वट सावित्री व्रत के उपाय (Vat Savitri Vrat ke Upay): वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) एक प्राचीन और पवित्र व्रत है, जो हिंदू धर्म में महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, और इसका महत्व सदियों से चला आ रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वट सावित्री व्रत केवल सुहागिनों के लिए ही नहीं, बल्कि हर किसी के लिए लाभकारी हो सकता है? जी हां, वट सावित्री के उपाय न केवल वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने में मददगार हो सकते हैं, बल्कि यह ग्रह शांति, संतान प्राप्ति, पितृ तर्पण और करियर की उन्नति में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। चाहे आप अविवाहित हों, या फिर शादीशुदा, वट सावित्री के चमत्कारी उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि किस प्रकार वट सावित्री के उपाय आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं और आप इन्हें किस तरह से करके अपने भाग्य का नया अध्याय लिख सकते हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे वट सावित्री व्रत से जुड़े कुछ सरल और असरदार उपाय जो आपके जीवन में खुशियां लेकर आएंगे। तो देर किस बात की, पढ़िए यह लेख और जानिए वट सावित्री के इन चमत्कारी उपायों के बारे में….
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शादी के लिए वट सावित्री व्रत के उपाय | Vat Savitri ke Upay For Marriage
शादी में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन कुछ उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, बरगद के पेड़ की जड़ों को अच्छी तरह साफ करके उसकी पूजा करनी चाहिए। फिर लाल कपड़े पहनकर, सिंदूर, कुमकुम, फूल-माला आदि से श्रृंगार करके व्रत का संकल्प लें। पूजा में रोली, अक्षत, पान, सुपारी आदि चढ़ाएं और पेड़ की 7 परिक्रमा करें। इसके बाद, वट सावित्री की कथा सुनें या पढ़ें और भगवान से विवाह की कामना करें। अंत में, ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें। इन उपायों से शादी की राह में आ रही रुकावटें दूर होंगी।
नौकरी के लिए वट सावित्री व्रत के उपाय | Vat Savitri ke Upay For job
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) का पालन करने से अक्सर जीवन में समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। अगर आप उत्कृष्ट नौकरी पाने के लिए उपाय खोज रहे हैं, तो निम्नलिखित दो संगठनात्मक उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:
भगवान गणेश का ध्यान करें: अवरोधों को दूर करने और कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए, “ओम गम गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित है, जो विघ्नों के निवारक और शुभ कार्यों की शुरुआत करने वाले के रूप में माने जाते हैं।
सकारात्मक रवैया बनाए रखें: अपनी नौकरी की खोज में सकारात्मक रवैया बनाए रखें। कठिनाईयों का सामना करने के लिए साहस और धैर्य दिखाएं। ध्यान दें कि सफलता कोई रात की बात नहीं है, आपको इसे प्राप्त करने के लिए समय और मेहनत करनी होगी।
इन उपायों के साथ, वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन उत्साह और ईमानदारी के साथ काम करें। आपकी मेहनत और समर्पण आपको अवश्य ही अच्छी नौकरी दिलाएगी।
घर शांति के लिए वट सावित्री व्रत के उपाय | Vat Savitri ke Upay For Peace
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन घर में शांति और सुख-शांति के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, पूजा की तैयारी शुरू करने से पहले घर की सफाई और पवित्रता का ध्यान रखें। सभी परिवार के सदस्यों को पूजा में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित करें, यह एकता और शांति के भावना को बढ़ावा देता है। विवाद और संघर्ष से बचने के लिए समझदारी से काम लें। सावित्री और सत्यवान की कथा सुनाएं, यह परिवार के सदस्यों में समर्पण और प्रेम की भावना को जगाता है। व्रत के दिन विशेष भोजन तैयार करके परिवार के साथ साझा करें। इन सरल उपायों का पालन करके आप वट सावित्री व्रत के दिन घर में शांति और समझदारी का माहौल बना सकते हैं।
संतान सुख के लिए वट सावित्री व्रत के उपाय | Vat Savitri ke Upay For Pregnancy
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन संतान सुख प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, बरगद के पेड़ की जड़ों को अच्छी तरह साफ करके उन्हें दूध, घी और शहद से स्नान कराएं। फिर पेड़ के तने पर लाल कलावा बांधते हुए संतान प्राप्ति की कामना करें। इसके बाद, पेड़ के नीचे दीपक जलाकर उसमें से काजल उठाएं और उसे बरगद के पत्ते में लपेटकर अलमारी में रख दें। अंत में, पेड़ की 11 या 21 परिक्रमा करके पंडित को दक्षिणा अर्पित करें। मान्यता है कि इन उपायों से वट सावित्री के आशीर्वाद से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
पितृ को खुश करने के लिए वट सावित्री व्रत के उपाय | Vat Savitri ke Upay For Pitra
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन पितरों को खुश करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
1.सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। फिर पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर उसे जल अर्पित करें और सात बार परिक्रमा करें। वहीं बैठकर पितृ सूक्त का पाठ करने से पितर होते हैं।
2.बरगद के पेड़ को जल चढ़ाकर माता लक्ष्मी का पूजन करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति आती है।
3.सूर्यास्त के बाद नदी में आटे का बना दीपक प्रवाहित करने से पितरों के लौटने के रास्ते में प्रकाश होता है और वे प्रसन्न होते हैं।
4.श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5.दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से पितर खुश होते हैं क्योंकि यह उनकी दिशा मानी जाती है। इसके अलावा पितरों की तस्वीर भी इसी दिशा में लगानी चाहिए।
6.इन उपायों को वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन करने से पितर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। घर में सुख-समृद्धि आती है।
Conclusion
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, अपितु यह स्त्री शक्ति, पतिव्रता और सदाचार का प्रतीक है। सावित्री का अदम्य साहस और पति के प्रति समर्पण सदैव हमें प्रेरित करता रहेगा। वट सावित्री व्रत से संबंधित यह बेहद विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो ऐसे ही और भी व्रत एवं प्रमुख हिंदू त्योहार से संबंधित विशेष लेख हमारी वेबसाइट पर आकर जरूर पढ़ें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर भी रोजाना विजिट करें।
FAQ’s
Q. वट सावित्री व्रत से क्या लाभ मिलते हैं?
Ans. वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) रखने से पति को दीर्घायु और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। दांपत्य जीवन सुखमय बनता है। संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। सभी संकट दूर होते हैं। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
Q. वट सावित्री व्रत का मंत्र क्या है?
Ans. वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) का मंत्र है – “ॐ सावित्र्यै सत्यवानाय च, वटवृक्षाय च विद्महे। सुभगाय धीमहि, तन्नो वटः प्रचोदयात्॥” इस मंत्र का उच्चारण करते हुए वट वृक्ष में 7 बार सूत लपेटना चाहिए। इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
Q. वट सावित्री व्रत के दिन क्या करें?
Ans. वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन पति-पत्नी को आपस में वाद-विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। गलत कार्यों से बचना चाहिए। महिलाओं को सोलह श्रृंगार करके लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। वट वृक्ष की पूजा में पूरा मन लगाना चाहिए।
Q. वट सावित्री व्रत में क्या खाया जाता है?
Ans. वट सावित्री व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं यानी पानी भी नहीं पीती हैं। व्रत का पारण भींगे चने खाकर किया जाता है। इस दिन सात्विक भोजन किया जाता है। मांस, मदिरा आदि का सेवन वर्जित है।
Q. वट सावित्री व्रत कथा क्या है?
Ans. वट सावित्री व्रत की कथा सावित्री और सत्यवान की प्रेम कहानी से जुड़ी है। जब यमराज सत्यवान की आयु पूरी होने पर उसकी आत्मा लेने आते हैं, तब सावित्री अपनी भक्ति और कर्तव्यनिष्ठा से यमराज को प्रसन्न कर अपने पति की जान बचा लेती है। इस कथा से पति-पत्नी के प्रेम और कर्तव्य का संदेश मिलता है।
Q. वट सावित्री व्रत में किस वृक्ष की पूजा की जाती है?
Ans. वट सावित्री व्रत में बरगद यानी वट वृक्ष की पूजा की जाती है। वट वृक्ष को पवित्र और देवी लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है। वट वृक्ष की परिक्रमा और पूजा करने से पति को सुख-समृद्धि और लंबी आयु प्राप्त होती है।