प्रयागराज के 7 प्रसिद्ध मंदिर (7 Famous Temples in Prayagraj): क्या आप भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक, प्रयागराज की धार्मिक विरासत के बारे में जानना चाहते हैं? जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है, वहां सदियों से धर्म और संस्कृति का एक अद्भुत संगम रहा है।
प्रयागराज की इस पवित्र नगरी में स्थित 7 प्रसिद्ध 7 Famous Temples in Prayagraj हिंदू मंदिरों की कहानियां, उनकी वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व, आपको एक अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाएंगे। इन मंदिरों की दीवारों के पीछे छिपे रहस्यों और किंवदंतियों को जानकर आप दंग रह जाएंगे। प्रत्येक मंदिर का अपना एक अनूठा इतिहास है, जो सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। इन मंदिरों की भव्यता और शांति आपको आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगी।
क्या आप जानना चाहते हैं कि इन मंदिरों में दर्शन का सबसे शुभ समय कौन सा है? या फिर ये मंदिर कैसे पहुंचे? इन सवालों के जवाब और बहुत कुछ, इस लेख में आपको मिलेगा। प्रयागराज के इन 7 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानने के बाद एक आप भी जब इन मंदिरों के दर्शन के लिए जाएंगे तो आप बिना किसी परेशानी के वहां पहुंच सकते हैं वह दर्शन के लाभ उठा सकते हैं, एक बात ध्यान में रखने योग्य है कि, ये मंदिर केवल भौतिक संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि वे आस्था और विश्वास के प्रतीक हैं।
तो चलिए, जानते हैं प्रयागराज के इन साथ विश्व युद्ध प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों के बारे में सब कुछ विस्तार से….
1.वेणी माधव मंदिर, प्रयागराज | Veni Madhav Temple, Prayagraj
प्रयागराज (इलाहाबाद) के दारागंज की एक संकरी गली में स्थित श्री वेणी माधव मंदिर (Shri Vedi madhav Mandir) श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर में भगवान विष्णु श्री वेणी माधव के रूप में और माँ लक्ष्मी त्रिवेणी माँ के रूप में विराजमान हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद दशाश्वमेध घाट पर यज्ञ करते समय भगवान विष्णु से प्रयागराज की रक्षा हेतु उनके बारह रूपों की स्थापना की थी।
तभी से भगवान विष्णु यहां श्री वेणी माधव के रूप में निवास कर रहे हैं। एक अन्य कथा के अनुसार, विष्णु जी ने त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना, सरस्वती) को गजकर्ण नामक राक्षस से मुक्त कर, अपने भक्तों को यहां वास करने का आश्वासन दिया था। मान्यता है कि श्री वेणी माधव के दर्शन के बिना प्रयागराज की यात्रा और पंचकोसी परिक्रमा अधूरी मानी जाती है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 0532 240 8873 |
स्थान | सीवीडब्लूएम+885, निराला मार्ग, दारागंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 211006 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश निशुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 600 मीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 19.0 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 5.1 किलोमीटर |
2.शंकर विमान मंडपम, प्रयागराज | Shankar Viman Mandapam, Prayagraj
प्रयागराज (इलाहाबाद) के त्रिवेणी संगम के समीप स्थित शंकर विमान मंडपम (Shankar viman mandapam), भगवान शिव को समर्पित एक भव्य हिंदू मंदिर है। यह 130 फीट ऊंचा दक्षिण भारतीय वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है और आदि शंकराचार्य की स्मृति में बनाया गया है। शास्त्री पुल से इसका भव्य और अलौकिक दृश्य देखने योग्य है। चार मंजिलों वाला यह मंदिर अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियों का घर है। यहां आदि शंकराचार्य, कुमारी भट्ट, और कामाक्षी देवी की मूर्तियों के साथ-साथ 51 शक्तिपीठों की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिर में 108 शिवलिंग (योगशास्त्र सहस्त्रयोग लिंग) और 108 विष्णु मूर्तियों (तिरुपति बालाजी) की भी स्थापना है। यह दिव्य स्थल न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली का जीवंत प्रतीक भी है, जो आध्यात्मिकता और कला का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 0532 250 3495 |
स्थान | त्रिवेणी रोड, रोड, बेनी बंद, हिम्मत गंज, दारागंज, प्रयागराज |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश निशुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 6.7 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 17.1 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 4.9 किलोमीटर |
3.श्री बड़े हनुमान मंदिर, प्रयागराज | Shri Bade Hanuman Temple, Prayagraj
प्रयागराज (इलाहाबाद) के अकबर किले के पास स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर, लेटे हुए हनुमान जी (Lete hue Hanuman ji) की अद्भुत प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 20 फीट लंबी यह विशाल मूर्ति श्रद्धालुओं के मन में विशेष भक्ति और आस्था का संचार करती है। मान्यता है कि हर वर्ष गंगा मैया स्वयं हनुमान जी को पहला स्नान कराती हैं, जिससे यह मंदिर और भी पावन बन जाता है। बाघम्बरी मठ द्वारा संचालित इस मंदिर में प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। स्थानीय लोग इसे “बांध वाले हनुमान जी” के नाम से भी जानते हैं। यहाँ का माहौल भक्तिमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है। लेटे हुए हनुमान जी की इस भव्य प्रतिमा का दर्शन न केवल भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करता है, बल्कि उनके मन को शांति और सकारात्मकता से भी भर देता है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 095809 99992 |
स्थान | इलाहाबाद किला, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 7 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 17.3 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 5.1 किलोमीटर |
4.भारद्वाज आश्रम, प्रयागराज | Bharadwaj Ashram, Prayagraj
कर्नलगंज, प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित भारद्वाज आश्रम (Bhardwaj Ashram) एक प्राचीन मंदिर और आश्रम है, जो हिंदू संस्कृति और सभ्यता की गहनता का प्रतीक है। अनादि काल से यह स्थल ऋषि भारद्वाज के गुरुकुल के रूप में विद्या और शिक्षा का केंद्र रहा है। यहां निरंतर यज्ञ होने के कारण हिंदू धर्म ग्रंथों में प्रयागराज को “यज्ञ भूमि” कहा गया है। यह वही पवित्र स्थान है जहां वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण ने ऋषि भारद्वाज से भेंट की और उनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया। यह आश्रम ज्ञान, तपस्या और धर्म की परंपरा को जीवंत बनाए हुए है और हजारों वर्षों से प्रयागराज के गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का प्रतीक है। भारद्वाज आश्रम श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों के लिए एक ऐसा पावन स्थल है, जहां आस्था और प्राचीनता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 098396 61728 |
स्थान | कर्नलगंज रोड, निकट, स्वराज भवन रोड, जॉर्ज टाउन, प्रयागराज |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 4.6 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 15.1 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 2.7 किलोमीटर |
5.सोमेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज | Someshwar Mahadev Temple, Prayagraj
प्रयागराज के यमुना तट पर स्थित अरैल गांव में स्थापित सोमेश्वर नाथ मंदिर (Someshwar nath mandir) भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन और दिव्य स्थल है। इस मंदिर की स्थापना चंद्रमा ने भगवान शिव के निर्देश पर की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, राजा दक्ष के श्राप से ग्रस्त होकर चंद्रमा कुरूप और छय रोग से पीड़ित हो गए थे। इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने भगवान शिव की आराधना की, जिसके फलस्वरूप उनका रोग समाप्त हो गया। तभी से यह मंदिर सोमेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस पवित्र स्थान के आसपास अमृत की वर्षा होती है, जो इसे और भी अलौकिक बनाती है। इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि प्रत्येक पूर्णिमा की रात, इसके शिखर पर स्थित त्रिशूल की दिशा चंद्रमा के साथ बदलती है। यह चमत्कार भक्तों को आकर्षित करता है और इस मंदिर की महिमा को और भी बढ़ाता है। सोमेश्वर नाथ मंदिर प्रयागराज के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां श्रद्धा और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | आधिकारिक फोन नंबर उपलब्ध नहीं है |
स्थान | मित्र नगर, देवप्रयागम कॉलोनी, झलवा, प्रयागराज |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 3.4 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 5.6 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 9.0 किलोमीटर |
6.नाग वासुकी मंदिर, प्रयागराज | Nag Vasuki Temple, Prayagraj
प्रयागराज के दारागंज इलाके में स्थित नागवासुकी मंदिर (Nag Vasuki Mandir) गंगा तट पर स्थापित एक प्राचीन मंदिर है, जो नाग देवता को समर्पित है। नाग वासुकी को नागों का राजा माना जाता है, और इस मंदिर में नागपंचमी का पर्व विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त नागराज को दूध और जल अर्पित कर अपने परिवार को सर्पदोष और विपत्तियों से बचाने की प्रार्थना करते हैं। इस मंदिर का एक विशेष रहस्य कंकड़ से जुड़ा है। मान्यता है कि यहां से कंकड़ लेकर अपने घर के चारों ओर रखने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान मंदरांचल पर्वत से रगड़ के कारण नागराज वासुकी बुरी तरह घायल हो गए थे। शरीर की जलन शांत करने के लिए उन्होंने भगवान विष्णु के कहने पर इस स्थान पर विश्राम किया, जिससे यह स्थान नागवासुकी मंदिर के रूप में प्रसिद्ध हुआ। एक अन्य कथा के अनुसार, देवी गंगा जब पृथ्वी पर अवतरित हुईं, तो उनकी धारा पाताल लोक में नागराज वासुकी के फन पर गिरी, जिससे भोगवती तीर्थ का निर्माण हुआ। कहा जाता है कि बाढ़ के दौरान मंदिर की सीढ़ियों तक गंगा का जल पहुँचने पर यहाँ स्नान करने से भक्तों को भोगवती तीर्थ का पुण्य प्राप्त होता है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 09559090591 |
स्थान | दारागंज घाट, रमेशर मंदिर के पास, दारागंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 211006 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 4.1 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 18.7 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 6.0 किलोमीटर |
7.अलोप शंकरी मंदिर | Alop Shankari Temple
अगर आप प्रयागराज यात्रा पर हैं, तो एक अनोखे अनुभव के लिए अलोप शंकरी मंदिर जरूर जाएं। यहां भगवान की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि विशेष रूप से पालने की पूजा होती है। यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र है, बल्कि नवरात्रि के दौरान लाखों भक्त यहां मां के झूले के दर्शन करने आते हैं। इस दौरान लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते हैं। साथ ही, शादी के बाद दूल्हा और दुल्हन यहां आकर देवी मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह मंदिर एक अनूठी धार्मिक मान्यता और आस्थाओं का प्रतीक है, जो अपने दर्शन के लिए हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | आधिकारिक फोन नंबर उपलब्ध नहीं है |
स्थान | सीवीवीसी+एम89, अलोपी बाग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि: शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5.5 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 17.4 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 3.7 किलोमीटर |
Conclusion:-7 Famous Temples in Prayagraj
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (प्रयागराज के 7 प्रसिद्ध मंदिर) यह लेख आपको पसंद आया होगा। तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. वेणी माधव मंदिर कहां स्थित है?
Ans: वेणी माधव मंदिर प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के दारागंज की एक संकरी गली में स्थित है।
Q. प्रयागराज के शंकर विमान मंडपम में किसकी पूजा की जाती है?
Ans: शंकर विमान मंडपम भगवान शिव को समर्पित है और यह आदि शंकराचार्य की स्मृति में बनवाया गया है।
Q. श्री बड़े हनुमान मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के बारे में क्या खास है?
Ans: श्री बड़े हनुमान मंदिर में हनुमान जी की 20 फीट लंबी लेटी हुई प्रतिमा प्रसिद्ध है।
Q. प्रयागराज के भारद्वाज आश्रम का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
Ans: भारद्वाज आश्रम वही पवित्र स्थल है जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने ऋषि भारद्वाज से मार्गदर्शन लिया था।
Q. प्रयागराज के सोमेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता क्या है?
Ans: सोमेश्वर महादेव मंदिर चंद्रदेव के श्राप से मुक्ति प्राप्त करने के बाद स्थापित हुआ था और यहां अमृत वर्षा होने की मान्यता है।
Q. नाग वासुकी मंदिर में किसकी पूजा होती है?
Ans: नाग वासुकी मंदिर में नागराज वासुकी की पूजा की जाती है, जो नागों के राजा माने जाते हैं।