Home चालीसा Vindheshwari Chalisa Lyrics: मां विन्ध्येश्वरी करेंगी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण , प्रतिदिन...

Vindheshwari Chalisa Lyrics: मां विन्ध्येश्वरी करेंगी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण , प्रतिदिन पढ़िए श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा लिरिक्स इन हिंदी PDF Download

Join Telegram Channel Join Now

भारत, देवताओं का देश, अनेक प्राचीन मंदिरों का घर है, जो शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं। इनमें से एक है विंध्येश्वरी मंदिर, जो मां विंध्येश्वरी को समर्पित है। मां विंध्येश्वरी, जिन्हें आदिशक्ति, त्रिपुर सुंदरी और भवानी भी कहा जाता है, देवी दुर्गा का अवतार हैं। विंध्यवासिनी, देवी दुर्गा का एक शक्तिशाली रूप हैं। 51 शक्तिपीठों में से एक है, विंध्याचल मंदिर, माता विंध्यवासिनी के मंदिर में देवी की एक भव्य मूर्ति स्थापित है। मूर्ति में देवी को शेर की सवारी करते हुए दिखाया गया है। मंदिर में देवी के कई अन्य रूपों की भी मूर्तियां स्थापित हैं।

विंध्येश्वरी चालीसा, एक भक्तिमय स्तोत्र है, जो मां विंध्येश्वरी की महिमा का वर्णन करता है। यह चालीसा भक्तों को उनके आशीर्वाद प्राप्त करने और उनकी कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। चमत्कारों और असीम कृपा के लिए जाना जाता है। मां विंध्येश्वरी देवी का  चालीसा का पाठ करने से शक्ति, साहस और भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। अगर आप भी माता विंध्येश्वरी देवी को मानते हैं तो ये चालीसा का पाठ जरूर करें।

॥ दोहा ॥

नमो नमो विन्ध्येश्वरी,नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में,करती नहीं विलम्ब ॥

॥ चौपाई ॥

जय जय जय विन्ध्याचल रानी।
आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥

सिंहवाहिनी जै जगमाता ।
जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥

कष्ट निवारण जै जगदेवी ।
जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥

महिमा अमित अपार तुम्हारी ।
शेष सहस मुख वर्णत हारी ॥

दीनन को दु:ख हरत भवानी ।
नहिं देखो तुम सम कोउ दानी ॥

सब कर मनसा पुरवत माता ।
महिमा अमित जगत विख्याता ॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावै ।
सो तुरतहि वांछित फल पावै ॥

तुम्हीं वैष्णवी तुम्हीं रुद्रानी ।
तुम्हीं शारदा अरु ब्रह्मानी ॥

रमा राधिका श्यामा काली ।
तुम्हीं मातु सन्तन प्रतिपाली ॥

उमा माध्वी चण्डी ज्वाला ।
वेगि मोहि पर होहु दयाला ॥ 10

तुम्हीं हिंगलाज महारानी ।
तुम्हीं शीतला अरु विज्ञानी ॥

दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता ।
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता ॥

तुम्हीं जाह्नवी अरु रुद्रानी ।
हे मावती अम्ब निर्वानी ॥

अष्टभुजी वाराहिनि देवा ।
करत विष्णु शिव जाकर सेवा ॥

चौंसट्ठी देवी कल्यानी ।
गौरि मंगला सब गुनखानी ॥

पाटन मुम्बादन्त कुमारी ।
भाद्रिकालि सुनि विनय हमारी ॥

बज्रधारिणी शोक नाशिनी ।
आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी ॥

जया और विजया वैताली ।
मातु सुगन्धा अरु विकराली ॥

नाम अनन्त तुम्हारि भवानी ।
वरनै किमि मानुष अज्ञानी ॥

जापर कृपा मातु तब होई ।
जो वह करै चाहे मन जोई॥20

कृपा करहु मोपर महारानी ।
सिद्ध करहु अम्बे मम बानी ॥

जो नर धरै मातु कर ध्याना ।
ताकर सदा होय कल्याना ॥
विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै ।
जो देवीकर जाप करावै ॥
जो नर कहँ ऋण होय अपारा ।
सो नर पाठ करै शत बारा ॥

निश्चय ऋण मोचन होई जाई ।
जो नर पाठ करै चित लाई ॥

अस्तुति जो नर पढ़े पढ़अवे ।
या जग में सो बहु सुख पावे ॥

जाको व्याधि सतावे भाई ।
जाप करत सब दूर पराई ॥

जो नर अति बन्दी महँ होई ।
बार हजार पाठ करि सोई ॥

निश्चय बन्दी ते छुट जाई ।
सत्य वचन मम मानहु भाई ॥

जापर जो कछु संकट होई ।
निश्चय देविहिं सुमिरै सोई ॥ 30

जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई ।
सो नर या विधि करे उपाई ॥

पाँच वर्ष जो पाठ करावै ।
नौरातन महँ विप्र जिमावै ॥

निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी ।
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी ॥

ध्वजा नारियल आन चढ़ावै ।
विधि समेत पूजन करवावै ॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई ।
प्रेम सहित नहिं आन उपाई ॥

यह श्री विन्ध्याचल चालीसा ।
रंक पढ़त होवे अवनीसा ॥

यह जन अचरज मानहु भाई ।
कृपा दृश्टि जापर होइ जाई ॥

जै जै जै जग मातु भवानी ।
कृपा करहु मोहि निज जन जानी ॥ 40


श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा PDF Download | Shree Vindhyeshwari Chalisa PDF Download

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा PDF Download | View Chalisa

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा की फोटो | Shree Vindhyeshwari Chalisa Photo

इस विशेष लेख के जरिए हम आपको विन्ध्येश्वरी चालीसा (Shree Vindhyeshwari Chalisa) जी की चालीसा की फोटो प्रदान कर रहे हैं, इस फोटो को डाउनलोड करके आप अपने मित्रों व परिवारजनों को साझा कर सकते हैं।

Download Image Shree Vindhyeshwari Chalisa

यहाँ अन्य चालीसा भी पढ़े:-  शिव चालीसा | शनि देव चालीसा | महालक्ष्मी चालीसा श्री पार्वती चालीसा |

Conclusion:-Vindhyeshwari Chalisa

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा पर लेख आपको पंसद आया होगा। यदि आपके मन में किसी तरह के सवाल है, तो उन्हें कमेंट बॉक्स में दर्ज करें, हम जल्द से जल्द आपको उत्तर देने का प्रयास करेंगे। आगे भी ऐसे रोमांच से भरे लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोज़ाना विज़िट करे, धन्यवाद!

FAQ’S:-Vindhyeshwari Chalisa 

Q. श्री विन्ध्येश्वरी माता को क्या कहा जाता है?

उत्तर: श्री विन्ध्येश्वरी माता को आदि शक्ति, अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है।

Q. विन्ध्येश्वरी माता का प्रमुख मंत्र क्या है 

Ans.विन्ध्येश्वरी माता का प्रमुख मंत्र  ‘यक्षि-यक्षि तर्जनीभ्यां नम:।। है ।

Q. विंध्याचल का क्या महत्व है?

Ans. पुराणों में विंध्य क्षेत्र का महत्व तपोभूमि के रूप में वर्णित है।

Q. श्री विन्ध्येश्वरी माता किस देवी का रूप है?

Ans. पुराने के अनुसार ‘विन्ध्येश्वरी माता’  माता सती का ही रूप है।

Q. श्री विन्ध्येश्वरी माता के प्रमुख अस्त्र क्या है?

त्रिशूल, खड्ग, कृपाण, तलवार, चक्र, शंख, धनुष बाण, कमंडलू, गदा, वरद मुद्रा इत्यादि है