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Papankusha Ekadashi 2024 kab Hai: पापांकुशा एकादशी कब है?, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, पारण समय व व्रत के महत्व के बारे में

Papankusha Ekadashi 2024
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पापांकुशा एकादशी 2024 महत्व, व्रत करने का तरीका और पारण का सही समय (Papankusha Ekadashi 2024): हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हमें अपने जीवन में पापों से मुक्ति और पवित्रता की ओर ले जाने का अवसर प्रदान करता है।

पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भी अवसर है। इस दिन, भगवान विष्णु की पूजा करने से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। यह त्योहार हमें अपने जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह के साथ आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है। पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि और महत्व को समझने से हम अपने जीवन में सच्ची शांति और सुख का अनुभव कर सकते हैं।

यह त्योहार हमें अपने जीवन में पापों को छोड़ने और पुण्य की ओर बढ़ने का अवसर देता है। पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का महत्व पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। इस दिन, भगवान विष्णु की पूजा करने से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि में विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा, दान, और उपवास का महत्व है। 

आइए, इस लेख में हम पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) के महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, और पारण के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें। यह लेख आपको पापांकुशा एकादशी के महत्व को समझने और इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करेगा….

पापांकुशा एकादशी क्या है? (Papankusha Ekadashi kya Hai)

पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi), आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती है, और इसे विशेष रूप से पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन, भक्त भगवान विष्णु की पूजा और उपवास करते हैं, जिनके बारे में विश्वास है कि वे सभी पापों को नष्ट करने की शक्ति रखते हैं। व्रत के दौरान, श्रद्धालु दिन भर उपवास रखते हैं और रात को जागरण कर धार्मिक ग्रंथों का पाठ करते हैं।

पापांकुशा एकादशी व्रत कब है? (Papankusha Ekadashi Vrat kab Hai)

पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) व्रत वर्ष 2024 में 13 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। एकादशी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर 2024 को रात 10:13 बजे होगा, और यह तिथि 13 अक्टूबर 2024 को रात 08:26 बजे समाप्त होगी। भक्तगण 13 अक्टूबर को इस पवित्र व्रत का पालन करेंगे, जिसमें भगवान विष्णु की विशेष पूजा और उपवास का महत्व होता है। व्रतधारी इस दिन नियमपूर्वक व्रत रखते हैं और अगले दिन, 14 अक्टूबर को, द्वादशी तिथि के दौरान व्रत का पारण करते हैं। 

पापांकुशा एकादशी का महत्व क्या है? (Papankusha Ekadashi Vrat ka Mahatva kya Hai)

पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का महत्व कुछ इस प्रकार है:

पापों से मुक्ति और तीन पीढ़ियों का कल्याण: पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को जप-तप और धार्मिक अनुष्ठानों के समान पुण्यफल प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से तीन पीढ़ियों के पापों का नाश हो जाता है, जिससे उन्हें मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।

चंद्रमा के अशुभ प्रभावों से मुक्ति: इस व्रत को करने से व्यक्ति चंद्रमा के अशुभ प्रभावों से मुक्त हो जाता है, जिससे जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। यह एकादशी व्रतधारी को ग्रहों के दुष्प्रभावों से भी रक्षा करती है।

यमलोक की यातनाओं से मुक्ति: धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का व्रत करने से यमलोक की किसी भी प्रकार की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि यह व्रत पाप कर्मों से रक्षा करता है और व्यक्ति को धार्मिकता की ओर अग्रसर करता है।

पापांकुशा एकादशी व्रत विधि क्या है? (Papankusha Ekadashi Vrat Vidhi kya Hai) 

पापांकुशा एकादशी व्रत (Papankusha Ekadashi Vrat) की पूजा विधि को निम्नलिखित बिंदुओं में समझी जा सकता है:

  • स्नान और संकल्प: प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। पवित्र मन से व्रत प्रारंभ करें।
  • पूजन की तैयारी: एक स्वच्छ चौकी पर भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। भगवान को रोली और अक्षत से तिलक करें, और सफेद फूल तथा तुलसी पत्र अर्पित करें।
  • दीप प्रज्वलन और आरती: घी का दीपक जलाएं, भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को भोग अर्पित करें और विधिपूर्वक आरती करें। आरती के बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  • फलाहार और नियम: व्रतधारी को दिनभर उपवास रखना चाहिए और केवल एक समय फलाहार करना चाहिए। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है, इसलिए अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
  • पारण और समापन: अगले दिन द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराकर और अन्नदान करके व्रत का पारण करें।

पापांकुशा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त क्या है? (Papankusha Ekadashi Vrat Shubh Muhurat kya Hai)

पापांकुशा एकादशी व्रत (Papankusha Vrat Ekadashi) का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है: 

मुहूर्त/समय

  • अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:16 AM से 12:05 PM तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:34 PM से 03:23 PM तक
  • ध्रुव मुहूर्त: शाम 07:21 PM से 08:10 PM तक

पापांकुशा एकादशी व्रत पारण समय क्या है? (Papankusha Ekadashi Vrat Paran Samay kya Hai)

  • पापांकुशा एकादशी व्रत पारण की तिथि: 14 अक्टूबर।
  • व्रत तोड़ने का समय: सुबह 07:08 बजे से 09:20 बजे तक।

Conclusion:-  Papankusha Ekadashi 2024

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (पापांकुशा एकादशी 2024) Papankusha Ekadashi 2024 यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

1. पापांकुशा एकादशी 2024 में कब है?
पापांकुशा एकादशी 2024 में 12 अक्टूबर, 2024 (शनिवार) को मनाई जाएगी। यह एकादशी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की होती है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।

2. पापांकुशा एकादशी का क्या महत्व है?
पापांकुशा एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में शांति और समृद्धि आती है। यह एकादशी विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है, जो अपने पिछले कर्मों के बुरे प्रभावों से छुटकारा पाना चाहते हैं।

3. पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि क्या है?
पापांकुशा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की पूजा करें, उनके समक्ष दीप जलाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इस दिन व्रत रखना और जरूरतमंदों को भोजन व वस्त्र दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

4. क्या पापांकुशा एकादशी का व्रत सभी के लिए अनिवार्य है?
यह व्रत अनिवार्य नहीं है, लेकिन जो लोग धर्म-कर्म में आस्था रखते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, वे इस व्रत का पालन कर सकते हैं। व्रत करने से मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है।

5. पापांकुशा एकादशी व्रत की कथाएं क्या हैं?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि राजा धुंधकारी ने इस व्रत का पालन करके अपने पापों से मुक्ति पाई थी। इसलिए, यह एकादशी मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग बताती है।