Home चालीसा विनय चालीसा – नीम करोली बाबा |Vinay Chalisa – Neem Karoli Baba

विनय चालीसा – नीम करोली बाबा |Vinay Chalisa – Neem Karoli Baba

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नीम करोली बाबा, जिन्हें उनके भक्त ‘महाराज-जी’ के नाम से भी जानते हैं,वे एक महान संत थे। उन्होंने अपना जीवन भगवान हनुमान की भक्ति में समर्पित कर दिया। उन्होंने भारत के विभिन्न स्थानों में भ्रमण किया और लोगों को आध्यात्मिक शिक्षा दी। वे अपनी सादगी, विनम्रता और करुणा के लिए जाने जाते थे। 

ऐसी मान्यता है कि नीम करोली बाबा की चालीसा का पाठ करने से घर में सुख शांति एवं समृद्धि आती है साथ ही यह भी मानता है कि जिस घर में नीम करोली बाबा की चालीसा का पाठ किया जाता है उसे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है इसलिए आप भी नींद करोली बाबा की चालीसा का पाठ अवश्य करें ।

॥ दोहा ॥

मैं हूँ बुद्धि मलीन अति ।
श्रद्धा भक्ति विहीन ॥
करूँ विनय कछु आपकी ।
हो सब ही विधि दीन ॥

॥ चौपाई ॥

जय जय नीब करोली बाबा।
कृपा करहु आवै सद्भावा ॥

कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।
नाम ग्राम कछु मैं नहीं जानूँ ॥

जापे कृपा द्रिष्टि तुम करहु।
रोग शोक दुःख दारिद हरहु ॥

तुम्हरौ रूप लोग नहीं जानै।
जापै कृपा करहु सोई भानै ॥4॥

करि दे अर्पन सब तन मन धन।
पावै सुख अलौकिक सोई जन ॥

दरस परस प्रभु जो तव करई।
सुख सम्पति तिनके घर भरई ॥

जय जय संत भक्त सुखदायक।
रिद्धि सिद्धि सब सम्पति दायक ॥

तुम ही विष्णु राम श्री कृष्णा।
विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा ॥8॥

जय जय जय जय श्री भगवंता।
तुम हो साक्षात् हनुमंता ॥

कही विभीषण ने जो बानी।
परम सत्य करि अब मैं मानी ॥

बिनु हरि कृपा मिलहि नहीं संता।
सो करि कृपा करहि दुःख अंता ॥

सोई भरोस मेरे उर आयो।
जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो ॥12॥

जो सुमिरै तुमको उर माहि।
ताकि विपति नष्ट ह्वै जाहि ॥

जय जय जय गुरुदेव हमारे।
सबहि भाँति हम भये तिहारे ॥

हम पर कृपा शीघ्र अब करहु।
परम शांति दे दुःख सब हरहु ॥

रोक शोक दुःख सब मिट जावै।
जपै राम रामहि को ध्यावै ॥16॥

जा विधि होई परम कल्याणा।
सोई सोई आप देहु वरदाना ॥

सबहि भाँति हरि ही को पूजे।
राग द्वेष द्वंदन सो जूझे ॥

करै सदा संतन की सेवा।
तुम सब विधि सब लायक देवा ॥

सब कुछ दे हमको निस्तारो।
भवसागर से पार उतारो ॥20॥

मैं प्रभु शरण तिहारी आयो।
सब पुण्यन को फल है पायो ॥

जय जय जय गुरुदेव तुम्हारी ।
बार बार जाऊं बलिहारी ॥

सर्वत्र सदा घर घर की जानो ।
रूखो सूखो ही नित खानो ॥

भेष वस्त्र है सादा ऐसे ।
जाने नहीं कोउ साधू जैसे ॥24॥

ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी ।
वाणी कहो रहस्यमय भारी ॥

नास्तिक हूँ आस्तिक ह्वै जावै ।
जब स्वामी चेटक दिखलावै ॥

सब ही धर्मन के अनुयायी ।
तुम्हे मनावै शीश झुकाई ॥

नहीं कोउ स्वारथ नहीं कोउ इच्छा।
वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा ॥28॥

केही विधि प्रभु मैं तुम्हे मनाऊँ।
जासो कृपा-प्रसाद तव पाऊँ ॥

साधु सुजन के तुम रखवारे।
भक्तन के हो सदा सहारे ॥

दुष्टऊ शरण आनी जब परई।
पूरण इच्छा उनकी करई ॥

यह संतन करि सहज सुभाऊ।
सुनी आश्चर्य करई जनि काउ ॥32॥

॥ दोहा ॥

श्रद्धा के यह पुष्प कछु ।

चरणन धरी सम्हार ॥

कृपासिन्धु गुरुदेव प्रभु ।

करी लीजै स्वीकार ॥

विनय चालीसा – नीम करोली बाबा डाउनलोड लिंक | Vinay Chalisa – Neem Karoli Baba Download Link

विनय चालीसा – नीम करोली बाबा डाउनलोड करने के लिए हम आपसे लिंक साझा कर रहे हैं, आप इस लिंक को टच करके विनय चालीसा डाउनलोड कर सकते हैं ।

FAQ’S 

Q. नीम करोली बाबा का वास्तविक नाम क्या था।

Ans. नीम करोली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था।

Q. नीम करोली बाबा का जन्म कब हुआ था?

Ans.  नीम करोली बाबा का जन्म उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में वर्ष 1900 के आस पास हुआ था ।

Q. नीम करोली बाबा अन्य किन नाम से जाने जाते थे?

Ans. नीम करोली बाबा लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा और तिकोनिया वाले बाबा सहित वे कई नामों से जाने जाते थे। 

Q. नीम करोली बाबा का समाधि स्थल कहां है?

Ans. नीम करोली बाबा का समाधि स्थल नैनीताल के करीब स्थित  ‘पंतनगर’ में है। 

Q. नीम करोली बाबा ने अपने शरीर का त्याग कब किया था?

Ans. नीम करोली बाबा ने अपने शरीर का त्याग 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में किया था।

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सुरभि शर्मा
मेरा नाम सुरभि शर्मा है और मैंने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हमेशा से मेरी रुचि हिंदू साहित्य और धार्मिक पाठों के प्रति रही हैं। इसी रुचि के कारण मैं एक पौराणिक लेखक हूं। मेरा उद्देश्य भारतीय पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों को सार्थकता से प्रस्तुत करके समाज को शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करना है। मैं धार्मिक साहित्य के महत्व को समझती हूं और इसे नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का संकल्प रखती हूं। मेरा प्रयास है कि मैं भारतीय संस्कृति को अधिक उत्कृष्ट बनाने में योगदान दे सकूं और समाज को आध्यात्मिकता और सामाजिक न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकूं।