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जानिए बैद्यनाथ मंदिर के बारे में, Know About Baidyanath Temple

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बैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) भारत के झारखंड (Jharkhand) राज्य के देवघर (Devghar) में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlingas) में से एक है। बैद्यनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। हर साल लाखों श्रद्धालु मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। बैद्यनाथ मंदिर झारखंड के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। मंदिर अपनी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) से संबंधित इस लेख में हम आपको वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) का इतिहास,  इसकी वास्तुकला एवं इस मंदिर के महत्व के बारे में बताएंगे, इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए ।

Baidyanath Temple Overview

टॉपिकजानिए बैद्यनाथ मंदिर के बारे में, Know about Baidyanath Temple
लेख प्रकारआर्टिकल
मंदिरबैद्यनाथ मंदिर
देवताभगवान शिव
स्थानझारखंड
वास्तुकलापैगोडा शैली की वास्तुकला
महत्व12 ज्योतिर्लिंगों में से एक
मंदिर की ऊंचाई72 फीट

वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) का इतिहास, History of Baidyanath Temple 

वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple)के बारे में विभिन्न किवदंतियां हैं, एक किंवदंती यह कहती है कि त्रेता युग (Treta yug) में लंका के राजा राक्षस (Demon) रावण (Ravana) ने भगवान ने शिव की कठोर तपस्या (penance) की । तपस्या के पश्चात भगवान महादेव (Lord Shiva) रावण से अत्यधिक प्रसन्न हो गए भगवान शिव ने रावण से उसकी इच्छा पूछी रावण ने भगवान शिव से कहा कि आप लंका आ जाइए और वहीं विराजिये महादेव रावण की इस प्रार्थना से सहमत नहीं हुई लेकिन उन्होंने रावण को एक शिवलिंग भेंट किया और कहा कि इस शिवलिंग की स्थापना जाकर लंका में कर दो क्योंकि इस शिवलिंग की देवता स्वयं उनके समान ही प्रभावी होगी साथ ही भगवान शिव ने रावण को यह चेतावनी भी दी की लंका (Lanka) जाते समय अगर तुमने इस शिवलिंग (Shivling) को बीच में ही किसी स्थान पर रख दिया तो यह शिवलिंग वहीं पर जाम जाएगा और फिर दोबारा तुम उसे उठा नहीं पाओगे इसके पश्चात रावण ने शिवलिंग को हाथ में उठाकर अपनी यात्रा की शुरुआत कर दी सभी देवता रावण से भयभीत होने लगे उन्होंने यही सोचा कि अगर शिवलिंग की स्थापना लंका में हो गई तो फिर रावण और भी अधिक शक्तिशाली हो जाएगा और उन पर खूब अत्याचार करेगा ।

एक युक्ति तैयार की गई और जल के देवता वरुण (Lord Varun), रावण के पेट में प्रवेश कर गए और राक्षस को खुद को लघु शंका से राहत देने के लिए पृथ्वी पर उतरना पड़ा। बाद में, पृथ्वी पर अवतरित होने के बाद, भगवान गणेश (Lord Ganesh) एक बूढ़े ब्राह्मण के वेश में, रावण के सामने प्रकट हुए और उससे बातचीत करने लगे। रावण ने ब्राह्मण (Brahman) से अनुरोध किया कि कृपया कुछ मिनटों के लिए ज्योतिर्लिंग को पकड़कर रखें ताकि उसे राहत मिल सके वह स्वयं। भगवान गणेश (Lord Ganesh) तुरंत इसके लिए सहमत हो गए और, जैसे ही रावण (Ravana) ने खुद को राहत देने के लिए अपनी पीठ घुमाई तभी उसे ब्राह्मण ने शिवलिंग को उसे स्थान पर रख दिया और फिर शिवलिंग उसी स्थान पर स्थापित हो गया रावण यह सब देखकर अत्यधिक क्रोधित हुआ लेकिन वह कुछ भी ना कर सका क्योंकि वह बूढ़ा ब्राह्मण वहां से गायब हो चुका था और यह वही ज्योतिर्लिंग है जिसे आज हम वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जानते हैं ।

वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) की वास्तुकला, Architecture of  BaidyanathTemple

बैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) एक बड़े मंदिर परिसर में स्थित है। मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर है। मंदिर के अंदर लगभग 21 मंदिर हैं। इसे पैगोडा शैली की वास्तुकला में बनाया गया है, जहां पत्थर पर बारीक नक्काशी की गई है। मंदिर की परिसर की दीवारें भी ऊंची हैं और पत्थरों से निर्मित हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि देवी पार्वती और भगवान शिव के मंदिर तारों से जुड़े हुए हैं, जो देवताओं के बीच आत्माओं की एकता को दर्शाता है।गौरतलब है कि शिव लिंगम का शीर्ष थोड़ा क्षतिग्रस्त है। जब राजा रावण ने इसे उखाड़ने का प्रयास किया तो वह अपने उद्देश्य में असफल रहा। तब से, मंदिर परिसर में भगवान शिव के लिंग को प्रतिस्थापित नहीं किया गया है। 

बैद्यनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व, Religious Importance of Baidyanath temple

वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) का महत्व धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से है। धार्मिक दृष्टि से, यह मंदिर भगवान शिव के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए मंदिर में स्थापित शिवलिंग को “कामना लिंग” भी कहा जाता है। सांस्कृतिक दृष्टि से, वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं। विशेष रूप से सावन के महीने में यहां श्रावणी मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु कांवड़ लेकर बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने आते हैं।

वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) में दर्शन करने का समय,Timings to visit Vaidyanath Temple

जब आप बैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो उससे पहले आपको वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन के समय के बारे में पता होना चाहिए। बाबा बैद्यनाथ के दर्शन का समय सुबह 4:00 बजे से शुरू होता है। भक्तों के दर्शन का समय सुबह 4:00 बजे से शुरू होकर 5:30 बजे तक होता है जब सरकार पूजा की जाती है। पूजा समारोह समाप्त होने पर मंदिर अपराह्न 3:30 बजे बंद हो जाता है। उसके बाद, शाम 6:00 बजे, मंदिर आम जनता के लिए खुलता है, और पूजा फिर से शुरू होती है। इस समय श्रृंगार पूजा होती है। रात 9:00 बजे तक, मंदिर अंततः अपने दरवाजे बंद कर लेता है

वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) कैसे पहुंचे? How to reach Vaidyanath Temple?

  • हवाईजहाज से – निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पटना में है। सड़क मार्ग का सहारा लेकर हवाई अड्डे से मंदिर तक पहुंचने की सलाह दी जाती है।
  • रेल द्वारा – निकटतम रेलवे स्टेशन जसीडीह रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर परिसर से सात किलोमीटर दूर है। लोग रेलवे स्टेशन से मंदिर तक स्थानीय परिवहन का सहारा ले सकते हैं।
  • सड़क द्वारा – बैद्यनाथ धाम शहर अधिकांश शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। स्थानीय परिवहन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यह शहर लगातार बस सेवाएँ प्रदान करता है और अधिकांश महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ता है

Summary 

बाबा बैद्यनाथ मंदिर भक्ति और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में खड़ा है, जो भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। दैनिक अनुष्ठान और विशेष उत्सव इस पवित्र स्थल पर मनाई जाने वाली धार्मिक प्रथाओं की जीवंतता को बढ़ाते हैं। मंदिर में आने वाले भक्त न केवल वास्तुशिल्प चमत्कार देखते हैं बल्कि परमात्मा के साथ गहरा संबंध भी अनुभव करते हैं । अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रों के साथ जरूर साझा करें साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें । 

Q. वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) कहाँ स्थित है?

Ans. यह मंदिर झारखंड राज्य के देवघर ज़िले में स्थित है।

Q. वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) को किस नाम से भी जाना जाता है?

Ans. इसे बाबा बैद्यनाथ मंदिर, बाबा धाम, और तिलैयाधाम के नाम से भी जाना जाता है।

Q. वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) किस देवता को समर्पित है?

L

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं।

Q. वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) की वास्तुकला कैसी है?

Ans. यह मंदिर नागर शैली की वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।

Q. वैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) में कौन-कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं?

Ans. महाशिवरात्रि, सावन महीना, और झूलन पर्व यहाँ के प्रमुख त्यौहार हैं।