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Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai: मेष राशि – जानें तुला राशि के  इष्ट देव, राशि तत्व, राशि का स्‍वामी,मंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, राशि नाम अक्षर बारे में संपूर्ण जानकारी

Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai
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मेष राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai): हिंदू ज्योतिष में बारह राशियों में से मेष राशि (Mesh Rashi) पहली राशि है, जो अग्नि तत्व से संबंधित है। मेष राशि के जातक अपनी ऊर्जा, साहस और नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह राशि अपनी अद्वितीय विशेषताओं और गुणों के कारण विशेष महत्व रखती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेष राशि का तत्व क्या है? मेष राशि के इष्ट देवता कौन हैं? और मेष राशि की शत्रु व मित्र राशियां कौन हैं? इस लेख में, हम आपको मेष राशि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि मेष राशि का रन धातु व मंत्र क्या है, मेष राशि का नाम अक्षर क्या है, और मेष राशि की शुभ दिशा क्या है। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि जन्मतिथि के अनुसार मेष राशि के जातक को कैसे पहचाना जा सकता है और उनकी व्यक्तिगत विशेषताएं क्या होती हैं। यह लेख मेष राशि के जातकों के लिए तो उपयोगी होगा ही, साथ ही अन्य राशि के जातकों को भी मेष राशि के बारे में जानने में मदद करेगा। तो आइए, जानें मेष राशि के बारे में और अपने जीवन को बेहतर बनाएं। 

इस लेख के माध्यम से, आप मेष राशि (Mesh Rashi) के रहस्यों को उजागर करेंगे और अपने जीवन को अधिक सार्थक बनाएंगे…

Table Of Content 

विषय विवरण
मेष राशि राशि चक्र की पहली राशि मेष है, जिसका प्रतीक “भेड़ा” या “मेढ़ा” है। 
इष्ट देवहनुमान जी 
तत्वअग्नि
स्वामी ग्रहमंगल ग्रह
मेष राशि का अन्य मंत्रऊँ हनुमते नमः 
अन्य मंत्रॐ ऎं क्लीं सौः
धातुसोना वह चांदी की धातु
रत्नमूंगा रत्न विशेष रूप से शुभ माना गया है 
रुद्राक्षतीन मुखी रुद्राक्ष 
मित्र राशियाँमिथुन, मेष, सिंह, तुला, कुंभ, और धनु राशि
शत्रु राशियाँमकर, कर्क, और तुला राशि
लकी नाम के अक्षरजिनका नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, या आ अक्षर से शुरू होता है,
दिशामेष राशि पूर्व दिशा की द्योतक है
महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहारमंगलवार का व्रत जरूर करना चाहिए।
विशेष पूजाहनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

मेष राशि क्या है? (Mesh Rashi Kya Hai)

राशि चक्र की पहली राशि मेष है, जिसका प्रतीक “भेड़ा” या “मेढ़ा” है। यह राशि चक्र के आरंभिक 30 अंशों (कुल 30 अंश) तक फैली होती है। प्रतिवर्ष, यह प्रारंभिक बिंदु लगभग 50 सेकंड की दर से पीछे खिसकता है, जिसके चलते ज्योतिषीय गणना में दो प्रमुख पद्धतियाँ विकसित हुई हैं। भारतीय ज्योतिष में इस बिंदु को स्थिर मानकर निरयण पद्धति से गणना की जाती है, जबकि पश्चिमी ज्योतिषी इस बिंदु में अयनांश जोड़कर सायन पद्धति का अनुसरण करते हैं।

मेष राशि का तत्व क्या है? (Tula Rashi Ka Tatva Kya Hai)

मेष राशि (Mesh Rashi) का तत्व अग्नि (फायर) है। अग्नि तत्व से संबंधित राशियों में जोश, ऊर्जा, और उत्साह का विशेष महत्व होता है। यह तत्व साहस, नेतृत्व क्षमता, और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है, जो मेष राशि के जातकों को निर्णायक और दृढ़ बनाता है।

मेष राशि के स्वामी कौन हैं? (Tula Rashi Ke Swami Kaun Hain)

मेष राशि (Mesh Rashi) का स्वामी ग्रह मंगल है, जिसे भूमि, रक्त, क्रोध, साहस, पराक्रम और शौर्य का प्रतीक माना जाता है। मंगल की उग्र और ऊर्जावान प्रकृति मेष राशि के जातकों में निडरता और साहस का संचार करती है। यह ग्रह शक्ति, दृढ़ संकल्प, और आत्मविश्वास का कारक है, जो मेष राशि के लोगों को चुनौतियों का सामना करने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

मेष राशि के इष्ट देव कौन हैं? (Tula Rashi Ke Isht Dev Kaun Hain)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष राशि (Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai) पर मंगल ग्रह का प्रभाव होता है, और इसके इष्ट देव हनुमानजी माने जाते हैं। यदि आप बजरंगबली की श्रद्धापूर्वक आराधना करते हैं, तो आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों का समाधान संभव हो जाता है। हनुमानजी की कृपा से न केवल मनोबल में वृद्धि होती है, बल्कि साहस और शक्ति प्राप्त कर जीवन की चुनौतियों का सामना करना भी सरल हो जाता है।

मेष राशि के लिए मंत्र (Tula Rashi Ke Liye Mantra)

ॐ ऎं क्लीं सौः, यह मेष राशि का शक्तिशाली बीज मंत्र है। इसके नियमित जाप से मेष राशि के जातकों को मानसिक शांति, ऊर्जा और सकारात्मकता प्राप्त होती है।

मेष राशि के लिए धातु (Tula Rashi Ke Liye Dhatu)

मेष राशि (Mesh Rashi) के जातकों के लिए सोना या तांबे का धातु विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यदि इसे मंगलवार के दिन धारण किया जाए, तो इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा और लाभ दोगुना हो जाता है।

मेष राशि के लिए रत्न (Tula Rashi Ke Liye Ratn)

हीरे के अलावा, मेष राशि के जातक ब्लड स्टोन, नीलम, पुखराज, और मणि भी धारण कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूंगा रत्न उनके लिए विशेष रूप से शुभ होता है, जो शक्ति, साहस, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

मेष राशि की शत्रु राशियाँ कौन सी है? (Tula Rashi Ki Shatru Rashiyaan Kaun Si Hain)

ज्योतिषीय अनुसंधानों से पता चलता है कि मेष राशि (Mesh Rashi) के लोग अक्सर मकर, कर्क, और तुला राशि के जातकों के साथ विभिन्न व्यक्तित्व भिन्नताओं के कारण टकराव का सामना करते हैं। इस वजह से, इन राशियों को मेष राशि के शत्रु राशियों के रूप में माना जाता है।

मेष राशि की मित्र राशियाँ कौन सी है? (Tula Rashi Ki Mitra Rashiya Kaun Si Hoti Hai)

मेष राशि (Mesh Rashi) के लोगों के मित्रता संबंधी जोड़े में मिथुन, मेष, सिंह, तुला, कुंभ, और धनु राशि के जातक शामिल होते हैं। इन राशियों के साथ मेष राशि का मेल शानदार होता है, जिससे उनके बीच की दोस्ती गहरी और सफल रहती है।

मेष राशि नाम अक्षर (Tula Rashi Naam Akshar)

यदि किसी जातक का नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, या आ अक्षर से शुरू होता है, तो उसकी राशि मेष होती है।

मेष राशि की दिशा क्या है? (Tula Rashi Ki Disha Kya Hai)

मेष राशि (Mesh Rashi) पूर्व दिशा का प्रतिनिधित्व करती है, और इसका स्वामी ग्रह ‘मंगल’ है। इसमें तीन द्रेष्काण होते हैं, जिनके स्वामी क्रमशः मंगल-मंगल, मंगल-सूर्य, और मंगल-गुरु हैं। मेष राशि के अंतर्गत अश्विनी नक्षत्र के चार चरण और कृतिका नक्षत्र का पहला चरण शामिल है। प्रत्येक चरण 3.20′ अंश का होता है, जो नवांश के एक पद के समान है।

जन्मतिथि से मेष राशि पहचानिए (Birth Date Se Mesh Rashi Jane)

जो लोग 21 मार्च से 20 अप्रैल के बीच जन्म लेते हैं, उनकी राशि मेष होती है। इसे ‘सूर्य राशि’ के नाम से भी जाना जाता है।

Conclusion

आशा करते हैं की (Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai, राशि तत्व, राशि का स्‍वामी,मंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, राशि नाम अक्षर) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s

Q. मेष राशि के इष्ट देव कौन होते हैं?

Ans: मेष राशि के इष्ट देव भगवान हनुमान माने जाते हैं। भगवान हनुमान का आशीर्वाद मेष राशि के जातकों के लिए विशेष फलदायक होता है, क्योंकि वे साहस, शक्ति और समर्पण के प्रतीक हैं।

Q. मेष राशि के लोग अपने इष्ट देव की पूजा कैसे करें?

Ans: मेष राशि के लोग भगवान हनुमान की पूजा मंगलवार या शनिवार को विशेष रूप से कर सकते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करना, बजरंग बली की आरती और लाल वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है।

Q. भगवान हनुमान की पूजा से मेष राशि के जातकों को क्या लाभ होता है?

Ans: भगवान हनुमान की पूजा करने से मेष राशि के जातकों में आत्मविश्वास, साहस, और मानसिक शक्ति बढ़ती है। यह पूजा संकटों से मुक्ति, शारीरिक बल, और बाधाओं को दूर करने में सहायक होती है।

Q. क्या मेष राशि के लोग अन्य देवताओं की पूजा भी कर सकते हैं?

Ans: हाँ, मेष राशि के लोग भगवान हनुमान के अलावा भगवान शिव और भगवान सूर्य की पूजा भी कर सकते हैं। ये देवता भी मेष राशि के लिए शुभ माने जाते हैं।

Q. हनुमान जी की पूजा में कौन-कौन से मंत्र और स्तोत्र विशेष माने जाते हैं?

Ans: हनुमान जी की पूजा में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और राम रक्षा स्तोत्र का पाठ विशेष फलदायक होता है। इसके अलावा, “ॐ हनुमंते नमः” मंत्र का जाप भी किया जा सकता है।

Q. क्या मेष राशि के जातकों के लिए कोई विशेष रत्न या धातु है?

Ans: मेष राशि के लोगों के लिए लाल मूंगा रत्न और तांबे का धातु विशेष शुभ मानी जाती है। इसे धारण करने से उन्हें शक्ति और साहस प्राप्त होता है।