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Pukhraj Ratna Pehenne ki Vidhi: कब और कैसे धारण करें पुखराज? इसे कौन पहन सकता है? जाने पहनने की विधि शुभ मुहूर्त मंत्र आदि के बारे में।

Pukhraj ratna pehenne ki Vidhi
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पुखराज रत्न पहनने की विधि (Pukhraj Ratna Pehenne ki Vidhi): पुखराज स्टोन (Pukhraj Ratna), एक आकर्षक पीला रंग का रत्न, जीवन को समृद्ध और सुखी बनाने के लिए जाना जाता है। इसकी अद्वितीय ऊर्जा व्यक्ति को ज्ञान, आत्मविश्वास और सुख प्रदान करती है। पुखराज स्टोन बृहस्पति ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है, जो ज्ञान, समृद्धि और सुख का प्रतीक है। लेकिन पुखराज स्टोन (Pukhraj) को सही तरीके से पहनने के लिए क्या करना चाहिए? पुखराज स्टोन की महत्ता प्राचीन काल से ही ज्ञात है, पुरातन काल से लेकर अब तक इस अनमोल रत्न को लोग अपने गले या उंगली इत्यादि में पहनते हुए आ रहे हैं। आज भी, पुखराज स्टोन को एक शक्तिशाली और आकर्षक रत्न माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन पुखराज स्टोन के बारे में कितना जानते हैं आप? क्या आप जानते हैं, Pukhraj Ratna Pehenne ki Vidhi कि पुखराज स्टोन को कैसे पहचानें, कैसे पहनें, और क्या है इसका धारण मंत्र? 

इस लेख में, हम आपको पुखराज स्टोन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। पुखराज रत्न के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें…

पुखराज रत्न क्या है? (Pukhraj Ratna kya Hai)

पुखराज (Pukhraj) रत्न का आकर्षक पीला रंग इसे विशेष पहचान देता है और इसे बृहस्पति ग्रह का प्रतीक माना जाता है। गुरुवार के दिन इसे धारण करना शुभ माना गया है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, और विद्या की प्राप्ति होती है। पुखराज हल्के पीले से लेकर गहरे पीले तक कई रंगों में पाया जाता है और इसे विभिन्न कैरेट में भी खरीदा जा सकता है।

असली पुखराज की पहचान कैसे करें? (Asli Pukhraj ki Pehchan kaise kare)

पुखराज (Pukhraj) की पहचान करने के लिए निम्नलिखित 5 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दें:

  • दूध में परीक्षण: असली पुखराज की पहचान के लिए एक शीशे के ग्लास में गाय का दूध डालें और उसमें पुखराज को डालें। यदि रत्न असली है, तो एक से डेढ़ घंटे के भीतर इसके अंदर से किरणें दूध की सतह पर छिटकती हुई दिखाई देंगी। यह परीक्षण पुखराज की वास्तविकता का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।
  • भौतिक अनुभव: जब आप पुखराज खरीदने जाएं, तो उसे हाथ में लेकर हिलाएं। असली पुखराज का वजन अधिक होता है, जिससे आपको इसका सही भार महसूस होगा। यदि रत्न हल्का लगे, तो यह नकली हो सकता है।
  • सतह की स्थिति: असली पुखराज चिकना और साफ होता है। यदि आप इसे अंगूठा और कनिष्ठा से दबाते हैं, तो यह छिटककर दूर जा गिरता है। यदि पुखराज की सतह असमान या खुरदरी है, तो इसे खरीदने से बचें।
  • रंग की गुणवत्ता: उत्तम पुखराज का पीला रंग गहरा और सरसों के फूल के समान होता है। यदि इसका रंग पीला होने के साथ हरेपन का संकेत देता है, तो ऐसा पुखराज न खरीदें। सही पुखराज में हरे रंग की मिलावट नहीं होनी चाहिए।
  • आग पर परीक्षण: उत्तम श्रेणी के पुखराज को आग पर गर्म करने पर यह बीच में अस्त होते सूर्य की तरह लाल रंग का दिखाई देता है। यदि इसे आग पर गर्म करने से लाल रंग का प्रभाव नहीं होता, तो यह पुखराज असली नहीं है। यह परीक्षण रत्न की गुणवत्ता और शुद्धता को जांचने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

पुखराज धारण करने का समय (Pukhraj Dharan karne ka Samay)

पुखराज (Pukhraj) रत्न को सोने की अंगूठी में धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसे पहनने का सबसे शुभ दिन गुरुवार होता है। जब आप इसे पहनने का निश्चय करें, तो उस सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। 

पुखराज स्टोन पहनने की विधि (Pukhraj Stone Pehne ki Vidhi)

पुखराज (Pukhraj) रत्न धारण करने की विधि से संबंधित जानकारी निम्नलिखित बिंदुओं में प्रस्तुत की गई है:

  • धातु और अंग: पुखराज रत्न को सोने में अंकरित कर तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) में पहनना सबसे शुभ माना जाता है।
  • शुभ दिन: पुखराज पहनने का सबसे अच्छा दिन बृहस्पतिवार होता है। इसे सूर्योदय के बाद, सुबह 10 बजे से पहले पहनने की कोशिश करें।
  • पूजा से पहले की तैयारी: पुखराज रत्न को धारण करने से पूर्व गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र करें।
  • देव गुरु की पूजा: रत्न पहनने से पहले देव गुरु बृहस्पति की विधिपूर्वक पूजा करें।
  • मंत्र जाप: पूजा के दौरान “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का 108 बार जाप करें। मंत्र का अंतिम जाप करते समय रत्न को धारण करें।
  • संपर्क में रहना: पुखराज रत्न को आपकी त्वचा से हमेशा संपर्क में रहना चाहिए। एक बार पहनने के बाद इसे दोबारा न उतारें।
  • नैतिकता का ध्यान: पुखराज एक अलौकिक रत्न है, इसलिए इसके लाभों को प्राप्त करने के लिए नशा और मांस का सेवन विशेष रूप से बुधवार और गुरुवार को न करें।

पुखराज धारण करने का मंत्र (Pukhraj Dharan karne ka Mantra)

  • पुखराज रत्न को धारण करने से पूर्व, ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस जाप के दौरान, पुखराज को अंगूठी या पेंडेंट के रूप में पहन लेना चाहिए। 

पुखराज धारण करने का शुभ मुहूर्त (Pukhraj Dharan karne ka Shubh Muhurat)

पुखराज (Pukhraj) रत्न को धारण करने के लिए बृहस्पतिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। जब भी आप इसे पहनने का निर्णय लें, सबसे पहले इसे गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र करें। इसके बाद, सूर्योदय के समय देव गुरु बृहस्पति की विधिपूर्वक पूजा और अर्चना करना अत्यंत आवश्यक है। 

शुभ मुहूर्तबृहस्पतिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।

पुखराज रत्न किस उंगली में पहने? (Pukhraj Ratna kis Ungli Mein Pehne)

पुखराज (Pukhraj) रत्न गुरु बृहस्पति का प्रतीक है और इसकी विशेषता इसका चमकदार पीला रंग है। इसे पहनने के लिए पुरुष दाएं हाथ की तर्जनी उंगली का उपयोग कर सकते हैं, जबकि महिलाएं इसे दाएं और बाएं दोनों हाथों की तर्जनी उंगली में पहन सकती हैं। यह रत्न न केवल आकर्षक दिखता है, बल्कि अपने धारण करने वाले के लिए भी कई लाभ लेकर आता है।

पुखराज किस राशि को पहनना चाहिए? (Pukhraj Kis Rashi ko Pehenna Chahiye)

ज्योतिष के अनुसार, मेष, सिंह, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए पुखराज रत्न पहनना अत्यंत फायदेमंद हो सकता है। इन राशियों के लोगों को पुखराज से विशेष रूप से शुभ फल प्राप्त होता है, जो उन्हें धन और समृद्धि में वृद्धि करने में मदद करता है। इस रत्न को धारण करने से जातक की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ और सुख-समृद्धि का अनुभव होता है।

पुखराज किस राशि को नहीं पहनना चाहिए? (Pukhraj Kis Rashi ko Nahi Pehenna Chahiye) 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ राशियों के जातकों के लिए पुखराज (Pukhraj) पहनना उचित नहीं माना जाता। विशेष रूप से वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोगों को इस रत्न से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही, यदि किसी की कुंडली में गुरु ग्रह नीच अवस्था में स्थित है, तो उसे भी पुखराज धारण करने से बचना चाहिए। यह सावधानी ग्रहों की स्थिति और जातक की व्यक्तिगत कुंडली पर आधारित है, जो उनकी जीवनशैली और भविष्य को प्रभावित कर सकती है।

पुखराज रत्न किस धातु के साथ पहने? (Pukhraj Ratna kis Dhatu ke Sath Pahenna Chahiye)

पुखराज (Pukhraj) रत्न को धारण करने के लिए गुरुवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे आप चांदी या सोने की धातु में जड़वाकर पहन सकते हैं, जिससे इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। इस दिन रत्न पहनने से आपको सकारात्मक ऊर्जा और लाभ प्राप्त होने की संभावना होती है।

Conclusion:-Pukhraj Ratna Pehenne ki Vidhi

आशा करते हैं की ( पुखराज रत्न – पहनने की विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कौन पहन सकता है, कौन नहीं) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

Disclaimer: इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां इंटरनेट पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसी मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।

FAQ’s:-Pukhraj Ratna Pehenne ki Vidhi

1. क्या पुखराज रत्न सभी के लिए उपयुक्त होता है?

पुखराज रत्न सभी के लिए अनुकूल नहीं होता है। इसे पहनने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहिए।

2. पुखराज रत्न के लिए कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए?

पुखराज रत्न पहनते समय “ॐ बृ बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।

3. क्या पुखराज रत्न को हमेशा सोने में ही पहनना चाहिए?

हां, पुखराज रत्न को सोने की अंगूठी में पहनना अधिक शुभ माना जाता है।

4. क्या नकली पुखराज पहनने से हानि होती है?

हां, नकली पुखराज पहनने से लाभ की बजाय हानि हो सकती है। इसलिए असली और प्रमाणित रत्न ही खरीदें।

5. पुखराज रत्न को पहनने का सबसे अच्छा दिन कौन सा है?

पुखराज रत्न को गुरुवार के दिन पहनना सबसे अच्छा माना जाता है।