हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के जन्म को चिह्नित करता है। भगवान हनुमान (Lord Hanuman) को शक्ति, भक्ति और बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है। हिंदू महाकाव्य रामायण में, वह भगवान राम (Lord Hanuman) के परम भक्त और दिव्य दूत के रूप में चित्रित किए गए हैं।
यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के चैत्र महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है। इस वर्ष, हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024, सोमवार को है।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) भारत के विभिन्न हिस्सों और दुनिया भर में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाई जाती है। भक्त उपवास रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। लोकप्रिय अनुष्ठानों में प्रार्थना करना, दीपक जलाना और देवता को फूल, फल और मिठाइयां अर्पित करना शामिल है। भक्त हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं, जो भगवान हनुमान को समर्पित एक भजन है।
आज के इस विशेष लेख के जरिए हम आपको हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के त्योहार से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको बताएंगे कि हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) क्या है?, हनुमान जयंती कब है?, हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है?, हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?, इत्यादि इसीलिए हमारे इस लेखक को अंत तक अवश्य पढ़िए।
Hanuman Janmotsav – Overview
टॉपिक | Hanuman Jayanti 2024: अप्रैल में कब मनाया जाएगा हनुमान जन्मोत्सव? जानिए इस लेख में । |
लेख प्रकार | आर्टिकल |
भाषा | हिंदी |
साल | 2024 |
त्योहार | हनुमान जयंती |
तिथि | 23 अप्रैल |
दिन | मंगलवार |
प्रमुख देवता | भगवान हनुमान |
त्योहार बनाने का कारण | भगवान हनुमान जी की जन्म तिथि |
त्यौहार का महत्व | हनुमान जी की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्ति हेतु |
हनुमान जन्मोत्सव हिंदी में (Hanuman Janmotsav in Hindi)
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti), भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के जन्म का उत्सव, हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो कि मार्च-अप्रैल के महीने में आता है। 2024 में, हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है। इस दिन, भक्त हनुमान मंदिरों में जाते हैं, हनुमान जी की पूजा करते हैं, और उनकी आरती उतारते हैं। भजन, स्तुति, और प्रवचन भी आयोजित किए जाते हैं।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का महत्व कई कारणों से है। हनुमान जी (Lord Hanuman) को भगवान राम (Lord Ram) का अनन्य भक्त, शक्ति का प्रतीक, और बुद्धि का अवतार माना जाता है। वे भक्तों की रक्षा करते हैं, बुराइयों का नाश करते हैं, और कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं। हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का उत्सव भारत भर में भव्य रूप से मनाया जाता है। मंदिरों को रंगीन ध्वजों और दीपों से सजाया जाता है। भक्त भगवान हनुमान को प्रसाद चढ़ाते हैं, जैसे कि फल, फूल, और सिंदूर। भक्त हनुमान जी की जयंती मनाने के लिए भजन-कीर्तन और शोभायात्रा भी आयोजित करते हैं।
Also Read: श्री कुबेर चालीसा
हनुमान जन्मोत्सव कब है? (Hanuman Janmotsav Kab Hai)
2024 में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) 23 अप्रैल, मंगलवार (Tuesday) को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर, हनुमान जयंती 23 अप्रैल को ही मनाई जाएगी।
हनुमान जन्मोत्सव क्या है? (What is Hanuman Janmotsav)
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav), जिसे हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के जन्म का जश्न मनाता है। यह त्योहार हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) का महत्व अनेक कारणों से है। भगवान हनुमान भगवान राम (Lord Ram) के सबसे प्रिय भक्त थे और उनकी शक्ति, भक्ति और निष्ठा का प्रतीक हैं। वे ज्ञान, साहस, विनम्रता और शक्ति का प्रतीक भी हैं।इस दिन, भक्त मंदिरों में जाते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, भगवान हनुमान को सिंदूर, फल और फूल चढ़ाते हैं और आरती करते हैं। कुछ लोग उपवास भी रखते हैं। हनुमान जन्मोत्सव केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। यह हमें भगवान हनुमान के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके गुणों को अपनाने का संदेश देता है।
हनुमान जन्मोत्सव क्यों मनाई जाती है (Why do we Celebrate Hanuman Janmotsav)
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) , एक आनंदमय और पावन त्योहार है, जो भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह वानर देवता और भगवान राम के परम भक्त की उपासना का एक दिन होता है। हनुमान जी का जन्म, वानरराज केसरी और माता अंजना (Mata Anjana) के घर में भगवान शंकर के ग्यारहवें रूद्र के रूप में हुआ अतः, इस दिन को उनके जीवन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन, भक्तगण अपने आस्था और समर्पण की भावना को व्यक्त करते हैं। उनकी उपासना में उनकी अद्वितीय शक्ति, साहस, और उनके अदम्य संकल्प की स्मृति को ताजगी दी जाती है. इस त्योहार के दौरान, भक्तगण हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, जो उनकी आस्था को बढ़ाता है और उन्हें अपने जीवन में सच्ची समृद्धि और संतोष की खोज में मार्गदर्शन करता है।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का त्योहार भारत (India) के हर कोने में उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन, लोग उनके मंदिरों में जाते हैं और उनके विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं. वे उनके गीत गाते हैं, उनकी कथाएं सुनते हैं, और उनकी महानता की स्तुति करते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव का महत्व (Importance of Hanuman Janmotsav )
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav), जो चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण हिन्दू उत्सव है। इस दिन भगवान हनुमान (Lord Hanuman), जिन्हें बल, ऊर्जा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, का जन्म हुआ था। हनुमान जी को भगवान शिव (Lord Shiva) का ग्यारहवाँ अवतार माना जाता है, जिन्होंने पृथ्वी पर अवतरित होकर भगवान राम की सहायता की थी।
यह त्योहार उनके शक्ति और समर्पण की याद दिलाता है। हनुमान जी की आराधना करने से मान्यता है कि जीवन की चुनौतियों को पार किया जा सकता है और शांति और खुशी प्राप्त हो सकती है।उन्हें अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों के दाता कहा जाता है। ये सिद्धियां अपार शक्तियां होती हैं जिन्हें अत्यधिक भक्ति और ध्यान से प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन भक्तगण मंदिरों में जुटते हैं और हनुमान जी की आराधना करते हैं। वे उन्हें लाल सिंदूर, लाल कपड़ा और तुलसी के पत्ते चढ़ाते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ और कपूर का दीपक जलाने का भी आचरण किया जाता है। इस दिन उपवास रखने और प्रार्थना करने से सभी पीड़ाओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
Also Read: हनुमान जी के 8 सबसे चमत्कारी मंदिर
हनुमान जन्मोत्सव इतिहास (Hanuman Janmotsav History)
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav), वानर देवता हनुमान (Lord Hanuman) के जन्मदिन के रूप में मनाने का पर्व है, जिसे हिन्दू धर्म के अनुयायियों द्वारा पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है ।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भगवान श्री राम की सेवा में अग्रसर हुए भगवान शंकर (Lord Shiva) के ग्यारहवें रुद्र, जिन्होंने हनुमान के रूप में जन्म लिया, का सम्मान करना है। भगवान हनुमान (Lord Hanuman) को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। उनका जन्म झारखंड (Jharkhand) के गुमला जिले के आंजन नामक गाँव में हुआ था, जहां एक पहाड़ी गुफा में उनका जन्म हुआ था । उनके जन्म के समय की ज्योतिषीय गणना के अनुसार, उनका जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार (Tuesday) के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में प्रातः काल में 6.03 बजे हुआ था।
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) के दिन, भक्त गण प्रातः काल से ही भगवान हनुमान की पूजा और दर्शन हेतु मंदिरों में जाते हैं। इस दिन भक्त हनुमानजी की मूर्ति पर तेल, टीका एवं सिंदूर चढ़ाते हैं। ऐसा मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन जो भी व्यक्ति हनुमानजी की भक्ति और दर्शन करता है, उसके सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव उत्सव (Hanuman Manmotsav Festival Celebration)
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) या हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।यह उत्सव भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के जन्म का प्रतीक है और उनके जीवन, साहस और भक्ति को श्रद्धांजलि देता है।
इस दिन, भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और हनुमानजी के मंदिरों में जाते हैं। वे हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते हैं, आरती में भाग लेते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।कई लोग व्रत रखते हैं और हनुमान जी (Lord Hanuman) को लाल पुष्प, सिंदूर, पान का बीड़ा और मोतीचूर के लड्डू अर्पित करते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और कथा-वाचन का आयोजन किया जाता है। भंडारे लगाए जाते हैं जहाँ प्रसाद के रूप में हलवा, पूड़ी और चना वितरित किया जाता है। श्रद्धालु सुंदर कांड और बजरंग बाण का पाठ भी करते हैं। हनुमान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। उदाहरण के लिए, खडीपुरा हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) में हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। वहाँ हनुमान जयंती के उत्सव 29 मार्च से 16 अप्रैल तक चलते हैं जिसमें रुद्राभिषेक, विशेष पूजा और प्रसाद वितरण शामिल हैं।
कुल मिलाकर, हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है। यह हनुमानजी की शक्ति, वीरता और भक्ति का प्रतीक है और लोगों को उनके आदर्शों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करता है।
हनुमान जन्मोत्सव पर क्या करें? (What to do on Hanuman Janmotsav)
पूजा और अनुष्ठान:
- स्नान: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें।
- हनुमान मंदिर दर्शन: निकटतम हनुमान मंदिर में जाकर दर्शन करें।
- हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ: हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, या अन्य हनुमान स्तोत्रों का पाठ करें।
- आरती और भोग: हनुमान जी की आरती करें और उन्हें सिंदूर, चमेली के तेल, फल, और मिठाई का भोग लगाएं।
- हवन: यदि संभव हो तो, हनुमान जी के नाम का हवन करवाएं।
दान और पुण्य:
- दान: गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
- पौधारोपण: तुलसी, पीपल, या अन्य पौधे लगाएं।
- गाय को भोजन: गाय को हरा चारा और रोटी खिलाएं।
हनुमान जन्मोत्सव पर क्या ना करें? (What Not to do on Hanuman Janmotsav )
- मांस, मदिरा और तामसिक भोजन: हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। हनुमान जी को सात्विक भोजन प्रिय है, इसलिए इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
- क्रोध और झूठ बोलना: हनुमान जी सत्य और प्रेम के अवतार हैं। इसलिए, इस दिन क्रोध, झूठ बोलना, और किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार नहीं रखना चाहिए।
- बालों में तेल लगाना: मान्यता है कि हनुमान जी (Lord Hanuman) को तेल लगाना पसंद नहीं है। इसलिए, इस दिन बालों में तेल नहीं लगाना चाहिए।
- जूते पहनकर मंदिर में जाना: हनुमान जी को जूते पहनकर मंदिर में जाना पसंद नहीं है। इसलिए, मंदिर में जाने से पहले जूते उतार देना चाहिए।
- स्त्रियों के लिए मंदिर में प्रवेश: कुछ मंदिरों में स्त्रियों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है। इसलिए, जाने से पहले मंदिर के नियमों का पालन करना चाहिए।
- दिन में सोना: हनुमान जयंती का उपवास रखने वालों को दिन में नहीं सोना चाहिए।
- क्रोध करना: हनुमान जी शांत और प्रेमपूर्ण स्वभाव के हैं। इसलिए, इस दिन क्रोध करने से बचना चाहिए।
- नकारात्मक विचार: हनुमान जी सकारात्मकता का प्रतीक हैं। इसलिए, इस दिन नकारात्मक विचारों को मन में नहीं लाना चाहिए।
- गंदे कपड़े पहनना: हनुमान जी को स्वच्छता पसंद है। इसलिए, इस दिन गंदे कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- गलत काम करना: हनुमान जी को सदाचार का पालन करना पसंद है। इसलिए, इस दिन गलत काम करने से बचना चाहिए।
हनुमान जन्मोत्सव व्रत कथा (Hanuman Janmotsav Vrat katha)
एक समय की बात है, एक ब्राह्मण दंपत्ति को कोई संतान नहीं थी जिससे वे बहुत दुखी थे। ब्राह्मण वन में जाकर हनुमान जी की पूजा करने लगा और उनसे पुत्र प्राप्ति की कामना करने लगा। घर पर उसकी पत्नी भी मंगलवार का व्रत रखकर पुत्र की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती थी। वह हर मंगलवार को व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन ग्रहण करती थी।
एक बार व्रत वाले दिन ब्राह्मणी भोजन नहीं बना पाई और हनुमान जी (Lord Hanuman) को भोग भी नहीं लगा सकी। उसने प्रण लिया कि अगले मंगलवार को वह हनुमान जी को अवश्य भोग लगाकर ही अन्न ग्रहण करेगी। वह छह दिन तक भूखी-प्यासी पड़ी रही। मंगलवार को उसे मूर्छा आ गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन से प्रसन्न हो गए। उन्होंने ब्राह्मणी को दर्शन दिए और आशीर्वाद स्वरूप एक सुंदर पुत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा, “यह बालक तुम्हारी बहुत सेवा करेगा। पुत्र को पाकर ब्राह्मणी अत्यंत प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम ‘मंगल’ रखा। कुछ समय बाद जब ब्राह्मण घर लौटा तो उसने पुत्र के बारे में पूछा। पत्नी ने बताया कि यह बालक हनुमान जी की कृपा से प्राप्त हुआ है। किंतु ब्राह्मण को विश्वास नहीं हुआ। एक दिन उसने बालक को कुएं में फेंक दिया।
घर लौटने पर पत्नी ने मंगल के बारे में पूछा तो वह मुस्कुराता हुआ सामने आ गया। ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमान जी ने उसे स्वप्न में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उन्होंने ही दिया है। ब्राह्मण को सत्य का ज्ञान हुआ और वह प्रसन्न हो गया। तब से वह दंपत्ति हर मंगलवार को व्रत रखने लगे।
हनुमान जन्मोत्सव कैसे मनाई जाती है (How is Hanuman Janmotsav celebrated )
भारत (India) में हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पावन दिन पर देशभर के मंदिरों में भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। श्रद्धालु व्रत रखते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं।
मान्यता है कि इसी दिन माता अंजनी (Mata Anjani) ने पवनदेव के वरदान से हनुमान जी को जन्म दिया था।
हनुमान जी को संकटमोचक और बजरंगबली कहा जाता है। उनकी कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए इस दिन लोग उन्हें लाल सिंदूर, चोला, लंगोट चढ़ाते हैं, तुलसी की माला अर्पित करते हैं और लड्डू का भोग लगाते हैं। शास्त्रों में हनुमान जी को चिरंजीवी और भगवान शिव (Lord Shiva) का 11वां रुद्रावतार माना गया है। वे त्रेतायुग में भगवान राम (Lord Ram) के परम भक्त थे और रामायण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसलिए हनुमान जी की आराधना से प्रभु श्रीराम भी प्रसन्न होते हैं।
Also Read: बजरंगबली प्रसन्न हो कर दूर कर देंगे सारी परेशानी, बस कर लें संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ
Conclusion:
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) हमें भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के आदर्शों से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है। हमें उनके जीवन से सीखना चाहिए कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी आशा और विश्वास बनाए रखा जाए। हमें भगवान हनुमान की भक्ति और समर्पण का अनुकरण करना चाहिए, और उनके मार्ग पर चलकर जीवन में सफलता और आनंद प्राप्त करना चाहिए। भगवान हनुमान (Lord Hanuman) जी के जन्मोत्सव से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रगणों एवं परिवार जनों को अवश्य साझा करें, साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।
FAQ’s
Q. भगवान हनुमान जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
Ans. हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को अंजना और पवन देव के पुत्र के रूप में किष्किंधा (वर्तमान कर्नाटक) में हुआ था।
Q. हनुमान जी को बजरंगबली क्यों कहा जाता है?
Ans. हनुमान जी को बजरंगबली कहा जाता है क्योंकि उनके शरीर को वज्र जैसा अभेद्य माना जाता है। उनकी ताकत और शक्ति अतुलनीय है।
Q. रामायण में हनुमान जी की क्या भूमिका थी?
Ans. रामायण में हनुमान जी ने भगवान राम की सहायता करते हुए सीता माता का पता लगाने के लिए समुद्र लांघकर लंका गए और अकेले ही राक्षसों की सेना को पराजित किया।
Q. हनुमान चालीसा क्या है और इसका महत्व क्या है?
Ans. हनुमान चालीसा 16वीं शताब्दी में तुलसीदास द्वारा रचित 40 छंदों का एक स्तोत्र है।
Q. हनुमान जी को किन गुणों का प्रतीक माना जाता है?
Ans. हनुमान जी को भक्ति, शक्ति, साहस, ज्ञान, निष्ठा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
Q. 2024 में हनुमान जन्मोत्सव कब मनाया जाएगा?
Ans. 2024 में हनुमान जन्मोत्सव को देश भर में 23 अप्रैल दिन मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा।