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Kamika Ekadashi Vrat Katha: कामिका एकादशी व्रत कथा सुनने से मिलता है अश्वमेध यज्ञ कराने जितना पुण्य! इस लेख में पढ़े संपूर्ण कथा 

Kamika Ekadashi Vrat Katha
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कामिका एकादशी व्रत कथा (Kamika Ekadashi Vrat Katha): कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) एक ऐसा पावन दिन है जो हिंदू धर्म में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन भक्त अपने मन, वचन और कर्म से उनकी आराधना करते हैं। 

कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन व्रत करने से न सिर्फ इस जन्म के पाप कट जाते हैं बल्कि पूर्व जन्म के पापों से भी मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन नदी, कुंड या सरोवर में स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ जितना पुण्य मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) की व्रत कथा क्या है? क्या आपने कभी इस कथा को सुना या पढ़ा है? अगर नहीं, तो आप सही जगह पर आए हैं। इस लेख में हम आपको कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) की संपूर्ण व्रत कथा विस्तार से बताएंगे। साथ ही हम आपके साथ एक पीडीएफ भी साझा करेंगे जिसमें यह कथा लिपिबद्ध की गई है। इस कथा को पढ़ने या सुनने मात्र से ही आपको वाजपेय यज्ञ का फल मिल जाएगा।

तो देर किस बात की? आइए जानते हैं कि क्या है कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) की व्रत कथा…

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Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1कामिका एकादशी व्रत कथा
2कामिका एकादशी व्रत कथा पीडीएफ

कामिका एकादशी व्रत कथा (Kamika Ekadashi Vrat Katha)

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धार्मिक ग्रंथों में वर्णित एक कथा के अनुसार, एक बार किसी गांव में एक अत्यंत बलशाली क्षत्रिय निवास करता था, जिसे अपने शारीरिक बल पर अत्यधिक गर्व था। हालांकि, वह धर्मपरायण था और प्रतिदिन जगत के पालनहार विष्णु की आराधना करता था। 

एक दिन किसी आवश्यक कार्य हेतु जाते समय उसकी भेंट एक दुर्बल ब्राह्मण से हुई और उसे छतरिया की भिड़ंत ब्राह्मण से हो गई। आवेग में आकर उसने ब्राह्मण से वाद-विवाद करने के बजाय हाथापाई आरंभ कर दी। ब्राह्मण उसके प्रहार सहन नहीं कर पाया और उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना से क्षत्रिय सकते में आ गया और तुरंत उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने गांव के समक्ष क्षमा याचना की और ब्राह्मण का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार करने का वचन दिया। परंतु, पंडितों ने अंतिम संस्कार में भाग लेने से इंकार कर दिया। पंडितों ने क्षत्रिय को बताया कि ‘ब्रह्म हत्या दोष’ से मुक्ति पाने के लिए सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी होगी, ब्राह्मणों को भोजन कराना होगा, और दान-दक्षिणा देनी होगी। क्षत्रिय ने ब्राह्मण का अंतिम संस्कार कर, पंडितों के निर्देशानुसार कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना की और ब्राह्मणों को भोजन व दान दिया। उसी रात भगवान विष्णु उसके सपने में आए और बोले, “तुम्हारी भक्ति और आज की पूजा से मैं प्रसन्न हूँ। इस व्रत के पुण्य से तुम्हें ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति मिल गई है।”

तब से, कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) व्रत की परंपरा प्रारंभ हुई और इसे विधि-विधान से पालन किया जाता है।

कामिका एकादशी व्रत कथा पीडीएफ (Kamika Ekadashi Vrat Katha PDF)

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कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) व्रत से संबंधित इस विशेष लेख में हम आपसे कामिका एकादशी की व्रत कथा (Kamika Ekadashi Vrat Katha) को पीडीएफ के जरिए साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ (PDF) में कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) की संपूर्ण व्रत कथा सरलता से लिखी हुई है जिसे आप श्रद्धापूर्वक पढ़ सकते हैं।

कामिका एकादशी व्रत कथा PDF Download

Conclusion:-

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कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का व्रत करने से न सिर्फ मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि भक्त को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है। सभी श्रद्धालुओं को इस पावन पर्व पर व्रत अवश्य करना चाहिए। कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी परिजनों के साथ अवश्य साझा करें। व्रत एवं त्योहार से संबंधित और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’S 

Q. कामिका एकादशी किस महीने में पड़ती है?

Ans. कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) श्रावण मास की कृष्ण पक्ष एकादशी को मनाई जाती है। 2024 में यह 31 जुलाई, बुधवार के दिन पड़ेगी।

Q. कामिका एकादशी का व्रत करने से क्या लाभ होता है? 

Ans. कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। इस व्रत से व्यक्ति के वर्तमान और पिछले जन्मों के पाप दूर होते हैं।

Q. कामिका एकादशी को पवित्र क्यों माना जाता है? 

Ans. कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) को पवित्र एकादशी भी कहा जाता है क्योंकि यह चातुर्मास के दौरान पड़ती है जो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित 4 महीने की शुभ अवधि होती है। इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरुप की पूजा की जाती है।

Q. कामिका एकादशी का व्रत कैसे करना चाहिए? 

Ans. कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का व्रत दशमी तिथि से शुरू होता है। इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। धूप, दीप, फल, फूल और नैवेद्य का प्रयोग करना चाहिए। एकादशी व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए।

Q. कामिका एकादशी के दिन क्या करना चाहिए? 

Ans. कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु के मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करना चाहिए। विष्णुसहस्रनाम का पाठ भी करना चाहिए। रात में जागरण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। तीर्थस्थलों में स्नान और दान करने से बहुत पुण्य मिलता है।

Q. कामिका एकादशी के दिन तुलसी का क्या महत्व है? 

Ans. कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) पर तुलसी के पेड़ के दर्शन करने से सारे पाप दूर हो जाते हैं। तुलसी की पूजा करने से शरीर के सभी रोग ठीक हो जाते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।