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Bhole Baba ke Bhajan Lyrics: टॉप 5 भोले बाबा के ढोलक वाले भजन, अभी पढ़ें पूरी लिरिक्स के साथ 

Bhole Baba ke Dholak Wale Bhajan Lyrics
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भोले बाबा के ढोलक वाले भजन लिरिक्स (Bhole Baba ke Dholak Wale Bhajan Lyrics): श्रावण मास शिव भक्ति का पावन महीना है। इस महीने में शिव मंदिर में महिलाएं मंडलियों में एकत्रित होकर ढोलक वाले शिव भजन गाती हैं और ढोलक की ताल पर नृत्य भी करती हैं। इन भजनों में भगवान शिव और माता पार्वती की महिमा का गुणगान किया जाता है। ये भजन हमें शिव जी के प्रति समर्पण और भक्ति की याद दिलाते हैं। वे हमें सच्चे प्रेम और विश्वास का महत्व समझाते हैं। ये भजन हमारे मन को शांति देते हैं और जीवन की समस्याओं से लड़ने का साहस जगाते हैं। श्रावण मास में शिव जी की आराधना का विशेष महत्व है। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ढोलक वाले शिव भजन लेकर आए हैं जो सावन के महीने में विशेष रूप से गाए जाते हैं। ये भजन आपको भक्ति के रंग में डुबो देंगे। इनकी धुनें आपको झूमने पर मजबूर कर देंगी। 

तो चलिए, इन भजनों के माध्यम से भोले बाबा की महिमा में खो जाते हैं और उनका आशीर्वाद पाते हैं। इन भजनों को सुनकर आप भी शिव भक्ति की अनुभूति कर पाएंगे, इसीलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें…

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Table Of Content :-Bhole Baba ke Dholak Wale Bhajan Lyrics

S.NOभजन 
1मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ लिरिक्स
2भोले ले चल काशी धाम भजन लिरिक्स
3लोहे का त्रिशूल कमन्डल पीतल का भजन लिरिक्स
4हरे तीन पतों मे क्या बल है भजन लिरिक्स
5तेरी लटा मेरे मन भाई भजन लिरिक्स

1. मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ लिरिक्स (Mandir Mandir Mein Biraje Bholenath) 

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मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,
चढ़ा लो लोटा जल भर के….

काहे के गणपति बनाएं,
काहे की बनाए भोलेनाथ, चढ़ा लो लोटा जल भरके,
मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,
चढ़ा लो लोटा जल भर के….

गोबर की गणपति बनाएं,
चिकनी मिट्टी के बनाए भोलेनाथ, चढ़ा लो लोटा जल भरके,
मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,
चढ़ा लो लोटा जल भर के….

कोंन दिना गणपति मनाए,
कोन दिनां भोलेनाथ, चढ़ा लो लोटा जल भरके,
मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,
चढ़ा लो लोटा जल भर के….

बुधवार गणपति मनाए,
सोमवार भोलेनाथ, चढ़ा लो लोटा जल भरके,
मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,
चढ़ा लो लोटा जल भर के….

दूध घास गणपति पे चढ़ावे,
बेलपत्र भोलेनाथ, चढ़ा लो लोटा जल भरके,
मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,
चढ़ा लो लोटा जल भर के….

लड्डू का भोग गणपति को लगाएं,
भांग धतूरा भोलेनाथ, चढ़ा लो लोटा जल भरके,
मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,
चढ़ा लो लोटा जल भर के….

2. भोले ले चल काशी धाम भजन लिरिक्स (Bhole Chale kashi Dham Lyrics)

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ओ भोले ले चल काशी धाम,
जहाँ विराजे गौरा रानी गणपति सरकार……

शीश भोले के जटा विराजे,
जटा विराजे जटा विराजे,
उनकी जटा से बहती रहती,
गंगा की ये धार,
ओ भोले ले चल काशी धाम……

गले भोले के रुणडो की माला,
रुणडो की माला रुणडो की माला,
उनके गले में लिपटा रहता,
विषधर काला नाग,
ओ भोले ले चल काशी धाम……

हाथ भोले के त्रिशूल विराजे,
त्रिशूल विराजे त्रिशूल विराजे,
उनके हाथ में बजता रहता,
डमरू चारो धाम,
ओ भोले ले चल काशी धाम……

पाँव भोले के खडाऊं विराजे,
खडाऊं विराजे खडाऊं विराजे,
उनके पैरो में बजती रहती,
घुंघरू की झंकार,
ओ भोले ले चल काशी धाम……

3. लोहे का त्रिशूल कमन्डल पीतल का भजन लिरिक्स (Lohe ka Trishul kamandal Pital ka Bhajan Lyrics)

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लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का,
रूप सुहाना लागे भोले बाबा का॥

मैं जब जब तुमको देखु, तेरी जटा में गंगा विराजे,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

मैं जब जब तुमको देखु, तेरे माथे पे चन्दा सोहे,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

मैं जब जब तुमको देखु, तेरे गले में नागो की माला,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

मैं जब जब तुमको देखु, तेरे हाथ में डमरू साजे,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

मैं जब जब तुमको देखु, तेरे अंग में बाघम छाला,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

मैं जब जब तुमको देखु, तेरी गोद में गणपति लाला,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

मैं जब जब तुमको देखु, तेरे बगल में गोरा माता,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

मैं जब जब तुमको देखु, तेरे चरणों में नन्दी राजा,
मैं मस्त मगन हो जाऊँ, और करू मैं तेरी पूजा,
ओम नमः शिवायः, ओम नमः शिवायः
लोहे का त्रिशूल कमण्डल पीतल का……..

4. हरे तीन पतों मे क्या बल है भजन लिरिक्स (Hare Teen Patton Mein kya Bal Hai)

हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
भोला मगन है भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है॥

हरे तीन पतों मे क्या बल है
सरयु मगन है गोमती मगन है,
गंगा में ऐसा क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है॥

सूरज मगन है तारे मगन है,
चंदा में ऐसा क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है॥

बिच्छु मगन है ततैया मगन है,
नागो में ऐसा क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है॥

ढोलक मगन है मजीरा मगन है,
डमरू में ऐसा क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है॥

लड्डू मगन है पेड़ा मगन है
भाग धतूरे में ऐसा क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है॥

शाल मगन है दुशाला मगन है,
बाघम्बर में ऐसा क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है॥

गणपति मगन है कार्तिक मगन है,
गौरा में ऐसा क्या बल है जिसमे भोला मगन है,
हरे तीन पतों मे क्या बल है जिसमे भोला मगन है

5. तेरी लटा मेरे मन भाई भजन लिरिक्स (Teri lata Mere Man Bhai Lyrics)

तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी……

तेरी लटा से बह रही गंगा,
तेरी लटा से बह रही गंगा,
नहावे दुनिया सारी,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी…….

तेरे माथे पर चंदा चमके,
तेरे माथे पर चंदा चमके,
पूजे दुनिया सारी,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी………

तेरे गले में नागों की माला,
तेरे गले में नागों की माला,
डर जाए दुनिया सारी,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी……..

तेरे हाथ में डमरू बाजे,
तेरे हाथ में डमरू बाजे,
नाचे दुनिया सारी,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी……..

तेरी गोदी में गणपति सोहे,
तेरी गोदी में गणपति सोहे,
पूजे दुनिया सारी,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी……

तेरे संग गौरा विराजे,
तेरे संग गौरा विराजे,
जोड़ी लगे अति प्यारी,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी…….

नीलकंठ है धाम तुम्हारा,
नीलकंठ है धाम तुम्हारा,
चढ गई दुनिया सारी,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी…….

नीलकंठ पे मैं भी आई,
नीलकंठ पे मैं भी आई,
कुंडी सोटा संग में लाई,
भांग घोट के पाई,
ओ भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
भंडारी भोले भंडारी,
तेरी लटा मेरे मन भाई,
ओ भोले भंडारी….

Conclusion:-Bhole Baba ke Dholak Wale Bhajan Lyrics

सावन (Bhole Baba ke Dholak Wale Bhajan Lyrics) के भजनों की धुन पर झूमते भक्तों का नजारा देखते ही बनता है। इन भजनों के बोल भोलेनाथ के प्रति समर्पण और श्रद्धा से ओतप्रोत होते हैं। भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हुए ये भजन श्रोताओं के मन-मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ते हैं। भगवान शिव (Lord Shiva) के इन ढोलक वाले भजनों से संबंधित यह बेहद खास लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को सभी शिव भक्तों के साथ साझा करें साथ ही साथ हमारे इस वेबसाइट जन भक्ति पर भी रोजाना विजिट करें।

FAQ’s

Q. भगवान शिव के ढोलक वाले भजनों का क्या महत्व है?

Ans. भगवान शिव (Lord Shiva) के ढोलक वाले भजन भक्तों में भक्ति की भावना जागृत करते हैं और उन्हें भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का एक साधन प्रदान करते हैं। ये भजन शिवजी की महिमा का वर्णन करते हैं और धार्मिक आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Q. ढोलक वाले भजनों की प्रमुख लिरिक्स में क्या विशेषता होती है?

Ans. ढोलक वाले भजनों की लिरिक्स में भगवान शिव की महिमा, उनकी लीलाओं और उनके आशीर्वाद का वर्णन होता है। ये लिरिक्स सरल, सजीव और भावनात्मक होती हैं, जो सुनने वालों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं।

Q. सावन के महीने में भगवान शिव के कौन से भजन लोकप्रिय होते हैं?

Ans. सावन के महीने में “बम बम भोले”, “शिव तांडव स्तोत्र”, “ओम नमः शिवाय”, “शिव चालीसा” और “कर्पूरगौरम” जैसे भजन बहुत लोकप्रिय होते हैं। ये भजन ढोलक की ताल पर गाए जाते हैं और शिव भक्तों के बीच प्रिय हैं।

Q.ढोलक की ताल का भजनों में क्या महत्व है?

Ans. ढोलक की ताल भजनों में एक विशेष ऊर्जा और उत्साह भरती है। यह भजनों को जीवंत और सजीव बनाती है, जिससे भक्तगण भजनों में और अधिक मग्न हो जाते हैं और भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करते हैं।

Q.सावन में भगवान शिव के ढोलक वाले भजनों का धार्मिक महत्व क्या है?

Ans. सावन में भगवान शिव (Lord Shiv) के ढोलक वाले भजन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होते हैं। ये भजन भक्तों को शिवजी की महिमा का अनुभव कराते हैं और उनकी उपासना में लीन होने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे वे शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

Q. “कर्पूरगौरम” की प्रमुख लिरिक्स क्या हैं?

Ans. “कर्पूरगौरम” की प्रमुख लिरिक्स हैं: “कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।” ये लिरिक्स भगवान शिव (Lord Shiva) की सुंदरता, उनकी करुणा और उनके संसार के सार को प्रकट करती हैं।