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Maa Mahagauri: नवरात्रि (Navratri) के आठवें दिन, भक्त माँ महागौरी (Maa Mahagauri) की पूजा करते हैं। माँ दुर्गा (Goddess Durga) का यह अष्टम रूप शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक है। ‘महागौरी’ नाम ‘महा’ और ‘गौरी’ शब्दों से मिलकर बना है। ‘महा’ का अर्थ है ‘महान’ और ‘गौरी’ का अर्थ है ‘गौरवर्ण’ या ‘श्वेत’। इस प्रकार, माँ महागौरी का अर्थ है ‘महान श्वेत देवी’।

माँ महागौरी  (Maa Mahagauri) को श्वेत वस्त्र धारण किए हुए और श्वेत वृषभ पर विराजमान के रूप में चित्रित किया जाता है। उनके चार हाथ हैं। ऊपरी दाएं हाथ में त्रिशूल, ऊपरी बाएं हाथ में डमरू, निचले दाएं हाथ में अभय मुद्रा और निचले बाएं हाथ में वर मुद्रा है। माँ महागौरी  (Maa Mahagauri) की शांत मुद्रा भक्तों को आश्वासन देती है और उनका डर दूर करती है। माँ महागौरी  (Maa Mahagauri) की पूजा करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। माँ सभी कष्टों से मुक्ति प्रदान करती हैं, मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और आध्यात्मिक उन्नति में सहायता करती हैं।

इस लेख में, हम माँ महागौरी  (Maa Mahagauri) के महत्व, उनकी पूजा विधि, मंत्र और आरती के बारे में जानेंगे। साथ ही, हम माँ महागौरी  (Maa Mahagauri) से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाओं का भी वर्णन करेंगे। इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़िए ।

कौन है माँ महागौरी (Who is Mahagauri Mata Mata)

माता महागौरी  (Maa Mahagauri) देवी मां दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं। इनका नाम ‘महागौरी’ ‘गौरा’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है ‘गौरा’ या ‘गोरा वर्ण’। देवी महागौरी का वर्ण अत्यंत श्वेत, चंद्रमा के समान है। वे चार भुजाओं वाली हैं और बैल पर सवार होती हैं।Bमाता महागौरी अत्यंत शांत और दयालु हैं। माता महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है। माता महागौरी की पूजा करने से भक्तों को मन की शांति, समृद्धि और ज्ञान प्राप्त होता है।

माँ महागौरी का महत्व (Mahagauri Mata Mata Importance )

माता महागौरी  (Maa Mahagauri)  का महत्व अनेक प्रकार से है। सबसे पहले, वे सभी पापों का नाश करती हैं और भक्तों को मोक्ष प्रदान करती हैं। दूसरा, वे ज्ञान और बुद्धि प्रदान करती हैं। तीसरा, वे भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं। चौथा, वे भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।

माता महागौरी की पूजा करने से भक्तों को अनेक लाभ होते हैं। जिनमें शामिल हैं:

  • मन की शांति
  • भय और चिंता से मुक्ति
  • शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि
  • धन और समृद्धि
  • रोगों से मुक्ति
  • शत्रुओं पर विजय

माँ महागौरी की कहानी (Mahagauri Mata Mata ki kahani)

देवी गौरी वह कन्या (अविवाहित कन्या) हैं,  जिन्होंने भगवान शिव (Lord Shiva) को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार वह कन्या कोई और नहीं बल्कि देवी पार्वती (Goddess Parvati) थीं। उन्होंने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की और इसके कारण उनकी त्वचा पर धूल जम गई, जिससे वह काली दिखने लगीं। भगवान शिव (Lord Shiva) उसकी तपस्या (penance) से प्रसन्न हुए और उसे विवाह का वरदान दिया। गंगा नदी (Ganga River) के पवित्र जल का उपयोग देवी पार्वती की धूल को धोने के लिए किया गया था, जिससे माता पार्वती की त्वचा बहुत सफेद हो गई और उन्हें महागौरी  (Maa Mahagauri) के नाम से जाना जाने लगा।

माँ महागौरी पूजा का महत्व (Mahagauri Mata Mata puja Significance)  

माता महागौरी  (Maa Mahagauri) नवदुर्गा (Nav Durga) के अष्टम रूप हैं, जो भक्तों को आठवें दिन पूजे जाते हैं। ‘महा’ का अर्थ है ‘महान’ और ‘गौरी’ का अर्थ है ‘गौरा’ या ‘श्वेत’। इस प्रकार, ‘महागौरी’ का अर्थ है ‘अत्यंत श्वेत’। माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की पूजा का महत्व अनेक प्रकार से दर्शाया गया है:

  • पापों का नाश: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की पूजा से भक्तों के सभी पापों का नाश होता है।
  • सुख-समृद्धि: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) भक्तों को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करती हैं।
  • मनोकामना पूर्ति: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
  • ज्ञान और विद्या: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) ज्ञान और विद्या की देवी हैं। उनकी पूजा से भक्तों को ज्ञान और विद्या प्राप्त होती है।
  • रोगों से मुक्ति: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) भक्तों को रोगों से मुक्ति प्रदान करती हैं।
  • भय से मुक्ति: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) भक्तों को भय से मुक्ति प्रदान करती हैं।
  • आत्मबल में वृद्धि: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) भक्तों के आत्मबल में वृद्धि करती हैं।
  • नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती हैं।
  • मोक्ष प्राप्ति: माता महागौरी  (Maa Mahagauri) भक्तों को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाती हैं।

माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की पूजा विधि-विधान से करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की पूजा से भक्तों का जीवन सुख-समृद्धि, ज्ञान और विद्या, और मोक्ष प्राप्ति से परिपूर्ण हो जाता है।

माँ महागौरी पूजा विधि (Mahagauri Mata Mata Puja Vidhi)

माता महागौरी की पूजा विधि:

  • स्नान: प्रथम काल में जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • कलश स्थापना: एक मिट्टी के कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, पान, सिक्का और आम के पत्ते रखें। कलश के मुख पर नारियल स्थापित करें।
  • मंडप सज्जा: एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर माता महागौरी की प्रतिमा स्थापित करें। देवी को लाल वस्त्र, हार, चूड़ियां, श्रृंगार अर्पित करें।
  • आह्वान: ‘ॐ देवी महागौर्यै नमः’ मंत्र का जाप करते हुए देवी का आह्वान करें।
  • षोडशोपचार पूजन: षोडशोपचार पूजन में षोडश (16) उपचार अर्पित किए जाते हैं, जैसे गंध, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, ताम्बूल, पान, सुपारी, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, आरती, प्रदक्षिणा और मंत्र पुष्पांजलि।
  • आरती: ‘जय जय महागौरी, मां जय जय महागौरी’ आरती का जाप करें।
  • प्रार्थना: अपनी मनोकामनाओं को ध्यान में रखते हुए माता महागौरी से प्रार्थना करें।

नोट: पूजा करते समय मन में भक्ति और एकाग्रता होनी चाहिए।

माँ महागौरी पूजा विधि pdf (Mahagauri Mata Mata Puja Samagri pdf)

माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की संपूर्ण पूजा विधि हम आपसे इस पीडीएफ के जरिए शेयर कर रहे हैं,  इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड (Download) करके आप माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की पूजा विधि के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

माँ महागौरी पूजा सामग्री (Mahagauri Mata Puja Samagri)

कलशमिट्टी या तांबे का कलश, गंगाजल, पान के पत्ते, सुपारी, लाल धागा, नारियल, मौली, कलावा, अक्षत (चावल)
दीपघी या तेल का दीपक, दीप बाती, दीपक 
अगरबत्तीखुशबूदार अगरबत्ती
धूपगुग्गल, लोबान
चंदनचंदन का टीका
फूलगुलाब, कमल, मोगरा, चमेली, गेंदा, रात की रानी
फलमौसमी फल, नारियल, केला
मिठाईखीर, हलवा, बूंदी लड्डू, बेसन के लड्डू
दानअपनी इच्छानुसार
पानपान के पत्ते, सुपारी, लौंग, इलायची
कौड़ी9 कौड़ी
नारियल1 नारियल
वस्त्रलाल रंग का चुनरी, लाल रंग का धागा
शृंगारबिंदी, सिंदूर, मेहंदी, कंगन, हार, मांग टीका
आसनलाल रंग का कपड़ा
चौकीलकड़ी या प्लास्टिक की चौकी
गंगाजलपवित्र नदियों का जल
मंत्रमहागौरी मंत्र
आरतीमहागौरी आरती
भोगखीर, हलवा, बूंदी लड्डू, बेसन के लड्डू

नोट: पूजा सामग्री खरीदते समय ध्यान रखें कि वे ताजा और अच्छी क्वालिटी की हों। पूजा सामग्री को साफ-सुथरे स्थान पर रखें, और पूजा करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।

माँ महागौरी पूजा सामग्री लिस्टpdf (Mahagauri Mata Puja Samagri list pdf)

माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की पूजा सामग्री की संपूर्ण सूची हम आपसे इस पीडीएफ (PDF) के जरिए शेयर कर रहे हैं,  इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड (Download) करके आप सामग्री लिस्ट को सरलता पूर्वक पढ़ सकते हैं ।

माँ महागौरी की कथा (Mahagauri Mata ki katha)

महागौरी माता  (Maa Mahagauri) नवरात्रि में पूजी जाने वाली आठवीं देवी हैं। वह चमक और शांति का प्रतीक है। महागौरी नाम का अर्थ ‘अत्यंत सफेद’ होता है। महा का अर्थ है- ‘अत्यंत’ और ‘गौरी’ का अर्थ है सफ़ेद। उनके अस्तित्व के पीछे की कहानी यह थी कि जब माता काली ने रक्तबीज (Raktbeej) को मार डाला था और शांत होकर पार्वती बन गई थीं, तब भी उनकी त्वचा का रंग काला था। वह रंग से छुटकारा पाना चाहती थी, इसलिए माँ पार्वती ने भगवान ब्रह्मा की पूजा की। भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma) ने माता पार्वती (Goddess Parvati) को मानसरोवर नदी में पवित्र डुबकी लगाने और अपना मूल स्वरूप वापस पाने का वरदान दिया।

माता पार्वती (Goddess Parvati) की काली त्वचा शक्ति स्वरूप कौशिकी कहलाई,  और अत्यंत गौर वर्ण प्राप्त होने के कारण पार्वती (Goddess Parvati) का नाम महागौरी  पड़ा। इस बीच, माँ अम्बिका ने धूम्रलोचन को मार डाला जो पृथ्वी पर अशांति पैदा करने के उद्देश्य से एक और उभरता हुआ राक्षस था। धूम्रलोचन को मारने के बाद, वह शुंभ और निशुंभ का शिकार करने के लिए चंडी और चामुंडा के साथ विलय करने के लिए चली गई।

सभी हत्याओं और शांति की स्थापना के बाद, पार्वती (Goddess Parvati) और दुर्गा (Goddess Durga) के सभी रूपों ने महागौरी (Maha Gauri) के साथ मिलकर एक गेहुंए रंग का निर्माण किया जिसका नाम गौरी रखा गया, जो पार्वती का दूसरा नाम है।

माँ महागौरी की कथा pdf (Mahagauri Mata ki katha pdf)

माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की कथा से संबंधित यह विशेष पीडीएफ (PDF) हम आपसे साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड (Download) करके आप कभी भी और कहीं भी माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की कथा को पढ़ सकते हैं। 

महागौरी चालीसा (Mahagauri Chalisa)

महागौरी चालीसा pdf (Mahagauri Chalisa pdf)

इस विशेष पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड (Download) करके आप माता महागौरी  (Maa Mahagauri)  की चालीसा (Chalisa) को सलालता पूर्वक डाउनलोड (Download) कर सकते हैं।

माँ महागौरी की आरती (Mahagauri Mata ki Aarti)

मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान,
गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।
पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर,
प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार।

नमो नमो हे गौरी माता, आप हो मेरी भाग्य विधाता,
शरनागत न कभी गभराता, गौरी उमा शंकरी माता।
आपका प्रिय है आदर पाता, जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,
महादेव गणपति संग आओ, मेरे सकल कलेश मिटाओ।

सार्थक हो जाए जग में जीना, सत्कर्मो से कभी हटु ना,
सकल मनोरथ पूर्ण कीजो, सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।
हे माँ भाग्य रेखा जगा दो, मन भावन सुयोग मिला दो,
मन को भाए वो वर चाहु, ससुराल पक्ष का स्नेहा मै पायु।

परम आराध्या आप हो मेरी, फ़िर क्यूं वर मे इतनी देरी,
हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो, थोडे में बरकत भर दीजियो।
अपनी दया बनाए रखना, भक्ति भाव जगाये रखना,
गौरी माता अनसन रहना, कभी न खोयूं मन का चैना।

देव मुनि सब शीश नवाते, सुख सुविधा को वर मै पाते,
श्रद्धा भाव जो ले कर आया, बिन मांगे भी सब कुछ पाया।
हर संकट से उसे उबारा, आगे बढ़ के दिया सहारा,
जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे, निराश मन मे आस जगावे।

शिव भी आपका काहा ना टाले, दया द्रष्टि हम पे डाले,
जो जन करता आपका ध्यान, जग मे पाए मान सम्मान।
सच्चे मन जो सुमिरन करती, उसके सुहाग की रक्षा करती,
दया द्रष्टि जब माँ डाले, भव सागर से पार उतारे।

जपे जो ओम नमः शिवाय, शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,
जिसपे आप दया दिखावे, दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।
सता गुन की हो दता आप, हर इक मन की ग्याता आप,
काटो हमरे सकल कलेश, निरोग रहे परिवार हमेश।

दुख संताप मिटा देना माँ, मेघ दया के बरसा देना माँ,
जबही आप मौज में आय, हठ जय माँ सब विपदाए।
जीसपे दयाल हो माता आप, उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,
फल-फूल मै दुग्ध चढ़ाऊ, श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।

अवगुन मेरे ढक देना माँ, ममता आँचल कर देना माँ,
कठिन नहीं कुछ आपको माता, जग ठुकराया दया को पाता।
बिन पाऊ न गुन माँ तेरे, नाम धाम स्वरूप बहू तेरे,
जितने आपके पावन धाम, सब धामो को माँ प्राणम।

आपकी दया का है ना पार, तभी को पूजे कुल संसार,
निर्मल मन जो शरण मे आता, मुक्ति की वो युक्ति पाता।
संतोष धन्न से दामन भर दो, असम्भव को माँ सम्भव कर दो,
आपकी दया के भारे, सुखी बसे मेरा परिवार।

अपकी महिमा अती निराली, भक्तो के दुःख हरने वाली,
मनो कामना पुरन करती, मन की दुविधा पल मे हरती।
चालीसा जो भी पढे-सुनाया, सुयोग वर् वरदान मे पाए,
आशा पूर्ण कर देना माँ, सुमंगल साखी वर देना माँ।

गौरी माँ विनती करूँ, आना आपके द्वार,
ऐसी माँ कृपा किजिये, हो जाए उद्धहार।
हीं हीं हीं शरण मे, दो चरणों का ध्यान,
ऐसी माँ कृपा कीजिये, पाऊँ मान सम्मान।

माँ महागौरी की आरती pdf (Mahagauri Mata ki Aarti pdf)

माता महागौरी  माता महागौरी से संबंधित मैं एक लेख लिख रहा हूं कृपया मुझे इस विषय से संबंधित एक कंक्लुजन पार्ट लिख कर दीजिए पैराग्राफ में की आरती (Aarti)  से संबंधित यह विशेष पीडीएफ (PDF) हम आपसे साझा कर रहे हैं,  इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड (Download) करके आप माता महागौरी  (Maa Mahagauri) की आरती (Aarti)  कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

माँ महागौरी की आरती youtube (Mahagauri Mata ki Aarti youtube)

जय महागौरी जगत की माया ।
जया उमा भवानी जय महामाया ।।

हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहां निवासा ।।

चंद्रकली ओर ममता अंबे ।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे ।।

भीमा देवी विमला माता ।
कौशिकी देवी जग विख्याता ।।

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा ।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ।।

सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया ।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ।।

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया ।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ।।

तभी मां ने महागौरी नाम पाया ।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया ।।

शनिवार को तेरी पूजा जो करता ।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ।।

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो ।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो ।।

महागौरी मंत्र (Mahagauri Mata Mantra)

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

महागौरी मंत्र इन हिंदी (Mahagauri Mata Mantra in Hindi)

ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥

पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥

महागौरी मंत्र pdf (Mahagauri Mata Mantra pdf)

माता महागौरी के प्रमुख मंत्र का यह विशेष पीडीएफ हम आपसे साझा कर रहे हैं , इस पीडीएफ को डाउनलोड करके आप माता महागौरी के सभी मंत्र का जाप कर सकते हैं।

माँ महागौरी इमेज (Mahagauri Mata Images)

माता महागौरी की कुछ विशेष तस्वीर हम आपसे साझा कर रहे हैं, इन तस्वीरों को आप सरलता पूर्वक डाउनलोड कर सकते हैं और अपने मित्रों एवं प्रिय जनों को भी साझा कर सकते हैं ।

माँ महागौरी इमेज डाउनलोड (Mahagauri Mata Images Download) 

इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे माता महागौरी (Maa Mahagauri) की सुंदर तस्वीर साझा कर रहे हैं,  जिन्हें आप बेहद ही सरलतापूर्वक डाउनलोड (Download) कर सकते हैं और अपने मित्रों के साथ साझा भी कर सकते हैं ।

Summary

माता महागौरी (Maa Mahagauri) नवरात्रि (Navratri) के आठवें दिन पूजनीय देवी हैं। देवी पार्वती (Goddess Parvati) के इस रूप में, उनकी भव्यता और शक्ति दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। श्वेत वस्त्रों में सज्जित, हाथों में विभिन्न दिव्य वस्तुओं को धारण करते हुए, माता महागौरी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। माता महागौरी (Maa Mahagauri) से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्र गणों एवं परिवारजनों के साथ अवश्य साझा करें,  साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’s

Q. माता महागौरी को नवदुर्गा का कौन सा रूप माना जाता है?

Ans. माता महागौरी नवदुर्गा का अष्टम रूप हैं।

Q. माता महागौरी का नाम ‘महागौरी’ क्यों रखा गया है?

Ans. माता महागौरी का नाम ‘महागौरी’ इसलिए रखा गया है क्योंकि उनका रंग अत्यंत श्वेत और चमकदार है।

Q. माता महागौरी का वाहन क्या है?

Ans. माता महागौरी का वाहन बैल है।

Q. माता महागौरी के दाहिने हाथ में कौन से शस्त्र हैं?

Ans. माता महागौरी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और डमरू हैं।

Q. माता महागौरी के बाएं हाथ में कौन से वस्तुएं हैं?

Ans. माता महागौरी के बाएं हाथ में अभय और वरमुद्रा हैं।

Q. माता महागौरी की पूजा से क्या लाभ होता है?

Ans. माता महागौरी की पूजा से भक्तों को सुख, समृद्धि, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है।