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चामुंडा देवी चालीसा | Chamunda Devi Chalisa

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Chamunda Chalisa: हिंदू धर्म में, चामुंडा देवी एक शक्तिशाली देवी हैं जिन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है। उन्हें विनाश और पुनर्जन्म की शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। चामुंडा देवी को अक्सर एक काली और भयंकर देवी के रूप में चित्रित किया जाता है, लेकिन वे एक दयालु और करुणामयी देवी भी हैं।

चामुंडा देवी चालीसा बेहद ही प्रभावशाली चालीसा है, चामुंडा देवी चालीसा का पाठ करने से कई लाभ होते हैं। माना जाता है कि यह चालीसा भक्तों को देवी की कृपा प्राप्त करने, अपने दुखों से मुक्ति पाने और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। चामुंडा देवी चालीसा का पाठ करने से भक्तों में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है। यह उन्हें अपने जीवन के सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। इसीलिए आपको भी चामुंडा देवी चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए ।

॥दोहा॥

नीलवरण माँ  कालिका रहती सदा प्रचंड।

दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड ।।

मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत।

मेरी भी पीड़ा  हरो हो जो कर्म पुनीत।।

॥चौपाई॥

नमस्कार चामुंडा माता । तीनो लोक मई मई विख्याता।।

हिमाल्या मई पवितरा धाम है । महाशक्ति तुमको प्रणाम  है।।

मार्कंडिए ऋषि ने धीयया । कैसे प्रगती भेद बताया।।

सूभ निसुभ दो डेतिए बलसाली । तीनो लोक जो कर दिए खाली।।

वायु अग्नि याँ कुबेर संग । सूर्या चंद्रा वरुण हुए तंग।।

अपमानित चर्नो मई आए । गिरिराज हिमआलये को लाए।।

भद्रा-रॉंद्र्रा निट्टया धीयया । चेतन शक्ति करके बुलाया।।

क्रोधित होकर काली आई । जिसने अपनी लीला दिखाई।।

चंदड़ मूंदड़ ओर सुंभ पतए । कामुक वेरी लड़ने आए ।।

पहले सुग्गृीव दूत को मारा । भगा चंदड़ भी मारा मारा।।

अरबो सैनिक लेकर आया । द्रहूँ लॉकंगन क्रोध दिखाया।।

जैसे ही दुस्त ललकारा । हा उ सबद्ड गुंजा के मारा।।

सेना ने मचाई भगदड़ । फादा सिंग ने आया जो बाद।।

हत्टिया करने चंदड़-मूंदड़ आए । मदिरा पीकेर के घुर्रई।।

चतुरंगी सेना संग लाए । उचे उचे सीविएर गिराई।।

तुमने क्रोधित रूप निकाला । प्रगती डाल गले मूंद माला।।

चर्म की सॅडी चीते वाली । हड्डी ढ़ाचा था बलसाली।।

विकराल मुखी आँखे दिखलाई । जिसे देख सृिस्टी घबराई।।

चंदड़ मूंदड़ ने चकरा चलाया । ले तलवार हू साबद गूंजाया ।।

पपियो का कर दिया निस्तरा । चंदड़ मूंदड़ दोनो को मारा।।

हाथ मई मस्तक ले मुस्काई । पापी सेना फिर घबराई।।

सरस्वती मा तुम्हे पुकारा । पड़ा चामुंडा नाम तिहरा।।

चंदड़ मूंदड़ की मिरतट्यु सुनकर । कालक मौर्या आए रात पर।।

अरब खराब युध के पाठ पर । झोक दिए सब चामुंडा पर।।

उगर्र चंडिका प्रगती आकर । गीडदीयो की वाडी भरकर ।।

काली ख़टवांग घुसो से मारा । ब्रह्माड्ड ने फेकि जल धारा।।

माहेश्वरी ने त्रिशूल चलाया । मा वेश्दवी कक्करा घुमाया।।

कार्तिके के शक्ति आई । नार्सिंघई दित्तियो पे छाई।।

चुन चुन सिंग सभी को खाया । हर दानव घायल घबराया।।

रक्टतबीज माया फेलाई । शक्ति उसने नई दिखाई।।

रक्त्त गिरा जब धरती उपर । नया डेतिए प्रगता था वही पर।।

चाँदी मा अब शूल घुमाया । मारा उसको लहू चूसाया।।

सूभ निसुभ अब डोडे आए । सततर सेना भरकर लाए।।

वाज्ररपात संग सूल चलाया । सभी देवता कुछ घबराई।।

ललकारा फिर घुसा मारा । ले त्रिसूल किया निस्तरा ।।

सूभ निसुभ धरती पर सोए । डेतिए सभी देखकर रोए।।

कहमुंडा मा धूम बचाया । अपना सूभ मंदिर बनवाया।।

सभी देवता आके मानते । हनुमत भेराव चवर दुलते।।

आसवीं चेट नवराततरे अओ । धवजा नारियल भेट चाड़ौ।।

वांडर नदी सनन करऔ। चामुंडा मा तुमको पियौ।।

॥दोहा॥

शरणागत को शक्ति दो हे जग की आधार।

‘ओम’ ये नैया डोलती कर दो भाव से पार।।

चामुंडा देवी चालीसा डाउनलोड लिंक | Chamunda Devi Chalisa Download Link

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FAQ’S 

Q. चामुंडा देवी जी कौन हैं?

Ans. चामुंडा देवी जी सती का अवतार हैं। वे हिंदू धर्म में एक शक्तिशाली देवी हैं जिन्हें बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

Q. चामुंडा देवी जी का वाहन क्या है?

Ans. चामुंडा देवी जी का वाहन एक शेर है।

Q. चामुंडा देवी जी का प्रिय भोजन क्या है?

Ans.  चामुंडा देवी जी का प्रिय भोजन खीर है।

Q. चामुंडा देवी जी का प्रिय फूल क्या है?

Ans. चामुंडा देवी जी का प्रिय फूल गुलाब है।

Q. चामुंडा देवी जी का मुख्य वाहन क्या है?

Ans. चामुंडा देवी जी का मुख्य वाहन शेर है।

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सुरभि शर्मा
मेरा नाम सुरभि शर्मा है और मैंने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हमेशा से मेरी रुचि हिंदू साहित्य और धार्मिक पाठों के प्रति रही हैं। इसी रुचि के कारण मैं एक पौराणिक लेखक हूं। मेरा उद्देश्य भारतीय पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों को सार्थकता से प्रस्तुत करके समाज को शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करना है। मैं धार्मिक साहित्य के महत्व को समझती हूं और इसे नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का संकल्प रखती हूं। मेरा प्रयास है कि मैं भारतीय संस्कृति को अधिक उत्कृष्ट बनाने में योगदान दे सकूं और समाज को आध्यात्मिकता और सामाजिक न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकूं।