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Rules For Tulsi Mala: तुलसी माला के लिए नियम: क्या हैं तुलसी माला पहनने- जपने के नियम?

Rules for Tulsi Mala
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तुलसी माला के लिए नियम (Rules For Tulsi Mala): हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। यह न केवल एक पवित्र पौधा है, बल्कि इसकी लकड़ी से बनी माला भी आध्यात्मिक और औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है। तुलसी की माला भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माला धारण करने और इससे मंत्र का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, मन को शांति मिलती है और कई रोगों से मुक्ति मिलती है। परंतु क्या आप जानते हैं कि तुलसी माला का जाप करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है? क्या आपको पता है कि तुलसी माला को कैसे सिद्ध किया जाता है और इससे कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए? इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ना न भूलें। 

यहाँ हम आपको तुलसी माला के धारण करने और जाप करने से जुड़े महत्वपूर्ण नियमों और विधियों के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि तुलसी माला का प्रयोग करके आप अपने जीवन में किस प्रकार सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। तो चलिए, इस रोचक यात्रा पर निकलते हैं और तुलसी माला के चमत्कारी प्रभावों का अनुभव करते हैं…

Table Of Content:-Rules for Tulsi Mala

S.NOप्रश्न
1तुलसी की माला कितनी बार जपना चाहिए?
2तुलसी की माला को सिद्ध कैसे करें? 
3तुलसी माला पहनने और जपने का सही तरीका 
4तुलसी की माला से कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए? 
5तुलसी की माला किस दिन पहने? 

तुलसी की माला कितनी बार जपना चाहिए? (How Many Times Should One Chant Tulsi Mala)

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तुलसी की माला (Rules for Tulsi Mala) से जप करना और उसे धारण करना हिंदू सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। तुलसी की माला (Tulsi Mala) को सभी मालाओं में सबसे शुद्ध स्थान दिया गया है। यह माला तुलसी माता के पौधों की लकड़ियों से बनाई जाती है और इसमें कम से कम 27 या 108 मनके होते हैं। इससे कम या ज्यादा मनकों वाली माला का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। अधिकतर विष्णु और श्री कृष्ण के भक्त तुलसी की माला से 108 बार ही जाप करते हैं, अगर आप चाहे तो श्रद्धानुसार ज्यादा भी जाप कर सकते हैं। कहते हैं कि जो लोग भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु के उपासक होते हैं वे लोग तुलसी की माला को अपने गले में धारण करते हैं। जो व्यक्ति तुलसी की माला को धारण करता है उसे मांस और मदिरा का सेवन नही करना चाहिए, अगर व्यक्ति तुलसी की माला पहनकर तामसिक भोजन करता है तो उसे फायदे की जगज नुकसान हो सकता है।

तुलसी की माला को सिद्ध कैसे करें? 

तुलसी माला (Tulsi Mala) को जागृत करने के लिए पहले उसे गंगाजल या शुद्ध पानी से धो लें। फिर उसे एक साफ कपड़े से पोंछकर भगवान के सामने रखें। दीपक जलाएं और कुछ अगरबत्तियां जलाकर भगवान की आरती करें। भगवान से प्रार्थना करें कि वे माला को आशीर्वाद दें। तुलसी माला (Tulsi Mala) के सामने ध्यान लगाएं और मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ विष्णुवे नमः”। अंत में, माला को एक साफ कपड़े में लपेटकर सुरक्षित स्थान पर रखें। इस प्रक्रिया से माला शुद्ध और जागृत हो जाती है, और उसका उपयोग पूजा और जाप के लिए किया जा सकता है।

तुलसी माला पहनने और जपने का सही तरीका (Tulsi ki Mala Pehne ke Niyam)

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तुलसी (Tulsi Mala), जिसे पवित्र तुलसी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। इसका महत्व इतना है कि तुलसी के पेड़ को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और देवी लक्ष्मी का निवास माना जाता है। यही कारण है कि तुलसी की माला (गैरलिंड) पहनना भी हिंदू धर्म में उच्चतम सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

तुलसी की माला को पहनने का सही तरीका इस प्रकार है:

  • पहनने से पहले, तुलसी की माला को गंगा जल से शुद्ध करना चाहिए।
  • शुद्ध करने के बाद, माला को शरीर के संपर्क में आने के लिए गले में धारण करना चाहिए।
  • तुलसी की माला पहनने वाले व्यक्ति को सत्त्विक भोजन करना चाहिए और मांसाहार, मद्यपान और तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
  • तुलसी की माला को शरीर से किसी भी परिस्थिति में नहीं हटाना चाहिए।

जब बात तुलसी की माला का जप करने की आती है, तो विशेष नियम और तरीके निम्नलिखित  हैं:

  • तुलसी की माला (Tulsi Mala) को अपने दाहिने हाथ में लें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप 108 बार करें।
  • जप करने के बाद, सम्मान के चिन्ह के रूप में तुलसी की माला को अपने माथे से स्पर्श करें।
  • तुलसी की माला से जप करने के पश्चात तुलसी माला को गोमुखी में सम्मानपूर्वक स्वच्छ स्थान पर रख दें। 

तुलसी की माला से कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए? 

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हिन्दू धर्म में तुलसी की माला (Tulsi Mala) का उच्च महत्व है। तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करना सर्वोत्तम माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो समृद्धि और सच्चे ध्यान की ओर ले जाता है। यह मंत्र 108 बार उच्चारित करने के लिए सुझावित है, जिससे अधिकतम लाभ होते हैं।

तुलसी की माला किस दिन पहने और माला पहनने के फायदे क्या हैं?

तुलसी की माला (Tulsi Mala) धारण करने का सबसे शुभ दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद का समय होता है। इसके अलावा सोमवार, गुरुवार और बुधवार को भी तुलसी माला पहनी जा सकती है। हालांकि, रविवार या अमावस्या के दिन तुलसी माला धारण करने से बचना चाहिए। तुलसी माला पहनने से पहले गंगाजल से शुद्ध करना आवश्यक है।

तुलसी माला के फायदे (tulsi mala benefits) निम्नलिखित हैं-

  • आध्यात्मिक शांति और ध्यान: तुलसी को पवित्र और दिव्य माना जाता है। तुलसी माला पहनने से मानसिक शांति मिलती है और ध्यान करने में सहायक होती है। यह आत्मा को शुद्ध करती है और आध्यात्मिक उन्नति में मदद करती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: तुलसी के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। तुलसी माला पहनने से त्वचा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा: तुलसी माला (Tulsi Mala) नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करती है। इसे पहनने से व्यक्ति को सुरक्षा का अनुभव होता है और यह जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली लाने में सहायक होती है।

Conclusion:- Rules for Tulsi Mala

तुलसी की माला का नियमित जाप और पवित्र विधि से धारण करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। मन शांत और आत्मा पवित्र होती है। तुलसी की माला के नियमों से संबंधित यह विशेष लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे और भी धार्मिक रोचक लेख जरूर पढ़ें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:-Rules for Tulsi Mala

Q. तुलसी माला का जाप कितनी बार करना चाहिए? 

Ans. तुलसी माला (Tulsi Mala) का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा 1008 बार किया जा सकता है। नियमित रूप से प्रतिदिन एक माला का जाप करने से मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक लाभ होते हैं।

Q. तुलसी माला पहनने के क्या नियम हैं? 

Ans. तुलसी माला (Tulsi Mala) पहनने वाले को सात्विक आहार लेना चाहिए। मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। माला को बार-बार उतारना नहीं चाहिए। पहनने से पहले गंगाजल से शुद्ध करना आवश्यक है।

Q. तुलसी माला को कैसे सिद्ध करें? 

Ans. तुलसी माला (Tulsi Mala) को धारण करने से पहले उसे गंगाजल या पवित्र जल से अच्छी तरह धोकर शुद्ध करना चाहिए। फिर सूखने के बाद ही पहनना चाहिए। इससे माला सिद्ध हो जाती है।

Q. तुलसी की माला से कौन से मंत्र का जाप करें? 

Ans. तुलसी माला (Tulsi Mala) से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के मंत्रों का जाप करना सर्वोत्तम माना जाता है। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, हरे कृष्ण हरे कृष्ण या श्री राम जय राम जय जय राम जैसे मंत्रों का जाप तुलसी माला से करने से अधिक फल मिलता है।

Q. तुलसी माला कब धारण करनी चाहिए? 

Ans. तुलसी माला (Tulsi Mala) धारण करने का शुभ समय प्रदोष काल यानि सूर्यास्त के बाद का समय माना जाता है। इसके अलावा सोमवार, बुधवार और गुरुवार को भी तुलसी माला पहनी जा सकती है। रविवार या अमावस्या को नहीं पहननी चाहिए।

Q. तुलसी माला पहनने से क्या लाभ होते हैं? 

Ans. तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है। अतः इसकी माला पहनने से जीवन में धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। सुख-समृद्धि बनी रहती है। मन में सकारात्मक विचार आते हैं और व्यक्ति अपने कार्यों में आगे बढ़ता है।