Guru Grah Upay: बृहस्पति ग्रह – ज्योतिष में सौभाग्य, समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक। परंतु जब यह ग्रह कमज़ोर पड़ जाता है, तो जीवन में अनेक परेशानियाँ और बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। क्या आप जानते हैं कि बृहस्पति ग्रह (jupiter planet) के कमज़ोर होने के क्या संकेत और परिणाम होते हैं? क्या आपको पता है कि इस स्थिति से निपटने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
इस लेख में हम गहराई से जानेंगे कि जब हमारी कुंडली में बृहस्पति ग्रह दुर्बल हो जाता है तो इसके क्या लक्षण दिखाई देते हैं। साथ ही, हम समझेंगे कि ऐसा क्यों होता है और इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है। चाहे आप ज्योतिष के विद्यार्थी हों, या फिर अपने जीवन में सुख-शांति और उन्नति चाहते हों – यह जानकारी आपके लिए अत्यंत मूल्यवान साबित होगी।
तो चलिए, बिना देर किए जानते हैं कि कैसे पहचानें बृहस्पति के कमज़ोर होने के संकेत, और उन पर काबू पाने के लिए क्या करें। आपके लिए यह एक रोचक और ज्ञानवर्धक यात्रा होगी। तो तैयार हो जाइए, क्योंकि हम शुरू कर रहे हैं बृहस्पति ग्रह के रहस्यों को उजागर करने की यह दिलचस्प यात्रा!
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गुरु खराब होने के लक्षण और उपाय (Symptoms and remedies of Guru being spoiled)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह (Jupiter planet) का महत्वपूर्ण स्थान होता है। ज्ञान, बुद्धि, आध्यात्मिक विकास, और संपत्ति के ग्रह के रूप में जाने जाने वाले गुरु (jupiter), जब किसी की कुंडली (Horoscope) में कमजोर होते हैं, तो वे व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
गुरु ग्रह (Jupiter planet) के कमजोर होने के लक्षणों में आत्मविश्वास की कमी, निर्णय लेने में कठिनाई, परिवारीक विवाद, आर्थिक हानियाँ, और सामग्रिक सफलता के बावजूद जीवन में संतोष (Satisfaction) की कमी शामिल हैं इनके अलावा, गुरु ग्रह के खराब होने के अन्य लक्षणों में शिर के मुकुट से बालों का झड़ना, गले में दर्द, और अन्य बीमारियों का सामना करना शामिल है।
इसके उपाय के रूप में, गुरुवार के व्रत का पालन करने, ओम ग्रम ग्रीम ग्रौम सह गुरवे नमः मंत्र का जाप करने, और बेसन, चना, और घी के लड्डू आहार में शामिल करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, विश्णु भगवान की पूजा, गुरु मंत्र “ओम बृं बृहस्पतये नमः” का जाप, और मंगलवार को हल्दी के साथ स्नान करने की सलाह दी गई है। लाल किताब (Lal kitab) के अनुसार, स्वर्ण की अंगूठी धारण करने, गायत्री मंत्र या बृहस्पति (jupiter) स्तोत्र का नित्य उच्चारण, और नीम का पेड़ लगाने और उसकी देखभाल करने से भी गुरु ग्रह (Jupiter planet) को मजबूत किया जा सकता है।
इस प्रकार, गुरु ग्रह (Jupiter planet) के कमजोर होने के लक्षणों और उपायों की जानकारी व्यक्ति को अपने जीवन की समस्याओं का सामना करने में सहायता कर सकती है।
गुरु खराब होने के उपाय (Remedies for Spoilage of Guru)
- गुरु मंत्र का जाप करें: “ऊं बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से गुरु (Jupiter) ग्रह की शक्ति बढ़ती है। विशेषकर गुरुवार को इस मंत्र का जाप करना लाभदायक होता है।
- गुरु यंत्र का उपयोग: अपने घर या ऑफिस में गुरु(Jupiter) यंत्र स्थापित करने से बृहस्पति की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और व्यापार में लाभ मिलता है।
- पीले रंग का प्रयोग: गुरुवार को पीले वस्त्र पहनना, पीले फल जैसे केले या छोले का सेवन करना गुरु (Jupiter) ग्रह को प्रसन्न करता है। घर में पीतल के बर्तन रखना भी शुभ माना जाता है।
- दान-पुण्य के कार्य: गुरुवार को धान्य, गुड़, हल्दी आदि का दान करने से गुरु (Jupiter) ग्रह प्रसन्न होते हैं। शैक्षणिक संस्थानों व धार्मिक संगठनों में दान देना भी लाभकारी होता है।
- तिजोरी में हल्दी रखें: घर की तिजोरी या ईशान कोण में सफेद कपड़े में बंधी हल्दी की गांठ रखने से गुरु (Jupiter) ग्रह मजबूत होता है।
- पीपल वृक्ष की पूजा: नियमित रूप से पीपल वृक्ष में जल चढ़ाने और पूजा करने से गुरु (Jupiter) ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
- सोने के आभूषण धारण करें: हाथों में सोने की अंगूठी या कलाई में सोने की चूड़ी पहनने से गुरु (Jupiter) ग्रह मजबूत होता है और जीवन में धन-संपदा की कमी नहीं होती।
- सत्य व नैतिकता का पालन: हमेशा सच बोलना और अपने आचरण को शुद्ध रखना गुरु (Jupiter) ग्रह को शुभ फल देने के लिए प्रेरित करता है।
- गुरुजनों का सम्मान: अपने पिता, दादा और गुरु (Jupiter) के प्रति श्रद्धा रखना, उनके पैर छूना और आशीर्वाद लेना गुरु (Jupiter) ग्रह को मजबूत बनाता है।
- घर में धूप-दीप: प्रतिदिन सुबह-शाम घर में धूप, दीप जलाना और कपूर का धुआं देना गुरु ग्रह के लिए शुभ माना जाता है।
इन वास्तु उपायों को अपनाकर गुरु (Jupiter) ग्रह को मजबूत किया जा सकता है और उसके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि किसी भी उपाय को करने से पहले एक कुशल ज्योतिषी या वास्तु (Vastu) विशेषज्ञ (Expert) से परामर्श लेना उचित होगा।
गुरु ख़राब होने के लक्षण (Symptoms of Jupiter being weak)
गुरु ग्रह(Jupiter), जिसे हम ज्योतिष में ब्रिहस्पति के नाम से जानते हैं, एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। यदि यह ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर स्थिति में होता है, तो उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं गुरु (Jupiter) ग्रह के कमजोर होने के कुछ प्रमुख लक्षण:
- शिक्षा और ज्ञान: गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति से व्यक्ति की शिक्षा और सीखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। वे संकल्पनाओं को समझने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं या अपनी पढ़ाई पूरी करने में सक्षम नहीं हो सकते।
- विवाह और पारिवारिक जीवन: गुरु (Jupiter) ग्रह की खराब स्थिति से व्यक्ति के विवाह (Vivah) और पारिवारिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सुयोग्य साथी की खोज में बाधाएं आ सकती हैं, और विवाहित जीवन में मुद्दे हो सकते हैं।
- व्यक्तिगत विशेषताएं: कमजोर गुरु (Jupiter) ग्रह किसी व्यक्ति को असभ्य और अपरिष्कृत बना सकता है। वे अपने प्रयासों में सफलता (Success) प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, और वे अपने काम में विभिन्न बाधाओं का सामना कर सकते हैं।
- धन: कमजोर गुरु (Jupiter) ग्रह एक व्यक्ति की वित्तीय स्थिति पर भी प्रभाव डाल सकता है। वे धन संचय करने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं, और वे वित्तीय हानि का सामना कर सकते हैं।
- बच्चों और संबंधों से जुड़ी समस्याएं: गुरु (Jupiter) ग्रह की खराब स्थिति से व्यक्ति के अपने बच्चों और अन्य प्रियजनों के साथ संबंधों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वे व्यक्तिगत जीवन में धोखा और अन्य मुद्दों का अनुभव कर सकते हैं।
- स्वास्थ्य: कमजोर गुरु (Jupiter) ग्रह एक व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। वे पाचन समस्याओं, श्वसन समस्याओं, और अन्य शारीरिक रोगों का अनुभव कर सकते हैं।
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गुरु कमजोर होने के लक्षण (Symptoms of Bad Guru)
हिन्दू ज्योतिष में, गुरु ग्रह (Jupiter) की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यह बुद्धि (Intelligence) और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। जब गुरु (Jupiter) ग्रह कुंडली में कमजोर होता है, तो व्यक्ति की जीवन में विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
स्वयं के प्रति आत्मविश्वास (Self-confidence) की कमी, निर्णय सामर्थ्य में कमी, परिवार के विवाद, धन संबंधी हानियाँ, और जीवन में संतोष (satisfaction) की कमी, इन सभी चीजों को गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति के लक्षण माना जाता है। ऐसे व्यक्ति को निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है और उसे परिवार के विवाद (Controversy) और विरासत संबंधी कानूनी मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। उसके पास धन होने के बावजूद, वह वित्तीय हानि का सामना कर सकता है। वह अपनी संपत्ति (Property) और उपलब्धियों का आनंद नहीं ले पाता है, और उसे बच्चों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
गुरु (Jupiter) की कमजोर स्थिति के लक्षणों में अनावश्यक खर्च करने की प्रवृत्ति भी शामिल हो सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि इन लक्षणों को समझा जाए और उचित उपचार किए जाएं, ताकि गुरु ग्रह को कुंडली में मजबूत किया जा सके।
बृहस्पति खराब होने के लक्षण (Symptoms of Jupiter’s Deterioration)
वैदिक ज्योतिष में, गुरु (Jupiter) ग्रह को सभी देवताओं का गुरु माना जाता है, जो ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक वृद्धि का दाता होता है। यदि गुरु ग्रह कुंडली में कमजोर या खराब होता है, तो व्यक्ति ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करने में कठिनाई से गुजर सकता है
गुरु (Jupiter) ग्रह के कमजोर होने के नौ लक्षण हैं, ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति में कठिनाई, शिक्षा में देरी या बाधाएं, एकाग्रता और स्मृति शक्ति की कमी, अध्ययन में अनिच्छा, वास्तविकता से बचने और काल्पनिक दुनिया में जीने की प्रवृत्ति, नशीली वस्तुओं की लत और अवसाद, शिक्षकों और बड़ों का सम्मान न करना, नैतिक मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों की कमी, और अहंकार और अभिमान। यदि गुरु (Jupiter) कमजोर होता है, तो व्यक्ति स्वयं को आत्मविश्वास हीन पाता है, निर्णय लेने में कठिनाई होती है, परिवार के विवादों और धन की हानि का सामना करना पड़ता है, और जीवन में संतोष (satisfaction) की कमी महसूस होती है। यदि इन लक्षणों में से कोई भी अनुभव होता है, तो व्यक्ति को अपनी कुंडली में गुरु की स्थिति का निर्धारण करने के लिए एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना चाहिए।
गुरु कमजोर होने के लक्षण (Symptoms of Jupiter being Weak)
गुरु (Jupiter) ग्रह के कमजोर होने के दो प्रमुख लक्षण हैं जो व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करते हैं:
- ज्ञान और बुद्धि का ह्रास: गुरु (Jupiter) को ज्ञान और विवेक का कारक माना जाता है। जब यह ग्रह कमजोर होता है, तो व्यक्ति के ज्ञान और समझ पर इसका गहरा असर पड़ता है। शिक्षा में बाधाएँ आती हैं, और व्यक्ति को पढ़ाई (studies) पूरी करने में कठिनाई होती है। फैसले लेने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है और व्यक्ति हिचकिचाहट महसूस करता है। उसके विचार अस्पष्ट और अव्यवस्थित हो जाते हैं। बड़ों और गुरुजनों का सम्मान करने की भावना में कमी आ जाती है। बुद्धि (intelligence) के इस ह्रास के कारण व्यक्ति गलत निर्णय ले सकता है जिससे उसके जीवन पर दूरगामी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह की कमजोरी से व्यक्ति संस्कारहीन और चरित्रहीन (characterless) भी हो सकता है।
- जीवन में अवरोध और देरी: एक मजबूत गुरु (Jupiter) ग्रह व्यक्ति को जीवन में सफलता (success), यश और सम्मान दिलाता है। परन्तु जब यह ग्रह कमजोर होता है, तो व्यक्ति को हर कदम पर बाधाओं का सामना करना पड़ता है। किसी भी काम को पूरा करने में असामान्य देरी होती है। चाहे वह पढ़ाई हो, नौकरी हो या व्यवसाय (Business), हर क्षेत्र में अड़चनें आती हैं और प्रगति अवरुद्ध हो जाती है। पारिवारिक जीवन भी इससे अछूता नहीं रहता। गुरु दोष के कारण विवाह (Vivah) में देरी हो सकती है और वैवाहिक जीवन में तनाव आ सकते हैं, आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। व्यक्ति भले ही कड़ी मेहनत करे, पर उसे अपेक्षित धन और सम्पत्ति हासिल करने में दिक्कतें आती हैं। इतना ही नहीं, गुरु के कमजोर होने से व्यक्ति को अपने ही लोगों से विश्वासघात का सामना करना पड़ सकता है।
गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के उपाय
बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को हिंदू ज्योतिष में एक बहुत ही शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। यह सुख, समृद्धि, विवाह, संतान और सफलता (success) का कारक होता है। हालांकि, यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति (Jupiter) कमजोर हो तो उसे शिक्षा, सम्मान (respect) और आर्थिक मामलों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को प्रसन्न रखने और मजबूत बनाने के लिए गुरुवार के दिन कुछ उपाय करने चाहिए, जो भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है। इन उपायों में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और लक्ष्मी की पूजा करना, “ॐ गुरवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना, जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और पीली वस्तुएं दान करना शामिल हैं।पीला नीलम या पुखराज रत्न पहनने से भी बृहस्पति (Jupiter) ग्रह मजबूत होता है। इसके अलावा “बृहस्पति स्तोत्र” या “विष्णु सहस्रनाम” का पाठ करना, गैर-शाकाहारी भोजन, शराब और तंबाकू से परहेज करना भी लाभकारी होता है। वट वृक्ष (Banyan Tree) लगाना और उसकी देखभाल करना, बुजुर्गों और बच्चों की सेवा करना तथा गुरुवार को बहस या गुस्सा करने से बचना भी बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को प्रसन्न करने के उपाय हैं।इन उपायों को करने से जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है, शिक्षा और करियर में सफलता (success) मिलती है और अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है।
इसके अतिरिक्त, नहाने के पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करना, केले के पेड़ की जड़ में जल, दीपक, चने की दाल, गुड़ और हल्दी चढ़ाना भी बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को मनाने के प्रभावी उपाय हैं।केले के पेड़ की जड़ को “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों सः गुरुवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करके पीले कपड़े में बांधकर गुरुवार को गले में धारण करने से भी बृहस्पति (Jupiter) ग्रह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
गुरु ग्रह से होने वाले रोग (Diseases caused by Jupiter)
गुरु ग्रह खराब होने से व्यक्ति को निम्नलिखित रोग हो सकते हैं:
- मोटापा: गुरु (Jupiter) ग्रह के खराब होने से व्यक्ति को मोटापे की समस्या हो सकती है। अत्यधिक वजन बढ़ने से शरीर पर नकारात्मक (negative) प्रभाव पड़ता है और कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- गठिया: कमजोर गुरु (Jupiter) ग्रह के कारण व्यक्ति को गठिया रोग हो सकता है। इससे जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न (stiff) जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं जो चलने-फिरने में परेशानी पैदा करती हैं।
- कब्ज: गुरु (Jupiter) ग्रह के प्रभाव से पाचन तंत्र प्रभावित होता है जिससे कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकती है। इससे पेट फूलना, भूख न लगना और मल त्याग में कठिनाई जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
- कमर और जोड़ों का दर्द: गुरु (Jupiter) ग्रह खराब होने पर व्यक्ति को कमर दर्द और जोड़ों के दर्द की शिकायत रह सकती है। यह समस्या लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने पर और अधिक बढ़ जाती है।
- पेट संबंधी रोग: अशुभ गुरु (Jupiter) ग्रह के कारण पेट संबंधी विभिन्न रोग हो सकते हैं। अपच, गैस, एसिडिटी और पेट (stomach) में दर्द जैसी समस्याएं आम हो सकती हैं।
- सांस और फेफड़ों की बीमारी: नीच का गुरु होने से सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इससे सांस फूलना, खांसी और छाती में जकड़न महसूस हो सकती है।
बृहस्पति के उपाय लाल किताब (Remedies for Jupiter Lal Kitab)
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को ग्यान, न्याय, धर्म और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि यह कमजोर हो जाता है, तो उसके सकारात्मक (positive) प्रभाव कम हो जाते हैं। लाल किताब एक अद्वितीय ज्योतिषीय पाठ्यक्रम, जिसका मुख्य ध्यान उपायों पर होता है, बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को शांत और मजबूत करने के विभिन्न तरीके प्रदान करता है। यदि बृहस्पति (Jupiter) ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को शिक्षा में बाधाएं, आँखों में दर्द, नकारात्मक (Negative) अफवाहें, गले की बीमारियां, और श्वसन समस्याएं हो सकती हैं। इसके उपचार के लिए, लाल किताब (Lal kitab) निम्नलिखित उपाय सुझाती है:
- माथे पर हल्दी (turmeric) का तिलक लगाएं।
- पीले कपड़े या कागज में केसर (Saffron) रखें।
- पीले रंग के कपड़े पहनें।
- घर में पीले रंग के पर्दे लटकाएं।
- घर में सूरजमुखी (सनफ्लावर) का पौधा लगाएं।
- सोने के आभूषण पहनें या सोने का सिक्का रखें।
- रोजाना “ॐ ब्रिम बृहस्पतये नमः” जप करें।
- भगवान विष्णु और देवी सरस्वती की पूजा करें।
- गुरुवार को खाना, कपड़े, और किताबें दान करें।
- गुरुवार को गायों को अनाज, गुड़, और हल्दी खिलाएं।
इनके अतिरिक्त, गुरुवार को व्रत रखना, बृहस्पति की पूजा करना, और दान करना भी बृहस्पति (Jupiter) ग्रह के नकारात्मक (Negative) प्रभावों को कम कर सकता है।इसके साथ ही, बड़ों, गुरुओं, और आध्यात्मिक नेताओं का सम्मान करना बृहस्पति के प्रभाव को बढ़ावा दे सकता है।
कमजोर बृहस्पति के उपाय
कुंडली में कमजोर बृहस्पति के उपाय:
- शिव उपासना: बृहस्पति (Jupiter) को गुरु पद भगवान शिव से प्राप्त हुआ है। अतः शिव (shiva) उपासना करने से बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है। महीने में एक दिन पंचामृत अभिषेक करें।
- बृहस्पति मंत्र का जाप: “ॐ ब्रीं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करने से बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।
- पीले वस्त्र धारण करना: बृहस्पति का रंग पीला होता है। गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने से बृहस्पति मजबूत होता है।
- गुरुवार को दान करना: गुरुवार के दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से बृहस्पति (Jupiter) की स्थिति मजबूत होती है।
- पुखराज धारण करना: पुखराज रत्न धारण करने से बृहस्पति (Jupiter) मजबूत होता है। हालांकि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए।
- गायत्री मंत्र का जाप: गायत्री मंत्र के जाप से बृहस्पति (Jupiter) की स्थिति मजबूत होती है और बुद्धि का विकास होता है।
- बड़ों का सम्मान करना: बृहस्पति को ज्ञान और बड़ों के प्रति सम्मान से जोड़ा जाता है। बड़ों का सम्मान करना और उनसे सीखना बृहस्पति (Jupiter) को मजबूत करता है।
- सूर्य नमस्कार करना: सूर्य नमस्कार करने से बृहस्पति (Jupiter) की स्थिति मजबूत होती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके अलावा, प्रतिदिन सुबह हल्दी मिले जल से सूर्य (Surya) को अर्घ्य देना और बरगद के पेड़ में नियमित रूप से जल चढ़ाना भी बृहस्पति को मजबूत करने के उपाय हैं।
बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने का उपाय (Remedy to strengthen planet Jupiter)
- हल्दी (turmeric) के साथ स्नान: गुरुवार को हल्दी के साथ स्नान करने से बृहस्पति (Jupiter) ग्रह की शक्ति बढ़ती है। स्नान के बाद पीले या हल्के रंग के कपड़े पहनने से इसका प्रभाव और बढ़ता है।
- बृहस्पति मंत्र का जप: गुरुवार को “ॐ ब्रिं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जप करने से बृहस्पति (Jupiter) ग्रह की शक्ति बढ़ती है। इससे आपकी कुंडली मजबूत होती है और आपके जीवन में समृद्धि, धन और खुशी आती है।
- केले का पेड़ लगाएं: गुरुवार को केले का पेड़ लगाकर उसकी पूजा करने से बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को शांत किया जा सकता है और इसकी शक्ति बढ़ सकती है। यह आपके जीवन में समृद्धि, खुशी और सफलता ला सकता है।
- पीले वस्त्र दान करें: गुरुवार को पीले वस्त्र, हल्दी, केला आदि पीले वस्त्र का दान करने से बृहस्पति (Jupiter) ग्रह की शक्ति बढ़ती है। यह आपके जीवन में शुभ फल, धन और खुशी ला सकता है।
- बृहस्पति व्रत का पालन करें: गुरुवार को बृहस्पति व्रत का पालन करने से बृहस्पति ग्रह को शांत किया जा सकता है और इसकी शक्ति बढ़ सकती है। यह आपके जीवन में शुभ (subh) फल, धन और खुशी ला सकता है।
- गुरुवार को नाखून या बाल ना काटें: गुरुवार को नाखून या बाल काटने से बृहस्पति ग्रह को क्रोधित किया जा सकता है और इसकी शक्ति कम हो सकती है। इसलिए, गुरुवार को नाखून (Nails) या बाल काटने से बचना चाहिए।
इनके अलावा, चने की दाल, उड़द की दाल और घी से बने लड्डू का सेवन करने और पीला पुखराज पहनने से भी बृहस्पति ग्रह को मजबूत किया जा सकता है।लेकिन, किसी भी रत्न को पहनने से पहले एक प्रमाणित ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
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Conclusion:
बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को मजबूत करने के लिए, उपायों के साथ-साथ सकारात्मक (Positive) सोच, नैतिक जीवन और परोपकार का भी महत्व है। अगर आपको हमारा यह विशेष लेख पसंद आया हो तो कृपया हमारे अन्य सभी लेख को भी एक बार जरूर पढ़िए, इस लेख से उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो उन प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए हम आपके प्रश्नों का हर संभव जवाब देने का प्रयास करेंगे ऐसे ही और भी रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q.बृहस्पति ग्रह को ज्योतिष में क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
Ans.बृहस्पति ग्रह को ज्योतिष में सुख, वैभव, धन, वैवाहिक जीवन, संतान और विवाह का कारक ग्रह माना गया है। यह सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है और देवताओं का गुरु भी कहलाता है।
Q.बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव क्या हैं?
Ans.कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभ होने पर व्यक्ति को सिर के बाल उड़ने, सांस या फेफड़ों के रोग, अनावश्यक शत्रु बनने, गृह क्लेश, धनहानि, शिक्षा रुकना, सोने की वस्तु खोना, समाज में मान-सम्मान घटना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
Q.बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए गुरुवार को क्या करना चाहिए?
Ans.बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना और व्रत करना शुभ माना जाता है। इस दिन हल्दी मिश्रित पानी से स्नान करना, पीले वस्त्र पहनना, केले के पेड़ की पूजा करना और पीली वस्तुओं का दान करना लाभकारी होता है।
Q.गुरुवार को किन कामों से बचना चाहिए?
Ans.ज्योतिष के अनुसार गुरुवार को किसी को उधार देना या लेना नहीं चाहिए। ऐसा करने से जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह निर्बल हो जाता है और आर्थिक तंगी आ सकती है।
Q.शिक्षा और करियर में सफलता पाने के लिए बृहस्पति ग्रह के क्या उपाय हैं?
Ans.शिक्षा और करियर में सफलता के लिए गुरुवार को पीली वस्तुओं जैसे हल्दी, चना, पीले फल, सोना आदि का दान करना चाहिए।
Q.स्वास्थ्य में सुधार के लिए बृहस्पति ग्रह के क्या उपाय हैं?
Ans.स्वास्थ्य में सुधार के लिए गुरुवार को केले के वृक्ष की पूजा के बाद भगवान सत्यनारायण या बृहस्पतिवार की कथा सुननी चाहिए।