामपीर की आरती,
जो कोई नर गाये
जन्म-जन्म के कष्ट मिटे,
भव सागर तर जाये ॥जय श्री रामदेव अवतारी,
कलयुग में धणी आप पधारे ।गरू नरसिंह पाण्डे शरणे,
‘बाबा’ प्रकाश पाण्डे गाये
प्रेमनगर में मन्दिर तिहारा,
गढ़ सिरसा कहलाये ॥
बाबा रामदेव जी की आरती पीडीएफ (Baba Ramdev ji ki Aarti PDF)
बाबा रामदेव जी की आरती PDF Downloadइस विशेष लेख में हम आपसे एक पीडीएफ (PDF) साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ में बाबा रामदेव जी की आरती लिखी हुई है, पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड (Download) करने के बाद आप बाबा रामदेव जी की आरती को सरलता पूर्वक पढ़ सकते हैं।
Conclusion:-Baba Ramdev ji ki Aarti
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (रामदेव जी की आरती) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. बाबा रामदेव जी का जन्म कब और कहां हुआ था?
Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) का जन्म विक्रम संवत् 1409 की भाद्रपद मास की दूज को राजस्थान के रुणिचा में हुआ था।
Q. बाबा रामदेव जी ने किस सामाजिक बुराई के खिलाफ संघर्ष किया?
Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) ने समाज में व्याप्त जात-पात, छुआछूत, और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया और अछूतों के उद्धारक बने।
Q. बाबा रामदेव जी को मुसलमान किस नाम से जानते हैं?
Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) को मुसलमान ‘रामसा पीर’ के नाम से जानते हैं
Q. बाबा रामदेव जी की समाधि कब हुई?
Ans. बाबा रामदेव जी ने विक्रम संवत् 1442 में समाधि ग्रहण की।
Q. बाबा रामदेव जी के प्रमुख अनुयायियों में कौन से समुदाय के लोग विशेष रूप से शामिल हैं?
Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) के प्रमुख अनुयायियों में दलित समुदाय के लोग विशेष रूप से शामिल हैं।
Q. रामदेवरा में बाबा रामदेव जी के स्मारक की क्या महत्ता है?
Ans. रामदेवरा में बाबा रामदेव जी के स्मारक पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आकर उनकी पूजा करते हैं, जो उनकी महत्ता को दर्शाता है।