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Garh Ganesh Temple: यह है देश का इकलौता बिना सूंड वाले भगवान गणेश का मंदिर। दर्शन मात्र से पूर्ण हो जाती हैं सभी मनोकामनाएं

गढ़ गणेश मंदिर
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Garh Ganesh Temple: राजस्थान की राजधानी जयपुर, अपनी अद्भुत वास्तुकला, समृद्ध संस्कृति और जीवंत परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहाँ के अनेक ऐतिहासिक स्मारक और धार्मिक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें से एक है गढ़ गणेश मंदिर, जो जयपुर शहर के उत्तर-पश्चिम में, नाहरगढ़ किले के समीप अरावली पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं।

गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) का इतिहास 18वीं शताब्दी का है। यह मंदिर जयपुर के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। यहाँ स्थापित भगवान गणेश (Lord Ganesh) की मूर्ति अत्यंत सुंदर और चमत्कारी मानी जाती है। मंदिर का निर्माण राजस्थानी शैली में किया गया है। मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश (Lord Ganesh) की विशाल प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति विराजमान है।गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) से संबंधित इस विशेष लेख में हम आपको बताएंगे कि गढ़ गणेश मंदिर का इतिहास क्या है?, गढ़ गणेश मंदिर का महत्व क्या है?, गढ़ गणेश मंदिर की वास्तु कला कैसी है?, गढ़ गणेश मंदिर कैसे पहुंचे?, गढ़ गणेश मंदिर का समय क्या है?, इत्यादि! इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़िए।

गढ़ गणेश मंदिर, जयपुर , राजस्थान (Garh Ganesh Temple, Jaipur, Rajasthan )

गढ़ गणेश मंदिर: जयपुर (Jaipur) के कई धार्मिक स्थानों में से गढ़ गणेश मंदिर एक और आध्यात्मिक स्थल है जिसे अक्सर पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान देखने आते हैं। यह अरावली पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में गणेश एक छोटे बच्चे, जिसे पुरुषाकृति कहा जाता है, के रूप में निवास करते हैं।

इस मंदिर की एक और अनोखी बात यह है कि यहां गणेश जी की मूर्ति में सूंड नहीं है क्योंकि वह अपने बाल रूप में बनी है। मंदिर के सभी कार्यों और व्यवस्थाओं की देखभाल औधच्य परिवार द्वारा बहुत सावधानी से की जाती है। दिवाली (Diwali) के बाद पहले बुधवार को मंदिर परिसर में विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं जब अन्न-कूट नामक त्योहार मनाया जाता है। यहां आयोजित होने वाला एक अन्य अवसर पौष बड़े का है जो पौष महीने के आखिरी बुधवार को आयोजित किया जाता है। वर्ष के इस समय में बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में आते हैं। मंदिर में रिद्धि सिद्धि और उनके दो बच्चों शुभ और लाभ की मूर्तियां भी नजर आती हैं। मंत्रों के जाप और धूप की सुगंध से मंदिर के अंदर बहुत ही शांतिपूर्ण माहौल बनता है।

गढ़ गणेश मंदिर का इतिहास (History of Garh Ganesh Temple)

गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple), राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) शहर में स्थित एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर (Ganesh Temple) है। यह मंदिर नाहरगढ़ किले के पास, अरावली पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है, जो इसे जयपुर शहर का एक अद्भुत दृश्य प्रदान करता है। 

अगर इस प्रसिद्ध मंदिर के निर्माण की बात करें तो , गढ़ गणेश मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। ऐसा माना जाता है कि महाराजा ने अश्वमेघ यज्ञ के बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया था। कहा जाता है कि महाराज सवाई जयसिंह द्वितीय को गण गणेश मंदिर अत्यंत प्रिय था वह प्रतिदिन इस मंदिर में दर्शन करने आते थे साथ ही वे सुबह जल्दी उठकर महल की छत पर खड़े होकर  दूरबीन (Telescope) की सहायता से मंदिर के दर्शन किया करते थे।

गढ़ गणेश मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Garh Ganesh Temple)

यह मंदिर जयपुर के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। यहाँ स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति अत्यंत सुंदर और चमत्कारी मानी जाती है। गढ़ गणेश मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। मंदिर का निर्माण राजस्थानी शैली में किया गया है। मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति विराजमान है। गढ़ गणेश मंदिर जयपुर के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर जयपुर शहर की आस्था और समृद्धि का प्रतीक है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

गढ़ गणेश मंदिर का महत्व (Importance of Garh Ganesh Temple)

गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) अपनी अनूठी वास्तुकला (Architecture) और भगवान गणेश (Lord Ganesh) की अनोखी प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और इसमें कई सुंदर मूर्तियां और नक्काशीदार कलाकृतियां हैं। गढ़ गणेश मंदिर में भगवान गणेश (Lord Ganesh) की प्रतिमा को “बाल गणेश” के रूप में जाना जाता है। यह प्रतिमा बिना सूंड वाली है, जो इसे अन्य गणेश प्रतिमाओं से अलग बनाती है। 

गढ़ गणेश मंदिर का महत्व:

धार्मिक महत्व:

  • गढ़ गणेश मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है, इसलिए यह मंदिर छात्रों और विद्यार्थियों के बीच विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

त्यौहार और उत्सव:

  • गढ़ गणेश मंदिर में साल भर कई त्यौहार और उत्सव मनाए जाते हैं। इनमें गणेश चतुर्थी, गणेश जयंती, और दीपावली प्रमुख हैं।

पर्यटन:

  • गढ़ गणेश मंदिर जयपुर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, भगवान गणेश की अनोखी प्रतिमा और धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है।

गढ़ गणेश मंदिर तक कैसे पहुंचे? (How to Reach Garh Ganesh Temple?)

गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) जयपुर (Jaipur) शहर के उत्तर दिशा में, नाहरगढ़ के समीप अरावली पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

गढ़ गणेश मंदिर तक पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं:

पैदल:

  • मंदिर तक पहुंचने का सबसे आसान तरीका पैदल है। मंदिर के नीचे से पहाड़ी पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। यह चढ़ाई थोड़ी कठिन है, लेकिन यह आपको जयपुर शहर का मनोरम दृश्य देखने का मौका देती है।

रोप-वे:

  • यदि आप पैदल चढ़ाई नहीं करना चाहते हैं, तो आप रोप-वे का उपयोग कर सकते हैं। रोप-वे मंदिर के नीचे से शुरू होता है और आपको सीधे मंदिर तक ले जाता है।

टैक्सी या ऑटो:

  • आप टैक्सी या ऑटो करके भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं। टैक्सी और ऑटो जयपुर शहर के किसी भी स्थान से आसानी से उपलब्ध हैं।

बस:

  • जयपुर शहर से गढ़ गणेश मंदिर तक जाने के लिए कई बसें भी चलती हैं। बसें जयपुर के मुख्य बस स्टैंड से शुरू होती हैं और आपको मंदिर के नीचे तक ले जाती हैं।

गढ़ गणेश मंदिर का समय, (Garh Ganesh Temple Timings)

गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) हर दिन सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे  तक खुला रहता है और फिर दोपहर 12:00 से शाम की 4:00 तक बंद रहता है और फिर दोबारा यह मंदिर शाम 4:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। अगर आप भी गण गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) के दर्शन का प्लान बना रहे हैं तो इस समय सारणी को ध्यान में अवश्य रखें। 

1.हर दिन सुबह 7:30 बजेदोपहर 12:00 बजे
2.दोपहर 12:00 से शाम4:00 तक बंद
3.शाम 4:00 बजे सेरात 8:00 बजे तक

गढ़ गणेश मंदिर के रोचक तथ्य (Interesting Facts About Garh Ganesh Temple) 

  • पिंक सिटी के विपरीत इस मंदिर का रंग पीला है।
  • मंदिर तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता 500 मीटर की ट्रैकिंग है।
  • गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) में 365 सीढ़ियाँ हैं, यह सीढ़ियाँ साल के 365 दिनों को दर्शाती हैं।
  • इस मंदिर का निर्माण तांत्रिक अनुष्ठानों से किया गया था।
  • कई सालों से इस मंदिर में बिजली नहीं थी. स्थानीय नेता स्वर्गीय गिरधारी लाल भार्गव के प्रयासों से मंदिर का विद्युतीकरण किया गया था।
  • जयपुर के महाराजा प्रतिदिन सुबह दूरबीन से इस मूर्ति के दर्शन करते थे।

Conclusion:-

गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) जयपुर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह मंदिर अपनी भव्यता, इतिहास और रहस्यों के लिए जाना जाता है। यदि आप जयपुर घूमने जा रहे हैं, तो गढ़ गणेश मंदिर का दर्शन जरूर करें। अगर आपको हमारा यह विशेष लेख पसंद आया हो तो इसे अपने मित्र गणों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’S 

Q.भगवान गणेश का जन्म कैसे हुआ?

Ans. भगवान गणेश का जन्म माता पार्वती के आंशिक शरीर से हुआ था।

Q. भगवान गणेश को ‘गजानन’ क्यों कहा जाता है?

Ans. भगवान गणेश का मस्तक हाथी का है, इसलिए उन्हें ‘गजानन’ कहा जाता है।

Q. भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ क्यों कहा जाता है?

Ans. भगवान गणेश को सभी बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है, इसलिए उन्हें ‘विघ्नहर्ता’ कहा जाता है।

Q. भगवान गणेश को ‘बुद्धि का देवता’ क्यों माना जाता है?

उत्तर: भगवान गणेश को ज्ञान और बुद्धि का देवता माना जाता है।

Q. गढ़ गणेश मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

Ans. गढ़ गणेश मंदिर (Garh Ganesh Temple) में भगवान गणेश के बाल स्वरूप का विग्रह स्थापित है जिसमें भगवान गणेश बिना सुन के दिखाई देते हैं क्योंकि यह विग्रह उनके जन्म के बाद का प्रतीक है ।

Q. गढ़ गणेश मंदिर किस रंग का है?

Ans. गढ़ गणेश मंदिर मंदिर पीले रंग का है।