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Rasik Bihari Temple History: जोधपुर का अद्भुत धार्मिक स्थल है भगवान रसिक बिहारी जी का यह मंदिर, जानिए रसिक बिहारी मंदिर के बारे में

Rasik Bihari Temple
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Rasik Bihari Temple: जोधपुर (Jodhpur), राजस्थान (Rajasthan) का नीला शहर, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस शहर की धार्मिक आस्था का केंद्र है यहां स्थित प्राचीन और भव्य मंदिर। इन्हीं में से एक है रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple), जिसे नैना देवी मंदिर (Naini Ji Temple) के नाम से भी जाना जाता है। 

17 फीट ऊंची इस आयताकार इमारत पर खड़े रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) की कलात्मक वास्तुकला देखते ही बनती है। मुख्य मंदिर के चारो ओर बैठक कक्ष है, जिसे सभा मंडप कहा जाता है। इसके खम्बों को लाल बलुआ पत्थर से निर्मित किया गया है। मंदिर में भगवान कृष्ण को रसिक बिहारी जी के रूप में पूजा जाता है।

मंदिर का निर्माण नैनी बाई (Naini Bai) ने करवाया था। यहां भगवान सूर्य और नंदी बैल की मूर्तियां भी दर्शनीय हैं। राजा जसवंत सिंह ने सन् 1885 में संगमरमर से बनी नंदी बैल की मूर्ति भेंट की थी। रसिक बिहारी मंदिर में प्रतिदिन मंगला, शृंगार, राजभोग, उत्थापन, संध्या, झांकी और शयन सहित छह बार आरती होती है। शरद पूर्णिमा, भादवे की तीज और राधाष्टमी पर यहां विशेष आयोजन होते हैं। यह मंदिर जोधपुर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न अंग है। 

आइए, इस लेख में रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) की यात्रा करते हैं और इसके इतिहास व वैभव को करीब से जानने का प्रयास करते हैं।

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रसिक बिहारी मंदिर के बारे में (About Rasik Bihari Temple)

मंदिर का फोन नंबर :095093 05607
रसिक बिहारी मंदिर का पता :Katla bazar, Rawaton Ka Bass, Jodhpur, Rajasthan 342001
रसिक बिहारी मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट :https://www.brajrasik.org/hi/media/rasik-bihari-temple-vrindavan 
Google Map : https://maps.app.goo.gl/3uDrmJLX98xq9CRG7
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी :2 किलोमीटर
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी :6 किलोमीटर
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी :2.5 किलोमीटर

रसिक बिहारी जी कौन है? (Who is Rasik Bihari)

Rasik Bihari
Source by- Tour my India

Rasik Bihari Temple, Jodhpur (Rajasthan):  राजस्थान (Rajasthan) के भगवान रसिक बिहारी जी (Lord Rasik Bihari Ji) दरअसल बांके बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple), वृंदावन (vrindavan) में विराजमान श्री कृष्ण Lord Krishna) और राधा जी (Devi Radha) के संयुक्त रूप हैं। 15वीं शताब्दी में स्वामी हरिदास ने निधिवन में उनकी प्रतिमा को खोजा था। स्वामी हरिदास को एक सपने में श्री कृष्ण (Lord Krishna) ने निर्देश दिया कि वे एक निश्चित स्थान पर खोदें जहां उन्हें रसिक बिहारी जी की मूर्ति मिलेगी। जब स्वामी जी ने वहां खोदा तो उन्हें काले पत्थर की त्रिभंग मुद्रा में बांसुरी बजाते हुए भगवान कृष्ण की मूर्ति प्राप्त हुई।

रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) जोधपुर में भी स्थित है जिसका निर्माण नैनी बाई (Naini Bai) ने कराया था। यह मंदिर श्री कृष्ण और राधा जी को समर्पित है। मंदिर में उनकी सुंदर अलंकृत मूर्तियां विराजमान हैं जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं।

रसिक बिहारी मंदिर कहां है? (Where is Rasik Bihari Temple)

Rasik Bihari Temple, Jodhpur (Rajasthan): रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) जोधपुर (Jodhpur) शहर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की प्रतिष्ठा के लिए निर्मित किया गया है। इस मंदिर को नैनी जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसकी वास्तुकला अद्वितीय और आकर्षक है जो दर्शकों को बहुत भाती है।

मंदिर का मुख्यालय सफेद पत्थर से निर्मित है और चारों तरफ बैठक कक्ष हैं, जिसे सभा मंडप कहा जाता है। यहां आपको संगमरमर से बनी नंदी बैल की मूर्ति और भगवान सूर्य की मूर्ति देखने को मिलेगी। यहां की मूर्तियां भगवान कृष्ण (Lord Krishna) और देवी राधा (Devi Radha) की सुंदरता को दर्शाती हैं। रसिक बिहारी मंदिन का निर्माण नैनी बाई ने किया था और यह जोधपुर के उदय मंदिर रोड पर स्थित है। यह मंदिर जोधपुर शहर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है जहाँ आसानी से बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।

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रसिक बिहारी मंदिर का इतिहास (History of Rasik Bihari Temple)

जोधपुर (Jodhpur) का रसिक बिहारी मंदिर, जिसे नैनी बाई का मंदिर भी कहा जाता है, राजस्थानी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस विशाल मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1926 (1869 AD) में नैनी बाई ने करवाया थामंदिर में एक बड़े आंगन, एक मुख्य गर्भगृह, और एक परिक्रमा पथ शामिल है।

मंदिर की मुख्य देवता भगवान कृष्ण (Lord Krishna) हैं, साथ ही महादेव का एक मंदिर भी है। मंदिर में एक बड़ी नंदी मूर्ति भी है, जो जोधपुर की सबसे बड़ी है और जिसे महाराजा जसवंत सिंह ने विक्रम संवत 1993 में दान किया था। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्वितीय है, जिसमें सफेद पत्थरों का उपयोग किया गया है। मंदिर के चारों ओर बैठक कक्ष हैं, जिसे सभा मंडप कहा जाता है।मंदिर में भगवान सूर्य और नंदी बैल की मूर्तियाँ भी हैं, जो यात्रियों को आकर्षित करती हैं। 

मंदिर की मुख्य देवता भगवान कृष्ण हैं, साथ ही झारखंड महादेव का एक मंदिर भी है। मंदिर में एक बड़ी नंदी मूर्ति भी है, जो जोधपुर की सबसे बड़ी है और जिसे महाराजा जसवंत सिंह ने विक्रम संवत 1993 में दान किया था।

मंदिर में रिद्धि सिद्धि और एक मूषक के साथ एक दक्षिणमुखी गणेश मूर्ति भी है। इस मंदिर की वास्तुकला और डिजाइन अद्वितीय हैं और राजस्थानी शिल्पकारों की पारंपरिक कौशल को दर्शाती हैं।

संक्षेप में, जोधपुर का रसिक बिहारी मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो राजस्थानी वास्तुकला की अद्वितीयता और सौंदर्य को प्रस्तुत करता है

रसिक बिहारी मंदिर की पौराणिक कथा (Legend of Rasik Bihari Temple)

रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। इस मंदिर को नैनी जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ भगवान कृष्ण की पूजा रसिक बिहारी जी के रूप में की जाती है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अवतार श्री देवनारायण जी का जन्म राजस्थान (Rajasthan) के भीलवाड़ा जिले की आसींद तहसील में मालासेरी डूंगरी में हुआ था। यहाँ माता सादू ने कठोर तपस्या कर भगवान शंख सावंत को प्रसन्न किया था, जिससे 968 माघ मास की शनिवार की संध्या को एक चट्टान फटने से कमल के फूल से श्री देवनारायण का अवतरण हुआ।

हालांकि रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) और मालासेरी डूंगरी अलग-अलग स्थानों पर हैं, लेकिन दोनों ही भगवान कृष्ण (Lord Krishna) और उनके अवतार श्री देवनारायण की लीलाओं से जुड़े पवित्र तीर्थ हैं। इन मंदिरों में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और विशेषकर श्रावण और भाद्रपद के महीनों में यहाँ मेले लगते हैं। इन स्थलों की अद्भुत वास्तुकला और सुंदर प्राकृतिक परिवेश आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

रसिक बिहारी मंदिर की वास्तु कला (Architecture of Rasik Bihari Temple)

Rasik Bihari Temple

रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple), जोधपुर का एक धार्मिक स्थल है, जिसकी वास्तुकला का अपना अनुपम आकर्षण है। इसकी वास्तुकला की विशेषताओं का वर्णन निम्न प्रकार से किया जा सकता है:

  • भव्यता: मंदिर की वास्तुकला में भव्यता और सौंदर्य दोनों ही विशिष्ट रूप से देखी जा सकती है।
  • वास्तुकारी: मंदिर के प्रवेश द्वार और शिखर पर अद्वितीय वास्तुकारी का उदाहरण मिलता है।
  • मूर्तियाँ: मंदिर में भगवान कृष्ण, मीरा बाई, संत नामदेव, हनुमान जी आदि की मूर्तियाँ स्थित हैं।
  • कलात्मक रूप: मंदिर का निर्माण कलात्मक रूप से और वास्तुकला से किया गया है।
  • गर्भगृह: मंदिर के गर्भगृह या सेंट्रल हॉल में विभिन्न देवताओं की मूर्तियाँ स्थित हैं।
  • प्रवेश द्वार: रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) के प्रवेश द्वार पर भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) की सबसे बड़ी भक्त मीरा बाई (Meera Bai) की मूर्ति है।

रसिक बिहारी मंदिर महत्व (Rasik Bihari Temple Importance)

जोधपुर (Jodhpur) के रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है:

  • ऐतिहासिक महत्व: यह मंदिर 18वीं शताब्दी में राठौड़ वंश के शासनकाल के दौरान बनाया गया था, जो इसे ऐतिहासिक महत्व प्रदान करता है।
  • धार्मिक महत्व: यह मंदिर भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को समर्पित है, जिन्हें हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। इससे मंदिर का धार्मिक महत्व स्पष्ट होता है।
  • वास्तुकला का अद्भुत नमूना: यह मंदिर अपनी जटिल नक्काशी और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है जो इसकी दीवारों और खंभों को सजाते हैं। यह वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है।
  • सांस्कृतिक विरासत: यह मंदिर जोधपुर की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
  • त्योहार और उत्सव: यह मंदिर कई त्योहारों और उत्सवों का स्थल है, जिनमें भगवान कृष्ण के जन्म को चिह्नित करने वाला जन्माष्टमी भी शामिल है।
  • आध्यात्मिक महत्व: यह मंदिर एक पवित्र स्थान माना जाता है, जो अपने आगंतुकों को आध्यात्मिक सुख और शांति प्रदान करता है।
  • सांस्कृतिक एकीकरण का प्रतीक: यह मंदिर सांस्कृतिक एकीकरण का एक प्रतीक है, जहां विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोग आशीर्वाद और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए आते हैं।

इस प्रकार, रसिक बिहारी मंदिर अपने ऐतिहासिक, धार्मिक, वास्तुकला, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण जोधपुर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

रसिक बिहारी मंदिर कैसे पहुँचें? (How To Reach Rasik Bihari Temple?)

सड़क मार्ग से: (By Road)

  • राजस्थान का प्रसिद्ध रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) जोधपुर शहर (Jodhpur City) से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां विशेष बस या टैक्सी से आसानी से मंदिर पहुंचा जा सकता है।

रेल द्वारा: (By Rail)

  • रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) निकटतम जोधपुर रेलवे स्टेशन के माध्यम से दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर, अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों के रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

हवाई मार्ग से: (By Air)

  • रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) निकटतम जोधपुर हवाई अड्डे (6 किमी) के माध्यम से पहुंचा जा सकता है जो दिल्ली, मुंबई के लिए नियमित घरेलू उड़ानों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

रसिक बिहारी मंदिर के दर्शन का समय (Darshan Timing of Rasik Bihari Temple)

रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) में प्रातःकाल तथा संध्या काल की पूजा की समय सारणी कुछ इस प्रकार है- 

प्रातः पूजा6:30am से 7:00 am 
संध्या पूजा6:45pm 7:30pm 

रसिक बिहारी मंदिर में प्रवेश शुल्क (Rasik Bihari Temple Entry Fee)

राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित रसिक बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है यहां मंदिर में दर्शन निशुल्क है इसीलिए आप कभी भी इस मंदिर में जाकर भगवान श्री रसिक बिहारी जी के दर्शन कर सकते हैं।

भगवान रसिक बिहारी जी की फोटो (Photo of Lord Rasik Bihari Ji)

भगवान रसिक बिहारी जी (Lord Rasik Bihari Ji)  की दुर्लभ और सुंदर तस्वीर हम आपसे इस लेख के जरिए साझा कर रहे हैं, इन तस्वीरों के जरिए आप भगवान रसिक बिहारी जी के दर्शन भी कर सकते हैं और इन तस्वीरों को डाउनलोड करके अपने प्रिय जनों के साथ साझा भी कर सकते हैं।

विशेष आयोजन (Special Event

रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। जन्माष्टमी के त्यौहार पर यहाँ भव्य उत्सव मनाया जाता है। भक्तों की भारी भीड़ एकत्रित होती है और श्रृंगार, झांकी, भजन-कीर्तन एवं प्रसाद वितरण होता है। होली के अवसर पर भी यहाँ विशेष आयोजन किए जाते हैं। रंगों की होली खेली जाती है और भक्ति संगीत का आयोजन होता है। मंदिर के वार्षिक उत्सव में भी भव्य आयोजन किए जाते हैं जैसे झांकियों की शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भंडारे का आयोजन ।

रसिक बिहारी मंदिर Map Location :

Conclusion:

रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर शहर का एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यहाँ के दर्शन-पूजन और आरती के समय भक्ति रस में डूबे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं। रसिक बिहारी मंदिर (Rasik Bihari Temple) से संबंधित यह विशेष लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स भी एक बार जरूर पढ़िए और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’s:

Q .रसिक बिहारी मंदिर कहाँ स्थित है? 

Ans.रसिक बिहारी मंदिर राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित है। यह मंदिर उदय मंदिर रोड पर स्थित है।

Q.रसिक बिहारी मंदिर का दूसरा नाम क्या है? 

Ans. रसिक बिहारी मंदिर को नैनी जी का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण नैनी बाई द्वारा करवाया गया था।

Q.रसिक बिहारी मंदिर में किन देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं? 

Ans. मंदिर के मुख्य मंडप में भगवान कृष्ण और राधा जी की सुंदर मूर्तियाँ विराजमान हैं। प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु, गरुड़ और हनुमान जी की मूर्तियाँ भी हैं।

Q.रसिक बिहारी मंदिर का दर्शन समय क्या है? 

Ans. ग्रीष्मकाल में सुबह का दर्शन 6:30 से 7:00 बजे और शाम का दर्शन 6:45 से 7:30 बजे तक होता है। शीतकाल में सुबह 6:45 से 7:30 और शाम 6:45 से 7:30 बजे तक दर्शन होता है।

Q.रसिक बिहारी मंदिर पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा कौन सा है? 

Ans. जोधपुर रेलवे स्टेशन और जोधपुर हवाई अड्डा रसिक बिहारी मंदिर के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा हैं। यहाँ से आसानी से मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।

Q. रसिक बिहारी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है? 

Ans.जोधपुर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है जब मौसम सुहावना होता है। इस दौरान रसिक बिहारी मंदिर घूमने का आनंद लिया जा सकता है