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Shani Jayanti Puja Vidhi 2024: शनि जयंती व्रत पूजा विधि के बारे में नहीं है जानकारी? इस लेख में जाने पूजा मुहूर्त से लेकर पूजन सामग्री

Shani Jayanti Puja Vidhi 2024
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Shani jayanti Puja vidhi: हिंदू धर्म में देवताओं और ग्रहों की पूजा का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक हैं न्याय के देवता शनि देव, जिनका जन्म दिवस शनि जयंती (Shani Jayanti) के रूप में मनाया जाता है। 

शनि देव (Lord Shanidev) को न्याय का प्रतीक माना जाता है और वे अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। जिस प्रकार सूर्य देव प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत हैं, उसी प्रकार शनि देव हमें अपने कर्मों के प्रति जागरूक करते हैं और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। शनि जयंती (Shani Jayanti) का दिन शनि देव की कृपा पाने और उनकी आराधना करने का सुनहरा अवसर होता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और दान-पुण्य करने का विधान है। मान्यता है कि शनि जयंती पर शनि देव की विधिवत पूजा और आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। साथ ही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जैसी कठिन दशाओं से भी मुक्ति मिलती है।

तो आइए, जानते हैं शनि जयंती (Shani Jayanti) पर शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय और पूजा विधि के बारे में। साथ ही समझते हैं इस पावन दिन का महत्व और इससे जुड़ी मान्यताएं। यह लेख आपको शनि देव पूजन विधि के बारे में विस्तार से बताएगा, तो पढ़ते रहिए यह रोचक और ज्ञानवर्धक लेख….

शनि जयंती व्रत पूजा विधिTable Of Content 

S.NOप्रश्न
1शनि जयंती व्रत पूजा विधि
2क्या है शनि जयंती व्रत
3कैसे करें शनि जयंती व्रत पूजा
4शनि जयंती व्रत पूजा मुहूर्त
5शनि जयंती व्रत पूजन विधि
6शनि जयंती व्रत मुहूर्त
7शनि जयंती व्रत पूजन सामग्री

शनि जयंती व्रत पूजा विधि (Shani Jayanti Puja Vidhi)

शनि जयंती (Shani Jayanti) व्रत की पूजन विधि निम्नलिखित है:

  • पूजा के लिए तैयारी: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जुटाएं, जिसमें शनि देव की तस्वीर या मूर्ति, पूजा थाली, फूल, अगरबत्ती, घंटी, और प्रसाद शामिल हैं।
  • अपने आप को शुद्ध करें: पूजा शुरू करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थल को शुद्ध करें: पूजा करने वाले स्थान को साफ करें और उस पर पवित्र जल या गंगाजल छिड़कें।
  • शनि मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें: शनि देव की मूर्ति या तस्वीर को पूजा थाली पर रखें।
  • प्रसाद चढ़ाएं: शनि देव को प्रसाद चढ़ाएं. इसमें मिठाई, फल, या अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं।
  • अगरबत्ती जलाएं: अगरबत्ती जलाएं और पूजा थाली में घंटी बजाएं, ताकि एक शांत और आध्यात्मिक वातावरण बन सके।
  • मंत्र जपें: “ओम शम शनैश्चर्ये नमः” शनि मंत्र का 108 बार जप करें। इस मंत्र का जपना शनि देव की कृपा को आकर्षित करता है और भक्त को किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बचाता है।
  • पूजा समाप्त करें: शनि देव (Lord Shanidev) के आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देकर पूजा समाप्त करें और उन्हें प्रसाद चढ़ाएं।

शनि जयंती (Shani Jayanti) व्रत का पालन करने से मान्यता है कि शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और यह भक्त को किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव से बचाता है।

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क्या है शनि जयंती व्रत? (Kya Hai Shani Jayanti) 

शनि जयंती (Shani Jayanti) व्रत एक धार्मिक क्रिया है जिसे शनि देव के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और शनि देव (Lord Shanidev) की पूजा आराधना करते हैं. यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है। शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए, भक्त गुरुवार, 06 जून 2024 को इस व्रत का पालन करेंगे। इस व्रत का पालन करने से शनि देव की कठोरता कम होती है और भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहती है। यह व्रत भक्तों के लिए शुभ फलदायी होता है और यह उनके जीवन को सुख-समृद्धि से भर देता है।

कैसे करें शनि जयंती व्रत पूजा (Kaise kare Shani jayanti  puja)

शनि जयंती (Shani Jayanti) के दिन प्रातः काल स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत होकर शनिदेव की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें और नए वस्त्र पहनें। शनिदेव को काले तिल, काले वस्त्र, लोहे की वस्तुएं तथा तेल का दीपक अर्पित करें। शनिदेव को नीले या काले रंग के फूल चढ़ाएं। उनके सामने धूप-दीप जलाएं और शनि स्तोत्र या शनि चालीसा का पाठ करें। शनिदेव (Lord Shanidev) को खीर, चने की दाल और काले तिल का भोग लगाएं। पूजा के पश्चात शनिदेव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें। शनि जयंती के दिन शनिदेव को तेल का दान करना शुभ माना जाता है। व्रत के दौरान एक समय का भोजन करना चाहिए और रात्रि जागरण करना चाहिए। शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा श्रद्धा और भक्तिपूर्वक करनी चाहिए।

शनि जयंती व्रत पूजा मुहूर्त (Shani jayanti Puja Muhurat)

ज्येष्ठ माह की अमावस्या (Amavasya) का दिन शनि जयंती का पावन पर्व लेकर आता है। इस वर्ष, यह शुभ तिथि 5 जून को संध्या 7 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होकर 6 जून को प्रातः 6 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी। अतः शनि जयंती (Shani Jayanti) का महोत्सव 6 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा। इसी विशेष दिन पर, व्रती जन वट सावित्री का व्रत भी रखेंगे, जो अपनी पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना हेतु किया जाता है। शनि जयंती और वट सावित्री व्रत का यह संयोग, ज्येष्ठ अमावस्या को और भी अधिक महत्वपूर्ण और पवित्र बनाता है। इस दिन का हर क्षण भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव लेकर आएगा।

शनि जयंती व्रत पूजन विधि (Shani jayanti Pujan Vidhi)

शनि जयंती (Shani Jayanti) व्रत की पूजन विधि इस प्रकार है:-

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद शनिदेव की लोहे या काले पत्थर की मूर्ति स्थापित करें और सरसों या तिल के तेल से उसका अभिषेक करें।
  • शनि मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:” बोलते हुए शनिदेव की पूजा करें। शनि की कृपा एवं शांति प्राप्ति हेतु काले तिल, काली उड़द, लोहे का टुकड़ा या कील आदि चीजें चढ़ाएं।
  • पूजा थाली में शनिदेव की प्रतिमा या फोटो, शनि चालीसा और शनि देव कथा, काले और नीले रंग के वस्त्र, फूल और माला, तिल का तेल, सरसों का तेल और काले तिल, हवन कुंड, कपूर, पान, सुपारी, दक्षिणा आदि रखें।
  • शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों और स्तोत्र से उनका गुणगान करें। दो महत्वपूर्ण मंत्र हैं – “ॐ शन्नो देवीः शृष्टयापो भवन्तु पितये शम्योरभिस्त्रवन्तु नः” और “ॐ भगभवे विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्”।
  • शनि देव को उड़द और चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं। उसी प्रसाद से अपना व्रत खोलें और शेष प्रसाद भक्तों में बांट दें।]
  • दिन भर उपवास रखें और मंत्र का जप करते रहें। अगर पूर्ण व्रत रखना संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं।
  • शनि जयंती (Shani Jayanti) पर दान-पुण्य और अच्छे कार्य करना भी शुभ माना जाता है। शनि महादशा के दुष्प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन विशेष पूजा करने से लाभ मिलता है।

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शनि जयंती व्रत मुहूर्त (Shani Jayanti Muhurat)

शनि जयंती (Shani Jayanti) का पर्व ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 5 जून को संध्या 7 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 6 जून को सुबह 6 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए, शनि जयंती 6 जून, गुरुवार को मनाई जाएगी। इसी दिन, ज्येष्ठ माह की अमावस्या के अवसर पर वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा।

शनि जयंती व्रत पूजन सामग्री (Shani Jayanti Pujan Samagiri List)

शनि जयंती व्रत (Shani Jayanti Vrat) पूजन सामग्री की सूची कुछ इस प्रकार है:-

S.NOपूजन सामग्री सूची 
1शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर
2काले और नीले वस्त्र
3नीले फूल और फूलों की माला
4सरसों का तेल
5तिल का तेल
6काला तिल
7कपूर, धूप, दीप
8हवन सामग्री और हवन कुंड
9पान, सुपारी
10अक्षत 
11चंदन, गंध
12जल, गंगाजल
13फल, मिठाई
14शमी पत्ता
15शनि चालीसा
16शनिदेव कथा की पुस्तक
17दक्षिणा
18नारियल
19लौंग, इलायची
20काला उड़द
21लोहे की नाल
22तेल में बनीं पूड़ियां

Conclusion:

शनि जयंती (Shani Jayanti) हमें अपने कर्मों के प्रति सचेत रहने और सदैव सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। भगवान शनि की पूजा करके हम उनसे जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। शनि जयंती से संबंधित हमारा यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया ऐसे ही और भी शानदार लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें

FAQ’s :

Q. शनि देव को क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?

Ans. भगवान शनि (Shani Jayanti) को हिंदू धर्म में न्याय और कर्मफल देने वाले प्रमुख देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल देने का अधिकार प्राप्त है। शनि देव को प्रसन्न करने से जीवन में सुख-समृद्धि और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसलिए शनि देव को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।

Q. शनि देव का जन्म कब हुआ था?

Ans. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि देव का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। वे सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं। शनि को जन्म के समय ही काले का प्राप्त हुआ था। उनके भयानक रूप को देखकर सभी देवता डर गए थे।

Q. शनि देव की पूजा का महत्व  बताइये ?

Ans. शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। उनकी कृपा से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शनि देव को प्रसन्न करने से आर्थिक संकट, रोग-व्याधि और अन्य समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसलिए शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है।

Q. शनि जयंती कब मनाई जाती है?

Ans. शनि जयंती (Shani Jayanti) हर साल हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। सन् 2024 में शनि जयंती 6 जून, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। यह दिन शनि देव के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और इस दिन शनि देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

Q. शनि जयंती पर क्या-क्या किया जाता है?

Ans. शनि जयंती (Shani Jayanti) के दिन प्रातः काल स्नान करके शनि देव की मूर्ति या तस्वीर के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। शनि चालीसा का पाठ किया जाता है और व्रत रखा जाता है। इस दिन काले रंग के वस्त्र, तिल और लोहे से बनी वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है।

Q. शनि देव को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है?

Ans. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी मूर्ति या चित्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनि चालीसा और अन्य स्तुतियों का नियमित पाठ करना चाहिए। शनिवार के दिन उपवास रखना और दान-पुण्य करना शुभ होता है। शनि देव को काले तिल, लोहा और काले कपड़े अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं।