Home जीवन परिचय कथावाचक पलक किशोरी जी के बारे में | About Palak Kishori ji

कथावाचक पलक किशोरी जी के बारे में | About Palak Kishori ji

Palak Kishori Biography in Hindi
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पलक किशोरी (Palak Kishori), जिनका असली नाम शाम्भवी मिश्रा है, का जन्म मध्य प्रदेश के सतना शहर में एक धार्मिक हिंदू परिवार में हुआ था। बचपन से ही धार्मिक माहौल में पली-बढ़ी पलक (Palak Kishori) ने कथा-कहानियों को सुनते और सुनाते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2021 में मात्र 16 वर्ष की उम्र में पलक ने पहली बार सार्वजनिक रूप से कथा वाचन किया था। तब से लेकर अब तक उन्होंने कई कथाएं और प्रवचन दिए हैं जिन्हें सुनने के लिए हजारों श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। उनके संगीतमय और प्रेरणादायक प्रवचनों ने लोगों के दिलों को छुआ है। पलक की तुलना आज प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी से की जाती है। दरअसल, पलक का कथा वाचन करने का अंदाज काफी हद तक जया किशोरी से मिलता-जुलता है। यही वजह है कि लोग उन्हें प्यार से ‘छोटी जया किशोरी’ कहकर बुलाते हैं। हालांकि पलक ने कथा वाचन की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली है, फिर भी उनकी प्रतिभा किसी सीनियर कथावाचक से कम नहीं है। 

आज के इस विशेष लेख में हम आपको पलक किशोरी (Palak Kishori) जी के जीवन से संबंधित सभी जानकारियां प्रदान करेंगे इसीलिए हमारे इसलिए को अंत तक अवश्य पढ़िएगा ।

Palak Kishori Biography – Overview

टॉपिकPalak Kishori Ji
लेख प्रकारआर्टिकल 
भाषाहिंदी 
वर्ष2024 
नामपलक किशोरी 
अन्य नामशांभवी मिश्रा
जन्म24 दिसंबर, 2005
जन्म स्थानसतना (मध्य प्रदेश)
कार्यकथा वाचन
आयु 19 वर्ष

पलक किशोरी कौन हैं? Who is Palak Kishori?

पलक किशोरी (Palak Kishori) जिन्हें शाम्भवी मिश्रा के नाम से भी जाना जाता है, मध्य प्रदेश के सतना जिले की बस्ती हैं। वे एक व्यवसायिक कथावाचक और प्रेरणादायक वक्ता हैं। 

इनका जन्म 24 दिसंबर, 2005 को हुआ था। पलक (Palak Kishori) ने अपनी शैक्षिक जीवन की शुरुआत अपने गृह नगर से की है और वर्तमान में वह 12वीं कक्षा में पढ़ रही हैं। वे अपनी बचपन से ही धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होती थीं, जिससे उनका हिंदू पुराणों और दर्शनशास्त्र में रुचि बढ़ी। पलक ने अपनी कहानियां पहले परिवार के सदस्यों के साथ साझा की, और धीरे-धीरे उन्होंने इसे बड़े पैमाने पर साझा करना शुरू कर दिया।

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पलक किशोरी का जीवन परिचय |Biography of Palak Kishori

पलक किशोरी (Palak Kishori) एक प्रसिद्ध कथावाचक और मोटिवेशनल स्पीकर (Motivational Speaker) हैं जो मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना शहर से हैं। उनका जन्म 24 दिसंबर 2005 को हुआ था। उनके पिता संतोष मिश्रा एक अधिवक्ता हैं और माता आराधना मिश्रा एक गृहिणी हैं। 

पलक के परिवार में उनकी दो बहनें अपराजिता और अदिति मिश्रा तथा एक भाई मानस मिश्रा भी हैं। उनके दादाजी रमाकांत शुक्ला सतना नगर निगम में अतिक्रमण दस्ता के एक अधिकारी हैं। 

पलक ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृहनगर के स्कूलों से प्राप्त की है। उनके परिवार में बचपन से ही धार्मिक माहौल रहा है और घर में नियमित रूप से पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान होते रहते थे। इसका गहरा प्रभाव पलक पर पड़ा और वह धीरे-धीरे धार्मिक किताबों और कथाओं की ओर आकर्षित होने लगीं। वह अपने पिता और अन्य बड़ों से सुनी कहानियों को अपनी दादी और बुआ को सुनाने लगीं और इस प्रक्रिया में पारंगत हो गईं। पलक ने वर्ष 2021 में नवरात्रि के दौरान पहली बार लगभग 2 घंटे का कथा वाचन किया था। उन्होंने भागवत कथा का कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया बल्कि कोविड लॉकडाउन के दौरान घर पर रहकर ही इसका अध्ययन किया। पलक शिक्षा में भी काफी अच्छी हैं और हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। 

पलक किशोरी (Palak Kishori) जी अपनी कम उम्र में ही एक लोकप्रिय कथावाचक बन गई हैं और उनकी तुलना प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी (Jaya Kishori) से की जाती है। पलक के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते हैं।

पलक किशोरी का परिवार| Palak Kishori’s Family

पलक किशोरी (Palak Kishori) एक प्रेरणादायक वक्ता और कथावाचक हैं जो मध्य प्रदेश के सतना शहर से हैं। उनका जन्म 24 दिसंबर 2005 को एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पलक किशोरी (Palak Kishori) के परिवार के सदस्यों के बारे में निम्नलिखित जानकारी मिलती है:

पितासंतोष मिश्रा, एक वकील हैं।
माताआराधना मिश्रा, एक गृहिणी हैं।
बहनेंअप्राजिता मिश्रा और अदिति मिश्रा।
एक छोटा भाईमंश मिश्रा।
दादारमाकांत शुक्ला, सतना नगर निगम में एक वरिष्ठ अधिकारी हैं।

पलक किशोरी (Palak Kishori) का असली नाम शाम्भवी मिश्रा है। वह एक मध्यमवर्गीय हिंदू ब्राह्मण परिवार से आती हैं। उनके पिता संतोष मिश्रा धार्मिक प्रथाओं का पालन करते हैं और उन्होंने पलक को हिंदू धर्मग्रंथों और पौराणिक कथाओं के प्रति रुचि विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

पलक के परिवार ने हमेशा उन्हें कथावाचन के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है और वे उनके सबसे बड़े समर्थक रहे हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें हर संभव तरीके से मदद की है।

पलक किशोरी की शिक्षा | Education of Palak Kishori 

Education of Palak Kishori 

पलक किशोरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालयों में पूरी की। वर्तमान में वह 12वीं कक्षा में अध्ययनरत हैं।

पलक हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रवीण हैं। उन्हें शुद्ध हिंदी बोलने का हुनर हासिल है। उनकी रुचि धार्मिक साहित्य और पूजा में भी गहरी है। पलक का परिवार मध्यम वर्गीय हिंदू ब्राह्मण परिवार से आता है। उनके पिता सतीश मिश्रा रीवा में अधिवक्ता हैं। पलक का बचपन से ही घर में धार्मिक माहौल रहा, जिसका उनके ऊपर गहरा प्रभाव पड़ा। इसी वजह से उन्होंने भक्ति और आध्यात्म का मार्ग चुना। 

पलक किशोरी की कथाएं |Palak Kishori Katha 

पलक किशोरी (Palak Kishori) मध्य प्रदेश के सतना की एक 19 वर्षीय कथावाचिका हैं जो अपनी भागवत कथा और प्रवचनों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। उन्होंने प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी से प्रेरणा लेते हुए, बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के भागवत कथा का अध्ययन शुरू किया।

पलक किशोरी (Palak Kishori) ने 2020 में कोरोना काल के दौरान पहली बार भगवान कृष्ण पर दो घंटे की कथा की थी, जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान टीवी शो देखकर और घर पर अध्ययन करके भागवत कथा सीखी।

पलक अपनी मधुर आवाज, स्पष्ट उच्चारण और प्रेरक प्रस्तुतियों के चलते बहुत जल्दी लोकप्रिय हो गईं। उन्होंने रीवा के लखौरी बाग मंदिर और सतना के वेंकटेश भगवान मंदिर सहित कई स्थानों पर भागवत कथा और प्रवचन दिए हैं, जिन्हें सुनने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। पलक किशोरी का मकसद भगवान श्री कृष्ण के विचारों को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है। वे व्यक्तिगत लाभ पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय दुनिया को देने के उनके संदेश को मूर्त रूप देना चाहती हैं। उनकी कथा और भक्तिमय गायन सभी आयु वर्ग के श्रोताओं को प्रेरित करते हैं और उन्हें भगवान श्री कृष्ण के प्रति समर्पित करते हैं। कई लोग पलक किशोरी की तुलना उनकी प्रेरणा स्रोत जया किशोरी से करते हैं, जिसे वे एक बड़ी प्रशंसा मानती हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उनकी सराहना की है। 

पलक का मानना है कि उनकी शैली जया किशोरी के समान है और वे उन्हें अपना आदर्श मानती हैं।

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पलक किशोरी की कथा फीस | Palak Kishori Ki Katha Fees 

नवभारत टाइम्स के अनुसार, पलक मिश्रा अभी तक अपनी कथाओं के लिए कोई निश्चित शुल्क नहीं लेतीं। वे अपनी कथाओं को सोशल मीडिया पर साझा करके और कार्यक्रमों में प्रस्तुति देकर लोकप्रियता हासिल कर रही हैं। जो लोग उनकी कथाओं को सुनने आते हैं, वे स्वेच्छा से दान देते हैं, लेकिन पलक इसके लिए कोई निर्धारित शुल्क नहीं रखतीं। 

पलक किशोरी और जया किशोरी के बीच क्या संबंध है? What is the Relation Between Palak Kishori and Jaya Kishori?

पलक किशोरी (Palak Kishori) एक उभरती हुई कथावाचक हैं जो अपनी कम उम्र में ही जया किशोरी जैसी प्रसिद्ध कथावाचक की तरह लोकप्रिय हो रही हैं। 

पलक किशोरी (Palak Kishori) को बचपन से ही धार्मिक कथाओं और भागवत पुराण (Bhagwat Puran) में रुचि थी। उन्होंने जया किशोरी (Jaya Kishori) के वीडियो देखकर कथा वाचन की कला सीखी और उन्हें अपना आदर्श माना। जया किशोरी के प्रेरणा से ही पलक ने कथा वाचन शुरू किया। 

पलक किशोरी (Palak Kishori) न केवल अपनी कथा वाचन शैली में बल्कि अपने रूप-रंग और सौंदर्य में भी जया किशोरी की तरह दिखती हैं। इसलिए लोग उन्हें जया किशोरी की हमशक्ल या छोटी जया किशोरी (Jaya Kishori) कहते हैं। हालांकि पलक किशोरी जया किशोरी की प्रशंसक हैं और उनसे प्रेरित हैं, लेकिन दोनों के बीच कोई निजी या पारिवारिक संबंध नहीं है। पलक किशोरी एक प्रतिभाशाली युवा कथावाचक हैं जो अपनी मेहनत और लगन से इस क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। वह जया किशोरी की तरह ही लोगों को प्रेरित और प्रभावित कर रही हैं।

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पलक किशोरी (Palak Kishori) का असली नाम शांभवी मिश्रा है। वह मध्य प्रदेश के रीवा जिले की रहने वाली हैं और अभी 17 साल की हैं। 

पलक किशोरी जी भजन (Palak Kishori Bhajan)

Conclusion:

पलक किशोरी (Palak Kishori) का उदय एक युवा प्रतिभा के रूप में हुआ है, जिन्होंने अपनी सादगी और लगन से लोगों के दिलों को छुआ है। महज 17 साल की उम्र में भागवत कथा (Bhagwat Katha) के माध्यम से वे भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) के संदेशों को आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं। पलक किशोरी (Palak Kishori) जी से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को ही एक बार जरूर पढ़िएगा और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’s:

Q. पलक किशोरी जी का जन्म कहाँ हुआ था?

Ans. पलक किशोरी जी का जन्म 10 जुलाई 2006 को मध्य प्रदेश के सतना जिले के रीवा शहर में हुआ था।

Q. पलक किशोरी जी किस प्रसिद्ध कथावाचिका से प्रेरित हैं?

Ans. पलक किशोरी जी प्रसिद्ध कथावाचिका जया किशोरी जी से प्रेरित हैं।

Q. पलक किशोरी जी की शिक्षा कहाँ से हुई?

Ans. पलक किशोरी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के ही एक स्कूल से प्राप्त की।

Q. पलक किशोरी जी का जीवन का उद्देश्य क्या है?

Ans. पलक किशोरी जी का जीवन का उद्देश्य लोगों को भक्ति और आध्यात्मिकता के मार्ग पर ले जाना है।

Q. पलक किशोरी जी की कथा वाचन की विशेषता क्या है?

Ans. पलक किशोरी जी की कथा वाचन सरल, सहज और रोचक भाषा में होती है। वे अपनी बातों को लोगों तक पहुंचाने के लिए हास्य और उदाहरणों का भी प्रयोग करती हैं।

Q. पलक किशोरी जी किस भाषा में कथा वाचन करती हैं?

Ans. पलक किशोरी जी हिंदी भाषा में कथा वाचन करती हैं।