Mahakaleshwar Mandir: महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) शहर में क्षिप्रा नदी (Kshipra River) के तट पर स्थित, भगवान शिव (Lord Shiva) के 12 ज्योतिर्लिंगों (12 Jyotirling) में से एक है। यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला, शिल्पकला, और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। लाखों श्रद्धालु हर साल महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इस मंदिर का मुख्य निर्माण आठवीं शताब्दी में किया गया था। समय के साथ, मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार कई राजवंशों द्वारा किया गया।मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। यह मंदिर नागर शैली में बनाया गया है और इसमें कई मंडप, स्तंभ, और मूर्तियां हैं। मंदिर का गर्भगृह अंधेरा है और यहां भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है।
आज के इस विशेष के जरिए हम आपको बताएंगे कि आप महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन कैसे कर सकते हैं?(How to visit Mahakaleshwar Temple?), आपको यह भी बताएंगे कि आप महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी दर्शन कैसे कर सकते हैं?(How to have VIP darshan in Mahakaleshwar Temple?), महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास क्या है?(What is the history of Mahakaleshwar Temple?), उज्जैन मंदिर कहाँ है?(Where is Ujjain temple?), महाकालेश्वर वीआईपी दर्शन टिकट की कीमत क्या है?(What is the price of Mahakaleshwar VIP Darshan ticket?), साथ ही हम आपको इस विषय से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे , इसलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए ।
Also Read :- जानिए महाकालेश्वर मंदिर के इतिहास, वास्तुकला और महत्व के बारे
Mahakaleshwar Mandir Overview
टॉपिक | कर रहें है mahakaleshwar mandir जाने का प्लान? जानें दर्शन टाइम,ऑनलाइन बुकिंग,VIP दर्शन टिकट के बारे में |
मंदिर | महाकालेश्वर मंदिर |
प्रमुख देवता | भगवान शिव |
स्थान | उज्जैन, मध्य प्रदेश |
दर्शन का समय | सुबह 4:00 से शाम 7:00 बजे तक |
महत्व | भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा ज्योतिर्लिंग है |
मंदिर की ऊंचाई | 28.71 मीटर |
महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास हिंदी में | Mahakaleshwar Temple History in Hindi
महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास दो सहस्राब्दियों से भी अधिक समय से चली आ रही भारतीय सभ्यता के साथ जुड़ा हुआ है। मंदिर में सदियों से कई परिवर्तन, नवीनीकरण और वास्तुशिल्प परिवर्तन हुए हैं, जो इस क्षेत्र पर शासन करने वाले विभिन्न राजवंशों को दर्शाते हैं। यहां इसकी ऐतिहासिक यात्रा का कालानुक्रमिक अवलोकन दिया गया है:
प्राचीन उत्पत्ति (चौथी शताब्दी ईसा पूर्व – तीसरी शताब्दी ईस्वी):
महाकालेश्वर मंदिर का सबसे पहला संदर्भ मत्स्य पुराण और अवंती खंड सहित प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में पाया जा सकता है। ये ग्रंथ इसके अस्तित्व को ईसा पूर्व चौथी शताब्दी का बताते हैं। यह मंदिर मौर्य (Maurya) और शुंग राजवंशों (Shunga dynasties) के दौरान भी एक पूजनीय स्थल था।
गुप्त और उत्तर-गुप्त काल (चौथी-छठी शताब्दी ईस्वी):
गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire), जो अपनी समृद्ध कला और संस्कृति के लिए जाना जाता है, इस अवधि के दौरान मंदिर के वास्तुशिल्प विकास में योगदान दिया। मंदिर परिसर एक भव्य संरचना का रूप लेने लगा, जिसमें जटिल नक्काशी और वास्तुशिल्प विवरण प्रदर्शित थे।
मध्यकालीन काल (11वीं – 18वीं शताब्दी ईस्वी):
11वीं शताब्दी में मालवा पर शासन करने वाले परमार राजवंश ने मंदिर के विकास और महत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके शासनकाल के दौरान मंदिर का व्यापक पुनर्निर्माण और नवीनीकरण हुआ। हालाँकि, इसे विदेशी आक्रमणों का खामियाजा भुगतना पड़ा, खासकर दिल्ली सल्तनत (Delhi Sultanate) और मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) के शासन के दौरान। इन चुनौतियों के बावजूद, मंदिर ने अपनी पवित्रता बरकरार रखी और पूजा स्थल बना रहा।
मुगल काल (17वीं – 18वीं शताब्दी ईस्वी):
मुगल शासकों, विशेष रूप से सम्राट औरंगजेब ने मंदिर के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा उत्पन्न किया। उसके शासनकाल के दौरान मंदिर को अपवित्र किए जाने और आंशिक रूप से नष्ट किए जाने के ऐतिहासिक वृत्तांत मौजूद हैं।
ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता के बाद (19वीं शताब्दी से आगे):
मुगल साम्राज्य के पतन के बाद, ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान मंदिर के जीर्णोद्धार के प्रयास शुरू हुए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मंदिर के संरक्षण और नवीनीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता के बाद के युग में, इसे सावधानीपूर्वक बनाए रखा गया है और यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र बिंदु बना हुआ है ।
Also Read :- जानिए उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के बारे में
उज्जैन महाकाल का इतिहास | History of Ujjain Mahakal
मध्य भारत का प्राचीन शहर, उज्जैन (Ujjain) मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र (Malwa region) में क्षिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। उज्जैन, उज्जैन जिले और उज्जैन संभाग का प्रशासनिक केंद्र है। उज्जैन के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मूल्य और ऐतिहासिक महत्व जुड़ा हुआ है।
उज्जैन का इतिहास बताता है कि शुरू में शहर को उज्जयिनी (Ujjaini) के नाम से जाना जाता था और महाकाव्य महाभारत (Mahabharata) के अनुसार उज्जयनी अवंती साम्राज्य की राजधानी थी। ऐसा कहा जाता है कि यह शहर अशोक (जो बाद में सम्राट बना) का निवास स्थान था, उस समय वह मौर्य साम्राज्य के पश्चिमी प्रांतों का वाइसराय था।
मौर्योत्तर काल (post mauryan period) में उज्जैन पर शुंगों और सातवाहनों का लगातार शासन रहा। सातवाहन और इंडो-सीथियन शकों ने लंबे समय तक शहर के लिए संघर्ष किया था, लेकिन सातवाहन राजवंश के अंत के बाद, शहर पर दूसरी से चौथी शताब्दी ईस्वी तक शकों का कब्जा रहा। गुप्तों द्वारा शकों की विजय के बाद, शहर को जल्द ही महत्व प्राप्त हुआ और वह उस साम्राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया।
उज्जैन के इतिहास के अनुसार, यह शहर 6वीं और 7वीं शताब्दी में गणितीय और खगोलीय अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र था। ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर और भास्कराचार्य प्रसिद्ध गणितज्ञ थे जिन्होंने शहर में काम किया था।
1235 में इल्तुतमिश (Iltutmish) के नेतृत्व में दिल्ली सल्तनत की सेना द्वारा सुरम्य उज्जैन पर आक्रमण किया गया थाइस आक्रमण के कारण शहर में बड़े पैमाने पर विनाश हुआ और मंदिरों को व्यवस्थित रूप से अपवित्र किया गया। इसके बाद मुगल बादशाह अकबर के अधीन यह शहर मालवा की राजधानी बन गया।
उज्जैन मंदिर कहाँ है? where is Ujjain Temple?
महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) भारत के मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिन्हें हिंदू धर्म में शिव का सबसे पवित्र निवास माना जाता है। यह मंदिर पवित्र शिप्रा नदी (Shipra River) के तट पर स्थित है और माना जाता है कि यह भारत के सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक है। मंदिर के मुख्य देवता एक शिव लिंगम (Shiv lingam) है, जिसे स्वयंभू कहा जाता है।
उज्जैन मंदिर का समय ? Ujjain Temple Timings
उज्जैन (Ujjain) के महाकालेश्वर मंदिर एक विशेष कार्यक्रम का पालन करता है जो पूरे दिन बदलाव के साथ चलता रहता है। सुबह के समय मंदिर में दर्शन करने का समय 4:00 से 7:00 बजे तक है और फिर दोपहर 10:30 बजे से 1:00 बजे तक का समय है फिर भी आप दर्शन कर सकते हैं और शाम को भक्तों को 1 घंटा दर्शन के लिए समय दिया जाता है और यह समय है शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक इसीलिए मंदिर में दर्शन करने से पहले आपको समय सारणी का विशेष ध्यान रखना होगा ।
महाकालेश्वर आरती का समय ? Mahakaleshwar Aarti Timings
महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) भगवान शिव को समर्पित सबसे लोकप्रिय हिंदू मंदिरों में से एक है। महाकाल मंदिर दर्शन के लिए सुबह 4:00 बजे से खुला रहता है और रात 11:00 बजे बंद हो जाता है।
Also Read :- क्या आप होना चाहते हैं Mahakaleshwar Bhasma Aarti में शामिल
महाकाल मंदिर दर्शन का समय ? Mahakal Temple Darshan Timings
प्रातःकाल (सुबह)
- मंदिर सुबह जल्दी खुलता है।
- प्रातः दर्शन: प्रातः 4:00 बजे से प्रातः 7:00 बजे तक
- यह भस्म आरती का समय है, जो मंदिर के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। भक्त इस पवित्र समारोह को देखने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिसमें शिव लिंगम पर पवित्र राख का लेप शामिल होता है।
दिन का समय (मध्याह्न)
- भस्म आरती के बाद, मंदिर दर्शन और अन्य अनुष्ठानों के लिए खुला रहता है।
- दर्शन: सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
- इस दौरान भक्त अधिक आरामदायक और शांतिपूर्ण तरीके से भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं।
शाम (संध्या)
- दर्शन: शाम 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक (सूर्यास्त के समय के साथ बदलता रहता है)
- शाम के दर्शन भक्तों को मंदिर में जाने और भगवान शिव का आशीर्वाद लेने का एक और अवसर प्रदान करते हैं।
रात्रि (रात्रिकाल)
- मंदिर रात में भी खुला रहता है।
- दर्शन: रात्रि 8:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक
- यह शाम की आरती का समय है, और इसमें आमतौर पर सुबह की भस्म आरती की तुलना में कम भीड़ होती है।
महाकालेश्वर छवियां | Mahakaleshwar Images
हमारे इस पॉइन्ट में हम आपको महाकालेश्वर छवियां प्रदान करने जा रहे है, जिससे देखने के बाद अपना मन खुश हो जाएगा। हमारे द्वारा प्रोवाइ़ड कि जा रही इमेज को आप डाउनलोड कर सकते है और अपने प्रियजनों के साथ शेयर कर सकते हैं।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग छवियाँ | Mahakaleshwar Jyotirlinga Images.
हमारे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग इमेज के इस पॉइन्ट के अंदर आपको ज्योतिर्लिंग की फोटो मुहैया करा है,जिसे आप डाउनलोड कर अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। इसके साथ ही आप इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी शेयर कर सकते हैं।
महाकाल दर्शन बुकिंग | Mahakal Darshan Booking
महाकाल मंदिर में ऑफलाइन बुकिंग (Offline Booking) का भी प्रावधान है। ऐसा मंदिर के बाहर काउंटर पर होता है. इसके अलावा आपको उस तारीख से एक दिन पहले वहां पहुंचना होगा, जिस दिन आप आरती में शामिल होना चाहते हैं। आपको अपना वैध आईडी प्रूफ (ID Proof) जैसे आधार कार्ड (Aadhar Card) या पैन कार्ड (Pan Card) भी ले जाना होगा।
ऑफ़लाइन बुकिंग के लिए शुल्क रु. 100. शाम 7:30 बजे से रात 10:30 बजे तक आगे पुष्टिकरण की सूची प्रदर्शित की जाती है। आपको अपने फोन पर एक पुष्टिकरण संदेश भी प्राप्त होगा। साथ ही आपको अपना टिकट शाम 7:30 बजे से रात 10:30 बजे तक लेना होगा
महाकालेश्वर दर्शन ऑनलाइन बुकिंग |Mahakaleshwar Darshan Online Booking
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग कई प्रकार के दर्शन के लिए उपलब्ध है, जैसे की:
- भस्म आरती: यह सबसे विशिष्ट और पवित्र दर्शन है, जो प्रतिदिन सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच आयोजित किया जाता है। बुकिंग एक दिन पहले सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक खुलती है, और केवल 400 स्लॉट उपलब्ध हैं। प्रत्येक स्लॉट की कीमत ₹200 है। आप इसे मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर बुक कर सकते हैं।
- शीघ्र दर्शन: यह आपको दर्शन के लिए नियमित कतार को छोड़ने की अनुमति देता है। इसकी लागत ₹500 प्रति व्यक्ति है और इसे मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर बुक किया जा सकता है।
महाकाल वीआईपी दर्शन | Mahakal VIP Darshan
महाकालेश्वर मंदिर वीआईपी दर्शन (VIP Darshan) की सुविधा भी प्रदान करता है। अगर आप भी महाकाल के वीआईपी दर्शन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए टिकट खरीदनी होगी, और प्रत्येक व्यक्ति पर टिकट की कीमत ₹250 है ।
महाकालेश्वर वीआईपी दर्शन टिकट की कीमत | Mahakaleshwar VIP Darshan Ticket Price
अगर आप महाकालेश्वर मंदिर में विप दर्शन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए टिकट खरीदनी होगी प्रत्येक टिकट पर आपको केवल 250 का शुल्क देना होगा ।
उज्जैन महाकाल दर्शन ऑनलाइन बुकिंग निःशुल्क | Ujjain Mahakal Darshan Online booking free
महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती में शामिल होने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 200 रुपये का टिकट खरीदना होगा। मंदिर की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in पर जाकर भक्त लाइव दर्शन और भस्म आरती के लिए मुफ्त बुकिंग कर सकते हैं, भस्म आरती की बुकिंग अब मुफ़्त नहीं है, ऑनलाइन 200 रुपये (प्रति व्यक्ति) के टोकन कीमत है। ऑफलाइन टिकट बुकिंग के लिए काउंटर से 100 रुपये का चार्ज लगता है।
उज्जैन भस्म आरती वीआईपी टिकट की कीमत | Ujjain Bhasma Aarti Vip Ticket Price
भस्म आरती एक प्रकार की पूजा है जो सुबह 4:00 बजे उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में होती है जहां भगवान शिव भस्म से स्नान करते हैं जिनका अंतिम संस्कार किया गया है। पूजा का बहुत महत्व है. भस्म आरती के लिए बुकिंग मूल्य रु.1500/- (प्रति व्यक्ति) है।
Conclusion:-
महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है। और आज के इस लेख के जरिए हमने आपको महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के बारे में सभी जानकारियां प्रदान की अगर आपको हमारी यह यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों से सजा जरूर करें साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें ।
FAQ’S
Q. महाकालेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है?
Ans. महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है।
Q. महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
Ans. महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण विभिन्न राजवंशों द्वारा समय-समय पर करवाया गया था। इसका मुख्य निर्माण 8वीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा करवाया गया था।
Q. महाकालेश्वर मंदिर में कौन-कौन से उत्सव मनाए जाते हैं?
Ans. महाकालेश्वर मंदिर में कई उत्सव मनाए जाते हैं, जिनमें महाशिवरात्रि, भस्म आरती, और सिंहस्थ शामिल हैं।
Q महाकालेश्वर मंदिर कैसे पहुंचें?
Ans. महाकालेश्वर मंदिर सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
Q. महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए क्या शुल्क है?
Ans.महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं है।