Narmada ji Aarti: नर्मदा माता, जिन्हें रेवा और दक्षिण गंगा के नाम से भी जाना जाता है, भारत की एक पवित्र नदी हैं जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों से होकर बहती हैं। हिंदू धर्म में नर्मदा नदी को भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री माना जाता है। इस नदी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अपार है। नर्मदा माता को जीवनदायिनी शक्ति का प्रतीक माना जाता है जो अपने जल से करोड़ों लोगों के जीवन को पोषित करती हैं। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त नर्मदा माता की आरती गाते हैं, जिसमें उनकी महिमा और करुणा का वर्णन किया जाता है। यह आरती न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व का भी संदेश देती है। नर्मदा माता की आरती के माध्यम से हम प्रकृति और मानव जीवन के अटूट संबंध को समझ सकते हैं। आइए, इस लेख में हम नर्मदा माता की आरती के गहन अर्थ और महत्व को समझने का प्रयास करते हैं।
देवी नर्मदा | Devi narmada
देवी नर्मदा (Devi Narmada), भारत (India) की एक पवित्र नदी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात के राज्यों में बहती है। हिन्दू धर्म में इसे देवी के रूप में पूजा जाता है और मान्यता है कि इसके जल में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। नर्मदा नदी के जयंती पर भक्त नर्मदा स्तुति का पाठ करते हैं, जिसमें देवी की स्तुति की गई है। नर्मदा शब्द का अर्थ होता है ‘दाता आनंद का’, जो देवी की कृपा और आशीर्वाद की अनंतता को दर्शाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह नदी पश्चिम की ओर बहती है, जो भारतीय नदियों में अद्वितीय है।
नर्मदा जी की आरती | Narmada ji Aarti
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरि शंकर
रुद्रौ पालन्ती।
ॐ जय जगदानन्दीदेवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि…
शारद पदवाचन्ती।
ॐ जय जगदानन्दीदेवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती।
झुमकत-झुमकत-झुमकत,
झननन झमकत रमती राजन्ती।
ॐ जय जगदानन्दीदेवी बाजत ताल मृदंगा,
सुर मण्डल रमती।
तोड़ीतान-तोड़ीतान-तोड़ीतान,
तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती।
ॐ जय जगदानन्दीदेवी सकल भुवन पर आप विराजत,
निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा
शंकर तुम भट मेटन्ती।
ॐ जय जगदानन्दीमैयाजी को कंचन थार विराजत,
अगर कपूर बाती।
अमर कंठ में विराजत
घाटन घाट बिराजत
कोटि रतन ज्योति।
ॐ जय जगदानन्दी (6)मैयाजी की आरती
निशदिन पढ़ गावरि,
हो रेवा जुग-जुग नरगावे
भजत शिवानन्द स्वामी
जपत हरि नंद स्वामी मनवांछित पावे।
ॐ जय जगदानन्दी
नर्मदा जी की आरती PDF Download| Narmada Aarti PDF Download
नर्मदा जी की आरती PDF Download | View Aartiमां नर्मदाजी की आरती फोटो | Maa Narmada Ji ki Aarti Photo
इस विशेष लेख के जरिए हम आपको मां नर्मदाजी आरती (Maa Narmada Aarti) जी की आरती की फोटो प्रदान कर रहे हैं, इस फोटो को डाउनलोड करके आप अपने मित्रों व परिवारजनों को साझा कर सकते हैं।
नर्मदा जयंती | Narmada jayanti
हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष माघ माह में शुक्ल पक्ष सप्तमी को नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti) मनाई जाती है। इस दिन भक्त नर्मदा नदी की पूजा करते हैं जिससे उनके जीवन में शांति और समृद्धि आती है। मध्य प्रदेश में अमरकंटक, जो नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है, नर्मदा जयंती का एक लोकप्रिय स्थान है। शोभा यात्रा के दौरान माँ नर्मदा का एक सुंदर चित्रमाला निकाला जाता है, इस दौरान हजारों भक्त देवी के भजन और गीत गाते हुए शहर के विभिन्न घाटों पर जाते हैं। शाम को संतों और भक्तों ने मां नर्मदा की भव्य आरती की।
देवी नर्मदा के मिथक | Myths of Goddess Narmada
- नर्मदा नदी की उत्पत्ति:
हिंदू मिथकों के अनुसार, नर्मदा नदी का जन्म भगवान शिव की तपस्या से हुआ था। कहा जाता है कि अमरकंटक पर्वत पर भगवान शिव ने कठोर तपस्या की थी और उनके पसीने की बूंदों से नर्मदा नदी का जन्म हुआ। एक अन्य कथा के अनुसार, नर्मदा का सृजन देवी पार्वती ने किया था, जिन्होंने यहाँ तपस्या करके भगवान शिव का प्रेम प्राप्त किया था।
नर्मदा को शिव-पार्वती की पुत्री भी माना जाता है। मान्यता है कि उनके जन्म के समय ही शिव-पार्वती मंथन करके अमृत निकाल रहे थे। इस अमृत के कारण ही नर्मदा को अमरत्व प्राप्त हुआ। शिव-पार्वती ने प्रसन्न होकर नर्मदा का नाम रखा क्योंकि उसने अपने अलौकिक सौंदर्य से उन्हें हर्षित कर दिया था। नर्म का अर्थ है सुख और दा का अर्थ है देने वाली।
2. नर्मदा नदी का मार्ग:
नर्मदा भारत की कुछ विशिष्ट नदियों में से एक है जो पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है, जबकि अधिकांश अन्य नदियां उत्तर से दक्षिण की ओर बहती हैं। ऐसा माना जाता है कि नदी का यह अनूठा मार्ग भगवान शिव द्वारा बनाया गया था, जो भक्तों के लिए गंगा नदी के तट पर स्थित पवित्र शहर वाराणसी तक पहुंचना आसान बनाना चाहते थे।
इसके अलावा, नर्मदा नदी को पाप नाशिनी नदी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसमें स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए नर्मदा के तट पर अनेक तीर्थ स्थल बने हुए हैं जहाँ श्रद्धालु स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं। नर्मदा नदी भारत की सात पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है और हिंदुओं, जैनों और बौद्धों द्वारा पूजित है। यह नदी कई प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों का घर भी है, जिससे यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है।
इस प्रकार, नर्मदा नदी भारत की एक पवित्र नदी है जो पौराणिक कथाओं और इतिहास में डूबी हुई है। यह लाखों भक्तों द्वारा पूजित है और देश में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतीक है।
देवी नर्मदा के मंदिर | Temple of Goddess Narmada
देवी नर्मदा की पूजा और आराधना का एक विशेष स्थान है, और उनकी उपासना के लिए भारत भर में कई प्रमुख मंदिर हैं। ये नर्मदा नदी के किनारे स्थित होते हैं, और यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। देवी नर्मदा के प्रमुख मंदिरों में शामिल हैं:
- नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, अमरकंटक: यह मंदिर नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है। यहां की पूजा-आराधना में विशेष श्रद्धा और समर्पण का भाव होता है।
- ओमकारेश्वर महादेव मंदिर, मध्य प्रदेश: यह मंदिर नर्मदा नदी के एक द्वीप पर स्थित है, जिसे मां नर्मदा की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।
- नर्मदा उत्सव मंदिर, भरूच: यह मंदिर गुजरात में स्थित है और यहां प्रतिवर्ष नर्मदा महोत्सव मनाया जाता है।
ये मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित हैं और यहां देवी नर्मदा की उपासना और पूजा के लिए लोग दूर-दराज से आते हैं। इन मंदिरों का धार्मिक महत्व अद्वितीय है, और वे नर्मदा नदी की पवित्रता और महत्त्व को प्रकट करते हैं।
यहाँ अन्य आरती भी पढ़े:- शिव आरती | विष्णु आरती | हनुमानआरती | शनि देव आरती | मां अंबे आरती | लक्ष्मी आरती | कालरात्रि आरती,.
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया मां नर्मदाजी आरती पर लेख आपको पंसद आया होगा।यदि आपके मन में किसी तरह के सवाल है, तो उन्हें कमेंट बॉक्स में दर्ज करें, हम जल्द से जल्द आपको उत्तर देने का प्रयास करेंगे।आगे भी ऐसे रोमांच से भरे लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोज़ाना विज़िट करे, धन्यवाद!
FAQ’s :
Q. नर्मदा नदी को किस अन्य नाम से जाना जाता है?
Ans. नर्मदा नदी को “रेवा” और “नर्मदा मैया” नाम से भी जाना जाता है।
Q. नर्मदा नदी की उत्पत्ति कहाँ होती है?
Ans. नर्मदा नदी की उत्पत्ति अमरकंटक, मध्य प्रदेश में स्थित एक पर्वत श्रृंखला, मैकल से होती है।
Q. नर्मदा नदी किस दिशा में बहती है?
Ans. नर्मदा नदी पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है, जो भारत की अधिकांश नदियों के विपरीत दिशा है।
Q. नर्मदा नदी की कुल लंबाई कितनी है?
Ans. नर्मदा नदी 1,312 किलोमीटर (815 मील) की लंबाई के साथ भारत की पांचवीं सबसे लंबी नदी है।
Q. नर्मदा नदी का जलग्रहण क्षेत्र कितना है?
Ans. नर्मदा नदी का जलग्रहण क्षेत्र 98,829 वर्ग किलोमीटर (38,153 वर्ग मील) है।