Home वास्तु शास्त्र How To Remove Vastu Dosh From Bathroom:-बाथरूम से वास्तु दोष कैसे दूर...

How To Remove Vastu Dosh From Bathroom:-बाथरूम से वास्तु दोष कैसे दूर करें: वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके घर का बाथरूम और टॉयलेट किस दिशा में होना चाहिए? जानिए इस लेख में

How To Remove Vastu Dosh From Bathroom & Toile
Join Telegram Channel Join Now

बाथरूम और टॉयलेट के वास्तु टिप्स : वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम और टॉयलेट का स्थान घर की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है। गलत वास्तु के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जिससे परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव, वाद-विवाद और तनाव की स्थिति बनी रहती है। 

इसके अलावा, ग्रहण योग और धन हानि जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, इन वास्तु दोष से बचने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं। जैसे कि बाथरूम और टॉयलेट को हमेशा साफ-सुथरा रखना, नीले रंग के मग और बाल्टी का उपयोग करना, और उचित दिशा में एक छोटा दर्पण लगाना। इसके अलावा, शौचालय को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाना और स्नानघर को पूर्व या उत्तर दिशा में रखना भी वास्तु के अनुसार उचित माना जाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने घर के बाथरूम और टॉयलेट में वास्तु दोषों को पहचान सकते हैं और उन्हें दूर करने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं। 

तो चलिए, इस रोचक और उपयोगी जानकारी से भरपूर लेख को शुरू करते हैं…

Also Read :- अगर आपकी रसोई में है, वास्तु दोष तो घर में आ सकती हैं बड़ी परेशानियां, आज ही आजमाएं वास्तु शास्त्र के यह खास उपाय

Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए
2वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शौचालय कहाँ होने चाहिए
3टॉयलेट सीट फेसिंग के लिए वास्तु हिंदी में
4टॉयलेट सीट की दिशा वास्तु के अनुसार हिंदी में
5शौच करते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए
6घर में शौचालय कहाँ नहीं होना चाहिए
7वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय की दिशा
8घर के बाहर शौचालय किस दिशा में होना चाहिए
9घर में शौचालय किस दिशा में होना चाहिए
10वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय किस दिशा में होना चाहिए

बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए ? (Vastu ke Hisab Se Toilet ki Disha)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार घर का बाथरूम उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इन दिशाओं में बाथरूम बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और निवासियों को अच्छा स्वास्थ्य मिलता है।हालांकि, वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं कि बाथरूम को कभी भी दक्षिण, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से दुर्भाग्य और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।। 

Also Read :- रुद्राक्ष पहनने से पहले जान लीजिए इसके फायदे और नुकसान

टॉयलेट सीट फेसिंग के लिए वास्तु हिंदी में ? (Vastu For Toilet Seat Facing In Hindi)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, टॉयलेट सीट का मुंह उत्तर, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन दिशाओं में टॉयलेट सीट होने से घर से नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) दूर रहती है। हालांकि, टॉयलेट सीट कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे घर में अशांति का माहौल बना रहता है। इसके अलावा, शौचालय का दरवाजा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए। टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करते समय व्यक्ति का मुख उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए। इन वास्तु टिप्स का पालन करके घर में सकारात्मकता और समृद्धि लाई जा सकती है।

Also Read :- राहु के खराब होने पर व्यक्ति में दिखते हैं यह लक्षण, जानिए राहु दोष को ठीक करने के सरल उपाय

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शौचालय कहाँ होने चाहिए ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, शौचालय का स्थान एक घर की सुखसमृद्धि पर अधिक प्रभाव डालता है। शौचालय का सर्वोत्तम स्थान उत्तर-पश्चिम कोण होता है, जो वायु एवं जल तत्वों से सम्बंधित होता है। दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा भी शौचालय के लिए उपयुक्त मानी जाती है। उत्तर, उत्तर-पूर्व, या दक्षिण-पूर्व दिशाओं में शौचालय का निर्माण नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह धनी हानि, स्वास्थ्य समस्याएं, और परिवार में विवाद का कारण बन सकते हैं।

Also Read :- राहु के खराब होने पर व्यक्ति में दिखते हैं यह लक्षण, जानिए राहु दोष को ठीक करने के सरल उपाय

टॉयलेट सीट की दिशा वास्तु के अनुसार हिंदी में ? (Toilet Seat Direction As Per Vastu In Hindi)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, घर में टॉयलेट सीट की दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। टॉयलेट सीट उत्तर, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए ताकि घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहे।

Also Read :- क्या आपका राहु भी कमजोर है? इन उपायों से होगा मजबूत

शौच करते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, शौचालय में शौच करते समय हमारा मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में होना शुभ माना जाता है। यह विशेष रूप से योग और तंत्र अभ्यास करने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। दक्षिण या पश्चिम दिशा में मुख करने की सलाह भी दी जाती है। यद्यपि, शौचालय की सीट की दिशा का चयन करते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनुचित दिशा में शौचालय का निर्माण घर में कलह और धन की हानि का कारण बन सकता है।

घर में शौचालय कहाँ नहीं होना चाहिए ? (Vastu Tips  For Toilet)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra), एक प्राचीन भारतीय विज्ञान, घर की निर्माण विधि के लिए दिशानिर्देश देता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है। यह शास्त्र कहता है कि शौचालय का निर्माण दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए, क्योंकि इन दिशाओं में अपशिष्ट निष्कासन और नकारात्मक ऊर्जा का निर्वहन सबसे अच्छा माना जाता है।

Also Read :-जानिए घर में सात घोड़े की पेंटिंग लगाने के फायदे

घर के बाहर शौचालय किस दिशा में होना चाहिए ? (Vastu ke Hisab se Toilet ki Disha)

वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर घर के बाहर शौचालय बनाया जा रहा है तो उसे उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह दिशा हवा की दिशा मानी जाती है और इसे स्वच्छता और शुद्धता से जोड़ा जाता है। इस दिशा में शौचालय बनाने से अपशिष्ट पदार्थों और नकारात्मक ऊर्जा का निपटान होता है, जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध और स्वच्छ रहता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय की दिशा ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, शौचालय का निर्माण घर के उत्तर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में करना चाहिए। ये दिशाएं जल और वायु तत्वों से जुड़ी हैं, जो शुद्धिकरण के लिए जिम्मेदार हैं। दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दिशा में शौचालय का निर्माण नहीं करना चाहिए क्योंकि ये अग्नि तत्व से जुड़ी हैं और संघर्ष एवं स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

Also Read :-अगर कुंडली में गुरु खराब है तो क्या करें? जानिए गुरु की दशा को ठीक करने की वास्तु टिप्स

घर में शौचालय किस दिशा में होना चाहिए ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, शौचालय की दिशा आपके स्वास्थ्य, धन, और समग्र कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शौचालय सीट उत्तर, पश्चिम, या उत्तर-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। दक्षिण दिशा में शौचालय सीट अशुभ मानी जाती है, जो स्थिरता की कमी का कारण बन सकती है। शौचालय का उपयोग करते समय, व्यक्ति को उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर मुँह करना चाहिए।

Also Read :-राहु को मजबूत करने के अचूक उपाय

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय किस दिशा में होना चाहिए ?

वास्तु शास्त्र Vastu Shastraके अनुसार, घर में शौचालय की दिशा महत्वपूर्ण होती है, जिससे स्वास्थ्य, धन, और समग्र सुख प्रभावित होते हैं। शौचालय सीट उत्तर, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। दक्षिण दिशा में शौचालय सीट अशुभ मानी जाती है, जिससे अविराम अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।  उपयोग करते समय, व्यक्ति को उत्तर या दक्षिण की दिशा की ओर मुँह करना चाहिए। साथ ही, शौचालय को हमेशा स्वच्छ रखने की सलाह दी गई है।

Also Read :-पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

Conclusion:-

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के सिद्धांतों का पालन करके, आप अपने संलग्न बाथरूम और शौचालय को एक ऐसे स्थान में बदल सकते हैं जो न केवल कार्यात्मक हो, बल्कि शांतिपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा (Positive energy) से भरपूर भी हो। यह आपके घर में समग्र स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशी को बढ़ावा देने में मदद करेगा। अगर आपको हमारा यह विशेष लेख पसंद आया हो तो इसे अपने परिवारजनों एवं मित्र गणों के साथ अवश्य साझा करें, साथ ही हमारे आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोज़ाना विज़िट करें ।

Disclaimer:  इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां मान्यताओं पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसे उपायों की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी वास्तु टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।

FAQ’s

Q. बाथरूम और टॉयलेट को एक साथ बनाने से क्या नुकसान हो सकते हैं? 

Ans. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम और टॉयलेट को एक साथ बनाने से घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इससे पति-पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच मनमुटाव और वाद-विवाद की स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा, इससे ग्रहण योग भी बन सकता है जिससे जल विष युक्त हो जाता है और लोगों के मन में एक दूसरे के प्रति द्वेष की भावना बढ़ सकती है।

Q. बाथरूम और टॉयलेट को किन दिशाओं में नहीं बनाना चाहिए? 

Ans. वास्तु शास्त्र की मानें तो आपको अपने घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में भूलकर भी टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि इन दिशाओं में भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। इसके अलावा, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि इससे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

Q. बाथरूम या टॉयलेट को किस दिशा में बनाना शुभ माना जाता है? 

Ans. वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपके घर का उत्तर-पश्चिम भाग बाथरूम के लिए आदर्श दिशा मानी जाती है। इसके अलावा, टॉयलेट सीट को पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना भी शुभ माना जाता है।

Q. क्या मेन गेट या किचन के सामने टॉयलेट बनवाना चाहिए? 

Ans. वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपको कभी भी अपने मेन गेट या किचन के सामने टॉयलेट या टॉयलेट सीट नहीं बनवाना चाहिए। 

Q. बाथरूम में खाली बाल्टी रखने से क्या नुकसान हो सकता है? 

Ans. वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि अगर आप बाथरूम में खाली बाल्टी रखते हैं तो आपके जीवन में दुर्भाग्य बढ़ सकता है और साथ ही चल रहे काम भी रुक सकते हैं। इसलिए आपको अपने बाथरूम में कभी भी खाली बाल्टी नहीं रखनी चाहिए और बाथरूम का दरवाजा भी हमेशा बंद रखना चाहिए।

Q. बाथरूम में वास्तु दोष दूर करने के लिए क्या करना चाहिए? 

Ans. बाथरूम में वास्तु दोष दूर करने के लिए आपको नीले रंग के मग और बाल्टी का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बाथरूम में किसी भी तरह की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए बल्कि उचित दिशा में एक छोटा सा दर्पण लगाना चाहिए।

t