Top 10 Jagannath Temples In India: भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। देश भर में अनेक प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जो न केवल अपनी वास्तुकला और कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि भक्तों के लिए आस्था के केंद्र भी हैं।
इन्हीं में से एक प्रमुख मंदिर है – पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर देश भर में कई अन्य मंदिर भी स्थित हैं, जो भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध हैं। ये मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि इनकी वास्तुकला और कला भी देखते ही बनती है। इन मंदिरों की स्थापना सदियों पहले हुई थी और ये आज भी अपनी भव्यता और शानदार कारीगरी के लिए प्रसिद्ध हैं। इस लेख में, हम देश भर के 10 प्रमुख जगन्नाथ मंदिरों की यात्रा करेंगे। हम इन मंदिरों की स्थापना, वास्तुकला, कलात्मकता और धार्मिक महत्व के बारे में जानेंगे। साथ ही, हम इन मंदिरों से जुड़ी कहानियों और किवदंतियों का भी पता लगाएंगे।
तो चलिए, इस रोमांचक यात्रा (Top 10 Jagannath Temples In India) पर निकलते हैं और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का अनुभव करते हैं…
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List Of All 10 Lord Jagannath Temples ( Shri Jagannath Mandir List)
S.NO | मंदिर | स्थान |
1 | श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर | ओडिशा |
2 | श्री जगन्नाथ मंदिर | हैदराबाद |
3 | श्री जगन्नाथ मंदिर | अहमदाबाद |
4 | श्री जगन्नाथ मंदिर | बैंगलोर |
5 | श्री जगन्नाथ मंदिर | दिल्ली |
6 | श्री जगन्नाथ मंदिर | रांची |
7 | श्री जगन्नाथ मंदिर | चेन्नई |
8 | श्री जगन्नाथ मंदिर | अलवर |
9 | श्री जगन्नाथ मंदिर | मिदनापुर |
10 | श्री जगन्नाथ मंदिर | नई मुंबई |
भारत में स्थित (Top 10 Jagannath Temples In India) शीर्ष 10 जगन्नाथ मंदिरों में पुरी जगन्नाथ मंदिर सबसे प्रसिद्ध है। अन्य प्रमुख मंदिरों में हौस खस दिल्ली, मयूरभंज ओडिशा, अहमदाबाद गुजरात, हैदराबाद तेलंगाना, और बेंगलुरु कर्नाटक शामिल हैं। ये मंदिर भगवान जगन्नाथ की भव्यता और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं।
1.श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर, ओडिशा (Shri Jagannath Puri Temple,Odisha )
पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple), ओडिशा के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित, भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है। ‘जगन्नाथ’ का अर्थ ‘जगत के स्वामी’ होता है, और यही नाम पुरी को ‘जगन्नाथपुरी‘ भी बनाता है। यह मंदिर वैष्णव सम्प्रदाय का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, और हिन्दुओं के चार धामों में से एक है।
मंदिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा, तीन भव्य रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा करते हैं। इस मंदिर का उल्लेख इतिहास में भी मिलता है, जहां पहले नील माघव के रूप में इसकी पूजा भील सरदार विश्वासु द्वारा की जाती थी। मध्यकाल से, यह उत्सव अतीव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है, और यह कई अन्य वैष्णव कृष्ण मंदिरों में भी मनाया जाता है। यह मंदिर गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय और संत रामानन्द से जुड़ा हुआ है। श्री चैतन्य महाप्रभु भी यहाँ कई वर्षों तक रहे थे। वर्तमान मंदिर का निर्माण कलिंग राजा अनन्तवर्मन चोडगंग देव द्वारा आरम्भ किया गया, और इसका जगमोहन और विमान भाग उनके शासन काल में बने। बाद में, ओडिआ शासक अनंग भीम देव ने इसे वर्तमान रूप दिया। 1558 में, अफगान जनरल काला पहाड़ के हमले से मंदिर को नुकसान पहुंचा और पूजा बंद हो गई। मूर्तियों को चिलिका झील के एक द्वीप में गुप्त रूप से रखा गया। रामचन्द्र देब के प्रयासों से मंदिर और मूर्तियों की पुनर्स्थापना हुई।
2.श्री जगन्नाथ मंदिर, हैदराबाद (Shri Jagannath Temple,Hyderabad)
तेलंगाना (Telangana) के हैदराबाद (Hyderabad) शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) एक आधुनिक धार्मिक स्थल है, जिसे ओड़िया समुदाय ने बनाया है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है, जिन्हें ब्रह्मांड के भगवान माना जाता है। बंजारा हिल्स रोड नंबर 12 के पास स्थित यह मंदिर अपनी भव्य रथयात्रा उत्सव के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
पुरी के मूल जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) की प्रतिकृति इस मंदिर की वास्तुकला को दर्शाती है, हालांकि आकार में दोनों मंदिर भिन्न हैं। मंदिर की प्रमुख विशेषता इसका 70 फीट ऊंचा शिखर है, जो बलुआ पत्थर से बना है। ओडिशा से लाए गए 600 टन बलुआ पत्थरों और 60 कुशल नक्काशीकारों के श्रम से तराशा गया यह मंदिर अपने लाल रंग के कारण अलग दिखाई देता है। मंदिर के बाहर बुरी आत्माओं को भगाने के लिए कामुक मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विराजमान हैं। यह मंदिर ‘कलिंग कल्चरल ट्रस्ट’ द्वारा निर्मित किया गया और मार्च 2009 में प्रतिष्ठित हुआ। 1992 में उड़िया समुदाय के एक छोटे समूह ने भगवान जगन्नाथ की अभिव्यक्ति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के उद्देश्य से इस मंदिर की स्थापना का विचार प्रस्तुत किया। इस प्रकार, हैदराबाद में यह मंदिर ओड़िया संस्कृति और धार्मिकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
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3.श्री जगन्नाथ मंदिर, अहमदाबाद ( Jagannath Temple, Ahmedabad)
अहमदाबाद (Ahmedabad) के हृदय में स्थित, जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) हिंदू भगवान जगन्नाथ को समर्पित एक पवित्र स्थल है। यह मंदिर अपने वार्षिक रथ उत्सव, रथ यात्रा, के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो पुरी के रथ यात्रा के बाद सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा उत्सव माना जाता है।
इस मंदिर के दर्शन का समय प्रतिदिन सुबह 04:30 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक और फिर दोपहर 03:00 बजे से रात 09:00 बजे तक है। हर साल, पुरी की रथ यात्रा के साथ मेल खाते हुए, अहमदाबाद में भी यह भव्य उत्सव मनाया जाता है। परंपरागत रूप से, उत्सव की शुरुआत में हाथी सबसे पहले भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के दर्शन करते हैं और इसके बाद वे जुलूस का नेतृत्व करते हैं। इस अवसर पर, गुजरात के मुख्यमंत्री रथ यात्रा के मार्ग की प्रतीकात्मक सफाई, जिसे ‘पहिंद विधि’ कहा जाता है, करते हैं और फिर यात्रा आरंभ होती है। रथ यात्रा लगभग 14 किलोमीटर की दूरी तय करती है, अहमदाबाद के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए। रथ यात्रा का जत्था सरसपुर में रुकता है, जहां भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए स्थानीय लोग ‘महाभोज’ का आयोजन करते हैं। यह उत्सव गुजरात के ‘लोकोत्सव’ या सार्वजनिक त्योहार के रूप में मनाया जाता है और अहमदाबाद की रथ यात्रा को पुरी और कोलकाता के बाद तीसरा सबसे बड़ा रथ यात्रा उत्सव माना जाता है।
4.श्री जगन्नाथ मंदिर, बैंगलोर ( Jagannath Temple ,Bangalore)
भारत (India) के कर्नाटक (Karnataka) राज्य में स्थित बैंगलोर का जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। यह मंदिर सरजापुर रोड पर अगरा में स्थित है और भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है।
इस मंदिर का सबसे प्रमुख और भव्य उत्सव वार्षिक रथ यात्रा है, जिसमें पंद्रह हज़ार से अधिक श्रद्धालु भक्तगण भाग लेते हैं। इस उत्सव में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशाल रथों पर विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। यह यात्रा एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करती है और भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। मंदिर का संचालन और देखभाल बैंगलोर के श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जो इस पवित्र स्थान की मर्यादा और स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और दोपहर 3:30 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है, ताकि श्रद्धालु अपने समय के अनुसार भगवान के दर्शन कर सकें। इस मंदिर की पवित्रता, धार्मिक महत्व और यहां की भव्य रथ यात्रा इसे न केवल बैंगलोर का बल्कि सम्पूर्ण कर्नाटक का एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र बनाती है। यहां की आध्यात्मिक शांति और वातावरण भक्तों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं।
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5.श्री जगन्नाथ मंदिर, दिल्ली (Shri Jagannath Mandir ,Delhi)
पुरी का जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) पूरे भारत में अपनी प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है, लेकिन यदि आप पुरी जाकर दर्शन नहीं कर सकते, तो दिल्ली में ही इस महान देवता का दर्शन कर सकते हैं। दक्षिण दिल्ली के हौज खास विलेज में स्थित यह जगन्नाथ मंदिर पुरी के मंदिर की शैली में बनाया गया है।
इसका निर्माण 1969 में शुरू हुआ और उद्घाटन 28 जनवरी 1999 को हुआ। यह मंदिर विशेष रूप से उड़िया समुदाय के लिए अत्यधिक पूजनीय है। मंदिर के मुख्य द्वार पर श्री बरहा, श्री नरसिम्हा, और श्री बामन सहित कई देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ के साथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन मां सुभद्रा की मूर्तियाँ भी प्रतिष्ठित हैं। इसके अतिरिक्त, सुदर्शन चक्र की मूर्ति भी यहां स्थापित है। मंदिर परिसर में एक पुस्तकालय भी है, जहाँ धार्मिक पुस्तकों का दुर्लभ संग्रह है। इस मंदिर का भोग बहुत प्रसिद्ध है, जो सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग प्रकार का होता है और इसे खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। मंदिर के दर्शन का समय सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक है। यह मंदिर ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन के निकट स्थित है, जिससे यहाँ पहुंचना सुविधाजनक है।
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6. श्री जगन्नाथपुर मंदिर, रांची ( Jagannathpur Temple, Ranchi)
रांची के बड़कागढ़ रियासत के उदयपुर परगना के जगन्नाथपुर धुर्वा में स्थित जगन्नाथ मंदिर, 1691 ईस्वी में नागवंशी राजा ठाकुर एनी नाथ शाहदेव द्वारा निर्मित किया गया था। उत्कल पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बने इस मंदिर का निर्माण एक छोटी पहाड़ी की चोटी पर हुआ है, जिसकी ऊँचाई लगभग 85-90 मीटर है। मंदिर के परिसर में कई घने वृक्ष हैं, जो इसकी सुंदरता और शुद्ध वातावरण को और बढ़ाते हैं। मंदिर की संरचना में समय के साथ कई परिवर्तन हुए हैं, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक महत्ता अब भी बरकरार है। आजकल श्रद्धालु अपने वाहनों के साथ सीधे मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंच सकते हैं, जिससे यहाँ आना और भी सुविधाजनक हो गया है। मुख्य मंदिर से थोड़ी दूरी पर एक और छोटी पहाड़ी पर स्थित एक मंदिर है, जिसे मौसीबाड़ी के नाम से जाना जाता है। हर साल रथयात्रा के अवसर पर, मुख्य मंदिर से मौसीबाड़ी तक एक भव्य यात्रा निकाली जाती है, जो यहाँ का मुख्य आकर्षण है। इस अवसर पर सात दिनों तक मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेने आते हैं। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक भी है।
7. श्री जगन्नाथ मंदिर, चेन्नई ( Jagannath Temple,Chennai)
Top 10 Jagannath Temples In India. चेन्नई, तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कन्नथुर में स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple), बंगाल की खाड़ी के तट पर अपनी भव्यता के साथ खड़ा है। यह दिव्य त्रिदेव जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा को समर्पित एक प्रमुख हिंदू स्थल है। यह मंदिर पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के अनुरूप कलिंग वास्तुकला में निर्मित है।
मुख्य गर्भगृह तक पहुँचने के लिए संगमरमर की 22 सीढ़ियाँ पार करनी होती हैं, जो आपको एक अद्भुत आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव कराती हैं। 26 जनवरी 2001 को इस मंदिर का अभिषेक हुआ था। इसके निर्माण में कांचीपुरम से लाए गए काले ग्रेनाइट और राजस्थान के श्वेत संगमरमर का उपयोग किया गया है। मंदिर परिसर को सुंदर भूनिर्माण से सजाया गया है, जहाँ विभिन्न फूलों की खेती की जाती है, जो पूजा के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। मुख्य द्वार पर स्थित विशाल ध्वजस्तंभ मंदिर की शोभा बढ़ाता है। दीवारों और छतों पर विष्णु के दस अवतारों के भित्तिचित्र चित्रित हैं, जो कला और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं। मंदिर में ओडिशा के पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना की जाती है। मुख्य देवताओं की मूर्तियाँ नीम की लकड़ी से बनी हैं, जो पुरी मंदिर की मूर्तियों के समान हैं। इसके अतिरिक्त, यहाँ योगनरसिंह, शिव, गणेश, गजलक्ष्मी, बिमला और नवग्रह को समर्पित छोटे मंदिर भी हैं, जो इस स्थल को और भी पवित्र बनाते हैं। वार्षिक रथयात्रा यहाँ का मुख्य उत्सव है, जो हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को आकर्षित करता है।
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8. श्री जगन्नाथ मंदिर, अलवर ( Jagannath Temple, Alwar)
भारत (India) के अलवर में स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित एक भव्य हिंदू मंदिर है। इस मंदिर के प्रमुख देवता पुरी के भगवान जगन्नाथ (Jagannath Temple) के मानव रूप हैं, और साथ ही सीतारामजी, शालिग्राम महाराज और जानकीजी, देवी लक्ष्मी के रूप में विराजमान हैं।
मंदिर का निर्माण शहर के पुराने हिस्से में जमीन से कई मीटर ऊपर किया गया है, जिसमें मध्ययुगीन वास्तुकला की अद्भुत छटा देखने को मिलती है। दीवारों और स्तंभों पर बने दुर्लभ पुष्प रूपांकन इसकी शोभा बढ़ाते हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ के दो देवता स्थापित हैं – एक चल और एक स्थिर। यह संभवतः एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां एक ही भगवान के दो रूप एक साथ पूजे जाते हैं। यह मंदिर अपने वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें भगवान जगन्नाथ को इंद्र विमान नामक रथ में ले जाया जाता है। इस उत्सव में पुरी की तुलना में अलग परंपराएं और रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। यहाँ, यह उत्सव रूपबास में भगवान जगन्नाथ और जानकीजी के वार्षिक विवाह समारोह का हिस्सा है। भगवान जगन्नाथ (Jagannath Temple) के स्थायी देवता, जिन्हें बूढ़े जगन्नाथ के रूप में जाना जाता है, बहुत प्राचीन हैं और केवल रथ यात्रा के दौरान पांच दिनों के लिए दर्शन के लिए उपलब्ध होते हैं। यह मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
9. श्री जगन्नाथ मंदिर, मिदनापुर, पश्चिम बंगाल ( Jagannath Temple, Midnapore, West Bengal)
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) जुलाई के पहले हफ्ते में पूर्वी मेदिनीपुर जिले के दीघा में एक भव्य जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन करने वाली हैं। इस मंदिर का निर्माण पश्चिम बंगाल हाउसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (WBHIDCO) ने 143 करोड़ रुपये की लागत से किया है।
22 एकड़ में फैला यह मंदिर न्यू दीघा रेलवे स्टेशन के पास समुद्र तट पर स्थित है और इसकी डिजायनिंग कोलकाता स्थित डिजायन स्टूडियो ने की है। यह मंदिर ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है और इसे जगन्नाथ धाम के रूप में विकसित किया गया है। ममता बनर्जी ने 2019 में इस मंदिर की आधारशिला रखी थी और इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया था। उन्होंने कहा था कि जैसे पुरी में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, वैसे ही दीघा में भी होगी। 7 जुलाई से शुरू होने वाले रथ यात्रा उत्सव के पहले दिन मुख्यमंत्री इस मंदिर का उद्घाटन कर सकती हैं, हालांकि तारीख की आधिकारिक घोषणा मुख्यमंत्री कार्यालय से औपचारिक हरी झंडी मिलने के बाद ही की जाएगी। बंगाली हिन्दू परिवारों में भगवान जगन्नाथ (Jagannath Temple) के प्रति गहरी आस्था है, जो 12वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु के पुरी जाने के बाद से बढ़ी है। बंगाल में हर साल रथ यात्रा उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, और इस मंदिर के उद्घाटन से यह उत्सव और भी खास हो जाएगा।
10. श्री जगन्नाथ मंदिर खारघर, नई मुंबई ( Jagannath Temple Kharghar, Navi Mumbai)
मुंबई के खारघर इलाके में जगन्नाथ मंदिर (Top 10 Jagannath Temples In India) स्थित है जो भगवान जगन्नाथ को समर्पित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह मंदिर खारघर रेलवे स्टेशन के पास सेक्टर 11 में 2 एकड़ भूमि पर बना हुआ है।
इस मंदिर का निर्माण 1998-2001 के बीच हुआ था और इसका उद्घाटन 2001 में किया गया था। मंदिर का डिजाइन ओडिशा के पुरी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के आधार पर किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की प्रतिमाएं स्थापित हैं। खारघर के जगन्नाथ मंदिर में प्रमुख त्योहारों पर विशेष पूजा और भंडारे का आयोजन किया जाता है। यहां हर साल जगन्नाथ रथयात्रा भी निकाली जाती है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। मंदिर का प्रबंधन जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। मंदिर प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। खारघर के जगन्नाथ मंदिर मुंबई में रहने वाले ओडिया समुदाय के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
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Conclusion:- Top 10 Jagannath Temples In India
इन दस जगन्नाथ मंदिरों (Top 10 Jagannath Temples In India) की यात्रा ने हमें एक अद्वितीय संस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाया। ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म और इतिहास के अमूल्य हिस्से हैं। इनकी विशेषताएं और उनका अद्वितीय स्वरूप हमें अपनी धार्मिक धरोहर के प्रति गर्व महसूस कराता है। इन दस जगन्नाथ मंदिरों से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे अन्य सभी लेख को भी एक बार जरूर पढ़िए और हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in/ पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s about Top 10 Jagannath Temples In India
Q. जगन्नाथ मंदिर में किसकी मूर्ति है?
Ans. पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भगवान नारायण बड़े भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान है।
Q. आज जगन्नाथ मंदिर किस रूप में जाना जाता है?
Ans. आज, जगन्नाथ मंदिर एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण और ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। मंदिर की वास्तुकला, रीति-रिवाज और परंपराओं को पीढ़ियों से संरक्षित और हस्तांतरित किया गया है, और यह दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बना हुआ है।
Q. मंदिर अपनी किन अनूठी परंपराओं और रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है?
Ans. मंदिर अपने अनूठे रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जिनमें देवताओं को प्रतिदिन 56 प्रकार के भोजन अर्पित करना शामिल है, जिसे महाप्रसाद कहा जाता है। मंदिर वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां देवताओं को विशाल रथों में जुलूस के रूप में निकाला जाता है।
Q. मंदिर में स्थापित देवताओं का इतिहास कितना पुराना माना जाता है?
Ans. मंदिर में स्थापित देवताओं को सत्य युग और महान राजा इंद्रद्युम्न के समय का माना जाता है, जो भगवान राम के वंशज थे। यह बताया जाता है कि मूर्तियां मुख्य मंदिर के निर्माण से काफी पहले से मौजूद थीं।
Q. जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने और कब कराया था?
Ans.जगन्नाथ मंदिर का मुख्य मंदिर 12वीं शताब्दी में गंग वंश के राजा अनंतवर्मन चोड़गंग द्वारा बनवाया गया था। हालांकि, 1174 ई. में उत्कल के राजा अनंग भीम देव ने मंदिर और अन्य संबद्ध संरचनाओं के निर्माण की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने बड़ी धनराशि का निवेश किया और इसे पूरा करने में 14 साल लगे।
Q. मंदिर के सिंहद्वार की विशेषता क्या है?
Ans. जगन्नाथ पुरी मंदिर के सिंहद्वार में पहला कदम प्रवेश करने पर ही आप सागर द्वारा निर्मित किसी भी ध्वनि को नहीं सुन सकते।