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Shri Ganesh ji ki Aarti In Hindi: इस आरती से करें भगवान गणेश को प्रसन्न, मिलेगा सुख संपत्ति और वैभव का वरदान

Ganesh ji ki Aarti In Hindi
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गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki Aarti In Hindi): गणेश जी (Lord Ganesh) हमारे हिंदू धर्म में सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता हैं। उन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। गणेश जी की पूजा के बिना किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती। उनकी कृपा से हर कार्य में सफलता मिलती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। गणेश जी की भक्ति में डूबे भक्त उनकी आरती गाते हैं। गणेश जी की आरती में एक अलग ही आनंद है। उनकी आरती सुनकर मन प्रफुल्लित हो जाता है और भक्ति का सागर उमड़ पड़ता है। गणेश जी की मूर्ति के सामने दीप जलाकर उनकी आरती करने का अपना ही एक आनंद है। गणेश जी की कई प्रसिद्ध आरतियां हैं जो हर भक्त के मन को मोह लेती हैं। इन आरतियों के बोल बड़े ही मधुर और भावपूर्ण होते हैं। गणेश जी के गुणों और महिमा का वर्णन इन आरतियों में बखूबी किया गया है। इन आरतियों को सुनकर और गाकर हम गणेश जी की कृपा पा सकते हैं।

तो आइए, गणेश जी की कुछ लोकप्रिय आरतियों के बारे में विस्तार से जानते हैं…

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Table Of Content:-Ganesh ji ki Aarti In Hindi 

S.NOप्रश्न
1गणेश जी की आरती लिखी हुई
2गणपती आरती सुखकर्ता दुखहर्ता लिरिक्स
3गणेश जी की आरती पीडीएफ

गणेश जी की आरती लिखी हुई (Ganesh Ji ki Aarti likhi Hui)

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भगवान गणेश (Lord Ganesh) जी की आरती “जय गणेश जय गणेश देवा” एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय आरती है, जो गणेश चतुर्थी सहित विभिन्न धार्मिक अवसरों पर गाई जाती है। यह आरती भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करती है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए गाई जाती है।

जय गणेश जय गणेश देवा

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एकदंत, दयावंत, चार भुजाधारी।
माथे सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दानव संदन, सुख संदन, सुरवरों के स्वामी।
मोदक प्रिय, मूरत सुंदर, संकट के हरन॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

इस आरती के गायन से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी विघ्नों का नाश होता है। आरती के अंत में गणेश जी के चरणों में प्रणाम करें और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की कामना करें।

गणपती आरती सुखकर्ता दुखहर्ता लिरिक्स (Sukhkarta Dukhharta Ganpati Aarti)

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सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झळके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतत संपत सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव

गणेश जी की आरती लिरिक्स (Ganesh ji ki Aarti PDF)

गणेश जी की आरती लिरिक्स PDF Download

भगवान गणेश (Lord Ganesh) जी की आरती से संबंधित इस बेहद खास लेख के जरिए हम आपसे एक पीडीएफ साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ (PDF) में गणेश जी की आरती लिखी हुई है जिससे आप सरलता पूर्वक पढ़ सकते हैं।

Conclusion:-Ganesh ji ki Aarti In Hindi

गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti) भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। ये आरतियाँ गणेश जी के प्रति समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक हैं। विघ्नहर्ता गणेश की आरती गाकर भक्त अपने जीवन से विघ्न-बाधाएँ दूर करने की कामना करते हैं। भगवान गणेश जी की आरती से संबंधित यह बेहद खास लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो और भी देवी-देवताओं की आरती मंत्र व श्लोक पढ़ने के हमारे अन्य लेख भी जरूर पढ़िए और हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in/ पर रोजाना विजिट करिए 

FAQ’s

Q. गणेश जी की आरती का उद्देश्य क्या होता है?

Ans. गणेश जी की आरती का उद्देश्य भगवान गणेश की स्तुति करना, उनके प्रति भक्ति व्यक्त करना, और उनकी कृपा प्राप्त करना होता है। आरती के माध्यम से भक्त गणेश जी से जीवन के विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

Q. गणेश जी की आरती के कौन-कौन से रूप लोकप्रिय हैं?

Ans. “जय गणेश, जय गणेश देवा” के अलावा “सुखकर्ता दुःखहर्ता”, “गणपति की आरती”, और “गणेश वंदना” जैसी आरतियाँ भी लोकप्रिय हैं। ये आरतियाँ गणेश जी की विभिन्न स्वरूपों और गुणों का वर्णन करती हैं।

Q. गणेश जी की आरती कब की जाती है?

Ans. गणेश जी की आरती आमतौर पर सुबह और शाम के समय, पूजा के अंत में की जाती है। विशेष अवसरों जैसे गणेश चतुर्थी, गणेश स्थापना, और गणेश विसर्जन के समय भी आरती की जाती है।

Q. गणेश जी की आरती कब की जाती है?

Ans. गणेश जी की आरती आमतौर पर सुबह और शाम के समय, पूजा के अंत में की जाती है। विशेष अवसरों जैसे गणेश चतुर्थी, गणेश स्थापना, और गणेश विसर्जन के समय भी आरती की जाती है।

Q. आरती गाने के दौरान किस वाद्य यंत्र का उपयोग होता है?

Ans. गणेश जी की आरती गाने के दौरान घंटी, शंख, ढोलक, मंजीरा और झांझ जैसे वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाता है। ये वाद्य यंत्र आरती के समय एक भक्तिमय और ऊर्जा से भरा वातावरण बनाते हैं।

Q. गणेश जी की सबसे प्रसिद्ध आरती कौन सी है?

Ans. गणेश जी की सबसे प्रसिद्ध आरती “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा” है। यह आरती गणेश चतुर्थी और अन्य धार्मिक अवसरों पर भक्तों द्वारा गाई जाती है और भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करती है।