Som Pradosh ke Upay: हिंदू धर्म (Hindu religion) में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक है सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat), जो भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की आराधना का दिन माना जाता है। यह व्रत हर महीने दो बार – कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आता है। विशेष रूप से शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ने पर ‘सोम प्रदोष’ कहलाता है।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। यह दिन पितृ दोष (Pitra Dosh) निवारण, संतान प्राप्ति और धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए भी विशेष महत्व रखता है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और दान-पुण्य करने से भोलेनाथ अपने भक्तों पर अपार कृपा बरसाते हैं। क्या आप भी अपने जीवन में शिव कृपा पाना चाहते हैं? क्या आप संतान सुख से वंचित हैं या पितृ दोष के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं? क्या आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना चाहते हैं? यदि हां, तो सोम प्रदोष व्रत आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।
तो आइए जानते हैं कि सोम प्रदोष व्रत कैसे किया जाता है और इस दिन कौन से उपाय करने से आप अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि पितृ दोष क्या होता है और इससे मुक्ति पाने के लिए क्या करना चाहिए।
इस लेख में हम सोम प्रदोष व्रत से जुड़े तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। तो पढ़ते रहिए यह रोचक और ज्ञानवर्धक लेख…!
सोम प्रदोष के उपाय – Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | शादी के लिए सोम प्रदोष के उपाय |
2 | नौकरी के लिए सोम प्रदोष के उपाय |
3 | घर शांति के लिए सोम प्रदोष के उपाय |
4 | संतान सुख के लिए सोम प्रदोष के उपाय |
5 | पृत को खुश करने के लिए सोम प्रदोष के उपाय |
शादी के लिए सोम प्रदोष के उपाय (Som Pradosh ke Upay for Marriage)
सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन जल्दी शादी होने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा: सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित होता है, जो उनकी पत्नी, देवी पार्वती के साथ पूजित होते हैं। इस दिन, अविवाहित लड़कियों को गंगा जल से स्नान करना चाहिए और वे सफेद वस्त्र पहननी चाहिए। इसके बाद उन्हें सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए और शिव पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय, उन्हें ”ॐ नमः शिवाय मंत्र” का जप करना चाहिए।
- व्रत और निर्वस्त्र पूजा का पालन: सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन, व्यक्तियों को भगवान शिव (Lord Shiva) के लिए व्रत रखना चाहिए और भगवान के मंदिर में जाकर निर्वस्त्र पूजा (नंगे पैर) करनी चाहिए। पूजा के दौरान, उन्हें भगवान शिव के पूरे परिवार की पूजा करनी चाहिए, जिसमें भगवान गणेश, देवी पार्वती, भगवान कार्तिकेय, और नंदी शामिल हैं।
- भगवान शिव और देवी पार्वती की एकीकृत पूजा: ज्योतिषियों के अनुसार, भगवान शिव (Lord Shiva) और देवी पार्वती (Goddess Parvati) की एकीकृत पूजा करने से व्यक्ति जल्दी शादी कर सकता है। इस प्रकार की पूजा खुशहाल वैवाहिक जीवन की भी गारंटी देती है।
नौकरी के लिए सोम प्रदोष के उपाय (Som Pradosh ke Upay for job)
सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन नौकरी में सफलता प्राप्त करने के लिए निम्न दो उपाय किए जा सकते हैं:
- काली मिर्च का उपाय: सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन शाम को पूजा में एक काली मिर्च शिवलिंग पर चढ़ाएं, दूसरी काली मिर्च मुख्य द्वार की चौखट पर रखें और अब उल्टा पांव उस दरवाजे की काली मिर्च पर रखकर इंटरव्यू के लिए निकलें। मान्यता है कि इससे इंटरव्यू में विजय प्राप्त होगी और नौकरी में सफलता मिलेगी।
- पीपल पत्ते का उपाय: यदि नौकरी में विरोधी आपको सता रहा है या लक्ष्य प्राप्ति में बाधा बन रहा है तो सोमवार के दिन एक खंडित न हुआ स्वच्छ पीपल का पत्ता लाएं। इसे गंगाजल से धोकर थाली में रखें और 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करें और अब इसे शिव की शरण में रख दें। 5 सोमवार तक ये उपाय करें। कहते हैं इस उपाय से शत्रु कभी परेशान नहीं करेगा और नौकरी में सफलता मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, सोम प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग (Shivlinga) पर एक मुठ्ठी चावल चढ़ाने से नौकरी में तरक्की के मार्ग खुलते हैं। साथ ही 108 बार शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग का जलाभिषेक करने से भी नौकरी में आ रही परेशानियां खत्म होती हैं और तनाव से मुक्ति मिलती है।
घर शांति के लिए सोम प्रदोष के उपाय (Som Pradosh ke Upay for Peace)
सोम प्रदोष (Som Pradosh) के दिन घर की शांति और सुख-समृद्धि के लिए कई सरल उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते समय पानी में काले तिल डालकर ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए। फिर शुभ योग में शिव मंत्रों का जाप करते हुए गाय के दूध से शिवलिंग (Shivlinga) का अभिषेक करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। शिव-पार्वती की संयुक्त मूर्ति की पूजा करके ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का जाप करने और मंदिर में दान करने से भी घर में खुशहाली आती है। इसके अलावा, शिव जी को जौ, बेलपत्र, हरसिंगार के फूल अर्पित करने से संतान सुख और सुंदर संगिनी की प्राप्ति होती है। इन सरल उपायों से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होकर घर में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
संतान सुख के लिए सोम प्रदोष के उपाय (Som Pradosh ke Upay for pregnancy)
सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन संतान सुख प्राप्त करने के लिए निम्न 5 उपाय कर सकते हैं:
- भगवान शिव को जौ अर्पित करें: सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को जौ अर्पित करने से संतान सुख की कामना अवश्य पूर्ण होती है।
- शिवलिंग का दुग्धाभिषेक करें: सोम प्रदोष के दिन शुद्ध और कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से भी संतान प्राप्ति का योग बनता है। दूध में काले तिल डालकर मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
- बेलपत्र और हरसिंगार के पुष्प अर्पित करें: भगवान शिव को बेलपत्र और माता पार्वती को हरसिंगार के पुष्प चढ़ाने से सुंदर और सुशील संतान की प्राप्ति होती है। बेलपत्र की संख्या 3 या 5 होनी चाहिए।
- व्रत का पालन शुद्ध मन से करें: सोम प्रदोष व्रत का पालन पवित्र और शुद्ध मन से करने से सभी मनोकामनाएं, विशेषकर संतान सुख की कामना अवश्य पूरी होती है।
- शिव-पार्वती का संयुक्त पूजन करें: सोम प्रदोष के दिन शिव-पार्वती का संयुक्त रूप में पूजन करके “ॐ गौरीशंकराय नमः” मंत्र का जाप करने और मंदिर में दान करने से भी संतान सुख समेत सभी परेशानियां दूर होती हैं।
सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती प्रसन्न होकर संतान का वरदान अवश्य प्रदान करते हैं।
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पृत को खुश करने के लिए सोम प्रदोष के उपाय (Som Pradosh ke Upay for Pitra)
सोम प्रदोष व्रत के दिन पितरों को प्रसन्न करने के दो प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:
- स्नान-दान और पिंडदान: सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन प्रातःकाल स्नान करके अपने पितरों को याद करते हुए जल से तर्पण करना चाहिए। इसके लिए काले तिल, सफेद फूल और कुश का उपयोग करें। इससे पितर तृप्त होते हैं और प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा, इस दिन पितरों को पिंडदान भी अवश्य करना चाहिए।
- शिव-पार्वती और विष्णु की पूजा: सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की विशेष पूजा करनी चाहिए। उन्हें तुलसी के पत्ते, चंदन, सिंदूर, शंख, नारियल और केतकी का फूल अर्पित करें। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, भगवान विष्णु की भी पूजा करके उनका मंत्र “ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करें और उससे मिलने वाला पुण्य अपने पितरों को अर्पित करें। इससे पितर खुश होंगे और आशीर्वाद देंगे।
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Conclusion:
सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि भौतिक जीवन में भी सफलता और समृद्धि प्रदान करता है। सोम प्रदोष के दिन के प्रमुख उपाय से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने सभी प्रयोजनों के साथ भी साझा करें ऐसी और भी प्रमुख व्रत और उनकी कथाओं को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. सोम प्रदोष व्रत क्या है?
Ans. सोम प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है जो प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सोमवार के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
Q. सोम प्रदोष व्रत का क्या महत्व है?
Ans. सोम प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत के प्रभाव से चंद्रमा अपना शुभ प्रभाव देता है और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है।
Q. सोम प्रदोष व्रत कब किया जाता है?
Ans. सोम प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सोमवार के दिन किया जाता है। यह व्रत सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है।
Q. सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि क्या है?
Ans. सोम प्रदोष व्रत में सुबह स्नान करके स्वच्छ और हल्के रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। फिर शिवलिंग पर शहद, दूध और जल का अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। अंत में भगवान शिव से अपनी मनोकामना की प्रार्थना करनी चाहिए और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करना चाहिए।
Q. सोम प्रदोष व्रत से क्या लाभ होते हैं?
Ans. सोम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को कई लाभ होते हैं जैसे – सभी पापों का नाश, मोक्ष की प्राप्ति, सुख-समृद्धि की प्राप्ति, मनोकामनाओं की पूर्ति, संतान प्राप्ति, विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण, व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि, रोगों से मुक्ति आदि। इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
Q. सोम प्रदोष व्रत का क्या पौराणिक महत्व है?
Ans. पौराणिक कथाओं के अनुसार सोम प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। एक कथा के अनुसार एक ब्राह्मणी इस व्रत को करती थी जिससे उसके व्रत के प्रभाव से एक राजकुमार और ब्राह्मण पुत्र के जीवन में सुख और समृद्धि आई। इससे यह सिद्ध होता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर कृपा करते हैं।