Yogini Ekadashi 2024: भारतीय संस्कृति में व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह में कई एकादशी व्रत आते हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण व्रत है – योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi)। यह व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है।
इस वर्ष यह पावन पर्व 2 जुलाई 2024 को आ रहा है। योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान पुण्य फल मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से किसी के दिए हुए श्राप का भी निवारण हो जाता है। तो आइए जानते हैं योगिनी एकादशी व्रत से जुड़ी कुछ रोचक बातें, जो आपके लिए जानना बेहद ज़रूरी है। इस लेख में हम योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) की कथा, महत्व, पूजा विधि और व्रत के नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, हम इस बात पर भी प्रकाश डालेंगे कि इस व्रत को करने से क्या लाभ मिलते हैं।
तो चलिए, शुरू करते हैं योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) की यह अद्भुत यात्रा…
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Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | योगिनी एकादशी व्रत |
2 | योगिनी एकादशी कब है |
3 | क्या है योगिनी एकादशी |
4 | योगिनी एकादशी का महत्व |
5 | योगिनी एकादशी की कथा |
6 | योगिनी एकादशी की व्रत कथा पीडीएफ |
7 | योगिनी एकादशी पारण समय |
योगिनी एकादशी व्रत (Yogini Ekadashi Fast)
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) एक पवित्र दिवस है, जो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की उपासना के लिए समर्पित है। इस दिन का पालन करने वाले व्यक्ति को अपने ग्यारह इंद्रियों को नियंत्रित करना होता है। व्रत की कथा राजा कुबेर और उनके माली हेम के आधार पर होती है, जिन्होंने अपनी पत्नी के प्रति गहरी प्रेम भावना के कारण पूजा के फूल लाने में देरी कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप, कुबेर ने हेम पर शाप दिया, जिससे वह अपनी पत्नी से अलग हो गया और मनुष्य लोक में वृक्ष के रूप में पुनर्जीवित हुआ। अपने दुख को साझा करने के बाद, मार्कंडेय ऋषि ने हेम को योगिनी एकादशी व्रत का पालन करने का उपदेश दिया, जिससे वह अपने पापों से मुक्त हुआ और शाप से मुक्त हो गया।
योगिनी एकादशी कब है (Yogini Ekadashi kab Hai)
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi), जो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और देवी लक्ष्मी की उपासना के लिए समर्पित है, 2024 में 2 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा। व्रत शुरू होगा 1 जुलाई को सुबह 10:26 बजे और 2 जुलाई को सुबह 8:42 बजे समाप्त होगा। इस दिन त्रिपुस्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संगम होता है, जो 2 जुलाई को सुबह 8:42 बजे से लेकर 3 जुलाई को सुबह 4:40 बजे तक रहेगा। यह समय विभिन्न धार्मिक क्रियाकलापों और पूजा-पाठ के लिए आदर्श माना जाता है।
क्या है योगिनी एकादशी (What is Yogini Ekadashi)
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi), हिंदुओं का पावन त्योहार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तारीख को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है और व्रत रखने से धन, सुख और आरोग्य मिलने का वादा किया जाता है। 2024 में योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) 2 जुलाई को शुरू होगी और 3 जुलाई को पारणा अनुष्ठान किया जाएगा।
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योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi Significance)
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का महत्व दो मुख्य बिंदुओं में बताया जा सकता है:
- पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत सभी पापों को दूर करने वाला माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस व्रत का फल 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर है। यह एकादशी तीनों लोकों में प्रसिद्ध है और श्री लक्ष्मी-विष्णु जी के पूजन के लिए विशेष महत्व रखती है। योगिनी एकादशी न केवल परलोक में मुक्ति दिलाती है, बल्कि सभी प्रकार के उपद्रव, दरिद्रता और पापों का नाश करने वाली मानी गई है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति और श्राप से मुक्ति: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। इस व्रत के प्रभाव से किसी के दिए हुए श्राप का भी निवारण हो जाता है। व्रत कथा के अनुसार हेम माली को कुबेर के श्राप से कोढ़ हो गया था, लेकिन योगिनी एकादशी का व्रत करने से वह श्राप से मुक्त हो गया। इस प्रकार यह व्रत आध्यात्मिक और भौतिक दोनों प्रकार की समस्याओं का निवारण करने में सहायक है।
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाकर मोक्ष की ओर ले जाता है और उसकी मनोकामनाओं को पूरा करता है। यह व्रत श्री विष्णु और लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली साधन है।
योगिनी एकादशी पारण समय, शुभ मुहूर्त (Yogini Ekadashi Parana Time)
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi), जो हिन्दू धर्म में श्री नारायण की पूजा के लिए महत्वपूर्ण होती है, 2024 में 2 जुलाई को मनाई जाएगी। इस व्रत की प्रधानता तिथि 1 जुलाई 2024 को सोमवार को सुबह 10:26 बजे शुरू होगी, और 2 जुलाई 2024 को 08:42 बजे समाप्त होगी। योगिनी एकादशी का पारण, जो व्रत का समापन सूचक होता है, 3 जुलाई 2024 को किया जाएगा। पारण समय, जिसे व्रत तोड़ने का समय भी कहा जाता है, वह 03 जुलाई 2024, बुधवार को, सुबह 05:28 बजे से 07:10 बजे तक होगा।
Conclusion:-
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) व्रत का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यंत ही गहरा है। पुराणों के अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के पावन त्यौहार से संबंधित यह बेहद विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो ऐसे ही और भी व्रत एवं प्रमुख हिंदू त्योहार से संबंधित विशेष लेख हमारी वेबसाइट पर आकर जरूर पढ़ें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर भी रोजाना विजिट करें।
FAQ’s
Q. योगिनी एकादशी कब मनाई जाती है?
Ans. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष 2024 में यह व्रत 02 जुलाई, दिन मंगलवार को रखा जाएगा।
Q. योगिनी एकादशी का महत्व क्या है?
Ans. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) व्रत सभी पापों को दूर करने वाला माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह एकादशी परलोक में मुक्ति देने के साथ-साथ तीनों लोकों में प्रसिद्ध है।
Q. योगिनी एकादशी व्रत के क्या लाभ हैं?
Ans. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत करने से समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत सिद्धि और सफलता देता है। इसके प्रभाव से किसी के दिए हुए श्राप का भी निवारण हो जाता है। यह एकादशी समस्त आधि-व्याधियों को नष्ट कर सुंदर रुप, गुण और यश देने वाली मानी जाती है।
Q. योगिनी एकादशी व्रत के नियम क्या हैं?
Ans. एकादशी से एक दिन पहले दशमी को व्रत का संकल्प लेना चाहिए। व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। दिन भर फलाहार ही करना चाहिए। रात्रि में जागरण करना चाहिए। अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों को दान देकर पारणा करना चाहिए।
Q. योगिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि क्या है?
Ans. व्रत के दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें। मिट्टी का कलश स्थापित करें और उसमें भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें। तुलसी पत्र और फूल चढ़ाएं। शुद्ध घी का दीप जलाएं। भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करें। एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें। अंत में आरती करें।
Q. योगिनी एकादशी पर कौन सा मंत्र जपा जाता है?
Ans. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के दिन ‘ॐ नमो नारायण’ या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करने का विधान है। इससे व्रत का विशेष फल प्राप्त होता है।