Famous Temples Of Bhilwara: भीलवाड़ा, राजस्थान की संस्कृति और धार्मिक विरासत का एक अनमोल हिस्सा है। यह शहर न सिर्फ अपनी खूबसूरत वादियों और पहाड़ियों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां के प्राचीन और भव्य हिंदू मंदिरों के लिए भी मशहूर है। ये मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते आ रहे हैं और उनकी आस्था को मजबूत करते हैं।
भीलवाड़ा के मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला, कलात्मक नक्काशी और धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों की दीवारें प्राचीन कथाओं और पौराणिक आख्यानों से सजी हुई हैं, जो हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की याद दिलाती हैं। ये मंदिर न केवल भक्ति और आध्यात्मिकता का केंद्र हैं, बल्कि इतिहास और कला के अनमोल खजाने भी हैं।भीलवाड़ा के मंदिरों में से कुछ सदियों पुराने हैं और उनका निर्माण प्राचीन राजवंशों द्वारा किया गया था। इन मंदिरों की स्थापत्य कला और मूर्तिकला उस समय के कारीगरों की कुशलता और कल्पनाशीलता को दर्शाती है। आज भी ये मंदिर अपनी मूल सुंदरता और गरिमा को बरकरार रखे हुए हैं और दुनिया भर से लाखों पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचते हैं। इन मंदिरों में से प्रत्येक की अपनी अनूठी कहानी और महत्व है। कुछ मंदिर प्रसिद्ध हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित हैं, जबकि अन्य स्थानीय देवताओं और संतों से जुड़े हुए हैं। इन मंदिरों में आयोजित होने वाले त्योहार और उत्सव भीलवाड़ा की जीवंतता और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं।
इस लेख में, हम भीलवाड़ा के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों की यात्रा करेंगे। हम इन मंदिरों के इतिहास, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के बारे में गहराई से जानेंगे। साथ ही, हम इन मंदिरों से जुड़ी रोचक कथाओं और किंवदंतियों का भी पता लगाएंगे। तो चलिए, भीलवाड़ा की इस अद्भुत धार्मिक यात्रा पर निकलते हैं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर के इन अनमोल रत्नों को करीब से देखते हैं।
List Of Famous Temples Of Bhilwara
SN.O | मंदिरों के नाम | स्थान (भीलवाड़ा) |
1 | जालौन का मंदिर | भीलवाड़ा शहर, जिला भीलवाड़ा, राजस्थान |
2 | श्री बीड के बालाजी | शाहपुरा तहसील, कनेछन गांव भीलवाड़ा (राजस्थान) |
3 | धनोप माताजी | धनोप माताजी, धनोप, भीलवाड़ा राजस्थान 311407 |
4 | गायत्री शक्ति पीठ | आर के कॉलोनी, भीलवाड़ा, राजस्थान 311001 |
1. जालौन का मंदिर (Jataun Ka Mandir)
भीलवाड़ा (Bhilwara) के जालौन का मंदिर (Jataun ka Mandir) एक अनूठा और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जहाँ भक्त एक ही शिवलिंग में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकते हैं।
यह मंदिर भीलवाड़ा (Bhilwara) के कलेक्ट्रेट के पास स्थित है और लगभग 32 साल पहले स्थापित किया गया था। यह न केवल राजस्थान बल्कि अन्य राज्यों से भी भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। मंदिर की अनूठी विशेषता यह है कि भक्त एक ही शिवलिंग में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों को देख सकते हैं, जो दुर्लभ है। मंदिर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि भक्त एक ही स्थान से सभी 12 ज्योतिर्लिंगों को देख सकें। यह विशेषता इसे शिवरात्रि और हरितालिका अमावस्या जैसे त्योहारों के दौरान भक्तों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बनाती है। शिवरात्रि के दौरान मंदिर में तीन दिवसीय मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
जालौन का मंदिर के बारे में (About Jataun Temple)
मंदिर का फोन नंबर | मंदिर का कोई आधिकारिक नंबर नहीं है |
मंदिर का पता | भीलवाड़ा शहर, जिला भीलवाड़ा, राजस्थान |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 3.4 किलोमीटर |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 148 किलोमीटर |
भीलवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 1.9 किलोमीटर |
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2. श्री बीड के बालाजी (Shri Beed Ke Balaji)
श्री बीड के बालाजी मंदिर (Shri Beed Ke Balaji Temple) जो राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में स्थित है, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो हनुमानजी, जिसे बालाजी के रूप में भी जाना जाता है, की उपासना के लिए प्रसिद्ध है।
यह मंदिर अपने आश्चर्यजनक शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है, जो लोगों को भूत-प्रेतों और अन्य आत्मिक पीड़ाओं से मुक्ति दिलाने में सहायता करती हैं। मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों पुराना माना जाता है, हालांकि इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। मान्यता है कि मंदिर की भगवान बालाजी की मूर्ति स्वयंभू है, यानी यह स्वयं ही प्रकट हुई थी। मंदिर के चारों ओर पहाड़ों और शांत वातावरण के कारण यहां आने वाले यात्रियों को एक शांतिपूर्ण अनुभव मिलता है।
मंदिर के दर्शन के दौरान भक्तों को कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है, जैसे कि प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन का सेवन करने से बचना।
श्री बीड के बालाजी मंदिर के बारे में ( About Sri Beed Balaji Temple)
मंदिर का मोबाइल नंबर | मंदिर का कोई आधिकारिक नंबर उपलब्ध नहीं है |
मंदिर का पता | शाहपुरा तहसील, कनेछन गांव भीलवाड़ा (राजस्थान) |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 55 किलोमीटर |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 145.4 किलोमीटर |
भीलवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 43.1 किलोमीटर |
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3. धनोप माताजी (Dhanop Mataji)
धनोप माता मंदिर (Dhanop Mataji Temple) भीलवाड़ा (Bhilwara) राजस्थान (Rajasthan) का एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील में धनोप गांव में स्थित है।
मंदिर की स्थापना लगभग 11वीं शताब्दी में हुई थी, जैसा कि मंदिर में मिले एक शिलालेख से पता चलता है जिस पर विक्रम संवत 912 का उल्लेख है। मंदिर का निर्माण एक ऊंचे चबूतरे पर किया गया है। मुख्य मंदिर में अन्नपूर्णा, चामुंडा और काली देवी की सुंदर मूर्तियां हैं। इसके अलावा भैरूजी, शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और 64 योगिनियों की मूर्तियां भी मौजूद हैं। मंदिर का सभा मंडप राजा पृथ्वी चौहान III के शासनकाल में बनवाया गया था।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के दौरान मंदिर में विशेष पूजा और मेला आयोजित किया जाता है। हजारों श्रद्धालु देवी के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं।
धनोप माताजी मंदिर के बारे में (About Dhanop Mataji Temple)
मंदिर का मोबाइल नंबर | +919667000010 |
मंदिर का पता | धनोप माताजी, धनोप, राजस्थान 311407 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 98.2 किलोमीटर |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 247 किलोमीटर |
भीलवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 96.6 किलोमीटर |
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4. गायत्री शक्ति पीठ (Gayatri Shakti Peetha)
भीलवाड़ा (Bhilwara) के गायत्री शक्ति पीठ मंदिर (Gayatri Shakti Peetha) का विशेष महत्व है, खासकर महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के अवसर पर। यह मंदिर नंदी के कानों के लिए जाना जाता है, जहां भक्त अपनी इच्छाएं फुसफुसाते हैं, यह मानते हुए कि भगवान शिव जल्द ही उन्हें पूरा करेंगे।
यह मंदिर भीलवाड़ा (Bhilwara) के सबसे बड़े शिव मंदिरों में से एक है और इसकी उम्र लगभग 800 साल मानी जाती है। यहां एक स्वयंभू शिवलिंग है, जो पूरे देश से आने वाले भक्तों के आकर्षण का केंद्र है।
मंदिर के ट्रस्टी महादेव जाट ने बताया कि यह मंदिर गन्ने के रस से शिवलिंग के विशेष अभिषेक के लिए प्रसिद्ध है, जिसे बड़ी श्रद्धा के साथ किया जाता है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और ट्रस्ट भक्तों के लिए तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन करता है। त्योहार के दौरान मंदिर को खूबसूरती से सजाया जाता है और भक्तों के लिए कई स्वागत व्यवस्थाएं की जाती हैं।
गायत्री शक्ति पीठ के बारे में (About Gayatri Shakti Peeth)
मंदिर का फोन नंबर | कोई आधिकारिक नंबर उपलब्ध नहीं है |
मंदिर का पता | आर के कॉलोनी, भीलवाड़ा, राजस्थान 311001 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश निशुल्क है |
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 146.2 किलोमीटर |
भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 250 किलोमीटर |
भीलवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 500 मीटर |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/W9Q8MnaHTWGGMUoa9 |
Conclusion:
भीलवाड़ा के मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि कला, संस्कृति और इतिहास के खजाने भी हैं। ये मंदिर आध्यात्मिक शांति, आस्था और भक्ति का अनुभव प्रदान करते हैं। अगर आप भी भीलवाड़ा की यात्रा पर जाएं तो इन मंदिरों के दर्शन जरूर करें और अगर हम आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो हमारे इस लेख को अपने प्रिय जनों के साथ भी अवश्य साझा करें। इस लेख को पढ़ने के बाद अगर आपके मन में कोई प्रश्न उत्पन्न हुआ हो तो उन प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए हम आपके सभी प्रश्नों का हर संभव जवाब देने का प्रयास भी करेंगे ऐसी और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. भीलवाड़ा में सभी 12 ज्योतिर्लिंग को एक शिवलिंग में देखने की सुविधा किस मंदिर में मिलती है?
Ans. मानसापूर्ण महादेव मंदिर, भीलवाड़ा में सभी 12 ज्योतिर्लिंग को एक ही शिवलिंग में देखने की सुविधा मिलती है। यह मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय और शक्तिशाली आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
Q. भीलवाड़ा में मानसापूर्ण महादेव मंदिर का स्थान कहां है?
Ans. मानसापूर्ण महादेव मंदिर, भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर हरनेय महादेव मंदिर के पास स्थित है। यहां श्रद्धालुओं को एक ही शिवलिंग में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने की अनोखी सुविधा मिलती है।
Q. भीलवाड़ा में मानसापूर्ण महादेव मंदिर की स्थापना कब हुई थी?
Ans. मानसापूर्ण महादेव मंदिर की स्थापना भीलवाड़ा में लगभग 32 वर्ष पहले हुई थी। इसकी अद्वितीयता इस तथ्य में है कि यहां श्रद्धालुओं को एक ही शिवलिंग में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने की सुविधा मिलती है।
Q. मानसापूर्ण महादेव मंदिर, भीलवाड़ा का विशेषता क्या है?
Ans. मानसापूर्ण महादेव मंदिर, भीलवाड़ा की विशेषता इसमें है कि यहां श्रद्धालुओं को एक ही शिवलिंग में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने की सुविधा मिलती है। यह मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय और शक्तिशाली आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
Q. कौन से त्योहार भीलवाड़ा के मानसापूर्ण महादेव मंदिर में सबसे अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं?
Ans. शिवरात्रि और हरितालिका तीज त्योहार भीलवाड़ा के मानसापूर्ण महादेव मंदिर में सबसे अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इन त्योहारों के दौरान श्रद्धालु अपनी इच्छाओं की पूर्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां जमा होते हैं।
Q. मानसापूर्ण महादेव मंदिर, भीलवाड़ा की वास्तुकला कैसे डिज़ाइन की गई है?
Ans. मानसापूर्ण महादेव मंदिर, भीलवाड़ा की वास्तुकला को ऐसे तरीके से डिज़ाइन किया गया है कि श्रद्धालु एक साथ सभी 12 ज्योतिर्लिंगों को देख सकें।