धनतेरस कब है 2024 जानें शुभ मूहुर्त, पूजन विधि, महत्व, मंत्र और खरीदारी का शुभ मुहूर्त (Dhanteras kab Hai 2024): धनतेरस (Dhanteras) हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह पर्व धन, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। हर साल लाखों लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2024 में धनतेरस कब पड़ेगा? धनतेरस का असली महत्व क्या है? इसे क्यों और कैसे मनाया जाता है? धनतेरस के दिन कौन से देवी-देवताओं की पूजा होती है और किस विधि से की जाती है? इस शुभ अवसर पर क्या खरीदना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए? धनतेरस पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त कौन सा है? अगर आप भी इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है।
इस लेख में हम धनतेरस से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात, हर दिलचस्प तथ्य और हर ज़रूरी जानकारी आपके सामने रखने जा रहे हैं। Dhanteras kab Hai 2024 तो चलिए, शुरू करते हैं धनतेरस के पावन त्योहार से संबंधित यह बेहद रोचक और ज्ञानवर्धक लेख…
धनतेरस कितनी तारीख को है? Dhanteras kitne Tarikh ko Hai
2024 में धनतेरस (Dhanteras) का पर्व मंगलवार, 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है, जो इस वर्ष 29 अक्टूबर को प्रातः 10:31 बजे शुरू हो रही है और 30 अक्टूबर को मध्यरात्रि 01:15 बजे समाप्त हो रही है। धनतेरस पर नए बर्तन, सोना, चांदी, या अन्य कीमती धातुओं की खरीददारी की परंपरा होती है, जो भाग्य और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
29 अक्टूबर | प्रातः10:31 बजे शुरू |
30 अक्टूबर | मध्यरात्रि 01:15 बजे |
धनतेरस पूजा 2024 की तिथि एवं मुहूर्त (Dhanteras Puja 2024 ki Tithi Aur Muhurat)
उदयातिथि के अनुसार पूजा का दिन: 29 अक्टूबर 2024 है, धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त:29 अक्टूबर 2024 को शाम 06:30 से रात 08:12 तक।
पूजा का दिन | 29 अक्टूबर 2024 |
शुभ मुहूर्त | 29 अक्टूबर 2024 को शाम 06:30 से रात 08:12 तक |
धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त (Dhanteras kharidari ka Shubh Muhurat)
धनतेरस पूजा का शुभ मुहुर्त 29 अक्टूबर 2024 को शाम 06:46 से रात 08:22 तक (अवधि: 1 घंटा 36 मिनट) और धनतेरस की खरीदारी का सही समय (पूजा के शुभ मुहूर्त के अनुसार शाम 06:46 से रात 08:22 तक)
शुभ मुहुर्त | 29 अक्टूबर 2024 को शाम 06:46 से रात 08:22 तक |
खरीदारी का सही समय | 06:46 से रात 08:22 तक |
धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras ki Puja kaise kare)
धनतेरस की पूजा विधि निम्नलिखित बिंदुओं में समझी जा सकती है:
- सफाई और सजावट: धनतेरस (Dhanteras) पूजा के लिए सबसे पहले घर की अच्छी तरह सफाई करें। माना जाता है कि माता लक्ष्मी केवल स्वच्छ घरों में ही आती हैं। फूलों, रंगोली और दीयों से घर को सजाएं।
- पंचदेव की स्थापना: पूजा के लिए पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। सूर्यदेव, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु – इन पांच देवताओं (पंचदेव) की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- धनवंतरि देव की पूजा: धनवंतरि देव की षोडशोपचार पूजा करें जिसमें पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तर्पण, आचमन, तुलसी पत्र, ताम्बूल, स्तोत्र पाठ और नमस्कार शामिल हैं।
- लक्ष्मी पूजा: शुभ मुहूर्त के दौरान शाम को लक्ष्मी पूजा करें। देवी को फूल, मिठाई और फल अर्पित करें। लक्ष्मी मंत्रों का जाप करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- कुबेर मंत्र: कुबेर धन और समृद्धि के देवता हैं। उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कुबेर मंत्रों का जाप करें।
- आरती और प्रसाद: पूजा के अंत में माता लक्ष्मी (Mata Laxmi), भगवान धन्वंतरि (Bhagwan Dhanwantari) और भगवान कुबेर (Bhagwan Kuber) की आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद अर्पित करें, जिसमें नमक, मिर्च और तेल शामिल न हों। हर प्रसाद पर एक तुलसी का पत्ता रखें।
- दीप प्रज्वलन: प्रदोष काल (शाम के गोधूलि वेला) के दौरान मुख्य प्रवेश द्वार या आंगन में एक दीया जलाएं। यम देवता के लिए यम दीपक नाम का एक दीया रखें। रात के समय घर के सभी कोनों में दीये जलाएं।
धनतेरस पूजा विधि मंत्र (Dhanteras Puja Vidhi Mantra)
- ओम् महालक्ष्म्यै नमो नम:
- विष्णुप्रियायै नमो नम:
- धनप्रदायै नमो नम:
- विश्वजनन्यै नमो नम:
धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें? (Dhanteras Par kya kharide kya Na kharide)
धनतेरस (Dhanteras) पर क्या खरीदना चाहिए:
- पीतल, सोने, और चांदी की वस्तुएं: पीतल की धातु भगवान धन्वंतरि को प्रिय मानी जाती है, इसलिए इस दिन पीतल के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, सोने और चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने से घर में समृद्धि और आरोग्यता का वास होता है। यह मान्यता है कि इन धातुओं से बनी वस्तुएं घर में सुख-समृद्धि लाती हैं और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- झाड़ू: झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। नई झाड़ू को घर में लाने से माना जाता है कि माता लक्ष्मी का वास होता है, जिससे घर में आर्थिक समृद्धि और धन की बरकत होती है।
धनतेरस (Dhanteras) पर क्या नहीं खरीदना चाहिए:
- लोहे के सामान: लोहे को शनिदेव का प्रतीक माना जाता है, और इसे धनतेरस पर खरीदना अशुभ माना जाता है। लोहे की वस्तुएं घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करा सकती हैं और घर में शांति भंग हो सकती है। इसलिए इस दिन लोहे से बने बर्तन या अन्य वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए।
- चीनी या मिट्टी से बने शोपीस: इस दिन चीनी और मिट्टी से बने शोपीस या सजावटी वस्तुएं खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता है। माना जाता है कि इन वस्तुओं को घर में लाने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिससे घर में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
धनतेरस क्यों मनाई जाती है? (Dhanteras kyu Manaya Jata Hai)
भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य को हमेशा धन से ऊँचा स्थान दिया गया है, यह विचार आज भी प्रचलित कहावत ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया’ में स्पष्ट झलकता है। इसी के अनुरूप, दीपावली के शुभ अवसर पर धनतेरस को विशेष महत्व दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन (Samudra Manthan) के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लिए प्रकट हुए थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अंशावतार हैं, जिन्होंने संसार में चिकित्सा विज्ञान के प्रसार हेतु अवतार लिया। उनके इस दिव्य प्रकट होने की स्मृति में धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, जो आज भी आरोग्य और समृद्धि का प्रतीक है।
धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए? (Dhanteras Par kya kharidna Chahiye)
धनतेरस (Dhanteras) के शुभ अवसर पर पीतल की धातु का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह भगवान धन्वंतरि को अत्यंत प्रिय मानी जाती है। इस दिन पीतल के बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, सोने और चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और आरोग्यता का आगमन होता है। मान्यता है कि इन धातुओं से बनी वस्तुएं माता लक्ष्मी को प्रसन्न करती हैं और घर में खुशहाली लाती हैं। झाड़ू को भी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, और धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदने से माता लक्ष्मी का वास घर में होता है, जिससे आर्थिक समृद्धि और धन की वृद्धि होती है।
Conclusion:-Dhanteras kab Hai 2024
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (धनतेरस कब है) Dhanteras kab Hai 2024 यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Dhanteras kab Hai 2024
1. धनतेरस 2024 में कब है?
Ans. धनतेरस 2024 में 28 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। यह पर्व दीपावली से दो दिन पहले आता है और शुभ मुहूर्त में खरीदी करने और पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
2. धनतेरस का महत्व क्या है?
Ans. धनतेरस का मुख्य महत्व भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा से जुड़ा है। इस दिन घर में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। साथ ही, इस दिन सोना, चांदी, आभूषण या नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, जो परिवार में धन की वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक होता है।
3. धनतेरस की पूजा कैसे करें?
Ans. धनतेरस की पूजा के लिए सबसे पहले घर को साफ करके सजाया जाता है। शाम को दीप जलाकर भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। इसके साथ ही, बाजार से सोने, चांदी या धातु के बर्तन खरीदकर घर में लाना शुभ माना जाता है।
4. धनतेरस के दिन कौन-कौन सी चीजें खरीदना शुभ माना जाता है?
Ans. धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, गहने, इलेक्ट्रॉनिक्स, और यहां तक कि वाहन खरीदना भी शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सोने या चांदी के सिक्के भी खरीदते हैं।
5. धनतेरस की खरीदारी का शुभ मुहूर्त क्या है?
Ans. धनतेरस के दिन खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय से लेकर रात तक होता है। हालांकि, सही समय के लिए पंचांग की मदद ली जा सकती है, जिससे कि आप अपने स्थान के अनुसार मुहूर्त का सटीक समय जान सकें।