Famous Temples Of Udaipur: उदयपुर (Udaipur), जिसे “झीलों का शहर” भी कहा जाता है, राजस्थान (Rajasthan) के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक ऐसा शहर है जो अपनी प्राचीन संस्कृति, विशाल महलों, ऐतिहासिक किलों और आध्यात्मिक मंदिरों के लिए जाना जाता है।
यह शहर राजपूत काल की विरासत को संजोए हुए है, जो इसके भव्य वास्तुकला में परिलक्षित होता है। उदयपुर में मंदिर न केवल पूजा के स्थान हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी प्रमुख आकर्षण हैं। उदयपुर के मंदिर अपनी अद्भुत कारीगरी, जटिल नक्काशी और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में से प्रत्येक का अपना अनूठा इतिहास और महत्व है। जगदीश मंदिर, जो भगवान विष्णु को समर्पित है, शहर के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। एकलिंगजी मंदिर, जो शिव भगवान को समर्पित है, उदयपुर से लगभग 22 किमी दूर स्थित है और अपनी संगमरमर की वास्तुकला के लिए जाना जाता है। करणी माता मंदिर, जो हिंदू देवी करणी माता को समर्पित है, दुध तलाई झील के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है और अपनी सफेद संगमरमर की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। श्रीनाथजी मंदिर, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है, उदयपुर से लगभग 48 किमी दूर नाथद्वारा शहर में स्थित है और राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है।
इन मंदिरों के अलावा, उदयपुर में और भी कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जैसे बोहरा गणेश जी मंदिर, मनसापूर्णा करणी माता मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, नागदा मंदिर और अंबा माता मंदिर। प्रत्येक मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, आध्यात्मिकता और ऐतिहासिक महत्व के साथ आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। चाहे आप एक भक्त हों या एक पर्यटक, उदयपुर के ये मंदिर निश्चित रूप से आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे।
तो आइए, उदयपुर (Udaipur) के 9 प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों (Hindu Temples) की एक रोमांचक यात्रा पर चलते हैं और इस शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करते हैं।
List of 9 temples of Udaipur
S.NO | मंदिरों के नाम | स्थान (उदयपुर) |
1 | श्री जगदीश मंदिर | आरजे स्टेट हाईवे 50, उदयपुर, राजस्थान, 313001 |
2 | श्री मंशापूर्ण करणी माता | जवाहर नगर, पिछोला, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
3 | महाकालेश्वर मंदिर | रानी रोड, अंबामाता, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
4 | एकलिंगजी मंदिर | गिरवा तहसील, मेवाड़ की पूर्व राजधानी के पास, उदयपुर, 313202 |
5 | बोहरा गणेश मंदिर | गणपति नगर, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
6 | महालक्ष्मी मंदिर | लक्ष्मी जी मंदिर, जगदीश चौक, रोड, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
7 | सहस्त्रबाहु मंदिर | फोर्ट कैंपस, पोस्ट ऑफिस के पास, मध्य प्रदेश 474001 |
8 | नीमच माता मंदिर | फतेह सागर रोड, शिल्पग्राम, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
9 | अम्बामाता मंदिर | 89 बी, अंबामाता मंदिर रोड, अंबामाता, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
1. श्री जगदीश मंदिर, उदयपुर (Shree Jagdish Temple, Udaipur)
श्री जगदीश मंदिर (Shree Jagdish Temple) उदयपुर (Udaipur) का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर 1651 ई. में महाराणा जगत सिंह प्रथम के द्वारा बनवाया गया था, जो उस समय उदयपुर के शासक थे।
मान्यता है कि एक सपने में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने महाराणा जगत सिंह को दर्शन देकर एक भव्य मंदिर बनवाने का आदेश दिया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 25 वर्षों तक चला और 1652 ई. में पूरा हुआ। जगदीश मंदिर इंडो-आर्यन वास्तुकला शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह तीन मंजिला मंदिर लगभग 79 फीट ऊंचा है और इसमें नक्काशीदार खंभे, चित्रित दीवारें और सजी हुई छतें हैं। मुख्य मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की चार भुजाओं वाली एक विशाल मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है। 1680 ई. में मुगल सम्राट औरंगजेब ने मंदिर पर हमला करवाया था जिसमें इसका कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। बाद में महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय ने इसकी मरम्मत करवाई।
लोगों की आस्था है कि इस मंदिर में भगवान के दर्शन मात्र से सभी दुखों और पीड़ाओं का निवारण हो जाता है। आज भी यह मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
श्री जगदीश मंदिर के बारे में (About Shri Jagdish Temple)
मंदिर का फोन नंबर | +918387987510 , +919309265855 |
मंदिर का पता | आरजे स्टेट हाईवे 50, उदयपुर, राजस्थान, 313001 |
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल | https://www.facebook.com/share/b4iTdNAqNSYYpzwX/ |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 24-25 किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 3 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 17 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/FMt4r4FKsCFKhERE8 |
2.श्री मंशापूर्ण करणी माता, उदयपुर (Shri Manshapurna Karni Mata, Udaipur)
उदयपुर (Udaipur) में स्थित श्री मानसापूर्णा करणी माता मंदिर (Shri Manshapurna Karni Mata) एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो मछला मगरा पहाड़ियों पर दूध तलाई झील के निकट स्थित है।
यह करणी माता की पत्थर की मूर्ति को समर्पित है। मंदिर से शहर और इसकी झीलों का सुंदर दृश्य दिखता है। मंदिर परिसर में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध है, केवल पैदल यात्री ही जा सकते हैं। करणी माता मंदिर शहर के केंद्र में स्थित है। यह उदयपुर हवाई अड्डे से लगभग 24 किमी और उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन व बस डिपो से मात्र 4 किमी दूर है। दर्शनार्थी दूध तलाई तक पहुंचने के लिए स्थानीय टोंगा, ऑटो-रिक्शा या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे की भी सुविधा उपलब्ध है।
इतिहास के अनुसार, महाराणा करण सिंह ने 1620 से 1628 के बीच मछला मगरा के आवासीय क्षेत्रों के विकास के दौरान उदयपुर (Udaipur) में करणी माता मंदिर का निर्माण करवाया था। हालांकि 1997 तक यह मंदिर ज्यादा लोकप्रिय नहीं था और कम ही लोग यहां आते थे। 1997 में मानसापूर्णा करणी माता विकास समिति ने मंदिर परिसर का पुनर्विकास शुरू किया, तब से हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
श्री मंशापूर्ण करणी माता मंदिर के बारे में (About Shri Manshapurna Karni Mata Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 18002124214 |
मंदिर का पता | जवाहर नगर, पिछोला, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 23.3 किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 2.3 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 4 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/oXHpR4sMKmdGMFst9 |
3.महाकालेश्वर मंदिर, उदयपुर (Mahakaleshwar Temple, Udaipur)
उदयपुर (Udaipur) का महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) शिव भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह मंदिर फतेह सागर झील के किनारे स्थित है और हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
मंदिर का निर्माण लगभग 900 वर्ष पहले हुआ था और यह उदयपुर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा स्वयंभू रूप में विराजमान है। यहां शिव जी अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं। मान्यता है कि यहां पूजा-अर्चना और आरती में शामिल होने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर में शाम 6 से 7 बजे तक होने वाली आरती विशेष रूप से लोकप्रिय है। इतिहास की बात करें तो मंदिर का निर्माण परमार वंश के शासनकाल के दौरान हुआ था। मंदिर वास्तुकला की शैली में बना है और इसके शिखर पर सुंदर नक्काशी की गई है। समय के साथ मंदिर का जीर्णोद्धार कई बार किया गया है।
महाकालेश्वर मंदिर के बारे में (About Mahakaleshwar Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 01412209860 |
मंदिर का पता | रानी रोड, अंबामाता, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 25 किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 8 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 3 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/wHtQ8TpvE23kidGx6 |
4. एकलिंगजी मंदिर, उदयपुर (Eklingji Temple, Udaipur)
एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) उदयपुर, राजस्थान (Rajasthan) के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और उदयपुर शहर से लगभग 22 किलोमीटर उत्तर में कैलाशपुरी नामक स्थान पर स्थित है।मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल द्वारा किया गया था।
एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) परिसर में 108 छोटे मंदिर हैं और मुख्य मंदिर में भगवान शिव (Lord Shiva) की 50 फीट ऊंची, चार मुखी प्रतिमा है जिसे एकलिंग महाराज के नाम से जाना जाता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी की एक चांदी की प्रतिमा है। इसके अलावा मंदिर में देवी पार्वती और भगवान गणेश की भी मूर्तियां हैं। मंदिर का इतिहास अच्छी तरह से प्रलेखित नहीं है, लेकिन माना जाता है कि इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में मेवाड़ वंश के संस्थापक बप्पा रावल द्वारा किया गया था। महाराणा मोकल के शासनकाल में मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था और वर्तमान मंदिर का निर्माण महाराणा रायमल को श्रेय दिया जाता है। मुख्य देवता काले पत्थर का शिवलिंग महाराणा रायमल द्वारा स्थापित किया गया था।
एकलिंगजी मंदिर के बारे में (About Eklingji Temple)
मंदिर का फोन नंबर | +919029497143 |
मंदिर का पता | कैलाशपुरी, गिरवा तहसील, मेवाड़ की पूर्व राजधानी के पास, उदयपुर, 313202 |
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल | https://www.facebook.com/share/Ufd3W3ddjUPcwS5E/ |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 33.8 किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 24.9 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 22 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/Xqu19Hkmzh8wmUkd7 |
5. बोहरा गणेश मंदिर, उदयपुर (Bohra Ganesh Temple, Udaipur)
बोहरा गणेश मंदिर (Bohra Ganesh Temple) उदयपुर (Udaipur) शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पास बोहरा गणेश रोड पर स्थित है। मंदिर के केंद्र में भगवान गणेश की पूर्व दिशा की ओर मुख करके नृत्य मुद्रा में प्रतिमा स्थापित है।
उदयपुर (Udaipur) में यह मंदिर वैसा ही सम्मान प्राप्त करता है जैसा जयपुर के मोती डूंगरी मंदिर को मिलता है। मंदिर का इतिहास लगभग 350 साल पुराना माना जाता है। इसका मूल नाम ‘बोर गणेश’ था और शहर की तत्कालीन सीमा के बाहर बनाया गया था। लेकिन समय के साथ शहर की सीमा का विस्तार होने से अब यह क्षेत्र शहर की सीमा में आ गया है। अब पूरा इलाका भी बोहरा गणेश के नाम से जाना जाता है।
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) और अन्नकूट (Annakoot) के त्योहार बोहरा गणेश मंदिर में बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं। गणेश चतुर्थी पर मंदिर मध्यरात्रि से सुबह तक खुला रहता है और करीब 2-2.5 लाख श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। अन्नकूट पर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को ‘छप्पन भोग’ अर्पित किया जाता है। सुबह जल्दी ‘आंगी’ नामक अनुष्ठान किया जाता है और शाम को पुजारी ‘महा आरती’ कर भक्तों को प्रसाद वितरित करते हैं।
बोहरा गणेश मंदिर के बारे में (About Bohra Ganesh Temple)
मंदिर का फोन नंबर | +919001501732 |
मंदिर का पता | गणपति नगर, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
मंदिर की इंस्टाग्राम प्रोफाइल | https://www.instagram.com/bohraganeshji_blog?igsh=cjB5ZzM3MzMzc21v |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 25 किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 4 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 3.9 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/3ASbrDfAE1VjKxuT9 |
6. महालक्ष्मी मंदिर, उदयपुर (Mahalaxmi Temple, Udaipur)
महालक्ष्मी मंदिर (Mahalaxmi Temple), उदयपुर (Udaipur), राजस्थान (Rajasthan) का एक ऐतिहासिक मंदिर है, जो हिन्दू धर्म में समृद्धि और विपुलता की देवी, महालक्ष्मी को समर्पित है।
यह मंदिर उदयपुर (Udaipur) के हृदयस्थल में स्थित है, जहाँ मामाजी की हवेली के पास, यह हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। मंदिर की महालक्ष्मी की प्रतिमा की विशेषता इसे अन्य मंदिरों से अलग करती है। यहाँ माँ महालक्ष्मी की प्रतिमा हाथी पर विराजित है, जबकि अधिकांश मंदिरों में माँ लक्ष्मी को कमल के फूल पर बैठे हुए दर्शाया जाता है। यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना माना जाता है और इसका निर्माण महाराज जगत सिंह द्वारा करवाया गया था। दीपावली, हिन्दुओं का प्रकाश पर्व, के दिन इस मंदिर की विशेषता और बढ़ जाती है। इस दिन, मंदिर की प्राधिकरण माँ महालक्ष्मी की प्रतिमा को पांच लाख रुपये की सोने की बेस में सजाती है। मंदिर को सुंदर रौशनी से सजाया जाता है, और देशभर से भक्त माँ महालक्ष्मी के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहाँ आते हैं।
यह महालक्ष्मी मंदिर (Mahalaxmi Temple) केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं है, बल्कि राजस्थान (Rajasthan) की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
महालक्ष्मी मंदिर के बारे में (About Mahalaxmi Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 09928535904 |
मंदिर का पता | लक्ष्मी जी मंदिर, जगदीश चौक, रोड, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 24 किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 3 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 3 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/hLyrUzKvDL6638xR6 |
7.सहस्त्रबाहु मंदिर, उदयपुर (Sahastrabahu Temple, Udaipur)
सहस्त्रबाहु मंदिर (Sahastrabahu Temple) उदयपुर (Udaipur) से लगभग 23 किलोमीटर दूर नागदा गांव में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह 10वीं या 11वीं शताब्दी में कच्छवाहा राजवंश के राजा महिपाल द्वारा निर्मित किया गया था।
यह मंदिर अपनी शानदार वास्तुकला और परिवार के बंधनों के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। मंदिर का मूल नाम सहस्त्रबाहु है, जिसका अर्थ है “हजार भुजाओं वाला”, जो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का पर्यायवाची है। किंवदंती है कि राजा महिपाल की रानी भगवान विष्णु की भक्त थीं, इसलिए राजा ने उनके लिए यह मंदिर बनवाया। बाद में, जब राजकुमार की शादी हुई, तो उनकी पत्नी के लिए भगवान शिव (Lord Shiva) का एक और मंदिर बनाया गया। समय के साथ, इन दो मंदिरों को सास-बहू मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। मंदिर परिसर में दो मुख्य मंदिर और उनके आसपास कई छोटे मंदिर हैं। दोनों मंदिर पूर्व की ओर मुख करते हैं और उनमें एक मंडप, खुला बरामदा और ईंट के शिखर हैं। मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर जटिल नक्काशी की गई है, जिनमें देवताओं और पौराणिक दृश्यों को दर्शाया गया है।
सहस्त्रबाहु मंदिर (Sahastrabahu Temple) भारत (India) के सबसे अद्भुत ऐतिहासिक स्मारकों में से एक माना जाता है। यह हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन कला का एक शानदार उदाहरण है।
सहस्त्रबाहु मंदिर के बारे में (About Sahastrabahu Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 02942411535 |
मंदिर का पता | फोर्ट कैंपस, पोस्ट ऑफिस के पास, मध्य प्रदेश 474001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 33.1 किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 23 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 24.6 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/KJLYMJftxV3G3oVY6 |
8. नीमच माता मंदिर, उदयपुर (Neemach Mata Temple, Udaipur)
नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) उदयपुर (Udaipur) शहर के देवाली क्षेत्र में फतेह सागर झील के किनारे एक हरे-भरे पहाड़ी पर स्थित है।
यह मंदिर नीमच माता देवी की पत्थर की मूर्ति का पूजन स्थल है। यहाँ भगवान गणेश (Lord Ganesh) की एक मूर्ति और पत्थर के तीन पश्चिम की ओर मुख करने वाले सिंह भी हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 900 मीटर लम्बी सीढ़ियाँ और ऊपर की ओर ढलान वाला रास्ता दोनों हैं। हाल ही में नीमच माता मंदिर तक पहुँचने के लिए एक रोपवे भी शुरू किया गया है जो यात्रा को काफी आसान बना देता है। मंदिर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है, हालांकि त्योहारों या विशेष अवसरों पर समय में बदलाव हो सकता है। स्थानीय मान्यता है कि नीमच माता का नाम एक नीम के पेड़ की उपस्थिति से जुड़ा है, जिसके पास देवी की मूर्ति पाई गई थी। मंदिर का निर्माण 1652-1680 के आसपास हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि स्थानीय लोग सदियों से नीमच माता की पूजा सुरक्षा और समृद्धि के लिए करते आ रहे हैं। कुछ का मानना है कि नीमच माता शाही महाराणा परिवार की कुलदेवी हैं।
मंदिर का निर्माण स्थानीय लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और इसमें राजस्थानी वास्तुकला की झलक दिखती है। मंदिर का डिज़ाइन सरल और सुरुचिपूर्ण है। मंदिर में शिखर और मंडप हो सकते हैं, जो हिंदू मंदिरों के विशिष्ट तत्व हैं।
नीमच माता मंदिर के बारे में (About Neemuch Mata Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 01412209860 |
मंदिर का पता | फतेह सागर रोड, शिल्पग्राम, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल | https://www.facebook.com/share/DWmoUsgRbxM4WhGV/ |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 23. किलोमीटर |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 7.5 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 4 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/zs8w1mu42ykaAe3H7 |
9. अम्बामाता मंदिर, उदयपुर (Ambamata Mata Temple, Udaipur)
उदयपुर (Udaipur), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित अम्बामाता मंदिर (Ambamata Mata Temple) एक ऐतिहासिक और आर्किटेक्चरल चमत्कार है। यह मंदिर 961 ईस्वी में निर्मित हुआ था।
यह मंदिर खजुराहो गांव में स्थित है, जिसे उसकी कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है। अम्बामाता मंदिर, माता दुर्गा को समर्पित है, जिन्हें शक्ति का स्रोत माना जाता है। मंदिर की वास्तुकला एक आश्चर्यजनक पिरामिड आकार की है, और उसकी दीवारों पर जटिल नक्काशी है। मंदिर के परिसर में प्रार्थना भवन, माता दुर्गा की मूर्ति, एक मंडप, एक छोटा गुंबद, कई खिड़कियाँ, और सुंदरता से निर्मित द्वार शामिल हैं। मंदिर की दीवारें विभिन्न देवताओं की नक्काशियों से सजी हैं, जबकि मुख्य देवता, माता दुर्गा, नीले-हरे पत्थर से बनी है। मंदिर की वास्तुकला क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतिबिंब है। मंदिर की नक्काशियाँ और मूर्तियाँ उस समय के शिल्पकारों की कौशल और कारीगरी का प्रमाण हैं।
उदयपुर (Udaipur) का अम्बामाता मंदिर इतिहास, संस्कृति, और वास्तुकला में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य देखने योग्य स्थल है। इसकी अद्वितीय डिजाइन, जटिल नक्काशियाँ, और ऐतिहासिक महत्व ने इसे राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में एक मूल्यवान योगदान बनाया है।
अम्बामाता मंदिर के बारे में (About Ambamata Temple)
मंदिर का फोन नंबर | 09166025092 |
मंदिर का पता | 89 बी, अंबामाता मंदिर रोड, अंबामाता, उदयपुर, राजस्थान 313001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
उदयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5 किलोमीटर |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 26 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 4.4 किलोमीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/GvLbQufWnvpppebk9 |
Conclusion:
उदयपुर (Udaipur) के इन प्रसिद्ध मंदिरों से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़े। इस लेख से उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो अपने प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए।हम आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने का हर संभव प्रयास करेंगे, ऐसे ही और फिर रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. उदयपुर नगर का संस्थापक कौन था?
Ans. उदयपुर नगर का संस्थापक महाराणा उदय सिंह थे, जिन्होंने 1558 में इस नगर की स्थापना की।
Q. उदयपुर किसके लिए प्रसिद्ध है?
Ans. उदयपुर अपने इतिहास, संस्कृति और भोजन के लिए प्रसिद्ध है।
Q. उदयपुर की संस्कृति और परंपराएं क्या हैं?
Ans. उदयपुर की संस्कृति और परंपराएं पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण हैं। शहर अपने रंग-बिरंगे कपड़ों, पारंपरिक संगीत और नृत्य, और प्राचीन शिल्प के लिए जाना जाता है।
Q. उदयपुर के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल कौनसे हैं?
Ans. उदयपुर में कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल पिचोला झील, नगर महल, सज्जनगढ़ महल, फतेह सागर झील, विंटेज कार संग्रहालय, जगदीश मंदिर, दूध तलाई संगीत उद्यान, जयसमंद झील, सहेली की बाड़ी, और बागोर की हवेली और मानसून महल शामिल हैं।
Q. उदयपुर की भोजन संस्कृति कैसी है?
Ans. उदयपुर की भोजन संस्कृति में शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों का मिश्रण होता है, जो जैन और वैष्णव परंपराओं से प्रभावित होती है।
Q. उदयपुर में पिचोला झील क्या है?
Ans. पिचोला झील उदयपुर में एक सुंदर कृत्रिम झील है, जिसके चारों ओर पहाड़, स्नान घाट, मंदिर, और महल हैं।