पाल बालाजी मंदिर: जोधपुर (Jodhpur) के पाल गांव (Pal Village) में स्थित पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) भगवान हनुमान (Lord Hanuman) को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर 175 साल से अधिक पुराना है और इसकी स्थापना 1898 में हुई थी। मंदिर में विराजमान हनुमान जी की 4.5 फीट ऊंची प्रतिमा अपनी अनोखी मूंछों के लिए विख्यात है, जिसके कारण इसे ‘मूंछ वाले बालाजी’ के नाम से भी जाना जाता है।
पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है, जो अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में आकर मन्नत मांगने से भगवान हनुमान भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं। खासकर मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
मंदिर का प्रबंधन पाल बालाजी मंदिर ट्रस्ट (Pal Balaji Temple Trust) द्वारा किया जाता है, जो पांच पीढ़ियों से हनुमान जी Lord Hanuman) की पूजा का परंपरागत दायित्व निभा रहा है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था है। यहां का दिव्य वातावरण और भक्ति भाव लोगों को अध्यात्म की ओर प्रेरित करता है। पाल बालाजी मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि जोधपुर की संस्कृति और परंपराओं का भी एक अभिन्न अंग है।
आज के इस विशेष लेख के जरिए हम आपको पाल बालाजी मंदिर के इतिहास, महत्व, वास्तुकला एवं पाल बालाजी मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी बताएंगे इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए..!!
पाल बालाजी मंदिर के बारे में (About Pal Balaji Temple)
पाल बालाजी मंदिर का फोन नंबर | +919571202223,9460872809 |
पाल बालाजी मंदिर कापता | Pal balaji mandir, Pal Road, Jodhpur, India, Rajasthan |
पाल बालाजी मंदिर की इंस्टाग्राम प्रोफाइल | https://www.instagram.com/palbalajimandir |
पाल बालाजी मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल | https://www.facebook.com/share/VrDMNajqFPE3yEBU/ |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/VAnPRZdBYVQPeDtv6 |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 8.4 किलोमीटर है। |
जोधपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 10 किलोमीटर |
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 10 किलोमीटर |
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | https://www.palbalajijyotish.com/ |
पाल बालाजी मंदिर कहां है? (What is Pal Balaji Temple)
जोधपुर (Jodhpur), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित 175 साल से अधिक पुराना पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) मूंछ वाले हनुमान जी के रूप में जाना जाता है। पाल गांव में स्थित यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, जो हर साल यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं।
मंगलवार (Tuesday) और शनिवार (Saturday) को इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है। मान्यता है कि यहां मन्नत मांगने से भगवान हनुमान (Lord Hanuman) भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं। भक्तों द्वारा प्रसादी का भी आयोजन किया जाता है। पांच पीढ़ियों से पुजारी परिवार भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की पूजा कर रहे हैं। मंदिर में हर दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग यहां मन्नत मांगने आते हैं, चाहे वह शादी हो या व्यापार की समस्या।
पाल बालाजी मंदिर का इतिहास क्या है? (What is the History of Pal Balaji Temple)
जोधपुर (Jodhpur) के पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) की स्थापना लगभग 175 साल पहले हुई थी और यह मूंछ वाले हनुमान जी के रूप में प्रसिद्ध है। यह मंदिर जोधपुर शहर से 8 किलोमीटर दूर पाल गांव में स्थित है। मंदिर में विराजमान बालाजी की मूर्ति 4 फीट 30 इंच ऊंची है और दक्षिण दिशा की ओर मुख किए हुए हैं।
मान्यता है कि इस मंदिर में आकर मन्नत मांगने से हनुमान जी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। विशेषकर जिनकी शादी में बाधा आ रही हो या जिनका व्यापार ठीक से न चल रहा हो, वे यहां आकर प्रार्थना करते हैं। मंगलवार और शनिवार को इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन होता है और भक्तों द्वारा प्रसाद भी चढ़ाया जाता है।
पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) में वर्तमान बालाजी प्रतिमा की स्थापना सन 1898 में की गई थी। मंदिर के पुजारी पिछले 5 पीढ़ियों से यहां हनुमान जी की सेवा कर रहे हैं। मंदिर में हर दिन सुबह शाम आरती होती है और त्योहारों पर विशेष श्रृंगार किया जाता है।
पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) जोधपुर (Jodhpur) की एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह मंदिर अपनी प्राचीनता, भव्यता और हनुमान जी (Lord Hanuman) की विशेष मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने का विश्वास रखते हैं।
पाल बालाजी मंदिर की वास्तुकला कैसी है? (How is the architecture of Pal Balaji Temple?)
जोधपुर (Jodhpur) का पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह मंदिर लगभग 175 साल पुराना है और इसकी स्थापना 1898 में हुई थी। मंदिर में बालाजी की 4.5 फीट ऊंची दक्षिण मुखी प्रतिमा है, जिसमें उनकी बाल स्वरूप में मूंछों वाली अवतार दिखाई गई है। यह जोधपुर की एक विशिष्ट परंपरा है।
मंदिर की इमारत पारंपरिक राजस्थानी शैली में बनी है। इसमें उत्कृष्ट पत्थर की नक्काशी और जटिल डिजाइन शामिल हैं। मंदिर के गर्भगृह के ऊपर एक ऊंचा शिखर है, जो आसपास के क्षेत्र में दिखाई देता है। मंदिर का प्रवेश द्वार भी सुंदर नक्काशीदार पत्थरों से सजाया गया है। मंदिर का आंतरिक भाग भी समान रूप से प्रभावशाली है। दीवारों और छत पर सुंदर पेंटिंग्स और मूर्तियां हैं जो हिंदू पौराणिक कथाओं को दर्शाती हैं। मंदिर के अंदर प्राकृतिक प्रकाश के लिए छोटी खिड़कियां हैं, जिससे एक शांत और आध्यात्मिक माहौल बनता है। मंदिर के चारों ओर एक विशाल आंगन है जहां भक्त प्रार्थना और ध्यान कर सकते हैं। मंदिर परिसर में एक पवित्र कुंड भी है जिसका पानी आशीर्वादित माना जाता है।
पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) की वास्तुकला इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व को दर्शाती है। यह जोधपुर शहर की एक प्रमुख पहचान है।
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पाल बालाजी मंदिर का महत्व क्या है? (What is the importance of Pal Balaji Temple?)
जोधपुर स्थित पाल बालाजी मंदिर का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
- पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) जोधपुर शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर पाल रोड पर स्थित एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। यह शहर का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मूंछ वाले बालाजी का मंदिर माना जाता है।
- मंदिर में स्थापित बालाजी की मूर्ति लगभग 200 वर्ष पुरानी है और 4.5 फीट ऊंची है। यह दक्षिण की ओर मुख किए हुए मूंछ वाले हनुमान की प्रतिमा है।
- मान्यता है कि इस मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ आकर मन्नत मांगने से भगवान हनुमान भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
- मंदिर में मंगलवार और गुरुवार को विशेष रूप से भक्तों की भीड़ उमड़ती है। भक्त यहां आकर बालाजी के दर्शन करते हैं, तिलक लगाते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं।
- मंदिर का प्रबंधन पांच पीढ़ियों से पुजारियों द्वारा किया जा रहा है जो भगवान हनुमान की पूजा करते आ रहे हैं।
- मंदिर में मूंछ वाले बालाजी की एक अनोखी परंपरा है जहां भक्त बंदरों को मिठाई और अन्य भोजन का प्रसाद अर्पित करते हैं। मंदिर में मूंछ वाले बालाजी के लिए एक अलग छोटा मंदिर भी है।
- पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि जोधपुर का एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल भी है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक और आधुनिक शैली का संगम है।
- मंदिर आसानी से सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। प्रबंधन समिति ने भक्तों के वाहनों को पार्क करने और बुजुर्गों व विकलांगों के लिए बैठने की व्यवस्था भी की है।
- मंदिर पूरे वर्ष खुला रहता है और भक्त किसी भी समय यहां आकर दर्शन कर सकते हैं। हालांकि सुबह या शाम की आरती के समय मंदिर का दिव्य वातावरण अनुभव करने की सलाह दी जाती है।
- पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) जोधपुर (Jodhpur) में धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह शहर में पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। मंदिर का शांत वातावरण, सुंदर वास्तुकला और हरे-भरे बगीचे इसे जोधपुर में अवश्य देखने वाली जगह बनाते हैं।
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पाल बालाजी मंदिर के रोचक तथ्य (Interesting Facts About Pal Balaji Temple)
- यह मंदिर जोधपुर के पाल रोड पर स्थित है और 200 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां भगवान हनुमान की 4.5 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है।
- पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) में मूंछों वाले हनुमान जी की प्रतिमा है। सालासर बालाजी मंदिर के बाद यह जोधपुर में मूंछों वाले बालाजी की दूसरी प्रतिमा है।
- इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना होती है। लाखों श्रद्धालु हर साल यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं।
- मान्यता है कि इस मंदिर में आकर मन्नत मांगने से हनुमान जी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। मन्नत पूरी होने पर भक्त यहां प्रसादी का आयोजन करते हैं।
- मंदिर के पुजारी पांच पीढ़ियों से भगवान हनुमान की पूजा कर रहे हैं। यहां हर दिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
- जोधपुर (Jodhpur) में कोई भी नया काम शुरू करने या नई गाड़ी लेने से पहले लोग पाल बालाजी मंदिर में दर्शन करने आते हैं और आशीर्वाद लेते हैं।
- घर में शादी या अन्य शुभ कार्य से पहले भी लोग यहां हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं।
- नए साल की शुरुआत पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पाल बालाजी मंदिर में उमड़ते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेकर नया साल शुरू करते हैं।
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पाल बालाजी मंदिर कैसे पहुंचे? (How to reach Pal Balaji Temple?)
मंदिर तक पहुंचने के लिए कई विकल्प हैं:
सड़क मार्ग से (By Road):
- घंटाघर बाजार जोधपुर शहर के मध्य में है, जहां बस या टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से आप पाल बालाजी मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
रेल द्वारा (By Train):
- जोधपुर रेलवे स्टेशन (Jodhpur Railway Station) के माध्यम से पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। जोधपुर रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई, बीकानेर, जयपुर और अहमदाबाद से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
हवाई यात्रा द्वारा (By Air):
- जोधपुर हवाई अड्डा (Jodhpur Airport) मंदिर से महज 6 किमी दूर है। यह हवाई अड्डा दिल्ली (Delhi) और मुंबई (Mumbai) के लिए नियमित घरेलू उड़ानों से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से टैक्सी या ऑटो से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
पाल बालाजी मंदिर Map Location
पाल बालाजी मंदिर में दर्शन का समय (Darshan Timing in Palaji Temple)
पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) में भगवान पाल बालाजी के दर्शन करने का समय सुबह 5:00 बजे से लेकर रात के 8:00 बजे तक का है इस समय के बीच में आप बाल बालाजी के दर्शन सुविधापूर्ण तरीके से कर सकते हैं।
पाल बालाजी मंदिर में प्रवेश शुल्क (Entry Fees in Pal Balaji Temple)
पाल बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है, यह मंदिर भक्तों के लिए हमेशा खुला रहता है। मंदिर में किसी भी तरह का अनुष्ठान करने हेतु आपको मंदिर के पुजारी से संपर्क करना अति आवश्यक है।
पाल बालाजी मंदिर की फोटो (Photo of Pal Balaji Temple)
बाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) की कुछ विशेष तस्वीरें हम आपसे इस विशेष लेख के जरिए साझा कर रहे हैं, अगर आप चाहे तो इन सभी तस्वीरों को डाउनलोड (Download) भी कर सकते हैं।
पाल बालाजी की फोटो (Pal Balaji’s Photo)
इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे पाल बालाजी (Pal Balaji) की सुंदर और अलौकिक तस्वीर साझा कर रहे हैं, इन तस्वीरों के माध्यम से आप पाल बालाजी (Pal Balaji) के अद्भुत दर्शन भी कर सकते हैं।
विशेष आयोजन (special event)
जोधपुर के पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) में विशेष अवसर पर विशेष आयोजन का प्रबंध किया जाता है, जिनमें राम भक्त हनुमान के जन्मोत्सव का समारोह शामिल है, हनुमान जन्मोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है बहुत से भंडारे लगाए जाते हैं और मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाता है । यह मंदिर 175 साल से अधिक समय से मौजूद है और यहां के पुजारी पांच पीढ़ी से भगवान हनुमान की पूजा कर रहे हैं। इसके अलावा, मंदिर में मंगलवार को विशेष पूजन, आरती का आयोजन किया जाता है सभी भक्त मंगलवार और शनिवार के दिन अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और संकटमोचन बालाजी महाराज की भक्ति में लीन होकर प्रभु की आराधना करते हैं । यह सभी आयोजन मंदिर की परम्परा और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं.
Conclusion:
पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) अपनी अनूठी वास्तुकला, शांत वातावरण और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह उन श्रद्धालुओं के लिए अवश्य दर्शनीय स्थल है जो आध्यात्मिक अनुभव चाहते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं। पाल बालाजी मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अवश्य साझा करें, साथ ही हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का उत्तर देने का पूरी तरह से प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।
FAQ’s:
Q. पाल बालाजी मंदिर कितना पुराना है?
Ans. पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) 175 साल से अधिक पुराना है। यह मंदिर 1898 में बना था जब पाल बालाजी की 4 फीट 30 इंच ऊंची मूर्ति की स्थापना की गई थी।
Q. पाल बालाजी मंदिर में कितने लोग हर साल आते हैं?
Ans. पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) में हर साल लाखों लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं। इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार और शनिवार के अलावा अन्य दिनों में भी यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
Q. पाल बालाजी के अलावा जोधपुर में और कौन सा प्रसिद्ध बालाजी मंदिर है?
Ans. पाल बालाजी (Pal Balaji) के अलावा जोधपुर में सालासर बालाजी का भी एक प्रसिद्ध मंदिर है। सालासर बालाजी के बाद पाल बालाजी की मूर्ति जोधपुर में दूसरी मूंछों वाले बालाजी की प्रतिमा है।
Q. पाल बालाजी के अलावा जोधपुर में और कौन सा प्रसिद्ध बालाजी मंदिर है?
Ans. पाल बालाजी (Pal Balaji) के अलावा जोधपुर में सालासर बालाजी का भी एक प्रसिद्ध मंदिर है। सालासर बालाजी के बाद पाल बालाजी की मूर्ति जोधपुर में दूसरी मूंछों वाले बालाजी की प्रतिमा है।
Q. पाल बालाजी मंदिर में कितनी ऊंची मूर्ति है?
Ans. पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) में बालाजी की मूर्ति 4 फीट 30 इंच ऊंची है। यह दक्षिण मुखी बालाजी की मूर्ति है जिसमें मूंछें भी हैं।
Q. पाल बालाजी मंदिर के पुजारी कितने समय से सेवा कर रहे हैं?
Ans. पाल बालाजी मंदिर (Pal Balaji Temple) के पुजारी पांच पीढ़ियों से भगवान हनुमान की पूजा कर रहे हैं। यह सिलसिला 175 साल से चला आ रहा है।