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Rin Mukti Ganesh Stotra: ऋण मुक्ति के लिए अभी करें संकटनाशन गणेश स्तोत्र और ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का नियमित पाठ, कर्ज से मिलेगा छुटकारा

Rin Mukti Ganesh Stotra:
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ऋण मुक्ति गणेश स्त्रोत (Rin Mukti Ganesh Stotra): गणेश जी (Lord Ganesh) के कई नाम हैं – विघ्नहर्ता, सिद्धिदाता, बुद्धिप्रदाता, और ऋणहर्ता। हाँ, आपने सही सुना – ऋणहर्ता। क्या आप भी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं? रातों की नींद उड़ गई है क्योंकि EMI की चिंता सताती रहती है? तो चिंता छोड़िए और भगवान गणेश की शरण में आइए। प्राचीन ग्रंथों में वर्णित विभिन्न गणेश स्तोत्र जैसे ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र, ऋण मुक्ति गणेश स्तोत्र और संकटनाशन गणेश स्तोत्र कर्ज से मुक्ति दिलाने में चमत्कारी माने जाते हैं। इन स्तोत्रों के नियमित पाठ से न सिर्फ आपके ऊपर से कर्ज का बोझ उतर जाएगा, बल्कि धन-संपत्ति और समृद्धि के द्वार भी खुलेंगे।

लेकिन ये स्तोत्र कैसे काम करते हैं? किन देवी-देवताओं ने इनकी रचना की? इनका पाठ कैसे करना चाहिए ताकि ऋण मुक्ति मिल सके? इस लेख में हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे और आपको करेंगे कर्ज से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त। तो पढ़ते रहिए यह रोचक एवं ज्ञानवर्धक लेख अंत तक…

Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1संकटनाशन गणेश स्तोत्र
2संकटनाशन गणेश स्तोत्र के लाभ
3ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र
4ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र इन हिंदी पीडीएफ
5गणेश ऋण मुक्ति स्तोत्र

संकटनाशन गणेश स्तोत्र (Sankat Nashan Ganesh Stotra)

  • प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम्।भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये॥1॥
  • प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम्।तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम्॥2॥
  • लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च।सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्॥3॥
  • नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम्।एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन्॥4॥
  • द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः।न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो॥5॥
  • विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम्॥6॥
  • जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते।संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः॥7॥
  • अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते।तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः॥8॥
  • ॥इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम्॥

संकटनाशन गणेश स्तोत्र के लाभ (Sankat Nashan Ganesh Stotra ke Labh)

संकटनाशन गणेश स्तोत्र के कई लाभ हैं। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से भक्तों को अपने जीवन में कई तरह के फायदे मिलते हैं:

1विघ्नों का निवारण
2आंतरिक शांति और समृद्धि
3आध्यात्मिक उन्नति
  • विघ्नों का निवारण: इस स्तोत्र का मुख्य लाभ यह है कि यह भक्तों को उनके जीवन की बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने में मदद करता है। भक्ति के साथ इस स्तोत्र का पाठ करके कोई भी भगवान गणेश का आशीर्वाद पाकर विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सकता है। स्तोत्र में कहा गया है कि इसके नियमित पाठ से विद्यार्थी को ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद मिलेगा, धन की इच्छा रखने वाले को संपत्ति प्राप्त होगी, संतान की कामना करने वाले को संतान सुख मिलेगा और मोक्ष चाहने वाला मोक्ष प्राप्त करेगा।
  • आंतरिक शांति और समृद्धि: इस स्तोत्र के नियमित पाठ से भक्त के जीवन में आंतरिक शांति, खुशी और समृद्धि आने की मान्यता है। इससे ज्ञान और बुद्धि भी बढ़ती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है जिससे आध्यात्मिक साधनाएं और व्यक्तिगत विकास सफल होते हैं।
  • आध्यात्मिक उन्नति: संकटनाशन गणेश स्तोत्र न केवल भौतिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए उपयोगी है, बल्कि इसे आध्यात्मिक विकास के लिए भी एक शक्तिशाली साधन माना जाता है। भक्ति और विश्वास के साथ इस स्तोत्र का पाठ करके कोई भगवान गणेश की दिव्य शक्ति से जुड़ सकता है और शांति, आनंद और आंतरिक संतुष्टि का अनुभव कर सकता है। स्तोत्र में कहा गया है कि इसका नियमित पाठ करने से आध्यात्मिक विकास और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से पाठ करने से स्वयं और ब्रह्मांड की गहरी समझ विकसित होती है।

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र (Rinharta Ganesh Stotra)

॥ ध्यान ॥

ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥

॥ मूल-पाठ ॥

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित: ।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत् ॥

॥ श्रीगुरुदत्तात्रेयार्पणमस्तु ॥
|| श्री स्वामी समर्थापर्ण मस्तु||

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र इन हिंदी पीडीएफ (Rinharta Ganesh Stotra Hindi PDF)

इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र हिंदी में पीएफ के जरिए सजा कर रहे हैं अगर आप चाहे तो इस पीडीएफ को डाउनलोड करने के बाद ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र को हिंदी में सरलता पूर्वक कर सकते हैं
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र PDF Download

गणेश ऋण मुक्ति स्तोत्र ( Ganesh Rin Mukti Stotra)

॥ विनियोग ॥

ॐ अस्य श्रीऋणविमोचन
महागणपति-स्तोत्रमन्त्रस्य

शुक्राचार्य ऋषिः ऋणविमोचन
महागणपतिर्देवता

अनुष्टुप् छन्दः ऋणविमोचन
महागणपतिप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।

॥ स्तोत्र पाठ ॥

ॐ स्मरामि देवदेवेशं
वक्रतुण्डं महाबलम्।

षडक्षरं कृपासिन्धुं
नमामि ऋणमुक्तये॥1॥

महागणपतिं वन्दे
महासेतुं महाबलम्।

एकमेवाद्वितीयं तु
नमामि ऋणमुक्तये॥2॥

एकाक्षरं त्वेकदन्तमेकं
ब्रह्म सनातनम्।

महाविघ्नहरं देवं
नमामि ऋणमुक्तये॥3॥

शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णं
शुक्लगन्धानुलेपनम्।

सर्वशुक्लमयं देवं
नमामि ऋणमुक्तये॥4॥

रक्ताम्बरं रक्तवर्णं
रक्तगन्धानुलेपनम्।

रक्तपुष्पैः पूज्यमानं
नमामि ऋणमुक्तये॥5॥

कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णं
कृष्णगन्धानुलेपनम्।

कृष्णयज्ञोपवीतं च
नमामि ऋणमुक्तये॥6॥

पीताम्बरं पीतवर्ण
पीतगन्धानुलेपनम्।

पीतपुष्पैः पूज्यमानं
नमामि ऋणमुक्तये॥7॥

सर्वात्मकं सर्ववर्णं
सर्वगन्धानुलेपनम्।

सर्वपुष्पैः पूज्यमानं
नमामि ऋणमुक्तये॥8॥

एतद् ऋणहरं स्तोत्रं
त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।

षण्मासाभ्यन्तरे तस्य
ऋणच्छेदो न संशयः॥9॥

सहस्रदशकं कृत्वा
ऋणमुक्तो धनी भवेत्॥

॥ इति रुद्रयामले ऋणमुक्ति श्री गणेशस्तोत्रम् सम्पूर्णम

Conclusion:Rin Mukti Ganesh Stotra

ऋण मुक्ति के इन स्तोत्र से संबंधित यह बेहद खास लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने सभी प्रियजनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही साथ ऐसे ही और भी रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s

Q. गणेश ऋण मुक्ति स्तोत्र क्या है?

Ans. गणेश ऋण मुक्ति स्तोत्र भगवान गणेश की आराधना के लिए एक विशेष स्तोत्र है, जो कर्ज से मुक्ति प्राप्त करने के लिए जाप किया जाता है। यह स्तोत्र कर्ज के बोझ से छुटकारा पाने में मदद करता है।

Q. ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का महत्व क्या है?

Ans. ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र भगवान गणेश को ऋण के संकट से उबारने वाला माना जाता है। इसके जाप से व्यक्ति की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और कर्ज चुकाने में सहायता मिलती है।

Q. संकटनाशन गणेश स्तोत्र किस प्रकार मदद करता है?

Ans. संकटनाशन गणेश स्तोत्र भगवान गणेश की संपूर्ण रक्षा और संकट निवारण की भावना को व्यक्त करता है। इसका नियमित पाठ संकट और कठिनाइयों से राहत दिलाता है।

Q. इन स्तोत्रों के जाप का सही समय क्या है?

Ans. इन स्तोत्रों का जाप विशेष रूप से मंगलवार और बुधवार को, गणेश चतुर्थी और अन्य विशेष अवसरों पर किया जाता है। यह समय गणेश की कृपा को प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

Q. क्या गणेश स्तोत्रों के पाठ से तत्काल राहत मिलती है?

Ans. गणेश स्तोत्रों का पाठ धीरे-धीरे प्रभाव दिखाता है और मानसिक शांति, विश्वास, और कर्ज के समाधान में सहायता करता है। तत्काल राहत की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, लेकिन नियमित जाप से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

Q. क्या इन स्तोत्रों के पाठ से धन वृद्धि होती है?

Ans.इन स्तोत्रों का नियमित पाठ और पूजा से धन की समस्याएं कम होती हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। भगवान गणेश की कृपा से धन में वृद्धि की संभावना बढ़ जाती है।