Shani amavasya Vrat ke Upay: संतान सुख, घर की शांति, पितरों की प्रसन्नता, अच्छी नौकरी और विवाह में देरी जैसी समस्याएं आज के समय में बहुत से लोगों को परेशान करती हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए हमारे शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक है शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय।
शनि अमावस्या का दिन शनि देव और पितरों की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन शनि देव और पितरों को प्रसन्न करने से जीवन की कई समस्याओं का निवारण हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन किए गए उपाय और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। इस लेख में हम आपको शनि अमावस्या के दिन किए जाने वाले कुछ खास उपाय बताने जा रहे हैं, जिनसे आप अपने जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। चाहे आप संतान सुख पाना चाहते हों, घर में शांति लाना चाहते हों, पितरों को प्रसन्न करना चाहते हों, अच्छी नौकरी पाना चाहते हों या फिर विवाह में हो रही देरी को दूर करना चाहते हों, ये उपाय आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि शनि अमावस्या के दिन कौन से उपाय करने चाहिए और इनसे क्या लाभ मिल सकते हैं।
इस लेख को अंत तक पढ़ने के बाद आप इन उपायों को आसानी से अपने जीवन में अपना सकेंगे और अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे…
शनि अमावस्या व्रत के उपाय – Table Of Content
शादी के लिए शनि अमावस्या व्रत के उपाय (Shani Amavasya ke Upay for Marriage)
शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन शादी में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, शनि देव की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करनी चाहिए।
शनि देव (Lord Shanidev) को तेल का दीपक, काला तिल, लोहा और काले वस्त्र अर्पित करने चाहिए। इसके अलावा, हनुमान जी की आराधना भी शादी की बाधाओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकती है। पीपल, बरगद और केले के वृक्ष की पूजा करके भी शादी के मार्ग में आने वाली रुकावटों को दूर किया जा सकता है। साथ ही, स्नान के जल में हल्दी मिलाकर नहाना और खाने में केसर का सेवन करना भी शादी के शुभ योग बनाने में सहायक होता है। इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से शनि दोष दूर होकर, विवाह में आ रही बाधाएं टल जाती हैं।
नौकरी के लिए शनि अमावस्या व्रत के उपाय (Shani Amavasya Ke Upay For Job)
शनि अमावस्या (Shani Amavasya) का व्रत नौकरी पाने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और रोजगार के अवसर मिलते हैं। शनि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें काले तिल डालें। शनि चालीसा (Shani Chalisa) और आरती का पाठ करें। पीपल के पेड़ के नीचे भी दीपक जलाना शुभ होता है। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और नौकरी मिलने में मदद करते हैं। शनि अमावस्या (Shani Amavasya) का व्रत करके, पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से शनि दोष दूर होता है और करियर में सफलता मिलती है।
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घर शांति के लिए शनि अमावस्या व्रत के उपाय (Shani Amavasya ke Upay for peace)
शनि अमावस्या (Shani Amavasya), जिसे हिंदू धर्म में न्याय के देवता और दंड के देवता, शनि देव की समर्पण के लिए समर्पित किया जाता है, घर में शांति और समृद्धि लाने का एक अद्वितीय अवसर होता है। इस दिन निम्नलिखित उपायों का पालन करके, आप शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं:
- पीपल वृक्ष की पूजा: शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन पीपल वृक्ष की पूजा करने से शनि दोष और उसके प्रभाव को दूर करने में सहायता मिलती है। प्रातःकाल में मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं और ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का जप करते हुए पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें।
- दान और पूजा: शनि देव को तेल, उरद, काला चना, कुलथी, और गुड़ का भोग चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने, शिवजी की पूजा करने, और नीले या काले कपड़े पहनने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
इन उपायों की सहायता से, आप अपने घर में शांति और समृद्धि ला सकते हैं, और शनि दोष और साढ़ेसाती के प्रभावों से बच सकते हैं।
संतान सुख के लिए शनि अमावस्या व्रत के उपाय (Shani amavasya ke Upay for Pregnancy)
शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन कुछ उपाय करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं। ज्योतिष के अनुसार, शनि की महादशा या अंतर्दशा में संतान सुख में विलंब हो सकता है। ऐसे में शनिवार को व्रत रखकर भगवान शनि (Lord Shanidev) की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। शनि मंदिर में तेल का दीपक जलाना और काले तिल, उड़द दाल आदि का दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, संतान प्राप्ति हेतु हनुमान जी की उपासना भी लाभदायक होती है। शनिचरी अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ और सिंदूर चढ़ाने से शनि दोष दूर हो सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अपनी लग्न राशि के देवता की पूजा और दान-पुण्य करने से भी संतान प्राप्ति के मार्ग में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से शनि देव की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
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पितृ को खुश करने के लिए शनि अमावस्या व्रत के उपाय (Shani Amavasya ke Upay For Pitra)
पितृओं को खुश करने के लिए शनि अमावस्या (Shani Amavasya) व्रत के तीन उपाय निम्नलिखित हैं:-
- पवित्र नदी में अनुष्ठान और हवन करना: शनि अमावस्या के दिन लोग साधारणतया पवित्र नदी में पवित्र स्नान करते हैं, दान देते हैं और जप-तप (जप और ध्यान) करते हैं। मान्यता है कि पितृओं के लिए एक पवित्र नदी में तर्पण (हवन) और पिंड दान (चावल की गेंदें) करने से उन्हें संतुष्टि मिलती है और शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु और शनि पूजा की आराधना करना: शनि अमावस्या भगवान विष्णु और शनि देव को समर्पित होती है। भक्त शनि देव के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए और शनि साड़े साती और शनि ढैय्या के कुप्रभाव को कम करने के लिए प्रार्थना और शनि पूजा करते हैं।
- तिल के तेल का दीपक जलाएं: पितृओं को खुश करने के लिए, भक्तों को तिल (तिल) के तेल के साथ एक दीपक जलाकर पीपल के पेड़ के चारों ओर 11 बार घूमना चाहिए। इसके बाद, उन्हें दक्षिण दिशा में, जिसे पितृओं की दिशा माना जाता है, सरसों के तेल में भिगोए गए तिल के बीज उपहार करना चाहिए। इस क्रिया से माना जाता है कि पितृओं के आशीर्वाद मिलते हैं और पितृ दोष (पूर्वजों का शाप) दूर होता है।
Conclusion:
शनि अमावस्या (Shani Amavasya) का व्रत शनि देव को प्रसन्न करने का एक उत्तम तरीका है। इस व्रत को विधि-विधानपूर्वक रखने से शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। शनि अमावस्या (Shani Amavasya) से संबंधित हमारा यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया ऐसे ही और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. शनि अमावस्या क्या है?
Ans. शनि अमावस्या जो शनिवार के दिन पड़ती है। इस दिन भगवान शनि देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन शनि देव की पूजा, दान-पुण्य करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
Q. शनि अमावस्या का महत्व क्या है?
Ans. शनि अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है। इस दिन पितरों की पूजा भी की जाती है। पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होते हैं।
Q. शनि अमावस्या पर क्या करना चाहिए?
Ans. शनि अमावस्या के दिन सुबह स्नान-दान करने के बाद शनि मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करनी चाहिए। उन्हें काला या नीला वस्त्र, नीले फूल, काला तिल, सरसों का तेल आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है। शनि देव के मंत्रों का जाप करने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है।
Q. शनि अमावस्या पर क्या दान करना चाहिए?
Ans. शनि अमावस्या पर गरीब और जरूरतमंदों को छाता, जूते-चप्पल, उड़द की दाल, काला तिल, सरसों का तेल, शनि चालीसा आदि का दान करना शुभ माना जाता है। गरीबों को भोजन कराने और असहाय लोगों की मदद करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
Q. शनि अमावस्या पर क्या नहीं करना चाहिए?
Ans. शनि अमावस्या के दिन अनावश्यक यात्रा, जुआ-शराब, लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए। किसी को उधार न दें और न ही लें। केमिकल, तेल, लोहा जैसी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। रात में सुनसान जगहों पर नहीं जाना चाहिए।
Q. शनि अमावस्या से कैसे मुक्ति पा सकते हैं?
Ans. शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित लोगों को इस दिन विशेष रूप से शनि पूजा करनी चाहिए। शनि से जुड़ी वस्तुओं जैसे काला कपड़ा, नीलम, लोहा आदि का दान करने से शनि के कुप्रभाव से मुक्ति मिल सकती है।