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मोती डूंगरी गणेश मंदिर जयपुर : सिद्धिविनायक मंदिर की तरह राजस्थान का यह मंदिर भी है, आस्था का प्रमुख केंद्र 

Moti Dungri Ganesh ji Temple
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Moti Dungri Ganesh ji Temple : जयपुर (Jaipur) अपने भव्य महलों, किलों और मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस गुलाबी नगरी में अनेक प्राचीन मंदिर हैं जो यहां की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्था को दर्शाते हैं। 

भगवान गणेश (Lord Ganesh) न केवल हिंदू पौराणिक कथाओं में बल्कि हर भक्त के दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं। हिंदुओं द्वारा अपनाए जाने वाले प्रत्येक धार्मिक कार्य या त्योहार की शुरुआत भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा-अर्चना से होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, वह किसी भी शुभ शुरुआत की शुरुआत में पूजे जाने वाले भगवान हैं। देश भर में कई प्रसिद्ध मंदिर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh ji Temple) जयपुर (Jaipur) के सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जिसकी सीढ़ियों पर हजारों भक्त आते हैं। भक्त अपने जीवन के हर महत्वपूर्ण अवसर पर इस मंदिर में आते हैं, चाहे वह अपनी पहली कार खरीदना हो, या शादी के बाद या वीजा के लिए आवेदन करने से पहले। यह मंदिर शहर के लोगों के दिलों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 

आज के इस विशेष लेख के जरिए हम आपको मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple) से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे! हम आपको इस मंदिर के इतिहास, महत्व,  वास्तुकला, मंदिर का समय,  मंदिर में होने वाली आरती का समय , से संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेंगे इसलिए हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़िए। 

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जन्मोत्सव के कार्यक्रम

दिनांककार्यक्रम
24 अगस्त, 2022 बुधवारमोदकों की झांकी
25 अगस्त, 2022 गुरूवारपुष्य नक्षत्र अभिषेक, ध्वजारोहण एवं ध्वज पूजन
26 अगस्त से 29 अगस्त, 2022सांस्कृतिक एवं भजन संध्या कार्यक्रम
26 अगस्त 2022, शुक्रवारध्रुपद गायन सांय 7 बजे
27 अगस्त 2022, शनिवारकत्थक नृत्य सांय 7 बजे
28 अगस्त 2022, रविवारकत्थक नृत्य सांय 7 बजे
29 अगस्त 2022, सोमवारसुगम संगीत सांय 7 बजे
30 अगस्त, 2022 मंगलवारमेंहन्दी पूजन एवं सिंजारा
31अगस्त 2022, बुधवारश्री गणेश चतुर्थी जन्मोत्सव
01 सितम्बर 2022 गुरूवारशोभायात्रा

Address ;- Moti Dungri
Near Birla Temple
J.L.N Marg, Jaipur

Cantact Number :- +916377719718

website:- https://www.motidungri.com/

Location:-

मोती डूंगरी गणेश मंदिर क्या है? ( What is Moti Dungri Temple)

भगवान गणेश (Lord Ganesh) न केवल हिंदू पौराणिक कथाओं में बल्कि हर भक्त के दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं। हिंदुओं द्वारा अपनाए जाने वाले प्रत्येक धार्मिक कार्य या त्योहार की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, वह किसी भी शुभ शुरुआत की शुरुआत में पूजे जाने वाले भगवान हैं। देश भर में कई प्रसिद्ध मंदिर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और जयपुर (Jaipur) शहर में एक बार ऐसा मंदिर होने का दावा करता है।

मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple)  जयपुर के सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जहां पर रोजाना  हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर शहर के लोगों के दिलों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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मोती डूंगरी गणेश मंदिर का इतिहास क्या है? (What is The History of Moti Dungri Temple)

मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple) का इतिहास 400 साल पुराना है। मान्यता है कि 17वीं शताब्दी में जब मेवाड़ के राजा घर लौट रहे थे, तब वह अपने साथ बैलगाड़ी पर भगवान गणेश (Lord Ganesh) की एक मूर्ति ले जा रहे थे। उन्होंने घोषणा की कि जहां भी बैलगाड़ी सबसे पहले रुकेगी, वहां पर वह स्वयं भगवान गणेश (Lord Ganesh) के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाएंगे।

बैलगाड़ी मोती डूंगरी (Moti Dungri) की तलहटी में जा रुकी और यही स्थान मंदिर का स्थान बन गई। मंदिर के निर्माण का जिम्मा सेठ जय राम पल्लीवालऔर महंत शिव नारायण को सौंपा गया था जिन्होंने चार साल में इस मंदिर का निर्माण कराया और यह उल्लेखनीय है कि साल 1761 में बनकर तैयार हुआ।

महाराजा माधो सिंह (King Madho Singh) के बेटे के लिए उस स्थान पर  महल जैसा एक परिसर बनाया गया था और उसके भीतर मंदिर बनाया गया था। आसपास का महल आगंतुकों के लिए खुला नहीं है क्योंकि यह एक निजी संपत्ति है लेकिन मंदिर सभी के लिए खुला है। इस मंदिर का नाम मोती डूंगरी पड़ा क्योंकि यह मोती डूंगरी पहाड़ी (Moti Dungri Hill) के नीचे बना है। 

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मोती डूंगरी गणेश मंदिर की वास्तुकला कैसी है? (How is The Architecture of Moti Dungri Temple)

आपको बता दे की मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple, jaipur) का परिसर काफी बड़ा है और 2 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसकी इमारत में तीन विशेष गुंबद हैं जो की भारत देश के तीन मुख्य धर्म के प्रतीक हैं मंदिर की दीवारों पर जटिल नकाशी की गई है और संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल भी किया गया है मंदिर की सुंदर नक्काशी भक्तों एवं पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती है, मंदिर की दीवारें पौराणिक कथाओं के दृश्यों से सजी हुई हैं जो की मंदिर की सुंदरता का प्रमुख केंद्र है।

मंदिर में पूजा करने के बाद भक्तों के आराम करने या बैठने के लिए विशेष प्रबंध भी किया गया है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि अगर भक्ति पूजा के पश्चात कुछ क्षण मंदिर के परिसर में बिताते हैं तो भगवान गणेश को अत्यधिक प्रसन्नता होती है।

भगवान गणेश (Lord Ganesh) की बैठी हुई मुद्रा में उनकी बाईं ओर सूंड वाली एक विशाल मूर्ति मंदिर की शोभा बढ़ाती है। भगवान गणेश की अधिकांश मूर्तियों में उनकी सूंड दाईं ओर होती है और जिनकी सूंड बाईं ओर होती है उन्हें काफी शुभ माना जाता है। मूर्ति के गहरे नारंगी रंग में अद्भुत चमक है और मूर्ति के घने चमकदार काले बाल भी अद्भुत हैं। मूर्ति के सिर पर एक चांदी का मुकुट सुशोभित है जो भव्य वस्त्रों और आभूषणों से ढका हुआ है।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर का महत्व क्या है? (What is The Importance of Moti Dungri Temple)

राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर में स्थित मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple jaipur), भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर ना केवल अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  • चमत्कारी शक्तियां: भगवान गणेश को यहाँ मोती डूंगरी गणेश के नाम से जाना जाता है और उनके चमत्कारी शक्तियों के लिए पूजा जाता है।
  • सांस्कृतिक महत्व: मंदिर जयपुर की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ हर साल गणेश चतुर्थी और अन्य धार्मिक त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं।
  • ऐतिहासिक महत्व: मंदिर का निर्माण 1761 में जयपुर सेठ जय राम पल्लीवालऔर महंत शिव नारायण द्वारा करवाया गया था।

मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple) जयपुर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ भगवान गणेश के प्रति लोगों की अटूट आस्था है और यह मंदिर जयपुर की पहचान का प्रतीक है।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन का समय क्या है? (What Are The Darshan Timings At Moti Dungri Temple)

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जयपुर (Jaipur) में स्थित मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple) सप्ताह के सभी दिन भक्तगणों के लिए खुला रहता है,  मंदिर सुबह 5:30 बजे से दोपहर के 1:30 बजे तक दर्शन के लिए खोला जाता है । और फिर शाम को 4:30 बजे से रात के 9:00 बजे तक दोबारा खुलता है ।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर दर्शन टाइम

Sr.No.DharshansTime
1.मंगला आरतीप्रातः 4.00 बजे
2.विशेष पूजाप्रातः 11.20 बजे
3.श्रृंगार आरतीप्रातः 11.30 बजे
4.भोग आरतीदोपहर 2.15 बजे
5.संध्या आरतीसायंकाल 7.00 बजे
6.शयन आरतीरात्रि 11.45 बजे

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है? (What is The Entry Fee To Moti Dungri Temple)

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मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple) में दर्शन करने के लिए भक्तों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple) में प्रवेश निशुल्क है।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर कैसे पहुंच सकते हैं? (How to Reach Moti Dungri Temple)

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सड़क मार्ग द्वारा:

  • जयपुर शहर के सभी प्रमुख स्थानों से मंदिर तक ऑटो रिक्शा और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
  • जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है और सड़क मार्ग से 30 मिनट में पहुंचा जा सकता है।
  • दिल्ली से जयपुर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं और यात्रा में लगभग 5 घंटे लगते हैं।

रेल मार्ग द्वारा:

  • जयपुर रेलवे स्टेशन देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  • स्टेशन से मंदिर तक ऑटो रिक्शा और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
  • स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है और सड़क मार्ग से 15 मिनट में पहुंचा जा सकता है।

हवाई मार्ग द्वारा:

  • जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश के सभी प्रमुख शहरों और कुछ अंतरराष्ट्रीय शहरों से जुड़ा हुआ है।
  • हवाई अड्डे से मंदिर तक ऑटो रिक्शा, टैक्सी और प्रीपेड टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
  • हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है और सड़क मार्ग से 30 मिनट में पहुंचा जा सकता है।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर की आरती (Aarti of Moti Dungri Temple)

राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) में स्थित मोती डूंगरी मंदिर (Moti Dungri Temple) में होने वाली आरती एक विशेष अनुष्ठान है,  जो भक्तों के लिए एक दिव्य और आध्यात्मिक माहौल बनाता है। 

पूजा की हिंदू परंपरा को बनाए रखने के लिए, हर सुबह और शाम को एक आरती समारोह होता है, जहां मंदिर के पुजारी और भक्त भगवान गणेश और भगवान शिव को श्रद्धांजलि देने के लिए गर्भगृह में इकट्ठा होते हैं, जिन्हें फूलों, मालाओं और पवित्र कपड़ों से सजाया जाता है, इस सार्थक आयोजन के दौरान, पुजारी मंत्रों का जाप, घंटियाँ बजाना और दीपक लहराना जैसे विभिन्न अनुष्ठान करते हैं, जबकि भक्त भक्ति गीत-भजन गाकर या प्रार्थनाएँ करके और देवताओं से आशीर्वाद लेते हैं।

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Conclusion:- Moti Dungri Ganesh ji Temple

मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh Temple) जयपुर की धरोहर है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह जयपुर की कला और संस्कृति का भी प्रतीक है। यह मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। मोती डूंगरी गणेश मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्र गणों एवं परिवारजनों के साथ अवश्य साझा करें , साथ ही हमारे आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’S :- Moti Dungri Ganesh ji Temple

Q. मोती डूंगरी मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

Ans. मोती डूंगरी मंदिर का निर्माण सेठ जय राम पल्लीवाल और महंत शिव नारायण ने करवाया था ।

Q. मोती डूंगरी मंदिर कहां स्थित है?

Ans. मोती डूंगरी मंदिर जयपुर, राजस्थान में स्थित है। यह जयपुर शहर के केंद्र में स्थित एक पहाड़ी पर बना हुआ है।

Q. मोती डूंगरी मंदिर किस देवता को समर्पित है?

Ans. यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। यहां भगवान गणेश को समर्पित है।

Q. मोती डूंगरी मंदिर की वास्तुकला कैसी है?

Ans. यह मंदिर राजपूत और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है। मंदिर के गुंबद और मीनारें मुगल वास्तुकला से प्रेरित हैं, जबकि मंदिर का मुख्य भाग राजपूत शैली में बना हुआ है।

Q. मोती डूंगरी मंदिर का महत्व क्या है?

Ans. यह मंदिर जयपुर के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला, मूर्तियों और त्यौहारों के लिए जाना जाता है।

Q. मोती डूंगरी मंदिर कैसे पहुंचें?

Ans. मंदिर जयपुर शहर के केंद्र में स्थित है और यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप टैक्सी, ऑटो या बस से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।