Amavasya: अमावस्या – वह दिन जब चंद्रमा (Moon) की किरणें पृथ्वी पर नहीं पड़तीं और आकाश में अंधकार छा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है और इसे सबसे अशुभ दिन माना जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन कुछ खास उपाय करने से आप अपने जीवन की कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं? जी हां, अमावस्या के दिन कुछ सावधानियां बरतते हुए और कुछ उपाय करते हुए आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।
तो आइए इस अमावस्या (Amavasya) के दिन इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए कुछ शुभ कार्य करें और अपने जीवन में खुशियां लाएं। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि अमावस्या के दिन कौन से उपाय करने चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि इस दिन क्या खरीदना शुभ होता है और क्या नहीं। तो पढ़ते रहिए यह रोचक और जानकारीपूर्ण लेख…
Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | अमावस्या के दिन क्या खरीदना चाहिए? |
2 | अमावस्या के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए? |
3 | अमावस्या के दिन धन लाभ के उपाय |
4 | अमावस्या के दिन क्या होता है? |
5 | अमावस्या का दिन शुभ है या अशुभ? |
अमावस्या के दिन क्या खरीदना चाहिए? (What Should Be Bought on Amavasya Day?)
अमावस्या (Amavasya) के दिन क्या खरीदना चाहिए, इस विषय पर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान देने योग्य हैं। अमावस्या तिथि पितरों की होती है, इसलिए इस दिन उनकी याद में दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।
इस दिन सोना, चांदी, तांबा जैसी धातुएं खरीदना शुभ होता है। इनसे बने बर्तन या आभूषण खरीदने से धन-संपदा में वृद्धि होती है। साथ ही मिट्टी और लकड़ी के बर्तन खरीदना भी फलदायी रहता है। हालांकि, कुछ चीजों को अमावस्या के दिन खरीदने से बचना चाहिए, जैसे तेल, अनाज, झाड़ू आदि। इन्हें खरीदने से आर्थिक परेशानी या पितरों का अप्रसन्न होना संभव है। इसके अलावा अमावस्या को कपड़े, जूते-चप्पल आदि खरीदना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन खरीदे गए वस्त्र पहनने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कुल मिलाकर, अमावस्या के दिन खरीदारी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और शास्त्रों में बताई गई बातों का ध्यान रखना लाभदायक होता है।
अमावस्या के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?
हिन्दू धर्म (Hindu religion) में, अमावस्या (Amavasya) का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है, जिसमें कुछ विशेष चीजें खरीदने और न खरीदने के नियम भी शामिल होते हैं।
- पूजा का सामान: अमावस्या के दिन पूजा का सामान नहीं खरीदना चाहिए। इसके लिए आपको अमावस्या से एक दिन पहले पूजा का सामान खरीदना चाहिए।
- तेल: अमावस्या के दिन तेल खरीदना भी अशुभ माना जाता है। यदि आपके पास पहले से ही तेल है, तो आप उसे दान में दे सकते हैं।
- अनाज: अनाज भी अमावस्या के दिन नहीं खरीदने की सूची में शामिल है। गेंहूँ, मक्का, बाजरा आदि नहीं खरीदना चाहिए।
- झाड़ू: अमावस्या के दिन झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए।
- नई चीजें: फाल्गुन अमावस्या के दिन कोई नई चीज जैसे कपड़े या झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए
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अमावस्या के दिन धन लाभ के उपाय (Ways to Gain Money on Amavasya Day)
अमावस्या (Amavasya) के दिन धन लाभ के लिए निम्नलिखित 8 उपाय किए जा सकते हैं:
- तुलसी स्नान: अमावस्या के दिन तुलसी के पत्तों को पानी में डालकर स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है और धन की प्राप्ति होती है।
- लक्ष्मी पूजन: सभी विधि-विधानों के साथ लक्ष्मी पूजन करें और भोग में चावल की खीर अर्पित करें। लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं और पूरी रात जलने दें।
- दान-दक्षिणा: लक्ष्मी पूजन करने वाले ब्राह्मण या पंडित को दक्षिणा दें। अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और पैसे का दान करें।
- पीपल पूजन: अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं। इस दिन सुबह-शाम घर के मंदिर और तुलसी पर दीया लगाने से कलह और दरिद्रता मिटती है।
- घर की सफाई: प्रत्येक अमावस्या को घर की सफाई कर सभी प्रकार का कबाड़ घर से निकाल दें, इससे रुके काम बनते हैं और बाधाएं दूर होती हैं।
- गौ पूजन: नियम से प्रत्येक अमावस्या को गौमाता को 5 फल भी नियमपूर्वक खिलाने चाहिए। इससे घर में शुभता एवं हर्ष का वातावरण बना रहता है।
- ब्राह्मण भोजन: अमावस्या के दिन एक किसी ब्राह्मण, याचक या निर्धन को भोजन अवश्य ही कराएं। भोजन में दूध की बनी वस्तु अवश्य हो। यह पितरों को प्रसन्न करता है और शुभ कार्यों में अड़चनें नहीं आतीं।
- दान-पुण्य: सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए गरीबों को पानी का घड़ा, ककड़ी, खीरा, छाता, खड़ाऊ आदि का दान करें। इससे धनसंपदा में वृद्धि होती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इन उपायों के अलावा, अमावस्या (Amavasya) के दिन अपने घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन, संपन्नता, सुख-समृद्धि की बरसात होती है। इसके साथ ही, बेरोजगार व्यक्ति अगर अमावस्या की रात 1 नींबू को साफ करके सुबह से ही अपने घर के मंदिर में रखें, फिर रात को 7 बार सिर से उतारकर 4 बराबर भागों में काट लें और एक चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में फेंक दें, तो उन्हें रोजगार मिलने की संभावना बनती है।
तो ये थे अमावस्या (Amavasya) के दिन धन लाभ के कुछ प्रमुख उपाय। इनका पालन करके आप अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं और पितरों एवं देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि ये उपाय आपकी श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करते हैं।
अमावस्या के दिन क्या होता है? (What happens on Amavasya day?)
अमावस्या (Amavasya) का दिन हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वह दिन होता है जब चंद्रमा बिल्कुल दिखाई नहीं देता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा धरती पर आती हैं और उन्हें भोजन और प्रार्थनाएं देना महत्वपूर्ण होता है।
अमावस्या (Amavasya) के दिन लोग प्रातः काल गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करते हैं, पूजा और दान करते हैं। इस दिन शिव और पार्वती की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है। सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए सोमवती अमावस्या का व्रत रखती हैं। अमावस्या (Amavasya) का दिन पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद पाने का दिन माना जाता है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं। अमावस्या के दिन किए गए पिंडदान और श्राद्ध कर्म से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। हालांकि, अमावस्या को अशुभ भी माना जाता है क्योंकि इस दिन नकारात्मक शक्तियां सबसे प्रबल होती हैं। इसलिए इस दिन कोई शुभ काम शुरू नहीं किया जाता। कुछ लोग अमावस्या के दिन यात्रा से भी बचने की सलाह देते हैं।
कुल मिलाकर, अमावस्या (Amavasya) का दिन हिंदू धर्म में आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पितरों को याद करने, उनका आशीर्वाद पाने और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का दिन है। साथ ही शिव-पार्वती की आराधना और व्रत-उपवास का भी विशेष महत्व है।
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अमावस्या का दिन शुभ है या अशुभ? (Is Amavasya Day Auspicious or inauspicious?)
हिंदू धर्म (Hindu religion) में अमावस्या (Amavasya) का दिन शुभ और अशुभ दोनों माना जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस दिन किस तरह के कार्य किए जाते हैं और किन बातों का ध्यान रखा जाता है।
अमावस्या (Amavasya) के दिन पितरों की पूजा और श्राद्ध करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया तर्पण और श्राद्ध सीधे पितरों तक पहुंचता है और उन्हें तृप्ति मिलती है। वैशाख अमावस्या जैसी विशेष अमावस्याओं पर तो पितृ पूजा का और भी अधिक महत्व होता है। साथ ही, अमावस्या का दिन दान-पुण्य के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना, गरीबों को अन्न-वस्त्र देना, गौ-सेवा करना आदि कार्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार कुछ अमावस्याओं पर शुभ योग भी बनते हैं, जैसे वैशाख अमावस्या 2024 पर सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग का संयोग बन रहा है। हालांकि, अमावस्या के दिन कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन, शराब आदि का सेवन वर्जित माना जाता है। साथ ही नकारात्मक सोच और भावनाओं पर नियंत्रण रखना भी ज़रूरी है। अमावस्या के दिन भूत-प्रेत और दानवी शक्तियां भी सक्रिय रहती हैं, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए।
कुल मिलाकर, अमावस्या (Amavasya) का दिन पितरों की पूजा, दान-पुण्य और आध्यात्मिक साधना के लिए शुभ माना जाता है। लेकिन साथ ही कुछ निषेधों और सावधानियों का भी ध्यान रखना चाहिए। पूजा-पाठ और सात्विक जीवन जीकर इस दिन का सदुपयोग किया जा सकता है।
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Conclusion:
अमावस्या (Amavasya) का प्रभाव व्यक्ति के राशि और जन्म नक्षत्र के अनुसार भिन्न होता है। कुछ लोगों के लिए यह शुभ होता है, तो कुछ के लिए नहीं। अमावस्या के दिन से संबंधित यह बेहद विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने मित्रगणों एवं परिवारजनों के साथ जरूर साझा करें, साथ ही हमारे और भी रोचक और ज्ञानवर्धक लेख को भी जरूर पढ़ें। ऐसे ही तमाम रोचक और ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. वैशाख अमावस्या हिंदू धर्म में क्या महत्व रखती है?
Ans. वैशाख अमावस्या को हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है। इस दिन की पूजा-अर्चना से मान्यता है कि पूर्वजों को शांति मिलती है और नकारात्मक प्रभाव हटते हैं।
Q. वैशाख अमावस्या पर कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
Ans. इस दिन लोग पितृ तर्पण और पिंड दान करते हैं, जिससे उनके पूर्वजों को शांति मिलती है। तामसिक भोजन और पदार्थों का त्याग भी किया जाता है।
Q. अमावस्या का अर्थ क्या है?
Ans. अमावस्या हिंदू कैलेंडर के अनुसार नया चंद्रमा का दिन होता है, और इसे अनुष्ठान और तर्पण करने के लिए शुभ दिन माना जाता है।
Q. ग्रह और कालसर्प दोष का महत्व क्या है?
Ans. ग्रह और कालसर्प दोष को मान्यता है कि वे व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, और अमावस्या पर अनुष्ठान करने से इन दोषों को दूर किया जा सकता है।
Q. वैशाख अमावस्या पर उपवास का महत्व क्या है?
Ans. वैशाख अमावस्या पर उपवास रखना शुभ माना जाता है, और इसे अच्छी किस्मत और आशीर्वाद लाने वाला माना जाता है।
Q. वैशाख मास में पितृ पूजा का महत्व क्या है?
Ans. वैशाख मास में पितृ पूजा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है, जहां पूर्वजों की पूजा की जाती है