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Panna Ratna Pehenne ki Vidhi: कब और कैसे धारण करें पन्ना? इसे कौन पहन सकता है?, जाने पहनने की विधि शुभ मुहूर्त मंत्र आदि के बारे में सब कुछ।

Panna ratna pehenne ki Vidhi
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पन्ना रत्न पहनने की विधि (Panna Ratna Pehenne ki Vidhi): पन्ना स्टोन (Panna stone), एक हरे रंग का अद्वितीय रत्न, ज्योतिष और आयुर्वेद में अपने अद्वितीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह रत्न बुध ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है, जो बुद्धि, संचार और समृद्धि का प्रतीक है। पन्ना स्टोन को पहनने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं, लेकिन इसके लिए सही ज्ञान और विधि का पालन करना आवश्यक है। पन्ना स्टोन की महत्ता प्राचीन काल से ही ज्ञात है, जब राजा और महाराजा इसे अपने गले में पहनते थे। आज भी, पन्ना स्टोन को एक शक्तिशाली और आकर्षक रत्न माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन पन्ना स्टोन को सही तरीके से पहनने के लिए क्या करना चाहिए? क्या है पन्ना मुहूर्त और पन्ना स्टोन को पहनने का शुभ समय? इस लेख में, Panna Ratna Pehenne ki Vidhi हम आपको पन्ना स्टोन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि पन्ना स्टोन क्या है, इसके पहनने के फायदे क्या होते हैं, और इसकी कीमत क्या होती है। 

इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कि पन्ना स्टोन (Panna ratna) को कैसे पहचानें, कैसे पहनें, और क्या है इसका धारण मंत्र। तो आइए, जानें पन्ना स्टोन के बारे में और अपने जीवन को अधिक सार्थक बनाएं।

पन्ना रत्न क्या है? (Panna Ratna kya Hai)

पन्ना रत्न (Panna ratna), जिसे आमतौर पर एमराल्ड कहा जाता है, एक बहुमूल्य और आकर्षक रत्न है। यह पन्ना हरा रंग का होता है और इसकी सुंदरता और चमक के कारण इसे गहनों में विशेष रूप से पसंद किया जाता है। पन्ना रत्न को बेरिल खनिज से निकाला जाता है और इसमें क्रोमियम और वानाडियम तत्व होते हैं, जो इसे हरे रंग का बनाते हैं। इसे भारतीय ज्योतिष में अत्यधिक महत्व दिया जाता है, माना जाता है कि यह बुध ग्रह से संबंधित है। पन्ना पहनने से बुद्धि, समृद्धि और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होती है। इसे आमतौर पर सोने या चांदी के सेटिंग में पहनने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, पन्ना रत्न का औषधीय उपयोग भी किया जाता है, जैसे तनाव और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए।

असली पन्ना की पहचान कैसे करें? (Asli Panna ki Pehchan kaise kare)

असली पन्ना रत्न की पहचान करने के लिए निम्नलिखित पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना आवश्यक है:

  • रंग और सतह की गुणवत्ता: असली पन्ना की हरी रंगत घास की तरह जीवंत और मखमली होती है। इसकी सतह पर किसी भी प्रकार की दरार या खरोंच नहीं होनी चाहिए। रत्न का रंग गहरा और शुद्ध होना चाहिए, जबकि नकली पन्ना अक्सर हल्का या अवास्तविक हरा रंग होता है।
  • पारदर्शिता: असली पन्ना पारदर्शी होता है, जिससे आप इसके आर-पार देख सकते हैं। यदि रत्न धुंधला है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि वह नकली है। असली पन्ना में प्रकाश को सही तरीके से संचालित करने की क्षमता होती है, जो इसे एक विशेष चमक देता है।
  • वजन और बनावट: असली पन्ना हल्का और चिकना होता है। जब आप इसे छूते हैं, तो इसकी सतह चिकनी महसूस होती है। यदि रत्न भारी या खुरदुरी लगती है, तो यह असली नहीं हो सकता। असली पन्ना को छूने पर एक सहज अनुभव मिलता है।
  • जल पर प्रतिक्रिया: जब आप असली पन्ने पर पानी की बूंद डालते हैं, तो यह यथावत रहती है, जैसे कि यह पन्ना की सतह पर बसी हो। यदि बूंद तिरछी या फैल जाती है, तो यह रत्न असली नहीं हो सकता। यह एक सरल लेकिन प्रभावी परीक्षण है जो असली और नकली के बीच अंतर करने में मदद करता है।
  • हरी किरणें और चमक: असली पन्ना जब गिलास में पानी में रखा जाता है, तो हरी किरणें निकलती दिखाई देती हैं, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देती हैं। इसके अलावा, जब आप इसे लकड़ी के साथ रगड़ते हैं, तो इसकी चमक में वृद्धि होती है। यह विशेषता भी असली पन्ने की पहचान में सहायक होती है।

पन्ना धारण करने का समय (Panna Dharan karne ka Samay)

  • पन्ना रत्न (Panna ratna) धारण करने का सही समय सूर्योदय का होता है या फिर आप सूर्योदय से लेकर सुबह 10:00 बजे के बीच पन्ना धारण कर सकते हैं।

पन्ना स्टोन पहनने की विधि (Panna Stone Pehne ki vidhi)

पन्ना (Panna ratna) पहनने की विधि से संबंधित जानकारी को निम्नलिखित पांच बिंदुओं में संक्षेपित किया जा सकता है:

  • अंगूठी का चयन: पन्ना को सोने, चांदी, या प्लैटिनम की अंगूठी में जड़वाकर पहनना चाहिए। यह अंगूठी छोटी उंगली में धारण करने के लिए विशेष रूप से बनाई जानी चाहिए।
  • स्नान का महत्व: पन्ना धारण करने से पहले, इसे बुधवार के दिन सुबह के समय दूध से स्नान कराना चाहिए। यह प्रक्रिया रत्न की ऊर्जा को शुद्ध और प्रबल बनाने में मदद करती है।
  • शुभ नक्षत्र का ध्यान: यदि बुधवार को अश्लेषा, रेवती, पूर्वाफाल्गुनी या पुष्य नक्षत्र मौजूद हैं, तो पन्ना पहनने का फल और भी अधिक सकारात्मक होता है।
  • मंत्र जाप: पन्ना पहनने से पहले ‘ओम ब्रां, ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ मंत्र का 9,000 बार जप करना चाहिए। यह मंत्र रत्न की शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है।.
  • नियमित जप की प्रथा: यदि एक ही बार में 9,000 बार जप पूरा नहीं कर पाते, तो रत्न धारण करने के बाद नियमित रूप से जप करते रहना चाहिए, ताकि पूरी संख्या पूरी हो सके। यह सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद करता है।

पन्ना धारण करने का मंत्र (Panna Dharan karne ka Mantra)

  • पन्ना (Panna ratna) रत्न धारण करने के लिए, बुध के मंत्र “ॐ बुं बुधाय नमः” या “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का जाप करना चाहिए.

पन्ना धारण करने का शुभ मुहूर्त (Panna Dharan karne ka Shubh Muhurat)

ज्योतिष के अनुसार, पन्ना (Panna) रत्न को चांदी या सोने की अंगूठी में जड़कर बुधवार को सुबह सूर्योदय से लेकर 10 बजे तक छोटी उंगली में धारण करना चाहिए। यह प्रक्रिया रत्न की ऊर्जा और प्रभावशीलता को बढ़ाती है।

शुभ मुहूर्तसुबह सूर्योदय से लेकर 10 बजे तक 

पन्ना रत्न किस उंगली में पहने? (Panna Ratna kis Ungli Mein Pehne)

पन्ना (Panna) रत्न को दाएं हाथ की छोटी उंगली में धारण करना एक पारंपरिक मान्यता है। इसे चांदी की खूबसूरत अंगूठी में जड़वाकर पहनना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ा देता है।

पन्ना किस राशि को पहनना चाहिए? (Panna Kis Rashi ko Pehenna Chahiye)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना रत्न (Panna) को वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह अद्वितीय रत्न उनके जीवन में सकारात्मकता और उन्नति का संचार करता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और समृद्धि में सुधार होता है। इन राशियों के लिए पन्ना पहनने का लाभ जीवन को और अधिक आनंदमय और सफल बनाता है।

पन्ना किस राशि को नहीं पहनना चाहिए? (Panna Kis Rashi ko Nahi Pehenna Chahiye) 

  • मेष, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को पन्ना पहनने से बचना चाहिए। यदि कुंडली में जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें या 12वें भाव में सकारात्मक है, तो पन्ना धारण किया जा सकता है।

पन्ना रत्न किस धातु के साथ पहने? (Panna Ratna kis Dhatu ke Sath Pahenna Chahiye)

  • पन्ना रत्न (Panna) को सोना चांदी या प्लैटिनम की धातु के साथ पहना जा सकता है, लेकिन लोहे की धातु के साथ पन्ना रत्न धारण करने से बचना चाहिए।

Conclusion:-Panna Ratna Pehenne ki Vidhi

आशा करते हैं की ( पन्ना रत्न – पहनने की विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कौन पहन सकता है, कौन नहीं) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

Disclaimer: इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां इंटरनेट पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसी मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।

FAQ’s:-Panna Ratna Pehenne ki Vidhi

1. पन्ना रत्न किस ग्रह से संबंधित होता है?

पन्ना रत्न का संबंध बुध ग्रह से है। बुध ग्रह को ज्ञान, तर्कशक्ति और संवाद का प्रतीक माना गया है। जो लोग अपने बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास और संचार कौशल को बेहतर बनाना चाहते हैं, उनके लिए पन्ना पहनना फायदेमंद हो सकता है।

2. पन्ना रत्न कौन पहन सकता है?

पन्ना रत्न उन्हें पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो या जिनके जीवन में संवाद से संबंधित कठिनाइयाँ हो रही हों। इसके अलावा, मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए भी पन्ना शुभ माना गया है।

3. पन्ना रत्न पहनने का सही दिन और समय क्या है?

पन्ना रत्न को बुधवार के दिन, सुबह के समय (सूर्योदय के बाद) पहनना सबसे अच्छा माना गया है। इसके अलावा, शुक्ल पक्ष में इस रत्न को धारण करना शुभ फलदायक होता है।

4. पन्ना रत्न पहनने से पहले क्या करना चाहिए?

पन्ना रत्न पहनने से पहले इसे शुद्ध करना और मंत्रों के साथ अभिमंत्रित करना चाहिए। रत्न को दूध, शहद, गंगाजल और तुलसी के पत्तों से स्नान करवाएं। इसके बाद इसे पंचामृत में डुबोकर रखे और बुध मंत्र का जाप करें – “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।”

5. पन्ना रत्न किस धातु में पहनना चाहिए?

पन्ना रत्न को सोने या चांदी की अंगूठी में पहनना उत्तम माना गया है। यह भी सुनिश्चित करें कि पन्ना आपकी छोटी उंगली में धारण हो क्योंकि यह बुध ग्रह की उंगली मानी जाती है।

6. पन्ना रत्न का कैरेट कितना होना चाहिए?

पन्ना रत्न का वजन व्यक्ति की शारीरिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सामान्यतः 3 से 5 कैरेट का पन्ना पहनना प्रभावकारी होता है, लेकिन किसी ज्योतिषी से सलाह लेना बेहतर रहेगा।

7. क्या पन्ना रत्न पहनने के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं?

यदि पन्ना रत्न आपकी राशि या कुंडली में शुभ फल देने वाला नहीं है तो इसे पहनने से उल्टे प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए पन्ना रत्न धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।

8. पन्ना रत्न पहनने से क्या लाभ होते हैं?

पन्ना रत्न पहनने से बुद्धिमत्ता में वृद्धि होती है, संवाद कौशल में सुधार होता है, व्यापार और आर्थिक स्थिति में लाभ होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही यह रत्न आपके व्यक्तित्व को भी आकर्षक बनाता है।

9. पन्ना रत्न की देखभाल कैसे करनी चाहिए?

पन्ना रत्न को साफ रखने के लिए इसे नियमित रूप से गुनगुने पानी और मुलायम कपड़े से साफ करें। इसे कठोर रसायनों से दूर रखें और हर कुछ महीनों में इसकी शुद्धता की जांच करवाएं।

10. क्या पन्ना रत्न का कोई विकल्प होता है?

यदि किसी कारणवश आप पन्ना नहीं पहन सकते, तो आप हरित सोना (ग्रीन टूमलाइन) पहन सकते हैं, लेकिन इसका प्रभाव पन्ना जितना मजबूत नहीं होता है।