Famous Temple of Barmer: बाड़मेर (Barmer), राजस्थान (Rajasthan) के पश्चिमी सीमा पर स्थित एक ऐसा शहर है जो अपने समृद्ध इतिहास, विविध संस्कृति और प्राचीन धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यह रेगिस्तान का शहर न केवल अपनी खूबसूरत हवेलियों और किलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के जैन और हिंदू मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
बाड़मेर (Barmer) के जैन मंदिर अपनी कलात्मक नक्काशी, भव्य शिखरों और मनमोहक मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों में से कई सदियों पुराने हैं और जैन धर्म के इतिहास और परंपराओं को दर्शाते हैं। दूसरी ओर, हिंदू मंदिर अपने रंगीन फ्रेस्को, पौराणिक कथाओं से सजी दीवारों और प्रभावशाली गर्भगृहों के लिए प्रसिद्ध हैं। ये मंदिर हिंदू देवी-देवताओं की विविधता और समृद्ध पौराणिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। इन मंदिरों की यात्रा न केवल आपको आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव करने का अवसर देती है, बल्कि आपको बाड़मेर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक प्रतिभा की एक झलक भी देती है।
तो आइए, हम एक यात्रा पर निकलते हैं और बाड़मेर के इन अद्भुत जैन और हिंदू मंदिरों की खूबसूरती और महत्व को खोजते हैं। इस लेख में हम कुछ प्रमुख मंदिरों की विस्तृत जानकारी देंगे और उनकी अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालेंगे।
List of Famous Temples in Barmer
S.NO | मंदिरों के नाम | स्थान (बाड़मेर) |
1 | मां रानी भटियाणी मंदिर | श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल, बाड़मेर,राजस्थान – 344024 |
2 | आसोतरा ब्रह्माधाम मंदिर | खेतारामजी की पोल, बाड़मेर, राजस्थान 344022 |
3 | किराडू मंदिर | सिहानी, बाड़मेर, राजस्थान 344502 |
4 | श्री नाकोड़ा जैन मंदिर | नाकोड़ा, बाड़मेर, राजस्थान 344024 |
5 | देवका सूर्य मंदिर | देवका, बाड़मेर, राजस्थान 344705 |
6 | चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन मंदिर | निटौरा, जिला – सिरोही, बाड़मेर (राजस्थान) |
7 | विष्णु मंदिर | बाड़मेर, राजस्थान 302005 |
1. मां रानी भटियाणी मंदिर (Maa Rani Bhatiyani Temple)
जसोल गाँव में स्थित मां राणी भटियाणी का मंदिर (Maa Rani Bhatiyani Temple) बाड़मेर जिले की एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इस मंदिर की देवी को स्थानीय लोग प्यार से ‘माजीसा’ कहकर पुकारते हैं।
कहा जाता है कि राणी भटियाणी मूल रूप से जैसलमेर की एक राजपूत राजकुमारी थीं, जिनका विवाह राजपूत राजकुमार कल्याण सिंह से हुआ था। परन्तु कल्याण सिंह ने किसी अन्य स्त्री से विवाह करने की इच्छा जताई और राणी भटियाणी को मारने की साजिश रची। उन्होंने यह अफवाह फैलाई कि वे युद्ध में मारे गए हैं। इस झूठी खबर पर विश्वास करके राणी भटियाणी ने सती प्रथा का पालन करते हुए अपने पति की चिता में कूद गईं। उनकी मृत्यु के बाद कल्याण सिंह के परिवार पर कई विपत्तियां आईं। राणी भटियाणी की आत्मा को शांत करने के लिए उनके सम्मान में एक मंदिर का निर्माण किया गया, जिसे राणी भटियाणी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
मंगनियार समुदाय के लोग इस मंदिर में विशेष आस्था रखते हैं। उनका मानना है कि मां राणी भटियाणी ने एक भक्त को दिव्य दर्शन दिए थे। आज यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है, जहां दूर-दूर से लोग देवी के आशीर्वाद पाने और भजन-कीर्तन के माध्यम से उनकी पूजा करने के लिए आते हैं।
मां रानी भटियाणी मंदिर के बारे में (About Maa Rani Bhatiyani Temple)
मंदिर का फोन नंबर | +912988240133 |
मंदिर का पता | श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल, राजस्थान – 344024 |
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | https://jasoldham.org/ |
मंदिर का इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल | https://www.instagram.com/jasoldham |
बाड़मेर बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 5.5 किलोमीटर |
बाड़मेर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5 किलोमीटर |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 7.5 किलोमीटर |
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2. आसोतरा ब्रह्माधाम मंदिर (Asotra Brahma Dham Kheteshwar Temple)
श्रीखेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा मंदिर (Asotra Brahma Dham Kheteshwar Temple) राजस्थान के बाड़मेर जिले में बालोतरा उपखण्ड मुख्यालय से 11 किमी दूर जालोर रोड़ पर स्थित है।
यह विश्व का द्वितीय सबसे बड़ा ब्रह्माजी का मंदिर है जहां ब्रह्माजी के संग सावित्री जी प्रतिष्ठित हैं, जिससे यह विश्व का अद्वितीय मंदिर बन जाता है। इस सुंदर मंदिर की स्थापना संत श्री खेतारामजी महाराज ने की थी। उन्होंने 20 अप्रेल 1961 को इस मंदिर का शिलान्यास किया और लगातार 24 वर्षों तक निर्माण कार्य चलता रहा। इस अवधि में संत खेतारामजी ने केवल राजपुरोहित समाज से ही अर्थ संग्रह कर मंदिर निर्माण कार्य पूरा किया।
6 मई 1984 को ब्रह्माजी के मंदिर के गर्भगृह में ब्रह्माजी को सावित्रीजी के साथ युगल रूप में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की गई। मंदिर में अष्टऋषियों की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं जो राजपुरोहित समाज के विभिन्न गोत्रों के प्रवर्तक हैं।
आसोतरा ब्रह्माधाम खेतेश्वर मंदिर के बारे में (About Asotra Brahma Dham Kheteshwar Temple)
मंदिर का फोन नंबर | +912988240133 |
मंदिर का पता | खेतारामजी की पोल, राजस्थान 344022 |
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | https://brahmdhamtirth.org/ |
मंदिर का इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल | https://www.instagram.com/brahmdhamtirth |
बाड़मेर बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 65 किलोमीटर |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 118 किलोमीटर |
बाड़मेर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 60 किलोमीटर |
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3. किराडू मंदिर (Kiradu Temples)
किराडू मंदिर (Kiradu Mandir) राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर समूह है। यह जैसलमेर से लगभग 167 किमी और बाड़मेर शहर से 40 किमी दूर हाथमां गांव के पास स्थित है। किराडू में पांच मंदिरों की एक श्रृंखला है, जिनमें से विष्णु मंदिर और शिव मंदिर (सोमेश्वर मंदिर) अभी भी थोड़े ठीक हालत में हैं, जबकि बाकी मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
इन मंदिरों का निर्माण करीब 1000 ई. में किया गया था। हालांकि इनके निर्माता के बारे में कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन मंदिरों की बनावट शैली को देखते हुए अनुमान लगाया जाता है कि शायद इनका निर्माण दक्षिण के गुर्जर-प्रतिहार वंश, संगम वंश या गुप्त वंश के काल में हुआ होगा।
ये मंदिर अपनी अद्भुत स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध हैं और इसलिए इन्हें ‘राजस्थान का खजुराहो’ भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय शैली में बने ये मंदिर खंभों के सहारे निर्मित हैं और भीतर से दक्षिण के मीनाक्षी मंदिर की याद दिलाते हैं। वहीं इनका बाहरी आवरण खजुराहो की कलात्मक प्रतिमाओं के समतुल्य है।
किराडू मंदिर के बारे में (About Kiradu Temples)
मंदिर का फोन नंबर | 02992252406 |
मंदिर का पता | सिहानी, राजस्थान 344502 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 35 किलोमीटर |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 198 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 530 मीटर |
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4.श्री नाकोड़ा जैन मंदिर (Shri Nakoda Jain Temple)
श्री नाकोड़ा जैन मंदिर (Shri Nakoda Jain Temple) राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है। यह मंदिर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है, जो जैनों के 23वें तीर्थंकर हैं। यह मंदिर अपनी वास्तुकला सुंदरता और पवित्रता के लिए जाना जाता है।
मंदिर की स्थापना तीसरी शताब्दी में हुई थी और तब से इसमें कई नवीनीकरण हुए हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान पार्श्वनाथ की 58 फीट ऊंची प्रतिमा है, जो कमल की मुद्रा में स्थित है। मूल रूप से इस मंदिर को वीरमपुर नगरी के नाम से जाना जाता था और इसका निर्माण वीरसेन और नकोरसन ने किया था। भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा को नकोड़ा गांव से मंदिर में लाया गया था, इसलिए इस मंदिर को नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर नागर शैली की वास्तुकला में बनाया गया है और इसके चारों ओर ऊंची दीवारें हैं, जिसके अंदर कई हॉल और मंदिर हैं। मुख्य मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की काले पत्थर की प्रतिमा है, जो मंदिर का प्राथमिक आकर्षण है। मंदिर में शांतिनाथ स्वामी, 16वें तीर्थंकर और अन्य देवताओं और व्यक्तियों की मूर्तियां भी हैं।
मंदिर जटिल नक्काशी और मूर्तिकला के लिए भी जाना जाता है, जो विभिन्न जैन तीर्थंकरों, देवताओं और अन्य व्यक्तियों को दर्शाते हैं। मंदिर को कई चमत्कारों का स्थल माना जाता है और कहा जाता है कि मंदिर में की गई इच्छाएं पूरी होती हैं। हर साल हजारों जैन तीर्थयात्री प्रार्थना करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर आते हैं।
श्री नाकोड़ा जैन मंदिर के बारे में (About Shri Nakoda Jain Temple)
मंदिर का फोन नंबर | +91 2988 240005 , +91 6375746024 |
मंदिर का पता | नाकोड़ा, राजस्थान 344024 |
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | http://nakodatirth.org/ |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 103 किलोमीटर |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 121 किलोमीटर |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 105 किलोमीटर |
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5. देवका सूर्य मंदिर (Devka Surya Temple)
बाड़मेर जिले में स्थित देवका सूर्य मंदिर (Devka Surya Temple) भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक ऐतिहासिक मंदिर है। इस प्राचीन मंदिर की स्थापना 10वीं शताब्दी में हुई थी।यह राजस्थान के प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक है।
इस मंदिर की वास्तुकला बेहद खूबसूरत और आकर्षक है। यह ओडिशा के प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर की तर्ज पर बना है।मंदिर का मुख्य गर्भगृह सूर्य देव की विशाल प्रतिमा से सुसज्जित है। नक्काशीदार खंभे और मेहराब इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। मंदिर परिसर में एक झरना और कुंड भी है जिसका जल पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इसमें स्नान करने और सूर्य देव के दर्शन करने से सभी पाप धुल जाते हैं। हाल ही में राजस्थान के शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने इस ऐतिहासिक मंदिर का दौरा किया और वहां विकास कार्यों के लिए धनराशि देने की घोषणा की।उन्होंने कहा कि इस धरोहर को संरक्षित रखने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
देवका सूर्य मंदिर के बारे में (About Devka Surya Temple)
मंदिर का फोन नंबर | मंदिर का कोई आधिकारिक नंबर उपलब्ध नहीं है |
मंदिर का पता | देवका, राजस्थान 344705 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 230 किलोमीटर |
बाड़मेर बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 1.5 किलोमीटर |
बाड़मेर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 7.4 किलोमीटर |
6. चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन मंदिर (Chintamani Parshwanath Jain Temple)
चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन मंदिर (Chintamani Parshwanath Jain Temple) राजस्थान के बाड़मेर शहर के पश्चिम में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध जैन मंदिर है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में पहाड़ी चट्टान पर बनाया गया था और भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है, जो जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर हैं।
इस मंदिर को ‘श्री गोडिसा पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की मुख्य विशेषता यहाँ विराजमान पार्श्वनाथ भगवान की लगभग 52 सेंटीमीटर ऊँची, नीले रंग की सात फनों से सुशोभित पद्मासन मुद्रा में बैठी मनमोहक प्रतिमा है। चिंतामणी पार्श्वनाथ मंदिर अपनी शानदार मूर्तियों, नक्काशीदार स्तंभों और आभूषित चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के अंदरूनी हिस्से में कारीगरों द्वारा बनाई गई शीशों की जड़ाई भी दर्शनीय है। यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। मंदिर बाड़मेर रेलवे स्टेशन से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ आसानी से स्थानीय बस, टैक्सी या पैदल पहुंचा जा सकता है। आसपास ठहरने के लिए धर्मशालाएं और भोजनालय भी उपलब्ध हैं।
बाड़मेर राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यह अपने किलों, हवेलियों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन मंदिर बाड़मेर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन मंदिर के बारे में (About Chintamani Parshwanath Jain Temple)
मंदिर का फोन नंबर | मंदिर का कोई आधिकारिक नंबर उपलब्ध नहीं है |
मंदिर का पता | निटौरा, जिला – सिरोही (राजस्थान) |
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | https://www.jainmandir.org |
मंदिर का इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल | https://www.instagram.com/jainmandir_org |
बाड़मेर बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 3.4 किलोमीटर |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 201 किलोमीटर |
बाड़मेर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 1.6 किलोमीटर |
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7. विष्णु मंदिर (Vishnu Temple)
बाड़मेर राजस्थान के सबसे बड़े जिलों में से एक है, जो प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह अपने समृद्ध इतिहास और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है।
बाड़मेर में विष्णु मंदिर (Vishnu Temple) एक प्रमुख आकर्षण है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और प्रशांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मंदिर के चारों ओर एक व्यस्त बाजार है जो पूरे बाड़मेर में प्रसिद्ध है।
हालांकि मंदिर के निर्माण के सटीक समय का पता नहीं है, लेकिन मंदिरों की बनावट को देखकर अनुमान लगाया जाता है कि शायद दक्षिण के गुर्जर-प्रतिहार वंश, संगम वंश या फिर गुप्त वंश के समय में इन मंदिरों का निर्माण हुआ होगा।
विष्णु मंदिर के बारे में (About Vishnu Temple)
मंदिर का फोन नंबर | कोई आधिकारिक नंबर उपलब्ध नहीं है |
मंदिर का पता | बाड़मेर, राजस्थान 302005 |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
Google Map | |
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 200 किलोमीटर |
बाड़मेर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 8.9 किलोमीटर |
बाड़मेर बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 5.8 किलोमीटर |
Conclusion:
बाड़मेर के हिन्दू और जैन मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि पर्यटन स्थल भी हैं। इन मंदिरों में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। बाड़मेर के इन मंदिरों से संबंधित यह बेहद ही खास और धार्मिक लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने सभी परिवारजनों के साथ साझा करें, साथ ही हमारे और भी सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़ें ऐसे ही और लेख के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें
FAQ’s:
Q. गोविंद देव जी मंदिर का राजस्थान में क्या महत्व है?
Ans. गोविंद देव जी मंदिर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। जन्माष्टमी के दिन, जो भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाया जाता है, इस मंदिर में विशेष भीड़ होती है।
Q. अजमेर शरीफ दरगाह में किसकी दफन हुई मान्यता है?
Ans. अजमेर शरीफ दरगाह एक मुस्लिम श्राइन है, जिसे गरीब नवाज या ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की अंतिम विश्राम स्थली माना जाता है।
Q. अजमेर शरीफ दरगाह में उर्स त्यौहार कब मनाया जाता है?
Ans.उर्स त्यौहार अजमेर शरीफ दरगाह में तीन दिनों का आयोजन होता है, जिसे बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है।
Q. एकलिंगजी मंदिर की मुख्य आकर्षण क्या है?
Ans.एकलिंगजी मंदिर की मुख्य आकर्षण भगवान शिव की 50 फीट ऊची काली पत्थर की मूर्ति है।
Q. राजस्थान में एकलिंगजी मंदिर कहाँ स्थित है?
Ans. एकलिंगजी मंदिर राजस्थान के उदयपुर नगर में स्थित है।
Q. गोविंद देव जी मंदिर की वास्तुकला कैसी है?
Ans. गोविंद देव जी मंदिर को 1890 में लाल बालुआ पत्थर से बनाया गया है।