Home मंदिर Famous Temples Of Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ के यह 7 प्रसिद्ध मंदिर देश ही...

Famous Temples Of Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ के यह 7 प्रसिद्ध मंदिर देश ही नहीं दुनिया भर में है प्रसिद्ध, जानिए इनका इतिहास

Famous Temples Of Chittorgarh
Join Telegram Channel Join Now

Famous Temples Of Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh)- एक ऐसा नाम जो हर भारतीय के दिल में देशभक्ति और आस्था की अलख जगाता है। यह वह पावन धरती है, जहाँ वीरता और त्याग की गाथाएँ हर कदम पर सुनाई देती हैं। 

चित्तौड़गढ़ न सिर्फ़ अपने गौरवशाली इतिहास के लिए, बल्कि अपने भव्य और प्राचीन मंदिरों के लिए भी विश्वप्रसिद्ध है। यहाँ मौजूद प्रत्येक मंदिर अपने आप में एक अनूठी कहानी समेटे हुए है। इन मंदिरों की आभा और वास्तुकला देखकर आप दंग रह जाएंगे। यहाँ के मंदिर न केवल आस्था के प्रतीक हैं, अपितु कला और स्थापत्य के अद्भुत नमूने भी हैं। प्रत्येक मूर्ति, प्रत्येक नक्काशी में कारीगरों की असाधारण प्रतिभा झलकती है। इन मंदिरों की प्राचीनता और उनसे जुड़ी मान्यताएँ श्रद्धालुओं को यहाँ खींच लाती हैं। कहा जाता है कि इन मंदिरों में पूजा-अर्चना और दर्शन करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। तो आइए, हम आपको चित्तौड़गढ़ के सात सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों की यात्रा पर ले चलते हैं। इस लेख में हम आपको इन मंदिरों के इतिहास, वास्तुकला और महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही, हम आपको यह भी बताएंगे कि इन मंदिरों तक कैसे पहुंचा जा सकता है और वहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है। 

तो तैयार हो जाइए, क्योंकि हम आपको भारत के सबसे प्राचीन और खूबसूरत मंदिरों की एक अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाने वाले हैं…

Also Read:- भगवान शिव और चन्द्रमा की कथा

List of Famous Temples Of Chittorgarh 

S.NOमंदिरो के नामस्थान
1कालिका माता मंदिरचित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001
2कुम्भा श्याम मंदिरचित्तौड़ किला रोड, चित्तौड़गढ़ किला गांव, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001
3मीरा बाई मंदिरचारभुजा चोक मीरा मंदिर, मेड़ता, राजस्थान 341510
4समाधिश्वर मंदिरचित्तौड़गढ़ किला गांव, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001
5सातबीस जैन मंदिरफोर्ट रोड, गांधी नगर, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)
6सास बहू मंदिरचित्तौड़गढ़, राजस्थान  313202
7रत्नेश्वर महादेव मंदिरसेक्टर5, गांधी नगर, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001

1.कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple)

राजस्थान (Rajasthan) के चित्तौड़गढ़ में स्थित कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple) का इतिहास गहन और उत्कृष्ट है। यह मंदिर आठवीं शताब्दी में निर्माण हुआ था, प्रारंभ में यह सूर्य मंदिर के रूप में निर्माण हुआ था, किन्तु 14वीं शताब्दी में जब इसकी मूल संरचना क्षतिग्रस्त हुई, तब इसे कालिका माता के लिए समर्पित कर दिया गया।

मंदिर की संरचना प्रतिहार शैली में है, जिसका उदाहरण इसके मंडप, छत, स्तम्भ, और प्रवेश द्वार में देखा जा सकता है। यहाँ नियमित रूप से “रात्रि जागरण” की घटनाएं होती हैं और मंदिर के परिसर में विशाल स्थान है। इसके अलावा, मंदिर के परिसर में भगवान शिव के लिए समर्पित जोगेश्वर्ड महादेव नामक एक और मंदिर भी स्थित है। नवरात्रि के दौरान, मंदिर को दीपकों से सजाया जाता है, जो भक्तों के लिए अत्यंत आनंददायक दृश्य प्रस्तुत करता है। कालिका माता मंदिर पद्मिनी महल और विजय स्तम्भ के बीच स्थित है, और यह स्थल स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में उभरा है। इसकी अद्वितीय आकर्षण और सौंदर्य ने इसे एक विशेष तीर्थ स्थल बनाया है।

Also Read:- आखिर क्या है भगवान शिव की तीसरी आंख का रहस्य

मंदिर का आधिकारिक फोन नंबर01412371141
मंदिर का पताचित्तौड़गढ़ किला, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटमंदिर की कोई आधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
चित्तौड़गढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी7.5 किलोमीटर 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी5.4 किलोमीटर 
महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 95 किलोमीटर 

2.कुम्भा श्याम मंदिर (Kumbha Shyam Temple)

चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh), राजस्थान (Rajasthan) का एक ऐतिहासिक नगर, अनेक धार्मिक स्थलों की निवास स्थली है। इनमें से एक महत्वपूर्ण मंदिर है कुम्भा श्याम मंदिर। 

इस मंदिर की आंतरिक संरचना पिरामिड आकार की है, और इसमें हिंदू पौराणिक कथाओं के कई देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। कुम्भा श्याम मंदिर की स्थापना राजा कुम्भा द्वारा की गई थी, जिन्होंने चित्तौड़गढ़ की सुरक्षा के लिए अनेक दुर्गों का निर्माण करवाया था। यह मंदिर उन्हीं के नाम पर जाना जाता है। मंदिर में मूल रूप से भगवान कृष्ण की प्रतिष्ठा की गई थी, जिन्हें यहां श्याम नाम से पुकारा जाता है। इस मंदिर की विशेषता इसकी वास्तुकला है, जो अपनी सरलता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर की दीवारों पर खुदाई गई विभिन्न मूर्तियां और चित्रण धर्म, संस्कृति, और कला के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं।

मंदिर का आधिकारिक फोन नंबरमंदिर का आधिकारिक फोन नंबर उपलब्ध नहीं है
मंदिर का पताचित्तौड़ किला रोड, चित्तौड़गढ़ किला गांव, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001
मंदिर की अधिकारी वेबसाइटमंदिर की आधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश निशुल्क है
चित्तौड़गढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी6.4 किलोमीटर 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी4.3 किलोमीटर 
महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी97.0 किलोमीटर 
Also Read:- ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन करने से प्राप्त होगा भगवान शिव का आशीर्वाद

3.मीरा बाई मंदिर (Meera Bai Temple)

मीराबाई मंदिर (Meera Bai Temple) चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) किले के परिसर में स्थित एक प्राचीन मंदिर है जो मीराबाई को समर्पित है। मीराबाई एक राजपूत राजकुमारी थीं, जो भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त थीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन कृष्ण भक्ति में समर्पित कर दिया था।

इतिहास के अनुसार, यह मंदिर मुख्य रूप से राणा कुंभा के शासनकाल (1433-1468 ईस्वी) के दौरान बनवाया गया था ताकि मीराबाई यहां भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना कर सकें। मंदिर का निर्माण इंडो-आर्यन शैली में किया गया है और यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत है। मंदिर में मुख्य आकर्षण भगवान कृष्ण की सुंदर प्रतिमा है जो मध्य में स्थापित है। प्रवेश द्वार पर पाँच सिरों वाली एक आकृति उत्कीर्ण है जो जाति, धर्म, सत्य, एकता और समानता का प्रतीक मानी जाती है। 

मंदिर का मोबाइल नंबर01412371141
मंदिर का पताचारभुजा चोक मीरा मंदिर, मेड़ता, राजस्थान 341510
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटमंदिर की आधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी700 मीटर
निकटतम मेड़तारोड रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी15.3 किलोमीटर
किशनगढ़ एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी95.1 किलोमीटर

4.समाधिश्वर मंदिर (Samadishwara Temple)

चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh), राजस्थान (Rajasthan) का एक ऐतिहासिक नगर, अपने भव्य दुर्ग और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक, समाधिश्वर मंदिर, नगर की धार्मिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

समाधिश्वर मंदिर (Samadishwara Temple) का निर्माण 11वीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा किया गया था। यह मंदिर गोमुख कुंड के उत्तरी छोर पर स्थित है और महादेव जी को समर्पित है। मंदिर की संरचना अद्वितीय है, जिसमें विशिष्ट शैली का प्रयोग किया गया है। चित्तौड़गढ़ का इतिहास, जिसमें समाधिश्वर मंदिर शामिल है, एक प्राचीन किंवदंती से जुड़ा हुआ है। कहानी के अनुसार, महाभारत के भीम ने इस गढ़ का निर्माण किया था। भीम के नाम पर भीमगोड़ी, भीमसत आदि कई स्थान आज भी क़िले के भीतर हैं। इस ऐतिहासिक नगर की यात्रा के दौरान, समाधिश्वर मंदिर एक आवश्यक स्थान है। यहां आने वाले यात्री महादेव की उपासना करते हैं और यहां की शांति और धार्मिकता का आनंद लेते हैं। समाधिश्वर मंदिर का यात्रा करना एक अद्वितीय धार्मिक और ऐतिहासिक अनुभव प्रदान करता है, जो यात्रियों को भारतीय संस्कृति और इतिहास की गहराई से जोड़ता है।

समाधिश्वर मंदिर, चित्तौड़गढ़ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल, अपने ऐतिहासिक महत्व और अद्वितीय संरचना के लिए याद किया जाता है। यह मंदिर न केवल चित्तौड़गढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति की झलक भी प्रदान करता है।

मंदिर का फोन नंबरआधिकारिक फोन नंबर उपलब्ध नहीं है
मंदिर का पताचित्तौड़गढ़ किला गांव, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटआधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है 
चित्तौड़गढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी4.2 किलोमीटर 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी2.0 किलोमीटर 
महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी94.7 किलोमीटर 

Also Read:-आखिर क्या है भगवान शिव की तीसरी आंख का रहस्य

5.सातबीस जैन मंदिर (Saatbees Jain Temple)

चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) किले में स्थित सातबीस जैन मंदिर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर श्री शांतिनाथ भगवान को समर्पित है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और बारीक नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण 11वीं या 12वीं शताब्दी में हुआ माना जाता है।

मंदिर का नाम ‘सातबीस’ इसलिए पड़ा क्योंकि यहाँ सात मुख्य जिनबिंबों की प्रतिमाएँ विराजमान हैं। ये प्रतिमाएँ श्वेत संगमरमर की बनी हुई हैं और इनकी ऊँचाई लगभग 4 से 4.5 फीट है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह के अलावा यहाँ दो रंगमंडप भी हैं जिनमें जैन पौराणिक कथाओं और दर्शन से जुड़ी कई आकर्षक मूर्तियाँ व नक्काशी देखने को मिलती है। सातबीस मंदिर की स्थापत्य शैली नागर शैली पर आधारित है। इसके स्तंभ, छतें और दीवारें पत्थर की बेहद खूबसूरत और जटिल नक्काशी से सजी हुई हैं। मंदिर का शिखर भी काफी ऊँचा और आकर्षक है। मंदिर का निर्माण धौलपुर के पत्थरों से किया गया है जो समय के साथ सुनहरे रंग में बदल गए हैं। 

मंदिर का फोन नंबर अधिकारी फोन नंबर उपलब्ध नहीं है
मंदिर का पताफोर्ट रोड, गांधी नगर, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटhttps://www.jainmandir.org/ 
मंदिर में प्रवेश शुल्क मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है 
चित्तौड़गढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी300 मीटर
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी1.9 किलोमीटर 
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी91.2 किलोमीटर 

6.सास बहू मंदिर (Saas-Bahu Mandir)

राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर से लगभग 23 किलोमीटर दूर नागदा गांव में स्थित सास बहू मंदिर एक अनोखा मंदिर है जो अपने नाम और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का वास्तविक नाम सहस्त्रबाहु मंदिर है, लेकिन यह सास बहू मंदिर के नाम से ज्यादा जाना जाता है।

इस मंदिर का निर्माण 10वीं और 11वीं शताब्दी में कच्छवाहा राजवंश के राजा महिपाल ने अपनी पत्नी और बहू के लिए करवाया था। राजा की पत्नी भगवान विष्णु की भक्त थीं, जबकि उनकी बहू भगवान शिव की उपासक थीं। इसलिए राजा ने अपनी पत्नी के लिए भगवान विष्णु का मंदिर और बहू के लिए भगवान शिव का मंदिर बनवाया। मंदिर परिसर में दो मुख्य मंदिर हैं – एक भगवान विष्णु को समर्पित है जिसमें विष्णु की सहस्त्रबाहु (हजार भुजाओं वाली) मूर्ति है, और दूसरा भगवान शिव को समर्पित है जिसमें शिव परिवार की कई मूर्तियां हैं। इन दोनों मुख्य मंदिरों के अलावा चार छोटे मंदिर भी हैं जो मुख्य मंदिर के चारों कोनों पर स्थित हैं।

मंदिर का फोन नंबरअधिकारी फोन नंबर उपलब्ध नहीं है
मंदिर का पताचित्तौड़गढ़, राजस्थान  313202
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटआधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश निशुल्क है
चित्तौड़गढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी126 किलोमीटर 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी125 किलोमीटर 
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी33 किलोमीटर  

7.रत्नेश्वर महादेव मंदिर (Ratneshwar Mahadev Temple)

चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh), राजस्थान (Rajasthan) का एक ऐतिहासिक शहर है जो अपने किलों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इसी शहर में स्थित है रत्नेश्वर महादेव मंदिर, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित किया गया है।

मंदिर के चारों ओर का वातावरण शांत और धार्मिकता से परिपूर्ण है। यहां पर नियमित रूप से पूजा-अर्चना और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, विशेष रूप से महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां का वातावरण अत्यंत उत्सवमय हो जाता है। श्रद्धालु दूर-दूर से यहां भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं और मंदिर की प्राचीनता तथा उसकी धार्मिक महत्ता को महसूस करते हैं। रत्नेश्वर महादेव मंदिर के आसपास प्राकृतिक सौंदर्य भी मनमोहक है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। मंदिर से चित्तौड़गढ़ किले का दृश्य अद्वितीय है और पर्यटकों को ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों दृष्टिकोणों से प्रभावित करता है। यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है जो राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

मंदिर का फोन नंबर 05422505033
मंदिर का पतासेक्टर5, गांधी नगर, चित्तौड़गढ़, राजस्थान 312001
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटमंदिर की आधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश निशुल्क है
चित्तौड़गढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 3.9 किलोमीटर 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी3.1 किलोमीटर 
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी94.5 किलोमीटर 

Also Read:-इस महाशिवरात्रि शिव भक्तों के साथ साझा करें एक से बढ़कर एक महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

Conclusion:-

चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) के प्रसिद्ध मंदिर शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। इन मंदिरों की यात्रा, उनके स्थापत्य सौंदर्य का आनंद लेना और उनके ऐतिहासिक महत्व को समझना चित्तौड़गढ़ की यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा है। चित्तौड़गढ़ के इन प्रसिद्ध मंदिरों से संबंधित या विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस विशेष लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें, इस लेख से उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो अपने प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए हम आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने का हर संभव प्रयास करेंगे, ऐसे ही और फिर रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें। 

FAQ’S 

Q. चित्तौड़गढ़ किले में कितने मंदिर हैं? 

Ans. चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) किले में कुल 13 मंदिर हैं, जो विभिन्न देवताओं और विश्वासों को समर्पित हैं। ये मंदिर क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के प्रतीक हैं।

Q. चित्तौड़गढ़ किले में कालिका माता मंदिर का महत्व क्या है? 

Ans. कालिका माता मंदिर, चित्तौड़गढ़ किले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थली है, यह मंदिर हिंदुओं के बीच बेहद प्रसिद्ध मंदिर है।

Q. चित्तौड़गढ़ किले में जैन मंदिर के निर्माण की कहानी क्या है? 

Ans. चित्तौड़गढ़ किले में स्थित जैन मंदिर, जैन तीर्थंकरों को समर्पित है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में निर्माण हुआ था और इसे अपने प्रभावशाली स्थापत्यकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है।

Q. चित्तौड़गढ़ किले में शिव मंदिर का इतिहास क्या है? 

Ans. चित्तौड़गढ़ किले में स्थित शिव मंदिर, हिन्दूधर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी में निर्माण हुआ था और इसे अपने प्रभावशाली स्थापत्यकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है।

Q. चित्तौड़गढ़ किले में मीरा मंदिर के बारे में बता सकते हैं? 

Ans. चित्तौड़गढ़ किले में स्थित मीरा मंदिर, हिन्दू देवी दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर प्रसिद्ध कवि-संत मीरा बाई के नाम पर रखा गया है, जो भगवान कृष्ण की भक्त थीं। मंदिर में हिन्दू पुराणों से लिए गए विभिन्न दृश्यों की जटिल नक्काशी और मूर्तियां हैं।

Q. चित्तौड़गढ़ किले में मीरा मंदिर के बारे में बता सकते हैं? 

Ans. चित्तौड़गढ़ किले में स्थित मीरा मंदिर, हिन्दू देवी दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर प्रसिद्ध कवि-संत मीरा बाई के नाम पर रखा गया है, जो भगवान कृष्ण की भक्त थीं। मंदिर में हिन्दू पुराणों से लिए गए विभिन्न दृश्यों की जटिल नक्काशी और मूर्तियां हैं।